Food safety
खाद्यजनित रोग (खाद्यजनित व्याधि तथा बोलचाल की भाषा में खाद्य विषाक्तता के रूप में भी संदर्भित)[1] दूषित भोजन के सेवन के परिणाम स्वरुप उत्पन्न कोई रोग है। Show
खाद्य विषाक्तता दो प्रकार की होती है: संक्रामक एजेंट और विषाक्त एजेंट. खाद्य संक्रमण उन जीवाणुओं या अन्य रोगाणुओं की उपस्थिति को सन्दर्भित करता है जो सेवन के बाद शरीर को संक्रमित करते हैं। खाद्य नशा संक्रमण भोजन में निहित विष के अंतर्ग्रहण को संदर्भित करता है, जिसमें जीवाणुजनित बहिर्जीवविष सहित हैं, जो तब भी हो सकता है, जब विष उत्पन्न करने वाले सूक्ष्म जीव अब उपस्थित न हों या उनमें संक्रमण फैलाने की क्षमता न रह गई हो। सामान्य शब्द खाद्य विषाक्तता के बावजूद अधिकांश मामलों में इसका कारण रासायनिक या प्राकृतिक विषों की अपेक्षा संदूषित भोजन में रोगजनक जीवाणु, विषाणु,[2] या परजीवी होते हैं। संकेत तथा लक्षण[संपादित करें]लक्षण विशेष रूप से सेवन के कुछ घंटो या दिनों के पश्चात आरम्भ होते हैं और संबद्ध एजेंट के आधार पर, इनमें निम्नलिखित में से एक या अधिक लक्षण शामिल हो सकते हैं: मतली, पेट दर्द, उल्टी, दस्त, जठरांत्रशोथ, बुखार, सिरदर्द या थकान. अधिकांश मामलों में तीव्र बेचैनी और बीमारी की छोटी अवधि के पश्चात शरीर स्थायी रूप से ठीक हो जाता है। यद्यपि, खाद्यजनित रोग के परिणामस्वरुप, विशिष्ट रूप से उन लोगों में, जो अधिक खतरे में हैं जिनमें शिशु छोटे बच्चे, गर्भवती महिलायें (और उनके भ्रूण), बुज़ुर्ग लोग, बीमार लोग, तथा दुर्बल प्रतिरोधी प्रणाली वाले अन्य लोग शामिल हैं, स्थायी स्वास्थ्य समस्याएं या मृत्यु भी हो सकती हैं। कैंपीलोबेक्टर (campylobacter), येर्सिनिया (yersinia), साल्मोनेला (salmonella) या शिगेला (shigella) के संक्रमण के कारण खाद्यजनित रोग प्रतिक्रियात्मक गठिया का एक मुख्य कारण है जो विशेष रूप से दस्त की बीमारी के 1–3 सप्ताह बाद घटित होता है। इसी तरह, जिगर की बीमारी से ग्रसित लोग विब्रियो वल्नीफीकुस (Vibrio vulnificus) के संक्रमण के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील होते हैं, जो घोंघो या केंकड़ों में पाया जाता है। रीफ फिश (reef fish) और अन्य पशुओं से टेट्रोडोटोक्सिन (Tetrodotoxin) की विषाक्तता, सुन्नता और सांस लेने में कमी के रूप में शीघ्रता से स्पष्ट हो जाती है और प्राय: घातक होती है। कारण[संपादित करें]इन्हें भी देखें: Pathogenएक रेफ्रिजरेटर में खाद्यों का खराब भन्डारण खाद्यजनित रोग सामान्यत: अनुचित साज-संभाल, पकाने और खाद्य भंडारण से उत्पन्न होता है। भोजन पकाने से पहले, के दौरान और बाद में स्वच्छता की अच्छी आदतें रोग ग्रहण करने के अवसरों को कम कर सकती हैं। सार्वजनिक स्वास्थ्य समुदाय में सर्वसम्मति है की नियमित हाथ धोना खाद्य जनित रोगों के प्रसार के विरुद्ध अत्यन्त प्रभावकारी सुरक्षाओं में से एक है। यह सुनिश्चित करने के लिए कि