8 मार्च को महिला दिवस के रूप में क्यों मनाया जाता है? - 8 maarch ko mahila divas ke roop mein kyon manaaya jaata hai?

पूरी दुनिया आठ मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women's Day) मनाती है. इस दिन को सम्पूर्ण विश्व की महिलाएं देश, जात-पात, भाषा, राजनीतिक, सांस्कृतिक भेदभाव से परे एकजुट होकर मनाती हैं. इस दिन का प्रचलन बीते सालों से लगातार बढ़ा है.

जहां भारत में पहले महिलाएं अपने हक में कम ही बोलती थी, वहीं आज इक्कीसवीं सदी की स्त्री ने स्वयं की शक्ति को पहचान लिया है और काफी हद तक अपने अधिकारों के लिए लड़ना सीख लिया है. आज ही महिलाओं ने साबित कर लिया है वह हर क्षेत्र में अपना नाम बनाने में सक्षम हैं.

जानें- क्यों 8 मार्च को मनाया जाता है महिला दिवस

अक्सर पूछा जाता है आखिर क्यों 8 मार्च को महिला दिवस मनाया जाता है. दरअसल, क्लारा ज़ेटकिन ने महिला दिवस मनाने के लिए कोई तारीख पक्की नहीं की थी. साल 1917 में युद्ध के दौरान रूस की महिलाओं ने 'ब्रेड एंड पीस' (यानी खाना और शांति) की मांग की.

महिलाओं की हड़ताल ने वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया. उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था. जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी, वह तारीख 23 फरवरी थी.

ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा. कई देशों में इस दिन महिलाओं के सम्मान में छुट्टी दी जाती है और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं.

रूस और दूसरे कई देशों में इस दिन के आस-पास फूलों की कीमत काफी बढ़ जाती है. इस दौरान महिला और पुरुष एक-दूसरे को फूल देते हैं. चीन में ज्यादातर ऑफिस में महिलाओं को आधे दिन की छुट्टी दी जाती है. वहीं अमरीका में मार्च का महीना 'विमेन्स हिस्ट्री मंथ' के तौर पर मनाया जाता है.

क्यों दलित महिलाएं 8 नहीं 10 मार्च को मनाती हैं भारतीय महिला दिवस

भारत में लंबे समय से आठ मार्च की जगह 10 मार्च को भारतीय महिला दिवस मनाया जाता है. इसके पीछे एक खास वजह है. ये खास वजह है कि इस दिन 19वीं सदी में स्त्रियों के अधिकारों, अशिक्षा, छुआछूत, सतीप्रथा, बाल या विधवा-विवाह जैसी कुरीतियों पर आवाज उठाने वाली देश की पहली महिला शिक्षिका सावित्री बाई फुले का स्मृति दिवस होता है.

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Women's Day 2021 Date: आखिर क्यों 8 मार्च की ही मनाया जाता है अंतरराष्ट्री महिला दिवस, जानिए

Womens Day 2021 Date महिलाओं के सम्मान में ही हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने उनमें जागरुकता बढ़ाने के लिए कई विषयों पर जोर दिया जाता है।

नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। घर सिर्फ दीवारों और साज़-सामान से नहीं बनता, बल्कि घर औरत से मुकम्मल होता है। महिलाएं घर परिवार का अहम हिस्सा होती है। लड़की मां-बाप के घर में बेटी बनकर पैदा लेती है तो घर की रौनक बनती हैं। पति के घर जाती है तो उसकी जिंदगी और उसके घर को रौशन करती है। जिस घर में औरत का वास नहीं वो घर बेहद सूना और खालीपन से भरा होता है। हर लड़की मां, बहन और बेटी के रूप में पहले अपने बाप के घर की रौनक बनती है फिर अपने पति के घर की रौनक बनती है। महिलाएं समाज और घर का अहम हिस्सा है इसलिए उनका सम्मान भी जरूरी है।

महिलाओं के सम्मान में ही हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन दुनिया भर में महिलाओं के जीवन में सुधार लाने, उनमें जागरुकता बढ़ाने के लिए कई विषयों पर जोर दिया जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं को सम्मान देने के लिए 8 मार्च को ही क्यों चुना गया। हर साल 8 मार्च को ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है ये सवाल आपके ज़हन में भी होंगा। आखिर इसके पीछे ऐसी क्या वजह है, तो चलिए इस बारे में जानते हैं।

कैसे हुई इस दिन की शुरूआत?

