भिखमंगों की दुनिया में बेरोक प्यार लुटानेवाला कवि ऐसा क्यों कहता है कि वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है? क्या वह निराश है या प्रसन्न है? Show यहाँ भिखमंगों की दुनिया से कवि का आशय है कि यह दुनिया केवल लेना जानती है देना नहीं। कवि ने भी इस दुनिया को प्यार दिया पर इसके बदले में उसे वह प्यार नहीं मिला जिसकी वह आशा करता है। कवि के लिए यह उसकी असफलता है। इसलिए वह अपने हृदय पर असफलता का एक निशान भार की तरह लेकर जा रहा है। अत: कवि निराश है, वह समझता है कि प्यार और खुशियाँ लोगों के जीवन में भरने में असफल रहा। Concept: पद्य (Poetry) (Class 8) Is there an error in this question or solution? भिखमंगों की दुनिया में कवि प्यार क्यों लुटा रहा है?हैं आज यहाँ, कल वहाँ चले, मस्ती का आलम साथ चला, हम धूल उड़ाते जहाँ चले। आए बनकर उल्लास अभी, आँसू बनकर बह चले अभी, सब कहते ही रह गए, अरे, तुम कैसे आए, कहाँ चले? हम भिखमंगों की दुनिया में, स्वच्छंद लुटाकर प्यार चले, हम एक निसानी - सी उर पर, ले असफलता का भार चले ।
3 कविता में ऐसी कौन सी बात है जो आपको सबसे अच्छी लगी?Solution : कविता में हमें सबसे अच्छी बात दीवानों की . मस्ती. लगी। सुख-दु:ख सब सहते हुए भी वे मस्त रहते हुए दूसरों पर अपना प्यार लुटाते हैं।
दीवानों की हस्ती कविता में कवि ने अपने आने को उल्लास और जाने को आँसू बनकर वह जाना क्यों कहा है?Answer: कवि अपने आने को 'उल्लास' कहता है क्योंकि किसी भी नई जगह पर आने से उसे खुशी मिलती है तथा उस स्थान को छोड़कर जाते समय दुख होता है और इसीलिए आँखों से आँसू निकल जाते हैं। वह अन्य लोगों को खुशियाँ बाँटता है जिससे वे अपना दुख भूल जाते हैं।
कवि भीख मांगने वालों को क्या समझता है?'भीख मांगते शर्म नहीं आती'
“माचिस मांगते आपको आई थी क्या?” और उपदेशों की पोथियां खोलकर, महंत बन जाते हैं।
|