यह भोजन खाद्यजनित रोगों का कारण नहीं बनेगा, निरीक्षण करने के कार्य को खाद्य सुरक्षा के रूप में जाना जाता है। खाद्यजनित रोग पर्यावरण को प्रभावित करनेवाले, विशाल विविधताओं वाले विषों के कारण भी हो सकते हैं। रसायनिक कारणों से होने वाले खाद्यजनित रोग के लिए खाद्य दूषकों/खाद्य संदूषकों को या खाद्य दूषणकारी तत्व देखें. खाद्याजनित रोग, खाद्यों में कीटनाशकों या दवाओं और प्राकृतिक विषाक्त तत्वों जैसे विषाक्त मशरूम या रीफ फिश (reef fish), के कारण भी हो सकता है। जीवाणु[संपादित करें]जीवाणु खाद्यजनित रोग के सामान्य कारण हैं। वर्ष 2000 के दौरान यूनाइटेड किंगडम (United Kingdom) में शामिल निम्नलिखित व्यक्तिगत जीवाणु थे: कम्पीलोबैक्टर जेजुनी (Campylobacter jejuni) 77.3%, साल्मोनेला (Salmonella) 20.9%,Escherichia coli O157:H7 1.4%, तथा अन्य सभी 0.1% से कम.[3] अतीत में, जीवाणु संक्रमण अधिक प्रचलित माने जाते थे क्योंकि नोरोवायरस (norovirus) के परीक्षण की क्षमता कुछ ही स्थानों पर उपलब्ध थी और इन विशिष्ट एजेंटों की कोई सक्रिय निगरानी नहीं की जाती थी। जीवाणु संक्रमणों के लिए लक्षणों में विलम्ब होता है क्योंकि जीवाणुओं की गुणात्मक वृद्धि के लिए समय की आवश्यकता होती है। वे सामान्यत: दूषित भोजन के सेवन के 12-72 घंटों के बाद तक दिखाई नहीं देते हैं। सर्वाधिक सामान्य जीवाणु खाद्य जनित रोगजनक हैं:
अन्य सामान्य जीवाणु खाद्य जनित रोगजनक हैं:
कम सामान्य जीवाणु एजेंट:
बहिर्जीवविष (Exotoxins)[संपादित करें]प्रत्यक्ष जीवाणु संक्रमण द्वारा उत्पन्न रोगों के अतिरिक्त, कुछ खाद्यजनित बीमारियां बहिर्जीवविष के कारण उत्पन्न होती हैं, जो जीवाणु संवर्धन के दौरान कोशिकाओं द्वारा उत्सर्जित किये जाते हैं। बहिर्जीवविष तब भी रोग उत्पन्न कर सकते हैं जब कि उन्हें उत्पन्न करने वाले सूक्ष्म जीव मारे जा चुके हों. विशेष प्रकार के लक्षण 1-6 घंटे के बाद प्रकट होते हैं, यह विष ग्रहण करने की मात्रा पर निर्भर करता है।
उदाहरण के लिए स्तवकगोलाणु ऑरीअस एक विष उत्पन्न करता है जो अत्यधिक तीव्र उल्टी का कारण होता है। दुर्लभ किंतु संभावित घातक रोग बोटुलिज्म (botulism) तब होता है जब अनएरोबिक बैक्टीरियम क्लास स्ट्रीडियम (Clostridium botulinum) निम्न-अम्ल वाले खाद्य-पदार्थों में अनुचित ढंग से डिब्बा बंद कर दिया जाता है और यह बोटुलिन (botulin), एक शक्तिशाली लकवकारी विष /शक्तिशाली पक्षाघाती विष पैदा करता है। सूडोअल्टेरोमोनाज (Pseudoalteromonas) टेट्राओडोनिस (tetraodonis) कुछ सूडोमोनाज (Pseudomonas) और विब्रियो (Vibrio) प्रजातियों में से कुछ अन्य जीवाणु घातक टेट्रोडोटाक्सिन (tetrodotoxin) उत्पन्न करते हैं जो विघटन का एक उत्पाद होने की बजाय जीवित जानवरों की प्रजातियों के ऊतकों में अधिक उपस्थित होता है। कवक-विषाक्तता (माइकोटॉक्सिन) एवं पाचन संबंधी विषजन्य रोग (माइकोटाक्सिकोजेज)[संपादित