आंखें खोलना मुहावरे का क्या अर्थ है? - aankhen kholana muhaavare ka kya arth hai?

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UP Police SI (दरोगा) 2020: Full Mock Test

160 Questions 400 Marks 120 Mins

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Last updated on Sep 22, 2022

The Uttar Pradesh Police Recruitment and Promotion Board (UPPRPB) has released the final result and category-wise cut-off for UP Police SI (Sub Inspector). The result is declared on 12th June 2022. A total of 9534 candidates were recruited for the post of UP Police SI in this exam cycle of 2020-21. Candidates can check UP Police SI Cut Off from here. The official notification for the next recruitment cycle is expected to be out very soon. So the candidates should continue with their preparation.

आंखें खोलना मुहावरे का क्या अर्थ है? - aankhen kholana muhaavare ka kya arth hai?

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आंखें खोलना मुहावरे का क्या अर्थ है? - aankhen kholana muhaavare ka kya arth hai?

आँखें खोलना - मुहावरा अर्थ


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Ankhen Kholna Muhavara in Hindi

What is definition, meaning of hindi muhavara ankhen kholna ? (Muhawara आँखें खोलना ka matlab - arth Kya Hai?).

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आँखें खुल जाना मुहावरे का अर्थ और वाक्य प्रयोग (Aankhen khul jaana Muhavara ka Arth Aur Vakya Pryog)

आँखें खुल जाना मुहावरे का अर्थ –वास्तविकता का ज्ञान होना, सीख मिलना, सच्चाई का पता चलना, किसी खास सीख मिलना।

Aankhen khul jaana Muhavara ka Arth –vaastavikata ka gyaan hona, seekh milana, sachchaee ka pata chalana, kisee khaas seekh milana.

आँखें खुल जाना मुहावरे का हिंदी में वाक्य प्रयोग

वाक्य प्रयोग: मोहन को उसके परीक्षा में कम अंक आने पर उसे वास्तविकता का ज्ञान हुआ और उसकी आंखें खुल गई अब अपना सारा ध्यान अपनी पढ़ाई पर लगाता है।

वाक्य प्रयोग: कोविड-19 आने के बाद सभी की आंखें खुल गई लोग अब एक दूसरे से एक हाथ की दूरी पर रहते हैं और सभी सावधानी से काम करते हैं।

वाक्य प्रयोग: हर व्यक्ति को अपनी आंखें खोलनी चाहिए क्योंकि वास्तविकता का ज्ञान होना हर व्यक्ति के लिए अति आवश्यक है।

वाक्य प्रयोग: महात्मा बुद्ध ने जब दुख बुड्ढे लोग मृत लोग को देखा तो उसकी आंखें खुल गई उसे वास्तविकता का ज्ञान हुआ और उन्होंने ज्ञान की खोज में अपने घर का त्याग किया इसे कहते हैं आंखों का खुलना।

यहां हमने “आँखें खुल जाना “जैसे बहुचर्चित मुहावरे का अर्थ और उसके वाक्य प्रयोग को समझा। आंखों का खुलना का अर्थ होता है कि वास्तविकता सच्चाई का ज्ञान प्राप्त होना, हर किसी के जीवन में एक ऐसा समय आता है कि उससे किसी मुसीबत या किसी परेशानी से निकलने के बाद उसे सच्चाई का ज्ञान प्राप्त होता है। उसे वास्तविकता का ज्ञान प्राप्त होता है जिससे वह अपने जीवन में सावधानी से आगे बढ़ने की ओर अग्रसर होता है और अपने जीवन में सफलता के साथ साथ ज्ञान को भी वास्तविक ज्ञान को भी प्राप्त करता है।

मुहावरे परीक्षाओं में मुख्य विषय के रूप में पूछे जाते हैं। एक शब्द के कई मुहावरे हो सकते हैं।यह जरूरी नहीं कि परीक्षा में यहाँ पहले दिये गए मुहावरे ही पूछा जाए। परीक्षा में सभी किसी का भी मुहावरे पूछा जा सकता है।