सन् 1908 में एक मजदूर आंदोलन के बाद ही अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत हुई थी। महिलाओं ने न्यूयॉर्क में उनकी नौकरी के घंटे कम करने और साथ ही उनका वेतन बढ़ाने के लिए मांग रखी थी। महिलाओं की हड़ताल इतनी कामयाब रही कि वहां के सम्राट निकोलस को पद छोड़ना पड़ा, और अंतरिम सरकार ने महिलाओं को मतदान का अधिकार दे दिया। महिलाओं के इस आंदोलन को सफलता मिली, और एक साल बाद ही सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका ने इस दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया, जिसके बाद से इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई। उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर का प्रयोग होता था, जिस दिन महिलाओं ने यह हड़ताल शुरू की थी, वह तारीख 23 फरवरी थी।

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को ही क्यों चुना गया?

साल 1917 में पहले विश्व युद्ध के दौरान 28 फरवरी को रूस की महिलाओं ने ब्रेड एंड पीस' (यानी खाना और शांति) की मांग की थी। यही नहीं, हड़ताल के दौरान उन्होंने अपने पतियों की मांग का समर्थन करने से भी मना कर दिया था, और उन्हें युद्ध को छोड़ने के लिए राजी भी कराया था।

ग्रेगेरियन कैलेंडर में यह दिन 8 मार्च था और उसी के बाद से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस 8 मार्च को मनाया जाने लगा। कई देशों में इस दिन महिलाओं के सम्मान में छु्ट्टी दी जाती है और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन महिला और पुरुष एक-दूसरे को फूल देते हैं।  

                         Written By :Shahina Noor

Edited By: Shilpa Srivastava

8 मार्च को महिला दिवस किसकी याद में मनाया जाता है?

साल 1910 में कोपेनहेगन में कामकाजी महिलाओं द्वारा एक सम्मेलन का आयोजन किया गया था, इसी सम्मेलन में हर साल 8 मार्च को अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के तौर पर मनाने का सुझाव दिया गया. यहीं से 8 मार्च के दिन दुनिया भर में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस का जश्न मनाया जाने लगा.

महिला दिवस का इतिहास क्या है?

साल 1908 में जब 15 हज़ार महिलाओं ने न्यूयॉर्क शहर में रैली निकाली थी जिसकी मांग थी नौकरी के घंटे कम करना, काम के हिसाब से वेतन देना और साथ ही मतदान का भी अधिकार। इस घटना के ठीक एक साल बाद सोशलिस्ट पार्टी ऑफ़ अमरीका ने इस दिन को पहला राष्ट्रीय महिला दिवस घोषित कर दिया।

भारत में महिला दिवस क्यों मनाया जाता है?

इस दिन को मनाने का उद्देश्य महिलाओं के प्रति सम्मान और उनको समाज में बराबरी का दर्जा दिलाना है. महिलाओ को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करने, महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने जैसी चीजों के प्रति उन्हें जागरूक करने के लिए हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है.

महिला दिवस की शुरुआत कब हुई?

पहला आधिकारिक अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस 1975 में मनाया गया था जब इसे संयुक्त राष्ट्र (यूएन) द्वारा मान्यता दी गई थी। लेकिन इसकी शुरुआत 1908 के दौरान हुई जब महिलाओं के बीच उनके उत्पीड़न और असमानता के बारे में एक महत्वपूर्ण बहस चल रही थी।