करें]पुष्टिवर्धक पाचन संबंधी विषजन्य रोग (माइकोटाक्सिकोजेज) शब्दावली का सन्दर्भ भोजन सेवन के माध्यम से माइकोटॉक्सिन द्वारा विषाक्तता के प्रभाव से है। कभी कभी माइकोटॉक्सिन मानव तथा पशुओं के स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालते है। उदाहरणार्थ 1960 में ब्रिटेन में एफ्लाटॉक्सिन (aflatoxin) से दूषित मूंगफली आहार के सेवन के कारण प्रकोप में 1,00,000 टर्की मुर्गियों की मृत्यु हो गयी थी। द्वितीय विश्व युद्व में सोवियत संघ के 5000 लोग एलिमेंटरी टॉक्सिक अलौकिआ (एएलए) (alimentory toxic alaukia (ala)) के कारण मारे गये।[7] सामान्य खाद्यजनित माइकोटौकसिन्स में अन्तर्निहित हैं:
(संभवतः कई) अमान्य नाम
खाद्यजनित रोगाणुओं का उभरना[संपादित करें]बहुत से खाद्यजनित रोगों के विषय में अभी भी काफी अपर्याप्त जानकारी है। लगभग 60% साठ प्रतशित तक प्रकोप अज्ञात स्रोतों के कारण होते हैं।[कृपया उद्धरण जोड़ें]
जीवाणुजनित भोजन विषाक्तता की रोकथाम[संपादित करें]खाद्य का उचित भंडारण और प्रशीतन भोजन की विषाक्तता की रोकथाम में मदद करता है पशु उत्पादों से पशु पालन से उद्योगों में रूपान्तरण तथा परिदान (दुकाने और भोजनालयों) की खाद्य-श्रृंखला में पशु चिकित्साके एक सार्वजनिक सेवा द्वारा सर्वेक्षण और स्वच्छता के कठोर नियमों के माध्यम से रोकथाम में राज्य की मुख्य भूमिका है। इस विनियमन में शामिल हैं:
अगस्त 2006 में संयुक्त राज्य अमेरिका के फूड एण्ड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (Food and Drug Administration) ने फेग चिकित्सा को स्वीकृति दी जिसमें मांस पर विषाणु का छिड़काव समाहित है जो जीवाणु को संक्रमित करते हैं और इस तरह संक्रमण की रोकथाम करते है। इसने लोगों की चिन्ता को बढ़ा दिया क्योंकि आदेशात्मक लेबलिंग के बिना उपभोक्ताओ को यह जानकारी नहीं होगी कि यह मांस या मुर्गों के उत्पाद छिडकाव द्वारा उपचारित किये गये हैं। [1] घर में रोकथाम मुख्यत: अच्छे खाद्य सुरक्षा अभ्यासों के अनुसार होती है। यहां तक कि यदि भोजन दूषित भी है तो उसे पर्याप्त रूप से अच्छी तरह पकाने और या शीघ्रता से खा कर या उसे प्रभावकारी ढंग से शीत भन्डारित करके जीवाणु विषाक्त्तता के बहुत से रूपों की रोकथाम की जा सकती है।[कृपया उद्धरण जोड़ें] तथापि बहुत से विष उष्मा उपचार से नष्ट नहीं होते हैं। विषाणु[संपादित करें]विकसित देशों में कदाचित विषाणु संक्रमण खाद्य विषाक्त्ता के मामले का एक तिहाई भाग होता है। संयुक्त राज्य अमेरिका में विषाणु के 50% से अधिक मामले हैं और नोरों विषाणु (noroviruses) सर्वाधिक सामान्य ख़ाद्य जनित रोग है, जो 2004 में 57% प्रकोपों का कारण बने। खाद्य जनित विषाणु संक्रमण सामान्यतः मध्यवर्ती (1-3 दिन) उष्मायन अवधि वाले होते हैं और वे ऐसी बीमारियां उत्पन्न करते हैं, जो अन्यथा स्वस्थ व्यक्तियों में स्वत:-सीमित होती है और वे उपर उल्लेखित जीवाण्विक रूपों के समान होते हैं।
