प्रगति और प्रदर्शन का आकलनप्रगति और कार्य प्रदर्शन का आकलन करनाछात्रों के अधिगम का मूल्यांकन करने के दो उद्देश्य हैं: Show
रचनात्मक मूल्यांकन अधिगम को बढ़ाता है, क्योंकि सीखने के लिए, अधिकांश छात्रों कोः
शिक्षक के रूप में, अगर आप प्रत्येक पाठ में उपर्युक्त चार बिंदुओं पर ध्यान देंगे, तो आप अपने विद्यार्थियों से सर्वश्रेष्ठ परिणाम प्राप्त करेंगे। इस प्रकार पढ़ाने से पहले, पढ़ाते समय और पढ़ाने के बाद आकलन किया जा सकता हैः
पहलेः आपके छात्र क्या सीखेंगे इस बारे में स्पष्ट रहनाजब आप तय करते हैं कि छात्रों को पाठ या पाठों में क्या सीखना चाहिए, तो आपको उसे उनके साथ साझा करना चाहिए। सावधानी से अंतर करें कि छात्रों को आप क्या करने के लिए कह रहे हैं, और छात्रों से क्या सीखने की उम्मीद की जा रही है। ऐसा प्रश्न पूछिये जिससे कि आपको इस बात का आकलन करने का अवसर प्राप्त हो कि क्या उन्होंने वाक़ई समझा है या नहीं। उदाहरण के लिएः छात्रों को जवाब देने से पहले सोचने के लिए कुछ समय दें, या शायद छात्रों को पहले जोड़े या छोटे समूहों में अपने जवाब पर चर्चा करने को कहें। जब वे आपको अपना उत्तर बताएँ, आप जान जाएँगे कि क्या वे समझते हैं कि उन्हें क्या सीखना है। पहलेः जानना कि छात्र अपने अधिगम के किस स्तर पर हैं आपके विद्यार्थियों में सुधार के लिए मदद करने के क्रम में आपको और उन्हें उनके ज्ञान और समझदारी की वर्तमान अवस्था को जानने की ज़रूरत पड़ेगी। जैसे ही आप वांछित शिक्षण परिणामों या लक्ष्यों को साझा कर लें, आप निम्न कार्य कर सकते हैं:
कहाँ से शुरुआत करनी है, यह जानने का मतलब है कि आप अपने छात्रों के लिए प्रासंगिक और रचनात्मक रूप से पाठ की योजना बना सकते हैं। यह भी महत्वपूर्ण है कि आपके छात्र यह आकलन करने में सक्षम हों कि वे कितनी अच्छी तरह सीख रहे हैं, ताकि आप और वे, दोनों जान सकें कि उन्हें आगे क्या सीखने की ज़रूरत है। आपके छात्रों को स्वयं अपने सीखने की जिम्मेदारी का अवसर प्रदान करने से उन्हें आजीवन शिक्षार्थी बनने में मदद मिलेगी। पढ़ाते समयः छात्रों की अधिगम प्रगति सुनिश्चित करनाजब आप छात्रों से उनकी वर्तमान प्रगति के बारे में बात करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि उन्हें आपका फीडबैक उपयोगी और रचनात्मक, दोनों लगे। निम्नांकित के द्वारा इस काम को करें:
आपको छात्रों के लिए उनके शिक्षण को बेहतर बनाने के लिए अवसर मुहैया कराने की ज़रूरत पड़ेगी। इसका अर्थ यह हुआ कि पढ़ाई के मामले में छात्रों के वर्तमान स्तर और जहाँ आप उन्हें देखना चाहते हैं, इसके बीच के अंतराल को पाटने के लिए हो सकता है कि आपको अपनी पाठ योजना को संशोधित करना पड़े। ऐसा करने के लिए आपको निम्नवत करना होगाः
पाठों की रफ़्तार को धीमा करके, अक्सर आप दरअसल पढ़ाई को तेज़ करते हैं, क्योंकि आप छात्रों को उस पर सोचने और समझने का समय और आत्मविश्वास देते हैं, जिसमें उन्हें सुधार लाने की ज़रूरत होती है। छात्रों को आपस में अपने काम के बारे में बात करने का मौक़ा देकर, और इस बात पर चिंतन करके कि कमी कहाँ पर है और वे इसे किस प्रकार से ख़त्म कर सकते हैं, आप उन्हें स्वयं का आकलन करने के तरीक़े मुहैया करा रहे हैं। पढ़ाने के बादः प्रमाण एकत्र करना और उसकी व्याख्या करना, और आगे की योजना बनानाजब पढ़ाना–सीखना चल रहा हो और कक्षा–कार्य और गृह–कार्य निर्धारित करने के बाद, ज़रूरी है कि:
