भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है उत्तर दीजिए? - bhaakhada naangal pariyojana kya hai uttar deejie?

इस बांध की योजना की बातचीत 1944 में शुरू हुई थी और इस पर तात्कालिक पंजाब के राजस्व मंत्री श्री छोटू राम और बिलासपुर के राजा के बीच नवम्बर 1944 में समझौता हुआ। 8 जनवरी 1945 को इस प्रोजेक्ट की प्लानिंग पूर्ण हुई।

इस बांध का शुरुआती निर्माण कार्य 1946 में शुरू हुआ तथा 1948 में बांध बनना शुरू हो गया। 17 नवम्बर 1955 को तात्कालिक प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की उपस्थिति में कंक्रीट के द्वारा बांध का निर्माण कार्य चालू हुआ।

निर्माण अमेरिकी इंजीनियर हार्वे स्लोकेम के निर्देशन में अक्टूबर,1963 में पूर्ण हुआ। इस बांध की ऊंचाई 225.55 मीटर (740 फीट) है । लंबाई 518.16 मीटर (1700 फीट) और चौड़ाई 9.14 मीटर (30 फीट) है यह 2.3लाख हैक्टेयर कृषि भूमि को सिंचित करती है

नदी[संपादित करें]

यह बांध सतलज नदी पर बना है। यह बांध दो बांधों भाखड़ा और नांगल बांधों से मिलकर बना है। भाखड़ा बांध नांगल बांध से 13 किमी दूर बना है।

उद्देश्य[संपादित करें]

जल विद्युत उत्पादन और सिंचाई

लाभान्वित होने वाले राज्य[संपादित करें]

भाखड़ा बांध का पानी पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान तथा हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों को मिलता है।

भाखड़ा नांगल कि परियोजना और इससे लाभ होने वाले[संपादित करें]

पंजाब में सतलज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजना है। यह राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है। इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2 प्रतिशत है। इसकी कुल लम्बाई 649 किमी है जिसमे से 169 किमी पंजाब तथा 14 किमी हरियाणा मे तथा शेष राजस्थान मे है !

  • भाखड़ा नांगल बाँध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है।
  • यह बाँध पंजाब राज्य के होशियारपुर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाया गया है। यह बाँध 261 मीटर ऊँचे टिहरी बाँध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है। इसकी उँचाई 255.55 मीटर (740 फीट) है। अमेरिका का 'हुवर बाँध' 743 फीट ऊँचा है।

निर्माण कार्य[संपादित करें]

    • बाँध का निर्माण सन 1948 में शुरू हुआ था और यह 1963 में पूरा हुआ। सन 1970 में यह बाँध पूर्ण रूप से कार्य करने लगा था।
    • इस बाँध के पीछे बनी झील का नाम 'गोविन्द सागर' है, जो सिक्खों के 10वें गुरु गोविन्द सिंह के नाम पर है।
    • यह बाँध वर्ष 1963 में राष्ट्र को समर्पित किया गया था।
    • इसकी सहायक 'इंदिरा सागर परियोजना' के अंतर्गत राजस्थान तक इंदिरा नहर का विकास किया गया है, जो भारत की सबसे बड़ी नहर प्रणाली है। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन है।
    • इस परियोजना से श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सीकर, झुंझुनू एवं चुरू ज़िलो को विद्युत प्राप्त होती है।
    • पंजाब, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान तथा हरियाणा इससे लाभान्वित होने वाले राज्य हैं।
    • भाखड़ा नांगल बाँध से 250 छोटे-बड़े क़स्बों और अनेक उद्योगों को लाभ मिलता है।[2]
    • इस बाँध की कुल जल विद्युत उत्पादन क्षमता 1325 मेगावाट है। बाँध से 'बिस्त दोआब नहर', 'सरहिंद नहर', 'नरवाना शाखा नहर' आदि निकाली गयी हैं।

[भाखडा़ बांध उद्घघाटन के समय बांधो और परीयोजना को "आधुनिक भारत का मन्दिर" तत्कालिन प्रधानमन्त्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने कहा।]

सामाजिक विज्ञान

Que : 263. भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है?

Answer:

उत्तर. 1. भाखड़ा नांगल परियोजना सतलज नदी पर बनी है।
2. यह देश की सबसे बड़ी बहुउद्देशी नदी घाटी परियोजना है।
3. इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य जल विद्युत उत्पादन है।

 


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भाखड़ा नांगल नदी परियोजना

भाखड़ा नांगल परियोजना भारत की सबसे बड़ी नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है यह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में शिवालिक पहाड़ियों के नीचे सतलज नदी पर स्थित है। साल 1909 में पंजाब के तत्कालीन गवर्नर सर लुइ डेन भाखड़ा स्थान को देख कर कहा था कि यहां एक विशाल बांध बनाया जा सकता है। उसके बाद साल 1944 में तत्कालीन भारतीय सरकार ने इस योजना को स्वीकार किया और 1946 में बांध का निर्माण कार्य शुरू किया गया। लेकिन भारत की आजादी और विभाजन के कारण काम को रोक दिया गया और बाद में 1948 में इसका निर्माण कार्य पुन: आरंभ किया गया। और साल 1963 में अमेरिकी इंजीनियर हार्वे स्लोकेम ने बांध के निर्माण कार्य को पूर्ण किया।