परजीवी[संपादित करें]अधिकांश खाद्य जनित परजीवी जूनोज़ेस (zoonoses) होते हैं।
जीवविष[संपादित करें]अनेक खाद्य पदार्थ स्वाभाविक रूप से विषाक्त होते हैं जिन्में सेकई जीवांणु द्वारा बनते हैं। विशिष्ट रूप से पौधे विषाक्त हो सकते हैं; ऐसे पशु दुर्लभ हैं, जिनका सेवन प्राकृतिक रूप से जहरीला हो सकता है। विकासवादी शब्दावली में, पशु खाये जाने से उड़कर बच सकते हैं; पौधे केवल अप्रत्यक्ष प्रतिरक्षा, जैसे जहरीले या बुरे स्वाद वाले पदार्थों, उदाहरणार्थ काली मिर्च में कैप्साइसिन (capsaicin) या लहसुन और प्याज़ में कडुआ सल्फर. अधिकांश पशु विष जानवर द्वारा संश्लेषित नहीं होते, बल्कि उन जहरीले पौधों को खाने पर, जिनके प्रति पशु में प्रतिरक्षा क्षमता न हो, या जीवाण्विक गतिविधि द्वारा अभिगृहीत किये जाते हैं।
कुछ पौधों ऐसे पदार्थ रखते है जो बड़ी मात्रा में विषाक्त होते हैं, लेकिन उचित मात्रा में चिकित्सा सम्बन्धी गुण रखते हैं।
अन्य रोगजनक एजेंट[संपादित करें]
"टोमाइन विषाक्तता"[संपादित करें]खाद्य विषाक्त्ता के कारणों पर प्रारम्भिक एक सिद्धांत में टोमाइन्ज़ (ग्रीक शब्द टोमा (ptoma) "गिरना, गिरा हुआ शरीर, शव" से), क्षय होते हुये पशु और वनस्पति पदाथौ मे पाये जाने वाले एल्केलॉइड शामिल थे। जबकि कुछ एल्केलॉइड विषाक्तता कारित करते हैं, जीवाणु की खोज ने टोमाइन सिद्धांत को निष्प्रयोज्य बना दिया और वैज्ञानिक रूप में इस शब्द का अधिक उपयोग नहीं होता। क्रियाविधि[संपादित करें]उष्मायन अवधि[संपादित करें]दूषित भोजन के सेवन और रोग के प्रथम लक्षण के प्रकटोयकर्ण के मध्य विलम्बी उष्मायन अवधि कहलाता है। यह श्रेणी घंटो से दिनों (कभी कभी महीनो या लिस्तेरिओगिस (Listeriogis) या क्रेव्ट्ज़्फेल्डि जैकब (Creutzfeldt-Jacob) रोग जैसे मामले में वर्षो तक) जो एजेंट और सेवन किये गये भोजन की मात्रा पर निर्भ्रर करती है। यदि लक्षण खाना खाने के बाद 1-6 घंटे के भीतर दिखाई देते हैं, तो यह पता चलता है कि यह एक बैक्टीरियल या विष जीवित बैक्टीरिया के बजाय एक रसायन के कारण होता है। वहुत सी खाद्य जनित रोंगो में लम्बी उष्मायन अवधि पीडितो के लक्षणो के गुणो को उदर फ्लू के कारक बनने की प्रव्रति रखते हैं। उष्मायन अवधि के दौरान सूक्ष्म जीव पेट के माद्यम आंत की दीवार से संलग्न कोशिकाओ के अंदर प्रवेश कर जाते है और गुणित होना प्रारम्भ कर देते हैं। कुछ प्रकार के सूक्ष्म जीव आंत में ठहर जाते हैं एक ऐसा विष उत्पन्न करते हैं जो रक्त प्रवाह में अवशोषित हो जाता है और कुछ अधिक गहरे शरीर के उतकों पर प्रत्यक्ष आक्रमण कर देते है। उत्पन्न लक्ष्ण सूक्ष्म जीव के प्रकार पर निर्भर करते हैं। संक्रामक खुराक[संपादित करें]संक्रामक खुराक एजेंट की वह राशि है जो खाद्य जनित रोग के लक्षणों को उत्पन्न होने के लिये सेवन की जानी आवश्यक है और एजेंट तथा उपभोक्ता की आयु और कुल मिलाकर स्वास्थ के