जिस दिन चंद्रमा को नहीं देखा जा सकता वह दिन अमावस्या का दिन होता है। हिंदू धर्म में अमावस्या एवं अमावस्या व्रत का काफी महत्व होता है। अमावस्या के दिन विशेष तौर पर चंद्रमा की पूजा की जाती है कहते हैं कि ऐसा करने से प्रत्येक धर्म कार्य पूरा होता है और सफलता मिलती
है। भविष्य पुराण के मुताबिक अमावस्या का दिन पितरों को बहुत ज्यादा प्रिय होता है और यदि पितरों को इस दिन जल अर्पण किया जाए तो उन्हें तृप्ति मिलती है। शास्त्र पुराणों के अनुसार भी टीमों से पहले पितरों को प्रसन्न करना अनिवार्य माना जाता है इसीलिए उन की शांति के लिए अमावस्या व्रत का आयोजन किया जाता है जो लोग अपने पितरों की मोक्ष प्राप्ति चाहते हैं वह लोग अमावस्या के दिन व्रत अवश्य रखते हैं। प्रत्येक महीने की अमावस्या को उपवास रखे जाते हैं। जिन व्यक्तियों की कुंडली में पित्र दोष होता है एवं जो लोग संतान हीन होते हैं वह भी अमावस्या का व्रत अवश्य रखते हैं उनका यह मानना है कि यह उपवास रखने से मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। हिंदू धर्म में अमावस्या व्रत के बहुत सारे फायदे गिनाए गए हैं जोकि निम्नलिखित प्रकार हैं: 1 साल में लगभग 12 अमावस्या आती है; जो कि निम्न लिखित प्रकार है:
जो बाकी की अमावस्या हैं वह जिस वार को आती है उन्हें उसी वार के नाम से जाना जाता है। अमावस्या व्रत के प्रकार की संक्षिप्त जानकारी निम्नलिखित प्रकार है: सोमवती अमावस्या: सोमवार को जो अमावस्या पड़ती है उसको सोमवती अमावस्या कहा जाता है। इस दिन व्रत रखने से चंद्र से जुड़े हुए सारे दोष खत्म हो जाते हैं एवं मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं। यह व्रत विशेष तौर पर महिलाएं रखती हैं ताकि उनके पति की आयु लंबी हो जाए। भौमवती अमावस्या: मंगलवार को पढ़ने वाली अमावस्या को भौमवती अमावस्या कहा जाता है, इस दिन व्रत रखने से कर्ज का संकट खत्म हो जाता है। मौनी अमावस्या: यह अमावस्या माघ महीने में आती है सबसे ज्यादा इसी अमावस्या को महत्वपूर्ण दिन माना जाता है और विशेष तौर पर व्रत-उपवास रखे जाते हैं। शनि अमावस्या: जो अमावस्या शनिवार को पड़ती है उस अमावस्या को शनि अमावस्या कहा जाता है; इस दिन व्रत रखने से शनि के दोष दूर हो जाते हैं। महालय अमावस्या: महालय अमावस्या को पित्र पक्ष की सबसे ज्यादा प्रिय अमावस्या कहा जाता है, इस दिन अन्न दान और जल अर्पण करने से पूर्वजों को काफी प्रसन्नता हासिल होती है। इस अमावस्या का व्रत पूर्वजों को विशेष तौर पर खुश करने के लिए किया जाता है। हरियाली अमावस्या: श्रावण महीने में हरियाली अमावस्या आती है जो कि महाराष्ट्र में गटारी अमावस्या के नाम से भी काफी प्रसिद्ध है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में इस अमावस्या को चुक्कला और उड़ीसा में स्थित लागी अमावस्या कहा जाता है। दिवाली अमावस्या: कार्तिक मास की अमावस्या, दिवाली अमावस्या कहलाती है। इस दिन डीप जलाये जाते हैं। विशेष रूप से यह अमावस्या काली माता से जुड़ा हुआ है, इसलिए उनकी पूजा विशेष रूप से की जाती है। लक्ष्मी पूजन भी किया जाता है। कुछग्रहणी अमावस्या: कुछ प्राप्त करना हो तो इस अमावस्या का व्रत किया जाता है। इस अमावस्या को कुशोत्पाटिनी भी कहते हैं एवं पिथौरा अमावस्या के नाम से भी प्रसिद्ध है। सर्वपितृ अमावस्या: भूले बिसरे पितरों को याद करने एवं उनसे क्षमा याचना प्राप्त करने के लिए उपवास रखे जाते हैं। अमावस्या व्रत की विधि
अमावस्या व्रत के दौरान क्या करना चाहिए?
यह सब काम करने से भगवान खुश होते हैं एवं भगवान की कृपा प्राप्त होती है। सारे बिगड़े काम बन जाते हैं। अमावस्या व्रत के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?
अमावस्या के दिन क्या खाना चाहिए?इस दिन पूर्ण रूप से सात्विक भोजन का सेवन करना चाहिए। पूर्ण रूप से खाया हुआ सात्विक भोजन संतुष्टि प्रदान करता है तथा दिन भर ऊर्जा बनी रहती है। व्रत के खाने में सेंधे नमक का इस्तेमाल करना चाहिए; साबूदाना का भोजन नहीं ग्रहण किया जा सकता है। अमावस्या के दिन क्या नहीं खाना चाहिए?
Check: List of Amavasya in 2022 अमावस्या के दिन क्या बनाना चाहिए?अमावस्या के दिन पीपल के वृक्ष का पूजन करना अति उत्तम कार्य माना जाता है। इस दिन प्रवाहित जलधारा में तिलांजलि करना लाभकारी माना जाता है। इस दिन तर्पण और पिंडदान आदि करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस दिन भोजन से पहले गाय, कुत्ता और पक्षि हेतु भोजन का कुछ अंश निकाल कर खिलाना चाहिए।
अमावस्या को क्या खाएं?क्या खाएं क्या ना खाएं- सर्वपितृ अमावस्या के दिन अंडा, मांस, मछली या मदिरा पान के सेवन से बचना चाहिए.
अमावस्या के दिन बाल धोने से क्या होता है?सुहागिन स्त्रियों के बाल धोने के नियम
इससे घर के लोगों की उन्नति पर बुरा असर पड़ता है. सप्ताह के इन दिनों को छोड़ दें तो इसके अलावा अमावस्या, पूर्णिमा और एकादशी के दिन भी महिलाओं को बाल नहीं धोने चाहिए. यदि वे एकादशी का व्रत रखती हैं, तब तो इस दिन बाल बिल्कुल नहीं धोने चाहिए.
अमावस्या के दिन कौन कौन से कार्य नहीं करनी चाहिए?भूलकर भी न करें ये कार्य
सर्वपितृ अमावस्या के दिन भूलकर भी मांस-मदिरा का सेवन न करें। इस दिन बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए। मान्यता के अनुसार ऐसा करना अशुभ माना जाता है। सर्वपितृ अमावस्या के दिन जो कोई भी व्यक्ति आपके घर दान-दक्षिणा लेने आए उसे खाली हाथ नहीं लौटाना चाहिए।
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