परियोजना का नाम (Project Name) भाखड़ा नांगल नदी घाटी परियोजना (Bhakra Nangal River Valley Project)
निर्माण कब से कब तक साल 1946 से 1963 तक
उद्देश्य (Objective) सिंचाई सुविधा और विद्युत उत्पादन करना
राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2%
परियोजना में कुल खर्च (Budget) ₹236 करोड़
नहर की चौड़ाई (Width) 20 फीट
नहर की गहराई (Depth) 26 फीट
कौन कौनसे बांध भखड़ा और नांगल दो अलग अलग बांध
बांध की ऊंचाई (Height) 740 फीट
कितनी बिजली का उत्पादन 1325 मेगावॉट बिजली

Contents

  • 1 उद्देश्य
  • 2 नांगल योजना
  • 3 भाखड़ा योजना
  • 4 भाखड़ा नहरें
    • 4.1 भाखड़ा की मुख्य नहर और शाखाएं
    • 4.2 विस्त दोआब नहर
    • 4.3 नरवाना शाखा नहर
    • 4.4 सरहिन्द नहर प्रणाली
  • 5 भाखड़ा नांगल योजना के लाभ
  • 6 रोचक तथ्य | Amazing Facts
  • 7 FAQ
        • 7.0.0.1 यह भी पढ़े

उद्देश्य

भाखड़ा नांगल योजना के प्रमुख उद्देश्य निम्नलिखित हैं।

  • सतलज और यमुना नदी के बीच जो कृषि क्षेत्र है उसके लिए सिंचाई के साधनों को उपलब्ध कराना।
  • सरहिंद नहर में पानी की मात्रा में वृद्धि करके सचाई के क्षेत्र में भी वृद्धि करना।
  • राजस्थान के रेगिस्तानी क्षेत्र बीकानेर को सिंचाई की सुविधा उपलब्ध करवाना।
  • जल विद्युत का निर्माण करके उसका वितरण करना।

नांगल योजना

  • नांगल गांव के निकट 29 मीटर ऊंचा बांध बनाया गया है इसपर गंगूवाल और कोटले पर एक एक जल विद्युत गृह बनाए गए है।
  • नांगल बांध पर 1100 किलोमीटर लंबी नहरें और 3400 किलोमीटर लंबी उपनहरें बनाई गई है।

भाखड़ा योजना

  • यह सतलज नदी पर भाखड़ा नामक स्थान पर 226 मीटर ऊंचा एक बांध है जिसके बायीं ओर जल विद्युत गृह तथा भाखड़ा की नहरी व्यवस्था है।
  • भाखड़ा बांध की आकृति अंग्रेजी के V अक्षर की भांति लगती है।
  • भाखड़ा बांध के बन जाने पर इसमें लगभग 164 वर्ग किलोमीटर में पानी भरा रहता है।
  • भाखड़ा बांध के जलाशय जिसका नाम गोविंद सागर है उसमें लगभग एक करोड़ क्यूब मीटर पानी एकत्रित करने की क्षमता है।

भाखड़ा नहरें

  • भाखड़ा की मुख्य नहर 175 किलोमीटर लंबी है जो रोपड़ से निकलकर पूरी पंजाब के भाग में होती हुई हिसार जिले की सीमा तक जाती है।
  • भाखड़ा की मुख्य नहर और उसकी शाखाओं की कुल लंबाई 1095 किलोमीटर और उप शाखाओं की लंबाई 565 किलोमीटर है।

भाखड़ा की मुख्य नहर और शाखाएं

  • भाखड़ा की मुख्य नहर विश्व की सबसे लंबी और बड़ी पलस्तर युक्त नहर है।

विस्त दोआब नहर

  • यह नहर रोपड़ के दाएं पंजाब के होशियारपुर, जालंधर, और कुछ जिलों को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करवाती है।

नरवाना शाखा नहर

  • यह 124 किलोमीटर लंबी पलस्तर युक्त नहर है यह सरहिन्द से अंबाला तक रेलवे लाइन के साथ साथ चलती है और रास्ते में पटियाला नदी, घाघरा नदी, मार्कण्ड नदी को पार करती है। इसका मुख्य उद्देश्य सिरसा और करनाल को पानी देना है।

सरहिन्द नहर प्रणाली

  • भाखड़ा नहर से सरहिंद नहर के पानी की मात्रा बढ़ जाती है और कई जिलों में सिंचाई भी होती है।

