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भागवत कथा सुनने से होता है मन का शुद्धिकरणकथा की सार्थकता तब ही सिद्ध होती है जब इसे हम अपने जीवन व व्यवहार में धारण कर निरंतर हरि स्मरण करते हैं। अपने जीवन को आनंदमय, मंगलमय बनाकर अपना आत्म कल्याण करें। अन्यथा यह कथा केवल मनोरंजन, कानों के रस तक ही सीमित रह जाएगी। भागवत कथा से मन का शुद्धिकरण होता है। इससे संशय दूर होता है और शांति व मुक्ति मिलती है। यह बात शिवालय मंदिर गांधी बाजार में चल रही संगीतमयी श्रीमद् भागवत कथा में गुरुवार को पं.नंदकिशोर देवलिया ने कथा का वाचन करते हुए कही। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण से जन्म जन्मांतर के विकार नष्ट हो जाते हैं। जहां अन्य युगों में धर्म लाभ एवं मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयास करने पड़ते हैं, कलियुग में कथा सुनने मात्र से व्यक्ति भवसागर से पार हो जाता है। सोया हुआ ज्ञान वैराग्य कथा श्रवण से जाग्रत हो जाता है। कथा कल्पवृक्ष के समान है, जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। उन्होंने कहा कि भागवत पुराण हिन्दुओं के अट्ठारह पुराणों में से एक है। इसे श्रीमद् भागवत या केवल भागवतम् भी कहते हैं। इसका मुख्य विषय भक्ति योग है, जिसमें श्रीकृष्ण को सभी देवों का देव या स्वयं भगवान के रूप में चित्रित किया गया है। इस पुराण में रस भाव की भक्ति का निरूपण भी किया गया है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद् भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं। श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है । भागवत कथा का दर्शन हर किसी को प्राप्त नहीं होता धार्मिक
नमस्कार दोस्तो आप सभी का हमारे ब्लाग पर स्वागत है। आज हम आपको बतायेंगे कि भागवत कथा को सुनने के फायदे क्या है। Contents
भागवत कथा-दोस्तो आप सभी भागवत कथा के बारे मे जरूर जानते होगें। भागवत कथा 7 दिनो तक लगातार होती है। दोस्तो मनुष्य यह भूल जाता है कि वो इस धरती पर किस लिये जन्म लिया है? उसका इस धरती पर जन्म लेने का मूल उद्देश्य क्या है। मनुष्य सिर्फ सुख ही सुख चाहता है। उसे दुख नही चाहिये लेकिन ऐसा हो नही सकता। इस संसार मे सुख से ज्यादा दुख है। यदि आप देखेंगे तो आपको हर एक व्यक्ति किसी न किसी पीडा से दुखी जरूर मिलेगा। इस संसार मे सुख से ज्यादा दुख है। यदि आप ध्यान से देखे तो इस संसार मे चारो तरफ दुख ही दुख है। भागवत कथा को सुनने के फायदे-दोस्तो भागवत कथा को संतो के द्वारा कहा जाता है। यदि देखा जाय तो संत पुण्यात्मा होते है। इनका जन्म मनुष्य जाति के उद्धार के लिये ही होता है ताकि ये लोग भूले भटको को जो अपने उद्देश्य से भटक चुके है उन्हे सही रास्ता दिखाना है। इन सभी का उद्देश्य इस धरती पर धर्म का प्रचार प्रसार करना है। दोस्तो भागवत कथा सात दिनो की कथा है। जो भी व्यक्ति ध्यान पूर्वक इस कथा को सुनता है उसके सभी पाप नष्ट हो जाते है। अंत मे उसे मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। दोस्तो इस महापुराण की इतनी अधिक महिमा है कि यदि कोई भी व्यक्ति कितना भी बडा पापी हो और मृत्यु के पश्चात प्रेतयोनि को प्राप्त हो जाय। तो यदि आप उस व्यक्ति के नाम से भागवत कथा करवाते है तो निश्चित ही उस व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष प्राप्त हो जायेगा। आपने धुंधकारी की कथा जरूर सुनी होगी। वह इतना अधिक पापी था कि मृत्यु के बाद उसे मोक्ष नही मिला बल्कि उसे प्रेतयोनि प्राप्त हुई वह प्रेत बनकर इधर उधर भटक रहा था। तब गोकर्ण ने अपने भाई धुंधकारी के नाम से भागवत कथा करवाई। जिससे धुंधकारी को प्रेतयोनि से मुक्ति मिल गई। फिर उसे लेने के लिये भगवान का विमान आया जिसमे भगवान के पार्सद बैठे हुये थे। भगवान के पार्सदो ने धुंधकारी को विमान के बिठाकर बैकुंठ धाम लेकर गये। भागवत कथा जरूर सुने- दोस्तो यह बात कडवी है लेकिन