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भगवान को पाने का आसान तरीका शरणागति, इसके लिए मैं छोड़ धर्म का होना पड़ेगाकम्युनिटी रिपोर्टर | रायपुर भगवान को पाने के 3 रास्ते गीता में बताए गए हैं। इनमें पहला है कर्म योग। दूसरा ज्ञान और तीसरा भक्ति याेग। भगवान श्रीकृष्ण जब अर्जुन को इन तीनों तरीके के बारे मे बताते हैं तब अर्जुन कहते हैं कि वे इन तीनों रास्तों पर नहीं चल पाएंगे। तब भगवान कहते हैं कि चौथा और सबसे आसान तरीका है शरणागति, लेकिन इसके लिए आपको मैं छोड़कर धर्म का होना पड़ेगा। यह विचार सोमवार को गुढ़ियारी के विकास विहार स्थित श्रीराम वाटिका में भागवत कथा के समापन पर पं. बृजेश शरणदेव ने कही। उन्होंने आगे कहा कि भगवान श्रीकृष्ण इस संसार की शुरुआत से पहले भी थे और इस संसार के अंत के बाद भी रहेंगे। सभी मनुष्यों को गीता के पहले श्लोक के पहले शब्द ‘धर्म’ और आखिरी श्लोक के आखिरी शब्द ‘मम ‘ को याद रखना ही काफी है। धर्म मम का मतलब है- धर्म मेरा है, मै धर्म का हूं। इसलिए जो भी श्रीकृष्ण को इस भावना से स्मरण करेगा वो उन्हें पा सकेगा। कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को योग के बारे में बताते हुए श्रीकृष्ण कहते हैं कि मुझे पाने के तीन मार्ग हैं- कर्म योग, ज्ञान योग और भक्ति योग। अगर कोई व्यक्ति इन तीन मार्ग पर भी न चल सके तो मुझे सबसे आसान तरीके से पा सकता है और वो मार्ग है- शरणागति। जो भी मेरे शरण में आ जाएगा उसे इस भवसागर से पार लगने में क्षणभर भी नहीं लगेगा। कथा के दौरान आयोजक आमोलिया बाई सोनी, हीरालाल सोनी, सत्यभामा सोनी आदि ने श्रीमद् भागवत महापुराण की आरती उतारी। तुलसी वर्षा हुई, भंडारे में भक्तों ने लिया प्रसाद महाभारत के प्रसंग पर प्रवचन करते हुए पं. बृजेश ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों के वचन का मान रखने के लिए अपना वचन भी भूल जाते हैं। महाभारत के युद्ध के पांचवें दिन के युद्ध समाप्ति के बाद दुर्योधन के कहने पर भीष्म पितामह ने अगले दिन जब किसी एक पांडव का वध करने का संकल्प लिया तो द्रोपदी चिंतित हो उठीं। इस पर श्रीकृष्ण के कहने पर द्रोपदी ने धोखे से भीष्म से सौभाग्यवती का आशीर्वाद मांग लिया। प्रवचन के उपरांत सभी भक्तों ने भगवत गीता पर तुलसी वर्षा की। इसके बाद महाभंडारे में सभी भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। गुढ़ियारी के विकास विहार में चल रही श्रीमद् भागवत कथा का समापन भगवान से मिलने का मंत्र – भगवान से मिलने का उपाय, मोबाइल नंबर – आज के समय का इंसान जब मुसीबत में पड़ जाता हैं. तो सीधा भगवान को याद करता हैं. क्योंकि उसको भगवान में विश्वास है की वही उनको मुसीबत से बहार निकालेगे. और भगवान को अगर सच्चे मन से श्रद्धा पूर्वक याद किया जाए. तो भक्त की मनोकामना पूर्ण भी करते हैं. आज के समय में किसी भी इंसान को इंसान पर भरोषा रहा नहीं हैं. आज के समय में रिश्ते सिर्फ नाम के रह गए हैं. कोई भी इंसान बीना किसी मतलब के किसी भी इंसान से रिश्ता रखने के लिए भी राजी नहीं हैं. ऐसे में भगवान से रिश्ता रखना उनसे मिलने की इच्छा हमारे मन में हमेशा रहती हैं. दोस्तों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भगवान से मिलने का मंत्र तथा भगवान से मिलने का उपाय बताने वाले हैं. अगर आप भी भगवान से मिलने का मंत्र और उपाय जानना चाहते हैं. तो हमारा यह आर्टिकल अंत तक जरुर पढ़े. तो आइये हम आपको इस बारे में संपूर्ण जानकारी प्रदान करते हैं.
