पर्यावरण मानव के लिए क्यों आवश्यक है? - paryaavaran maanav ke lie kyon aavashyak hai?

पर्यावरण का संतुलन.....

                
                                                                                 
                            पर्यावरण संतुलन बिगड़ रहा है,
                                                                                                
                                                     
                            
मानव प्रकृति को नष्ट कर रहा है।
आज पर्यावरण असंतुलन का सबसे बड़ा कारण है ,
मनुष्य द्वारा किया जाने वाला प्रदूषण है।

मानव द्वारा नदियों में गिराया जाता है गंदा जल,
उसी जल को पीकर रोग ग्रस्त होते सभी जन।
मानव द्वारा लगाए गए कल-कारखाने से निकलती विषैली गैसें,
जिससे थम रही हैं लोगों की जीवन की सांसे।

लोग सड़क पर कूड़ा कचरा फेंक रहे हैं,
उसी कचरे से उत्पन्न कीटाणु हमें बीमार कर रहे हैं।
आज लोगों ने फिर किया अपना जीवन असुरक्षित,
जिन वृक्षों से होता था हमारा जीवन रक्षित।

आज उन्ही पर मानव ने चलवाई है आरी,
वृक्षों की अंधाधुंध कटाई है जारी।
इसी कारण वायुमंडल में आक्सीजन कम हो रही है,
और कार्बनडाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ रही है।

अगर मानव को करना है अपना जीवन सुरक्षित,
तो पहले करना होगा पर्यावरण को संरक्षित।
अधिक से अधिक करो वृक्षारोपण,
तो शुद्ध होगा ये वातावरण।

'पर्यावरण बचाओ अभियान'की करो शरुआत,
'वृक्ष लगाओ,जीवन बचाओ'जन-जन तक पहुँचे ये बात।
लक्ष्मी का है यही निवेदन,
बनाए रखना पर्यावरण संतुलन।

 लक्ष्मी गुप्ता
रुदौली अयोध्या (उ०प्र)

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1 year ago

पर्यावरण हमारे लिए क्यों आवश्यक है?

मनुष्य एक पल भी इसके बगैर नहीं रह सकता। ये हरे-भरे पेड़-पौधे हमारे जीवन का अभिन्न अंग हैं। प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। जल ,थल, वायु, अग्नि, आकाश इन्हीं पांच तत्वो से ही मनुष्य का जीवन है,और जीवन समाप्त होने पर वह इन्हीं में विलीन हो जाता है

पर्यावरण में मानव का स्थान महत्वपूर्ण क्यों है?

मानव के अतिरिक्त कोई भी अन्य सजीव ऐसा कार्य नहीं कर सकता है। मानव के अतिरिक्त अन्य सजीव प्रकृति के नियमों को मानते हैं। प्रकृति के नियमों के अनुसार अपना जीवन यापन करते हैं। इस कारण ही पर्यावरण में मानव का स्थान महत्त्वपूर्ण है।

पर्यावरण एवं मनुष्य का क्या संबंध है?

मानव प्रत्येक प्रकार के क्रियाकलापों के लिए पर्यावरण पर निर्भर है। मानव एक कलाकार के रूप में पर्यावरण द्वारा प्रदत्त रंगमंच (Stage) पर कार्य करता है। कहीं पर्यावरण उसे प्रभावित करता है तो कहीं वह उसके साथ अनुकूलन तथा परिवर्तन (Adaptation and Modification) करता है। इसे पर्यावरण समायोजन Adjustment) भी कहते हैं।

पर्यावरण क्या है यह मानव जीवन के लिए कैसे महत्वपूर्ण है?

"परि" जो हमारे चारों ओर है"आवरण" जो हमें चारों ओर से घेरे हुए है,अर्थात पर्यावरण का शाब्दिक अर्थ होता है चारों ओर से घेरे हुए। पर्यावरण उन सभी भौतिक, रासायनिक एवं जैविक कारकों की समष्टिगत एक इकाई है जो किसी जीवधारी अथवा पारितंत्रीय आबादी को प्रभावित करते हैं तथा उनके रूप, जीवन और जीविता को तय करते हैं।