अनुसार भिन्न होती है। साल्मोनेला (Salmonella) के मामले में 1 मिलियन से 1 बिलियन अपेक्षाकृत बड़े जीवों का संरोपण स्वस्थ मानव स्वंयम सेवकों में लक्षण उत्पन्न करने के लिये आवश्यक है जैसे कि साल्मोनेला (Salmonella) अत्यंत संवेदनशील अम्ल हैं। पेट का एक असामान्य रूप से उच्च पीएच (pH) स्तर (निम्न अम्लता), लक्षण उत्पन्न करने के लिये आवश्यक जीवाणुओं की संख्या में 10 और 100 के मध्य किसी कारक द्वारा, भारी कमी कर देता है। जानपदिकरोग रोग-विज्ञान (एपिडेमियोलॉजी)[संपादित करें]प्रत्येक वर्ष संयुक्त राज्य अमेरिका में 76 मिलियन (100000 निवासियों में 26000 मामले), यूनाइटेड किंगडम में 2 मिलियन (100000 निवासियों में 3,400 मामले) और फ्रांस में 75000 (100000 निवासियों में 1,210 मामले) खाद्य जनित रोग अनुमानित हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका[संपादित करें]संयुक्त राज्य अमेरिका में 1996 -1998 में फूडनेट (FoodNet) डेटा का उपयोग करते हुए सीडीसीपी (CDCP) में 76 मिलियन खाद्यजनित रोगों (26000 मामले प्रति 100000 निवासी) का अनुमान लगाया था।[33]
फ्रांस[संपादित करें]फ्रांस में 750,000 मामलों (प्रति 1210 100000 निवासियों) के लिए:
आस्ट्रेलिया[संपादित करें]ऑस्ट्रेलिया में, प्रति वर्ष खाद्यजनित बीमारीयों के 5.4 मिलीयन मामले अनुमानित हैं, जो कारित करते हैं:[34]
प्रकोप[संपादित करें]खाद्य जनित रोगों के विषय में दर्ज मामलों में ऐसे मामलों का विशाल बहुमत देखा गया है जिसमें मामले या तो एकल या छितराये हुये रूप में सामने आये। अत्यधिक छिटपुट मामलों में उदगम अनिश्चित है। संयुक्त राज्य अमेरिका में जहां लोग अक्सर घर के बाहर खाना खाते हैं, अधिकांश प्रकोप (58%) वाणिज्यिक भोजन सुवधाओं से उत्पन्न होते है (2004 का फूडनेट (FoodNet) डेटा). जब दो या दो से अधिक लोगों को एक समान स्रोत से भोजन सेवन के बाद एक ही तरह के रोग का अनुभव होता है तब ऐसी घटना को प्रकोप के रूप में परिभाषित किया जाता है। प्राय: घटनाओं के संयोजन एक प्रकोप में योग दान करते हैं, उदाहरणार्थ भोजन कई घंटे तक कमरे के तापमान पर छोड दिया जाता है, जीवाणुओ को गुणित होने की अनुमति मिल जाती है जो अपर्याप्त पके भोजन से संयुक्त हो जाता है जिसके परिणाम स्वरूप खतरनाक रूप से बडे हुये जीवाणु स्तर को समाप्त करने में विफल हो जाता है। प्रकोप आम तौर पर तब पह्चाने जाते हैं जब प्रभावित व्यक्ति एक दूसरे को जानते हों. यद्यपि अधिकाधिक प्रकोप सार्वजनिक स्वास्थ्य कर्मियो द्वारा प्रयोगशालाओं के परिणामो में जीवाणु के स्ट्रेन में आयी अप्रत्याशित व्रद्धि से पहचान लिये जाते हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका में प्रकोपों की खोज और जांच का कार्य मुख्य रूप से स्थानीय क्ष्ोत्राधिकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है और प्रत्येक जिले के अनुसार भिन्न होता है। यह अनुमान है कि 