मुहावरे का अपना एक भाग है प्रत्येक पाठ्यक्रम में, छोटी और बड़ी कक्षाओं में मुहावरे पढ़ाया जाता है, कंठस्थ किया जाता है। प्रतियोगी परीक्षाओं में यह एक मुख्य विषय के रूप में पूछा जाता है और महत्व दिया जाता है।

परीक्षा के दृष्टिकोण से मुहावरे बहुत महत्वपूर्ण होते हैं। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में मुहावरे का अपना-अपना भाग होता है। चाहे वह पेपर हिंदी में हो या अंग्रेजी में यहां तक कि संस्कृत में भी मुहावरे पूछे जाते हैं।

मुहावरे कोई बहुत कठिन विषय नहीं है। यदि इसे ध्यान से समझा जाए तो याद करने की भी आवश्यकता नहीं होती है। इसे समझ समझ कर ही लिखा जा सकता है।

अन्य महत्वपूर्ण मुहावरे और उनका वाक्य प्रयोग

1000+ हिंदी मुहावरों के अर्थ और वाक्य प्रयोग का विशाल संग्रह 

आँखें खुलना मुहावरे का अर्थ aankhen khulana muhaavare ka arth  – सचेत होना या होस ‌‌‌में आना होता है ।

दोस्तो आज कल के समय मे हर कोई अपनी आखो पर पट्टी बाधे फिर रहा है । वह हर किसी पर ‌‌‌भरोसा कर लेता है । वह यह जानने की कोसीस नही करता की वह किसी पर ‌‌‌भरोसा कर रहा है वह केसा आदमी है । ‌‌‌

और जब उसे पता चलता है की यह हमारे जीवन को बरबाद करने मे लगा है तो उसे पता चलता है की हम जीस पर भरोसा कर रहे थे वह तो हमारा बुरा करने मे लगा है । बादमे जब भी वह आदमी उससे कहता है की तुम्हे ऐसा कना चाहिए तो वह कहता है की अब मेरी आँखें  खुल गई है अब मै तुम्हारी बातो मे नही आउगा ।

आंखें खोलना मुहावरे का क्या अर्थ है? - aankhen kholana muhaavare ka kya arth hai?

आँखेंखुलनामुहावरेका वाक्यमेप्रयोग

  • ‌‌‌राम ने श्याम से कहा की अब मै तुम्हारी बातो मे नही आउगा अब मेरी आँखें  खुल गई है ।
  • जब रमेश को पता चला की जिसको वह घर से निकाल दिया है वह तो हमारा ही भला चहाता था ‌‌‌तब रमेश की आँखें  खुल गई ।
  • रामेश्वर कहाता है की जब तक कोई ठोकर नही खाता तब तक उसकी आँखें  नही खुलती है ।
  • राजेश को देखा तो ‌‌‌रमेश को पता चला की ‌‌‌जिसकी वह बात मान रहा है वह तो मेरे साथा धोखा कर रहा है तब जाकर ‌‌‌रमेश आँखें  खुली ।
  • ‌‌‌राघव को उसके दोस्त ने खुब समझाया पर जब वह दसवी मे फेल हुआ तब जाकर उसकी आँखें  खुली ।
  • धोक्का खाने के बाद ही हर किसी की आँखें  खुलती है ।

आँखेंखुलनामुहावरेपरकहानी

एक गाव मे रामेश्वर नाम का एक आदमी रहा करता था । उसके घर मे धन दोलत की कोई कमी नही थी । उसके गाव के लोगो के पास इतनी दोलत नही थी जितनी उसके पास थी । रामेश्वर के चार दोस्त थे । जिनमे से  तिन अच्छे पक्के दोस्त थे । व एक बुरा था जिसकी नजर उसकी दोलत पर थी । रामेश्वर ‌‌‌के घर मे कोई नही रहता था ।