भाखड़ा नांगल योजना के लाभ

  1. सिंचाई :- भाखड़ा नांगल परियोजना से पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों के लगभग 155 लाख हैक्टेयर भूमि को सिंचाई का लाभ मिलता है।
  2. विद्युत उत्पादन :- भाखड़ा नांगल परियोजना के अंतर्गत 12.04 लाख किलोवाट जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है जिसका लाभ राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली को मिलता है।
  3. बाढ़ नियंत्रण में सहायक :- सतलज नदी में आने वाली भयंकर बाढ़ को रोकने में ये परियोजना काफी हद तक सहायक हुई है।
  4. उद्योगो का विकास :- भाखड़ा नांगल परियोजना से बिजली का उत्पादन होता है जिससे राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में कारखाने खोले जा सकते है।
  5. अकाल से होने वाली समस्याओं से मुक्ति :- पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के जिन क्षेत्रों में अकाल से कृषि नही हो पाती थी इससे छुटकारा मिला और उद्योगों को भी ज्यादा कच्चा माल मिलने लगा।
  6. रोजगार के अवसरों में वृद्धि :- परियोजना में हजारों कर्मचारियों को रोजगार मिला है और कृषि क्षेत्र में और विद्युत क्षेत्र में भी कई लोगों को रोजगार मिला है।
  7. कृषि को बढ़ावा :- कृषि क्षेत्र में भी अच्छी वृद्धि हुई है और विभिन्न फसलों का उत्पादन भी यहां बड़ा है साथ ही पशुओं को चारा गांव भी उपलब्ध होता है और चारे की समस्या भी हल होती है।
  8. मछलीपालन :- जैसे-जैसे परियोजना का विकास हुआ है वैसे वैसे यहां मछली पालन को बढ़ावा मिला है और यहां बड़ी मात्रा में मछली पकड़ी जाने लगी हैं।

रोचक तथ्य | Amazing Facts

  • भाखड़ा नांगल परियोजना पंजाब में सतलुज नदी पर स्थित भारत की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय नदी घाटी परियोजनाओं में से एक है।
  • भाखड़ा नांगल बांध का मुख्य उद्देश्य सिंचाई है लेकिन इससे 1325 मेगावॉट बिजली का उत्पादन भी होता है।
  • भाखड़ा नांगल बांध भारत का दूसरा सबसे ऊंचा बांध है जिसकी ऊंचाई 740 फीट है। वही पहले स्थान पर आने वाले टिहरी बांध की ऊंचाई 856 फीट है।
  • यह परियोजना 2 अलग अलग बांधो को मिलकर बनी है जिसमे भाखड़ा बांध दूसरे नांगल बांध से 13 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
  • भाखड़ा नांगल परियोजना राजस्थान, पंजाब और हरियाणा की संयुक्त परियोजना है। इसमें राजस्थान की हिस्सेदारी 15.2% है।
  • भाखड़ा बांध दिल्ली की कुतुब मीनार से लगभग तीन गुना ऊंचा है।

FAQ

भाखड़ा नांगल नहर की चौड़ाई और गहराई कितनी है?

नहर की गहराई करीब 26 फुट है और चौड़ाई 20 फुट है। कई बार आपको इसकी चौड़ाई देखकर गहराई का अंदाजा नहीं हो पाएगा जिसके कारण कई लोग इसमें नहाने के लिए कूद जाते है और कई बार दुर्घटना हो जाती है।

भाखड़ा नांगल परियोजना में होने वाला कुल खर्च कितना था?

भाखड़ा नांगल परियोजना में ₹236 करोड़ का व्यय हुआ।

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भाखड़ा नांगल परियोजना क्या है आंसर?

भाखड़ा नांगल बाँध भूकंपीय क्षेत्र में स्थित विश्व का सबसे ऊँचा गुरुत्वीय बाँध है। यह बाँध पंजाब राज्य के होशियारपुर ज़िले में सतलुज नदी पर बनाया गया है। यह बाँध 261 मीटर ऊँचे टिहरी बाँध के बाद भारत का दूसरा सबसे ऊँचा बाँध है। इसकी उँचाई 226 मीटर (740 फीट) है।

भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण क्यों किया गया?

भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण 1948 में शुरू हुआ और अमेरिकी बांध निर्माता हार्वे स्लोकेम के निर्देशन में 1962 में इसका निर्माण पूरा हुआ। 22 अक्टूबर 1963 को तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने इसका शुभारम्भ किया था। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई और बिजली उत्पादन है।

भाखड़ा बांध की विशेषता क्या है?

भाखड़ा बांध की एक महत्वपूर्ण विशेषता इसका विशाल जलाशय है जिसे गोबिंद सागर जलाशय के रूप में जाना जाता है। जलाशय में लगभग 9340 मिलियन घन मीटर पानी स्टोर करने की क्षमता है। गोबिंद सागर दुनिया के सबसे ऊंचे गुरुत्वाकर्षण बांधों में से एक है, जो अपनी सबसे कम नींव से लगभग 225.5 मीटर ऊपर उठता है।

भाखड़ा नांगल बांध कब बनाया?

भाखड़ा नांगल बांध का निर्माण 1948 में शुरू हुआ था और यह 1963 में पूरा हुआ। सन 1970 में यह पूरी तरह काम करने लगा था। इसका मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन है। इस बांध से 1325 मेगावॉट बिजली का उत्पादन होता है।