1-2% प्रकोपों का पता चल पाता है। समाज और संस्कृति[संपादित करें]वैश्विक प्रभाव[संपादित करें]आधुनिक समय में खाद्य उत्पादन और व्यापार के तेजी से होते वैश्वीकरण में भोजन संदूषण की संभावित संभावनाएं बढ़ रही हैं। अनेक खाद्यजनित रोगों के प्रकोप, जो कभी एक छोटे से समुदाय में स्थित थे, अब वैश्विक आयामों में स्थान ले सकते हैं। विश्व भर में खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने का कार्य केवल राष्ट्रीय स्तर पर ही नही अपितु अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर खाद्य सुरक्षा अधिकारियों में निकट सम्पर्क द्वारा निवटाया जाना चाहिए। खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर सूचनाओं का नियमित आदान-प्रदान और खाद्य सुरक्षा की आपात स्थिति के मामले में उन सूचनाओं तक शीघ्र पहुंच अत्यंत महत्वपूर्ण है। खाद्यजनित रोगों की घटनाओं का वैश्विक अनुमान लगाना कठिन है किन्तु वर्ष 2000 में लगभग 2.1 मिलियन लोगों के दस्त की बीमारी से मरने का उल्लेख किया गया है। इनमें से अधिकांश मामलों में दूषित भोजन और जल को इसका कारण माना गया है। इसके अतिरिक्त शिशुओं और छोटे बच्चों में दस्त का मुख्य कारण कुपोषण है। औद्योगिक देशों में भी प्रतिवर्ष जनसंख्या के 30% लोगों के खाद्य जनित रोगों से पीड़ित होने का उल्लेख हुआ है। संयुक्त राज्य अमेरिका में खाद्य जनित रोगों के लगभग 76 मिलियन मामले, जिनके परिणाम स्वरूप 325,000 लोग अस्पताल में भर्ती होते हैं तथा 5000 मत्यु प्रतिवर्ष घटित होने का अनुमान है। विशिष्ट रूप से विकासशील देश, बीमारियों की विस्तृत श्रेणी की उपस्थिति के कारण खाद्यजनित रोगों से होने वाली बीमारियों, जिनमें परजीवियों के कारण होने वाली बीमारियां भी शामिल हैं, से निकृष्ट्तम रूप से प्रभावित हैं। खाद्य जनित रोग समाज को गम्भीर एवं व्यापक क्षति पहुंचा सकते हैं और पहुंचाते रहे हैं। 1994 में संयुक्त राज्य अमेरिका में दूषित आइसक्रीम के कारण सलमोनेलोसिन (salmonellosis) का प्रकोप घटित हुआ, एक अनुमान के अनुसार इससे 224,000 व्यक्ति प्रभावित हुए. 1988 में, हेपेटाइटिस ए (Hepatitis A) के एक प्रकोप, दूषित क्लाम्स के उपभोग के परिणामस्वरूप, ने चीन में 300,000 लोगों को प्रभावित किया। खाद्य संदुषण का समाजों पर एक विशाल सामाजिक और आर्थिक दबाव बनाता है। ऐसा अनुमान है कि संयुक्त राज्य अमेरिका में, केवल मुख्य रोगजनकों के कारण होने वाली बीमारियों के कारण चिकित्सीय लागतों और उत्पादकता की क्षति के रूप में प्रतिवर्ष $35 बिलियन अमेरिकी डॉलर (1997) की लागत आती है। 