भगवान से मिलने का मंत्रऐसा माना जाता है की जो भक्त भगवान को सच्चे मन से भजते है. उनको श्रद्धा पूर्वक याद करते है. उन्हें भगवान अवश्य मिलते हैं. और इतिहास गवाह है की श्रद्धा पूर्वक भगवान को याद करने से भगवान अवश्य मिलते हैं. जैसे की नरसिंह मेहता, मीराबाई, शबरी इन्होने स्वयं को भगवान को समर्पित कर दिया था. तब जाकर स्वयं भगवान उन्हें मिलने के लिए आए थे. अगर आप भी भगवान को मिलना चाहते हैं. तो नीचे दिया गया मंत्र रोजाना अपनी इच्छा अनुसार शुद्ध होकर जाप करना होगा. और अपने आप को भगवान के प्रति संपूर्ण रूप से समर्पित करना होगा. इस दुनिया की मोह माया का त्याग करना होगा. तब जाकर आपको भगवान की प्राप्ति होगी और आप भगवान से मिल पाएगे. भगवान से मिलने का मंत्र
इस मंत्र का जाप रोजाना श्रद्धा पूर्वक करे. इस मंत्र का अर्थ होता है की “तुम ही हमारे माता-पिता हो, तुम हमारे बंधू सखा हो, तुम ही हमारे साथी और सहारा हो, आपके सिवाय हमारा कोई नही इस दुनिया में, तुम ही हमारे नय्या और वैया हो, तुम ही बंधू सखा तुम ही हो”. यह प्रार्थना और मंत्र सुनकर अवश्य ही भगवान आपको मिलने आ सकते हैं. परिवार में शांति के उपाय जाने – सम्पूर्ण जानकारी भगवान से मिलने का उपायवैसे तो भगवान ऐसे ही नहीं मिलते हैं. लेकिन मनुष्य अगर चाहे तो भगवान को मिल सकता हैं. भगवान को मिलने के कुछ उपाय हमने नीचे बताए हैं.
ब्रह्म कमल को तोड़ने के नियम / ब्रह्म कमल की विशेषता भगवान का मोबाइल नंबरअगर आप भगवान से जुड़ना चाहते है. उनसे बात करना चाहते है तो उनके मोबाइल नंबर की कोई आवश्यकता नहीं हैं. आप आँखे बंद करके एकाग्र चित होकर, अपना पूरा ध्यान भगवान पर केन्द्रित करके भगवान से प्रार्थना करते है. तो भगवान अवश्य ही आपसे बात करेगे. यही उनका मोबाइल नंबर हैं. कलयुग में भगवान को कैसे प्राप्त करेंकलयुग में भगवान को प्राप्त करने के लिए कर्म अच्छे करने चाहिए. 7 बेल वाले पौधे के नाम जाने – आपके घर को बनाए हरा भरा निष्कर्षदोस्तों आज हमने आपको इस आर्टिकल के माध्यम से भगवान से मिलने का मंत्र तथा भगवान से मिलने का उपाय बताए हैं. हम उम्मीद करते है की आज का हमारा यह आर्टिकल आपके लिए उपयोगी साबित हुआ होगा. अगर उपयोगी साबित हुआ हैं. तो आगे जरुर शेयर करे. ताकि अन्य लोगो तक भी यह जानकारी पहुंच सके. दोस्तों हम आशा करते है की आपको हमारा यह भगवान से मिलने का मंत्र – भगवान से मिलने का उपाय, मोबाइल नंबर आर्टिकल अच्छा लगा होगा. धन्यवाद मन को मजबूत करने का मंत्र कौनसा है – पूरी जानकारी मानसिक तनाव से मुक्ति के उपाय / मानसिक तनाव से होने वाले रोग रात को कितने बजे सोना चाहिए और सुबह कितने बजे उठना चाहिए भगवान से मिलने का तरीका क्या है?भगवान को पाने के 3 रास्ते गीता में बताए गए हैं। इनमें पहला है कर्म योग। दूसरा ज्ञान और तीसरा भक्ति याेग। भगवान श्रीकृष्ण जब अर्जुन को इन तीनों तरीके के बारे मे बताते हैं तब अर्जुन कहते हैं कि वे इन तीनों रास्तों पर नहीं चल पाएंगे।
ईश्वर को पाने के लिए मनुष्य को क्या करना होगा?धर्म के इस एपिसोड में जानें ईश्वर को पाने और उनकी कृपा के पात्र बनने का सरल और सटीक उपाय. दरअसल इंसान सामान्य आंखों से ईश्वर को देख नहीं सकता है इसलिए ध्यान का माध्यम चुना जाता है. ताकि एकाग्र मन को मंदिर बनाकर ईश्वर के दर्शन किए जाएं.
क्या भगवान से कुछ मांगना चाहिए?भगवान से माँगना नहीं चाहिए और अगर माँगना ही है तो माँगना आना चाहिए। “हे प्रभु मैं यह माँगता हूँ कि मेरी माँगने की इच्छा ही ख़त्म हो जाए।” “हे प्रभु मुझे बार बार विपत्ति दो ताकि आपका स्मरण होता रहे।” “हे प्रभु मुझे दस हज़ार कान दीजिये ताकि में आपकी पावन लीला गुणानुवाद का अधिक से अधिक रसास्वादन कर सकूँ।”
भगवान का फोन नंबर क्या है?उनकी नजर में 786 का बहुत महत्व है। अधिकतर लोग इस नंबर के नोट अपने पास सहेज कर रखते हैं, तो वही कई लोग अपनी गाड़ियों का नंबर भी यही रखते हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि 786 नंबर का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी है। दरअसल, मुस्लिम धर्म के लोग 786 नंबर को बिस्मिल्लाह का रूप मानते हैं।
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