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Navbharat Times | Updated: Oct 16, 2020, 9:45 AM भारत में बीपी यानी ब्लड प्रेशर के लिए नई बेस लाइन को फॉलो किया जा रहा है। अब यह 120/80 नहीं बल्कि 140/90 है और इसे यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी की गाइडलाइन के मुताबिक फॉलो किया जा रहा है।हाइलाइट्स
पुरानी बेस लाइन 120/80 को मान कर चलें, तो फिर दो
तिहाई दिल्ली वाले बीपी के मरीज होंगे। डॉक्टर संदीप मिश्रा ने बताया कि वेस्टर्न कंट्रीज में जिस प्रकार की
गाइडलाइन दी हैं, उसके आधार पर यहां ब्लड प्रेशर मरीज को लेना भी संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि इस स्टडी में शामिल लोगों को पता नहीं चलता था कि उनका बीपी क्यों लिया जा रहा है। स्टडी में शामिल लोगों को शांत रूम में लेकर ऑटोमेटिक बीपी मशीन से कनेक्ट कर 5 मिनट तक छोड़ दिया जाता था। उसके बाद जो रीडिंग आती थी, उसे लिया गया। हमारे यहां संभव नहीं है। हम इतना स्ट्रिक्ट नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि आज हमलोग हर मरीज में डायस्टोलिक यानी नीचे वाला बीपी का इलाज 90 से ज्यादा होने पर ही करते हैं। अडल्ट हो या फिर
बुजुर्ग, हर मरीज में नीचे वाला बीपी 90 से ज्यादा नहीं होना चाहिए। हमें भी ब्लड प्रेशर लेने का तरीका बदलना होगा। मरीज को रिलेक्स करें। उन्हें स्ट्रेस न हो। एंजायटी न हो। कुछ देर इंतजार करें, तब ब्लड प्रेशर लें। यहां तो लोग जिस प्रकार बच्चे का रिजल्ट देखने के लिए जल्दबाजी में होते हैं, उसी प्रकार बीपी भी। कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल ढल मैक्स हॉस्पिटल के सीनियर कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर विवेका कुमार ने बताया कि हम लोग भी अब इसी गाइडलाइन के अनुसार इलाज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रैक्टिकली ब्लड प्रेशर लो होने पर वीकनेस होती है, चक्कर आता है। लेकिन, अगर मरीज नॉर्मल है, अडल्ट है तो बीपी ऊपर वाला यानी सिस्टोलिक 130 तक भी नॉर्मल है। हां! मरीज में पहले से कोई दूसरी बीमारी है, तो हम ऐसी स्थिति में थोड़ा अलर्ट रहते हैं। डॉक्टर ने कहा कि बुजुर्गों में वैसे भी ऊपर वाला बीपी 140 से 150 तक नॉर्मल मान कर इलाज होता है, खासकर 60 साल की उम्र के बाद 150 से ज्यादा होने पर ही इलाज की जरूरत होती है। अगर 150/90 है, तो चिंता वाली बात नहीं है। वयस्कों के
लिए बुजुर्गों के लिए जनकपुरी सुपर स्पेशलिटी सेंटर के कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर अनिल ढल ने बताया कि हमारे यहां जिस प्रकार ब्लड प्रेशर लिया जाता है, वह सही तरीका नहीं है। इसे समझना सबसे ज्यादा जरूरी है। हमें भी ब्लड प्रेशर लेने का तरीका बदलना होगा। मरीज को रिलेक्स करें। उन्हें स्ट्रेस न हो। एंजायटी न हो। कुछ देर इंतजार करें, तब ब्लड प्रेशर लें। यहां तो लोग जिस प्रकार बच्चे का रिजल्ट देखने के लिए जल्दबाजी में होते हैं, उसी प्रकार बीपी भी। सच तो यह है कि ब्लड प्रेशर कम ज्यादा होता रहता है। यह निर्भर करता है कि आप कैसे और किस प्रकार नाप ले रहे हैं। जहां तक नई गाइडलाइन की बात है, तो इलाज तो अब इस गाइडलाइन के अनुसार ही हो रहा है। बहुत हद तक इससे फायदा भी है। Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप लेटेस्ट न्यूज़ से अपडेट रहने के लिए NBT फेसबुकपेज लाइक करें 60 साल की उम्र में BP कितना होना चाहिए?अक्सर लोग मानते हैंकि 120/80 नॉर्मल ब्लड प्रेश है, लेकिन हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स के मुताबिक यह उम्र के हिसाब से अलग-अलग हो सकता है. उम्र के आधार पर 90/60 से 145/90 के बीच सामान्य ब्लड प्रेशर हो सकता है.
62 वर्ष की उम्र में बीपी कितना होना चाहिए?21 से 25 तक की उम्र में SBP 115.5 mm होना चाहिए वहीं 26 से 50 में 124 तक बीपी पहुंचता है. इसके अलावा 51 से 61 साल तक 130 तक बीपी होना चाहिए.
उम्र के हिसाब से कितना बीपी होना चाहिए?सामान्य बीपी 120/80 होता है. अगर इसमें जरा सा भी बदलाव होता है तो सेहत पर बुरा असर पड़ता है.
बीपी हाई और लो कितना होना चाहिए?किसी भी व्यक्ति के रक्त चाप की सामान्य मात्रा 120/80 होना चाहिए। जब किसी भी इंसान का ब्लड प्रेशर 90/60 से नीचे चला जाता है, तो इस अवस्था को लो बीपी या हाइपोटेंशन कहते है। कभी किसीकी ब्लड प्रेशर की रीडिंग अगर इस साधारण मात्रा से कम हो जाये तो उसे लौ बीपी की श्रेणी में गिना जाता है।
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