1991 में पेरू में हैजे के पुन: उभरने के परिणामस्वरूप उस वर्ष $500 मिलियन अमेरिकी डॉलर के मछली और मत्स्य उत्पादन के निर्यात की हानि हुई। युनाइटेड किंगडम[संपादित करें]युद्व के पश्चात एबरडीन (1964) में एक बडे पैमाने पर (400 से अधिक मामले) टाइफाइड का प्रकोप घटित हुआ जो अर्जेटीना से आयतित दूषित संरक्षित गौ मांस के कारण हुआ मक्कायुक्त गौ-मांस डिब्बों में रखा गया था और क्योंकि ठन्डा करने वाला यन्त्र विफल हो गया था नदी का ठन्डा पानी नदी के मुहानों से डिब्बों को ठन्डा करने के लिये उपयोग किया गया। एक डिब्बे में दोष था और भीतर रखा मांस संदूषित हो गया। यह मांस एबरडीन की एक दुकान में मांस काटने वाले यन्त्र से काटा गया और यन्त्र में स्वच्छता की कमी ने स्लाईसर के अन्य मांस के टुकडो में प्रदूषण फैलना आरम्भ कर दिया। यह मांस एबरडीन के लोगों द्वारा खाया गया और वे लोग बीमार हो गये। यूनाईटेड किंगडम में खाद्य जनित रोगों के गम्भीर प्रकोपों ने 1970 से यू0 कि0 खाद्य सुरक्षा अधिनियम में मुख्य परिवर्तनों को प्रेरित किया। इसमें स्टेनली रायड अस्पताल प्रकोप मे हुई 19 रोगियों कि मत्यु और 1980 में पहचाने गया बोवाइन स्पोंजिफार्म इनसेफैलोपैथी (बीएसई मैड काऊ रोग)(bovine spongiform encephalopathy (BSE, mad को disease)) प्रकोप शामिल है। 1996 में ई कोलाई (E. coli) 0157 के (wishaw) प्रकोप में हुई 17 व्यक्तियों की मत्यु खाद्य मानक एजेंसी की स्थापना के लिए अग्रदूत थी जो, श्वेत पत्र ए फोर्स फार चेंज सी एम 3830 (A Force for Change Cm 3830) 1998 में टानी व्लेर के अनुसार "शक्ति शाली, खुला और उपभोक्ताओं के हितों के लिये सर्मपित होगा". संयुक्त राज्य अमेरिका[संपादित करें]1999 में संयुक्त राज्य अमेरिका में 5,000 मौतों 325,000 अस्पताल की भर्तियों और 76 मिलियन खाद्यजनित रोगों का अनुमान था। 2001 में, विज्ञान केन्द्र ने सार्वजनिक हित में संयुक्त राज्य अमेरिका के कृषि विभाग के विरुद्ध याचिका दायर की कि विविध रोगों के जोखिम को कम करने के लिये एक उपाय की संरचना के रूप में मानव उपभोग के लिये मांस के पैर्कस की मृत्यु शरीर को पृथक करने की प्रक्रिया से पूर्व रीढ़ की हडडी को हटाना आवश्यक है। यह याचिका, अमरीकी सार्वजनिक स्वास्थ्य संगठन (the American Public Health Association), अमेरिका का उपभोक्ता संघ (The Consumer Federation of America), राजकीय उत्तरदायित्व परियोजना (he Government Accountability Projec), राष्ट्रीय उपभोक्ता लीग (the National Consumers League) और हमारी वरीयता, सुरक्षातालिका द्वारा समर्थित थी। राष्ट्रीय कैटिलमेन मीट एसोसियेशन (National Cattlemen's Beef Association), पोर्क उत्पादन कौंसिल (the Pork Producers Council), शीप रेजरस, दुग्ध उत्पादकों, टर्की फेडरेशन और आठ अन्य पशु व्यत्पन्न खाद्य उद्योग संगठनों द्वारा इसका विरोध किया गया। यह, विविध् क्र्युट्ज़्फेल्ड्ट-जेकब रोग (Creutzfeldt-Jakob disease) रोग के जोखिम को तुलनात्मक रूप में कम करने लिये संयुक्त राज्य संघ के विश्व स्वास्थ्य संगठन के बहिष्कार के उल्लंघन के बड़े विवाद का छोटा हिस्सा था। 