विषयसूची दो पत्ती वाला बेलपत्र का महत्व क्या है?इसे सुनेंरोकेंबिल्वाष्टक और शिव पुराण के अनुसार भगवान शिव को बेलपत्र अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि बेल पत्र के तीनो पत्ते त्रिनेत्रस्वरूप् भगवान शिव के तीनों नेत्रों को विशेष प्रिय हैं। बिल्व पत्र के पूजन से सभी पापो का नाश होता है । बेल का पत्ता खाने से क्या लाभ होता है?इसे सुनेंरोकेंबेल के पत्ते कैंसर रोधी, लीवर के लिए भी फायदेमंद प्रति किलो शरीर के वजन के हिसाब से पुरुष 10 ग्राम बेल के पत्ते के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि बेल के पत्ते के चूर्ण के सेवन से कैंसर होने की संभावना कम रहती है। किसी भी प्रकार के सूजन में फायदेमंद है। लीवर को फायदा पहुंचाता है। चार पत्ती वाला बेलपत्र का क्या करना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंअमूमन देखा जाता है कि बेल पत्र पर तीन पत्तियां होती हैं लेकिन यह बेलपत्र चार पत्तियों वाला है। जानकार बताते हैं कि इस तरह के बेल पत्र का मिलना और दर्शन बेहद शुभ होता है। इसको शिवजी को अर्पित करने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। बेलपत्र कैसे खाना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंऐसे में बेलपत्र के रस में शहद मिलाकर पीना फायदेमंद है। वहीं विषम ज्वर हो जाने पर इसके पेस्ट की गोलियां बनाकर गुड़ के साथ खाई जाती हैं। 7 पेट या आंतों में कीड़े होना या फिर बच्चें में दस्त लगने की समस्या हो, बेलपत्र का रस पिलाने से काफी फायदा होता है और यह समस्याएं समाप्त हो जाती हैं। इसे सुनेंरोकेंइनका कहना है बेलपत्र से भोले नाथ प्रसन्न होते है, बेल वृक्ष की जो भक्त सेवा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। तीन दलों से अधिक दलों वाले बेल पत्र दुलर्भ से ही मिलते है। सावन माह में बेल पत्र चढ़ाने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। तीन से अधिक दलों वाले बेल पत्र का महत्वपूर्ण महत्व है। बेल की पत्ती खाने से क्या फायदे होते हैं? गर्भ निरोधक में कारगर विशेषज्ञों की मानें तो बेल के पत्ते से बना चूर्ण गर्भ निरोधक में काफी ज्यादा कारगर साबित हुआ है. बेल के पत्ते का रस पीने से क्या फायदा?बेल का रस पीने के फायदे:
बेल पत्थर के पत्ते कैसे होते हैं?इसे सुनेंरोकेंज्यादातर बेल पत्र में एक साथ तीन पत्तियां होती हैं. इन तीन पत्तियों को ब्रह्मा, विष्णु और शिव के प्रतीक के रूप में जाना जाता है. कुछ मिथकों में शिव की तीन आंखों के रूप में भी बेल पत्र को जाना जाता है. आपको बता दें कि बेलपत्र सेहत के लिए भी बहुत फायदेमंद है. चार पत्ती वाला बेलपत्र चढ़ाने से क्या होता है?इसे सुनेंरोकेंचार, पांच, छः या सात पत्तों वाले बिल्व पत्रक पाने वाला परम भाग्यशाली होता है और इसे भगवान शिव को अर्पण करने से अनंत गुना फल मिलता है. बेल वृक्ष को काटने से वंश का नाश होता है और बेल वृक्ष लगाने से वंश की वृद्धि होती है. सुबह-शाम बेल वृक्ष के दर्शन मात्र से पापों का नाश होता है. बेल की जड़ से क्या होता है? इसे सुनेंरोकेंबेल की जड़ सूर्य के रत्न माणिक्य के समान शुभ फल प्रदान करती है। — चंद्रमा ग्रह की शुभता को पाने के लिए खिरनी की जड़ को सफेद कपड़े में सोमवार के दिन धारण करें। खिरनी की जड़ आपको मोती के समान शुभ प्रदान करेगी। — मंगल ग्रह की कृपा पाने के लिए अनंतमूल की जड़ मंगलवार के दिन लाल कपड़े में धारण करें। बेलपत्र के नीचे दीपक कब लगाना चाहिए? इसे सुनेंरोकेंबेलपत्र के पेड़ के नीचे आप शाम को दीपक जला सकते है. चार पत्ती वाला बेलपत्र मिले तो क्या करना चाहिए?इसे सुनेंरोकेंकई पुरोहित और जानकार भी पहुंच गए। पंडितों का कहना है कि यह चार पत्तियों वाले बेल पत्र दुर्लभ माना गया है। इस तरह के बेल पत्र में यदि राम का नाम लिखकर उसे शिवजी को अर्पित कर दिया जाए तो उसका अनंत फल प्राप्त होता है। इसी तरह इस बेल पत्र में राम का नाम लिखकर उसे उनके प्रिय भगवान शिवजी को अर्पित कर दिया।
बेलपत्र में 3 पत्ते क्यों होते हैं?तीन पत्ते आपस में जुड़े हुए हैं इसलिए इन तीन पत्तों को त्रिदेव माना जाता है और कुछ का मानना है कि तीन पत्ते महादेव के त्रिशूल का प्रतिनिधित्व करते हैं। मान्यता है कि बेलपत्र के तीन जुड़े हुए पत्तों को शिवलिंग पर चढ़ाने से भगवान शिव को शांति मिलती है और भगवान शिव प्रसन्न होते हैं।
दो पत्ती वाला बेलपत्र का महत्व क्या है?बेलपत्र से भोले नाथ प्रसन्न होते है, बेल वृक्ष की जो भक्त सेवा करता है, उसकी हर मनोकामना पूरी होती है। तीन दलों से अधिक दलों वाले बेल पत्र दुलर्भ से ही मिलते है। सावन माह में बेल पत्र चढ़ाने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। तीन से अधिक दलों वाले बेल पत्र का महत्वपूर्ण महत्व है।
पांच पत्ती वाला बेलपत्र चढ़ाने से क्या होता है?भट्ट ने बताया धर्म शास्त्रों में 5 पत्तों के बेलपत्र का मतलब पांच प्रमुख देवताओं ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेश और मां भगवती से होता है। 4 पत्तों से चार वेदों का होता है। ऐसा ही 9 पत्तों का महत्व नव दुर्गा से है।
चार पत्ती वाला बेलपत्र मिले तो क्या करना चाहिए?पंडितों का कहना है कि यह चार पत्तियों वाले बेल पत्र दुर्लभ माना गया है। इस तरह के बेल पत्र में यदि राम का नाम लिखकर उसे शिवजी को अर्पित कर दिया जाए तो उसका अनंत फल प्राप्त होता है। इसी तरह इस बेल पत्र में राम का नाम लिखकर उसे उनके प्रिय भगवान शिवजी को अर्पित कर दिया।
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