मुख्यपृष्ठTermsनाटक और एकांकी में क्या अंतर है नाटक और एकांकी में क्या अंतर हैनाटक और एकांकी में क्या अंतर हैप्राचीन काल से ही मनुष्य अपने मनोरंजन के लिए तरह तरह के स्वांग रचता रहा है। समाज के मनोरंजन और ज्ञानवर्धन के लिए मनुष्य ने कई कलाएं विकसित की। इन कलाओं में गाना, नृत्य करना, कथावाचन, अभिनय प्रमुख थे। इन्ही कलाओं से नाट्यकला का भी विकास हुआ जिसके द्वारा प्राचीन काल में समाज के सभी शिक्षित, अशिक्षित साहित्य का रसस्वादन कर सकते थे। न केवल भारत बल्कि पश्चिम के देशों में भी साहित्य में नाटक का महत्वपूर्ण स्थान रहा है। पुराने जमाने में नाटक खूब लोकप्रिय हुआ और यह हमारे साहित्य और समाज में अपना महत्वपूर्ण स्थान बना लिया। इसी क्रम में एक और नाट्य कला एकांकी नाटक या एकांकी का विकास हुआ। असल में एकांकी का विकास ऐसे लोगों के लिए हुआ जो नाटक देखने के लिए उतना समय नहीं दे पाते थे। कई लोगों का मानना है कि एकांकी की खोज नाटक के पूर्व प्रहसन या कर्टेन रेज़र के तौर पर हुआ। नाटक और एकांकी चूँकि दोनों ही रंगमंच से जुडी कलाये हैं और दोनों में अभिनय और संवादों के द्वारा कथा प्रस्तुत की जाती है अतः कई लोग दोनों को एक ही मान लेते हैं जो कि सही नहीं है। वास्तव में नाटक और एकांकी दोनों अलग अलग हैं और दोनों में अंतर होता है। Show
आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे नाटक क्या है, नाटक की परिभाषा क्या है, नाटक का इतिहास और उत्पत्ति आदि। इसी के साथ हम एकांकी किसे कहते हैं,एकांकी की परिभाषा, एकांकी के तत्व, एकांकी की विशेषता के बारे में भी पढ़ेंगे साथ ही नाटक और एकांकी में क्या अंतर है, को भी विस्तृत रूप में जानेंगे। नाटक क्या होता हैनाटक क्या होता हैनाटक की परिभाषा क्या है नाटक उत्पत्ति और इतिहास नाटक के तत्व नाटक क्या होता है
नाटक की परिभाषा
नाटक की उत्त्पत्ति के सिद्धांत
’’ यथा –’’जग्राह पाठ्यम् ऋग्वेदात् सामभ्यो गीतमेव च। नाटक के तत्वएक सफल नाटक में कई तत्वों
का समावेश होता है। एक नाटक के महत्वपूर्ण तत्व निम्नलिखित हैं
एकांकी क्या हैएकांकी क्या है एकांकी की परिभाषाएकांकी का इतिहास एकांकी के तत्व एकांकी की विशेषता एकांकी क्या है
एकांकी की परिभाषा
एकांकी का इतिहास
हिंदी साहित्य में एकांकी भारतेन्दु युग से एकांकी का प्रारम्भ माना जाता है। इस युग की प्रसिद्ध रचनाएँ प्रसाद की "एक घूंट", भुवनेश्वर प्रसाद की "कारवां" तथा डा राम कुमार वर्मा की "रेशमी टाई " थीं। पश्चिम के देशों में एकांकी की शुरुवात उस दौर के "कर्टेन रेंजर्स" से मानी जा सकती है। उस समय रात्रि में देर से खाना खाने के बाद रंगशालाओं में आनेवाले संभ्रांत सामाजिकों के कारण
समय से आनेवाले साधारण सामाजिकों को बड़ी असुविधा होती थी। रंगशालाओं के मालिकों ने इस बीच साधारण सामाजिकों को मनोरंजन में व्यस्त रखने के लिए द्विपात्रीय प्रहसनपूर्ण संवाद प्रस्तुत करना शुरू किया। इस प्रकार के स्वतंत्र संवाद को ही 'कर्टेन रेज़र' कहा जाता था। इसमें कथानक एवं जीवन के यथार्थ और नाटकीय द्वंद्व का अभाव रहता था। बाद में 'कर्टेन रेज़र' के स्थान पर यथार्थ जीवन को लेकर सुगठित कथानक और नाटकीय द्वंद्ववाले छोटे नाटक प्रस्तुत किए जाने लगे। आगे चल कर इन्ही छोटे नाटकों ने आधुनिक एकांकी की नींव का
काम किया। एकांकी के तत्व
एकांकी की विशेषता एकांकी की कई विशेषताएं उसे साहित्य में नाटक से अलग स्थान दिलाती हैं। एकांकी प्रायः एक ही घटना या जीवन की एक ही संवेदना पर आधारित होती है। इसमें चरित्र पूर्ण विकसित होते हैं और इसमें कथा का विकास अत्यधिक तीव्र होता है। एकांकी में भाव, प्रभाव, तीव्रता, गत्यात्मकता, संकलन-त्रय की योजना अनिवार्य है। सबसे खास एकांकी में केवल एक अंक होता है। नाटक और एकांकी में क्या अंतर है
उपसंहार : नाटक और एकांकी दोनों ही रंगमंच से जुडी हुई
साहित्यिक रचनाएँ हैं जिनका उद्द्येश्य दर्शकों का मनोरंजन और ज्ञानवर्धन होता है। नाटक और एकांकी दोनों में कई समानताएं होते हुए भी कई मायने में दोनों अलग हैं। एकांकी का जैसा कि नाम है इसमें पूरी कथावस्तु को एक ही अंक में समेटना होता है और इसकी यही विशेषता इसे नाटक से अलग और विशिष्ट बनाती है। एकांकी और नाटक में क्या अंतर है स्पष्ट कीजिए?नाटक में पात्रों के चरित्र चित्रण या उनके विकास के लिए पर्याप्त दृश्य और समय होता है। इसके विपरीत एकांकी में चरित्र के विकास या विस्तार की गुंजाईश नहीं होती। अतः पात्रों का चरित्र चित्रण एकाकी और एकपक्षीय होता है।
एकांकी से आप क्या समझते है नाटक व एकांकी में क्या अंतर है 5 5 एकांकी व नाटक के नाम और उनके लेखक की एक सूची बनाइए?नाटक एवं एकांकी में कोई चार अंतर :-. नाटक में कई अंक होते हैं एकांकी में मात्र एक अंक होता है. नाटक में पात्रों की संख्या अधिक होती है एकांकी में पात्रों की संख्या नाटक की अपेक्षा कम होती है. नाटक में अधिकारिक कथावस्तु के साथ-साथ अनेक प्रसांगिक कथाएं होती हैं ... . नाटक दृश्य काव्य का वृहद रूप है. नाटक और एकांकी से आप क्या समझते हैं?एकांकी सर्वथा स्वतंत्र विधा है। नाटक में घटनाओं की बहुलता रहती है, जबकि एकांकी पात्र, घटना, संवाद आदि की दृष्टियों से सीमित होता है। नाटक में अनेक अंक होते हैं, किंतु एकांकी में एक ही अंक होता है ।
एकांकी नाटक में कितने अंक होते हैं?एक अंक वाले नाटकों को एकांकी कहते हैं। अंग्रेजी के 'वन ऐक्ट प्ले' शब्द के लिए हिंदी में 'एकांकी नाटक' और 'एकांकी' दोनों ही शब्दों का समान रूप से व्यवहार होता है।
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