2007 में अमेरीका के स्वास्थ्य और मानव सेवा विभाग के खाद्यजनित संक्रमणों से संदर्भित लक्ष्यों में से कोई भी लक्ष्य प्राप्त नहीं हुआ। संगठन[संपादित करें]विश्व स्वास्थ्य संगठन का खाद्य सुरक्षा विभाग (World Health Organization Food Safety Department)302.विश्व स्वास्थ संगठन का खाद्य सुरक्षा विभागखाद्य सुरक्षा के मुद्दों पर विश्व स्वास्थ्य और जनता को वैज्ञानिक सलाह प्रदान करना है। यह विश्व भर के देशों में खाद्य सुरक्षा प्रणालियों में सम्पर्क माध्यम के रूप में काम करता है। वर्तमान में खाद्य सुरक्षा शीर्ष दस प्राथमिकताओं में से एक है। हमारे आज के विश्व में खाद्य सुरक्षा मुख्य मुद्दों में से एक है और संगठन खाद्य जनित रोगों के जोखिम को महत्वपूर्ण रूप से काम करने लिये अधिक व्यवस्थित और आक्रामक कदम उठाये जाने की मांग करता है।खाद्य सुरक्षा ज़ूनोसेस और खाद्य जनित रोग विभाग (The Department of Food Safety, Zoonoses and Foodborne Diseases)खाद्य सुरक्षा ज़ूनोसेस और खाद्य जनित रोग विभाग (Department of Food Safety, Zoonoses and Foodborne Diseases) डब्ल्यूएचओ (WHO) के अधीन एक विभाग है। इसका उददेश्य खाद्यजनित रो्गों के गम्भीर नकारात्मक प्रभाव को विश्व भर में कम करना है। डब्ल्यूएचओ (WHO) की वेबसाईट के अनुसार विकासशील देशों में खाद्य एवं जल जनित दस्त रोग बीमारी और मृत्यु के मुख्य कारण हैं, जिनसे प्रति वर्ष 3.8 मिलियन लोगों, जिनमें अधिकांश बच्चे होते हैं, की मृत्यु हो जाती है।अंतर्राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकार नेटवर्क (इन्फोसान) (The International Food Safety Authorities Network (INFOSAN))इसका उद्देश्य वर्तमान डब्लूएचओ (WHO) वैश्विक प्रक्रोप चेतावनी और प्रत्युत्तर नेटवर्क (गोआर्न) (Global Outbreak Alert and Response Network)(GOARN)) का समर्थन करना और इसका पूरक बनना है, जिसमें रासायनिक चेतावनी और प्रत्युत्तर घटक शामिल हैं। इन्हें भी देखें[संपादित करें]
सन्दर्भ[संपादित करें]
आगे पढ़ें[संपादित करें]पत्रिकाएं[संपादित करें]
पुस्तकें[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
साँचा:Consumer Food Safety भोजन संदूषण क्या है?अनुचित ढंग से बना आहार संदूषण का कारण हो सकता है तथा अन्य कारण भी हो सकते है। जब रोगजनक एक सतह से दूसरी सतह विशेषकर तैयार खाने से कच्चे आहार में स्थानांतरित हो जाते है एवं इन खाद्य पदार्थों को खाने से पहले पकाया नहीं जाता है, तब रोगज़नक़ नष्ट नहीं होते है तथा इन्हें खाने से खाद्य विषाक्तता हो जाती है।
खाद्य संदूषण के स्रोत क्या है?यह खाद्य सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण है । खाद्य विषाक्तता के लिए पार - संदूषण सबसे आम कारण है । ऐसा तब होता है जब एक खाद्य में दूसरे भोजन, उपकरण, सतह, या हाथों से हानिकारक कीटाणु प्रवेश कर जाते हैं। खाद्य में संदूषण रसोई के बर्तनों एवं उपकरणों इत्यादि से भी हो सकता है।
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