आकलन की चार प्रमुख स्थितियों की नीचे चर्चा की गई है। सूचना या प्रमाण एकत्रित करनाप्रत्येक छात्र, स्वयं अपनी गति और शैली में, स्कूल के अंदर और बाहर अलग प्रकार से सीखता है। इसलिए, छात्रों का मूल्यांकन करते समय आपको दो चीज़ें करनी होंगीः
रिकॉर्डिंगभारत भर के सभी स्कूलों में रिकॉर्डिंग का सबसे आम स्वरूप रिपोर्ट कार्ड के माध्यम से होता है, लेकिन इसमें आपको एक छात्र के सीखने या व्यवहार के सभी पहलुओं को रिकॉर्ड करने की गुंजाइश नहीं हो सकती है। इस काम को करने के कुछ सरल तरीक़े हैं, जिन पर भी आप विचार कर सकते हैं, जैसे कि:
प्रमाण की व्याख्याजैसे ही सूचना और प्रमाण एकत्रित और अभिलिखित हो जाए, उसकी व्याख्या करना ज़रूरी है, ताकि यह समझ बन सके कि प्रत्येक छात्र किस प्रकार सीख रहा है और प्रगति कर रहा है। इस पर सावधानी से विचार करने और विश्लेषण करने की आवश्यकता है। फिर आपको अधिगम प्रक्रिया में सुधार करने, संभवतः छात्रों को फ़ीडबैक देकर या नए संसाधनों की खोज करके, समूहों को पुनर्व्यवस्थित करके, या शिक्षण बिंदु को दोहरा कर अपने निष्कर्षों पर कार्य करने की आवश्यकता है। सुधार के लिए योजना बनानाआकलन, प्रत्येक छात्र को सार्थक रूप से सीखने के अवसर प्रदान करने में आपकी मदद कर सकता है। आकलन से प्राप्त निष्कर्षों के आधार पर आप विशिष्ट और विभिन्न प्रकार की शिक्षण गतिविधियों के इस्तेमाल द्वारा, ज़रूरतमंद छात्रों पर विशेष ध्यान देकर और अधिक सीख स्तर वाले छात्रों को चुनौतीपूर्ण गतिविधि देकर सभी के लिए सार्थक अधिगम के उपलब्ध करा सकते हैं। अभिस्वीकृतियाँयह सामग्री क्रिएटिव कॉमन्स एट्रिब्यूशन–शेयरएलाइक लाइसेंस (http://creativecommons.org/licenses/by-sa/3.0/), के अंतर्गत उपलब्ध कराई गई है, जब तक कि अन्यथा निर्धारित न किया गया हो। यह लाइसेंस TESS-India, OU और UKAID लोगो के उपयोग को वर्जित करता है, जिनका उपयोग केवल TESS-India परियोजना के भीतर अपरिवर्तित रूप से किया जा सकता है। कॉपीराइट के स्वामियों से संपर्क करने का हर प्रयास किया गया है। यदि किसी को अनजाने में अनदेखा कर दिया गया है, तो पहला अवसर मिलते ही प्रकाशकों को आवश्यक व्यवस्थाएं करने में हर्ष होगा। प्रमुख संसाधनों (Key Resources) में निम्नलिखित के योगदान शामिल हैं: डेबोरा कूपर, बेथ अर्लिंग, जो मुतलो, क्लेयर ली, क्रिस स्टचबरी, फ्रेडा वुल्फेंडेन और संध्या परांजपे। बच्चों की प्रगति का आकलन कैसे किया जाता है?आकलन की प्रक्रिया में प्रत्येक बच्चे के सीखने के तरीके, उसकी गति और उत्तर देने की शैली को भी समान महत्त्व देना आवश्यक है । बच्चों की विविध विषयों एवं अन्य क्षेत्रों में सीखने, संबंधी प्रगति जानने के लिए एक ही तरीका काफी नहीं होता अपितु विविध तरीकों को इस्तेमाल करना आवश्यक है।
आकलन कैसे किया जाता है?आकलन व्यक्तिगत रूप से आपके घर पर ही किए जाते हैं।
बच्चों की प्रगति के आकलन हेतु जब प्रेक्षण वास्तविक जगत की स्थिति में किया जाता है तो उसे क्या कहते हैं?च्चों की प्रगति के आंकलन हेतु जब प्रेक्षण वास्तविक जगत की स्थिति में किया नाता है तो उसे प्रेक्षण कहते हैं।
छात्रों के प्रदर्शन में सुधार कैसे करें?छात्रों के स्तर के अनुरूप चुनौती रखें और उनको समाधान खोजने के लिए सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का अवसर दें। अपने कालांश की शुरूआत सवालों के साथ करें, जवाब के साथ नहीं – सवालों का जवाब रटना बोरियत भरा होता है। ऐसा करके आप छात्रों की सीखने में रिच को बरकरार रख सकते हैं।
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