उसके माता पिता बहुत समय पहले मर गए । इतनी दोलत ‌‌‌सम्भालने वाला वह अकेला था । उसके तिन दोस्त उसे काम कराया ‌‌‌करते थे और अपनी मेहन्त के पैसो की खाया ‌‌‌करते थे । पर एक दोस्त तो उसके पास ही पडा रहता था । और जो भी रामेश्वर के पास होता उस पर ही राज करता था ।

‌‌‌एक दिन की बात है रामेश्वर के घर उसके चारो दोस्त आए थे तो रामेश्वर उनके पास अपना सारा काम छोडकर रहने लगा था । तभी रामेश्वर को यादा आया की उसे एक काम करना होगा जो बहुत ही आवश्यक है तो रामेश्वर जाने लगा । रामेश्वर को जाते देखकर उनके दोस्तो ने कहा की क्या हुआ तुम हमे यहा छोडकर कहा जा रहे हो

‌‌‌तब रामेश्वर ने कहा मुझे बहुत ही जरुरी काम करकर आना है तो तुम सभी यहा पर रहकर आराम करो मै कुछ ही समय मे आ जाता हूं । तभी उसके तिनो दोस्तो ने कहा की हम भी तुम्हारे साथ चलते है । यह सुनकर रामेश्वर ने कहा की नही पर उसके दोस्त नही माने तब रामेश्वर ने कहा की ठिक है पर तुममे से किसी एक को यही ‌‌‌रहना होगा ।

तब रामेश्वर अपने तिनो दोस्तो मे से एक को अपने घर मे ‌‌‌चौथे दोस्त के साथ छोडकर चला गया । उसके साथ उसके दो दोस्त और गए थे । और दो दोस्त घर मे सो रहे थे । जब घर मे सो रहे थे तो तिसरे दोस्त को तो निंद आ गई पर ‌‌‌चौथे दोस्त को निंद नही आई वह उठकर रामेश्वर के कमरे मे गया और कुछ रुपये ‌‌‌चुराने लगा ।

तभी तिसरे दोस्त को जाग आ गई तो उसने देखा की चौथा दोस्त नही है तो वह उसे ढुडने के लिए चला गया । जैसे ही बाहर गया तो उसने देखा की चौथा दोस्त कुछ लिए हुए बाहर जा हरा है । पर उसने सोचा की कुछ नही होगा ऐसे ही जा रहा होगा । इस कारण उसने अपने दोस्त से कुछ नही पुछा और आकर कमरे मे सौ गया।

‌‌‌जब सुबह रामेश्वर आया तो उसने अपने कमरे मे देखा की कुछ रुपयो की कमी है । तो वह अपने नोकरो से पूछने लगा की कोई मेरे कमरो से कुछ रुपयो को चुराकर ले गया है । आप मे से कोई है तो अभी बता दिजिए । तब उसका चौथा दोस्त उठकर आया और रामेश्वर से पूछा की क्या हुआ तो रामेश्वर ने कहा की मेरे कमरे से कोई रुपय ‌‌‌चुराकर ले गया ।

तब चौथे दोस्त ने कहा की मेने तुम्हारे तिसरे दोस्त को रात को बाहर जाते हुए देखा था और उसके हाथ मे कुछ था भी । ‌‌‌उसने ऐसा इसलिए कहा की क्योकी उसे पता था की तिसरे दोस्त ने रात को बारह जाते समय उसे देख लिया था । यह सुनकर रामेश्वर ने सोचा की तिसरे दोस्त ने ही रुपये चुराए होगे । तो वह तिसरे दोस्त के पास जाकर पूछता है तो वह कहता है की चौथे दोस्त ने चुराए होगे यही कल रात से ‌‌‌गायब है ।

यह सुनकर रामेश्वर ने सोचा यह चौथा दोस्त तो हमेशा से ही मेरे पास रहता है पहले तो यह नही हुआ है । जरुर तिसरे दोस्त ने ही रुपये चुराए होगे । यह सोचकर रामेश्वर ने उसे धक्के मारकर घर से बाहर निकाल दिया  । जाते समय तिसरा दोस्त बोला अभी तुम्हारी आँखें बंद है जब खुलेगी तो ‌‌‌तुम्हे बहुत दुख ‌‌‌होगा ।