बिल्कुल सत्य है। मनुष्य सारी जिंदगी बेइमानी करके झूठ बोलकर चोरी करके पैसा कमाता है। ऐसा नही है कि सभी ऐसे ही है लेकिन अधिकांशतः तो ऐसे ही है। आजकल के लोग तो पैसो के लिये दूसरो का गला काटने से भी पीछे नही हटते है। मनुष्य अपने जीवन मे बहुत बुरे कर्म करता है। वह सारी जिंदगी अपने पत्नी और बच्चों के पीछे लगा देता है। उसके पास इतना भी समय नही कि वह मात्र दो मिनट के लिये भगवान का स्मरण कर सके। दोस्तो मनुष्य योनि बडे भाग्य से मिलता है। मनुष्य का उद्देश्य ईश्वर को प्राप्त करना है। यदि आपने समय रहते न चेता तो मृत्यु के समय आपको मौका भी नही मिलेगा। गरूड पुराण के अनुसार जो व्यक्ति बहुत अधिक पापी होता है। जिसने अपने पूरे जीवन मे कभी भी पुण्य नही कमाया। जिसने जीवो पर दया नही की। जिसने दूसरो को हमेशा सताया है उन्हे परेशान किया है। जिसने अपने स्वार्थ के लिये दूसरो का हक छीन लिया। ऐसे पापी मनुष्य के मृत्यु के समय यमराज के दूत उसे बडी मार मारते है। क्योकि जो मनुष्य बहुत ज्यादा पापी होता है उसकी जान आसानी से नही निकलती है। ऐसा कहा जाता है कि ऐसे व्यक्ति की जब मृत्यु होने वाली होती है उस समय यमराज के दूत उसे इतना मार मारते है कि वह व्यक्ति मलमूत्र का त्याग कर देता है। दोस्तो इसीलिये मै कह रहा हूँ कि जब भी आपके आस पास भागवत पुराण की कथा कही जाय तो थोडा सा समय निकालकर आप सुनने जरूर जाये। यदि कथा सुनने नही जा सकते तो आप यूट्यूब पर भी कथा को सुन सकते है। दोस्तो कथा सुनने से मनुष्य को वास्विकता का ज्ञान होता है। उसके मन से अज्ञानता खत्म हो जाती है तथा ज्ञान का प्रकाश उसके हृदय मे प्रज्वलित हो जाता है। दोस्तो संत महत्मा मनुष्य जाति के उद्धार के लिये ही धरती पर जन्म लेते है। अतः इनके कहे हुये वचनो पर हमे अमल करना चाहिये। धुंधकारी की सम्पूर्ण कथामुक्ति और मोक्ष मे क्या अंतर हैमरने वाले व्यक्ति के सामने रोना क्या सही हैमाँ गंगा ने अपने सात पुत्रो को नदी मे क्यो बहा दियाFAQ-प्रश्न- मनुष्य जाति का उद्देश्य क्या है? उत्तर- मुक्ति प्राप्त करना। प्रश्न- गोकर्ण कौन था? उत्तर- गोकर्ण धुंधकारी का भाई था। प्रश्न- धुंधकारी को प्रेतयोनि से मुक्ति कैसे मिली? उत्तर- भागवत कथा को सुनने से। मै आशा करता हूँ कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आप सभी को बेहद पसंद आई होगी। हमारे इस पोस्ट को अपने Facebook, WhatsApp, Instagram पर जरूर शेयर करें। आप हमारे ब्लाग को जरूर सब्सक्राइब करें ताकि हमारे लेटेस्ट पोस्ट की जानकारी आपको तत्काल मिल सके धन्यवाद। Welcome friends my name is Dinesh Jaiswal. I live in Pratapgarh (Uttar Pradesh). Dineshjaiswal.com is a professional blogging platform where you can read a lot of articles related to Make money, Education, Technology, Festival etc. Also you can write articles here on your favourite topics. Post navigationभागवत कथा सुनने से क्या मिलता है?भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद् भागवत मोक्ष दायिनी है। इसके श्रवण से परीक्षित को मोक्ष की प्राप्ति हुई और कलियुग में आज भी इसका प्रत्यक्ष प्रमाण देखने को मिलते हैं। श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है ।
भागवत क्यों सुनना चाहिए?श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पितरों की शांति के लिए इसे हर किसी को आयोजित कराना चाहिए। इसके अलावा रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है।
भागवत कथा कब सुनना चाहिए?श्रीमद् भागवत कथा पुराण का आयोजन भाद्रपद, आश्विन, कार्तिक, मार्गशीष, आषाढ़ और श्रावण के महीने श्रेष्ठ होते है। इन महीनो में कथा सुनने से मोक्ष की प्राप्ति आसान हो जाती है।
कथा सुनने से क्या फायदा?कथा सुनने का सबसे पहला लाभ आत्मिक शांति और स्थिरता है,मन को सुकून के साथ ज्ञान मिलता है.
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