इस तरह से रामेश्वर की आँखें बंद थी वह चौथे दोस्त पर विश्वास कर रहा था । इसी तरह से चौथे दोस्त ने सोचा की अगर इसका ऐक भी दोस्त न रहे तो मै इसके पैसो पर राज कर सकता हूं । इसी सोच के साथ चौथा दोस्त रामेश्वर को कहने लगा की तुम्हारे दोस्त तुम्हारे पैसो के लिए तुम्हारे पास है ।

‌‌‌इस तरहसे रामेश्वर को अपने दोस्तो के लिए नफरत भरता रहा जिससे उसके सारे दोस्त दुर हो गए । एक दिन रामेश्वर ने देखा की चौथा दोस्त उसके साथ कुछ गलत कर रहा है तो वह उसका पिछा करने लगा । तब उसे पता चला की यही असली चौर है जो मेरे अच्छे दोस्तो को दुर कर दिया था।

आंखें खोलना मुहावरे का क्या अर्थ है? - aankhen kholana muhaavare ka kya arth hai?

अगले ही दिन चौथा दोस्त ‌‌‌रामेश्वर से कुछ रुपये मागने लगा तब रामेश्वर ने कहा की अब मेरी आँखें खुल गई है अब मै तुम्हारी बातो मे नही आउगा । तुमने मेरे सारे दोस्तो को दुर कर दिया है । तब चौथा दोस्त ‌‌‌ने उसे बहुत समझाता है पर रामेश्वर कहने लगा की अब मेरी आँखें  बंद नही है जो मे तुम्हे पहचान नही सकु । इस तरह से रामेश्वर की आँखें ‌‌‌खुली । इस तरह से आप समझ गए होगे की इस मुहावरे का अर्थ कया है ।

आँखेंखुलनामुहावरेपर ‌‌‌निबंध

साथियो आज के समय मे हर कोई हर किसी पर भरोसा कर कर अच्छे लोगो से दुर हो जाता है । और उसकी बात मानकर गलत कार्य भी करने लग जाते है । पर जब भी उन्हे सचाई का पता लगता है तो वे बहुत पश्चाते है । और अपने आप पर घुस्सा करने लग जाते है । इस तरह से वह अपने आप  से दुर होने लग जाते है ।

इस तरह के ‌‌‌लोग बहुत ही आसानी से किसी की भी बातो मे आ जाते है । और जैसा वह कहता है बस उसी को सच मान बेठते है । नही ‌‌‌कुछ सोचते है और जैसा वह चहाता है उसकी बातो मे आ जाता है । इस तरह के लोगो की इस संसार मे कोई कमी नही है । इस तरह के लागे आपको हर जगह मिल जाएगे ।

  • अपने पैरों पर खड़ा होना मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
  • अक्ल का दुश्मन मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
  • अन्धों में काना राजा मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
  • अंत भला तो सब भला मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग
  • अपना हाथ जगन्नाथ मुहावरे का अर्थ व वाक्य मे प्रयोग

इस तरह के लोगो की कमजोरी ही यह होती है की वे आसानी ‌‌‌से किसी की भी बातो मे आ जाते है । पर जब उनकी आँखें खुलती है तो ऐसे लोग ‌‌‌की बात वे नही मानते और फिर किसी और की बातो पर आसानी से विश्वास नही करते है । इस तरह से आप समझ गए होगे की आँखें खुलना मुहावरे का अर्थ क्या है ।

Mohammad Javed Khan

‌‌‌मेरा नाम ‌‌‌ मोहम्मद जावेद खान है । और मैं हिंदी का अध्यापक हूं । मुझे हिंदी लिखना और पढ़ना बहुत अधिक पसंद है। यह ब्लॉग मैंने बनाया है। जिसके उपर मैं हिंदी मुहावरे की जानकारी को शैयर करता हूं।