भारत का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कौन है? - bhaarat ka kendreey paryaavaran mantree kaun hai?

आनंद शर्मा जयराम रमेशदयानिधि मारनउपर्युक्त में से कोई नहीं

Solution : प्रश्नकाल में भारत के पर्यावरण और वन मंत्री मई, 2009 से जुलाई, 2011 तक जयराम रमेश थे। वर्तमान में प्रकाश जावड़ेकर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री हैं।

आज के इस आर्टिकल में मै आपको ” भारत के पर्यावरण मंत्री कौन हैं | Bharat ke Paryavaran mantri kaun hai ” की जानकारी उपलब्ध कराने जा रहा हूँ, जिन्हे आप अध्ययन कर अपने प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के उपयोग में ला करेंगे, आशा करता हूँ मेरा यह प्रयास आपको जरुर पसंद आएगा। तो चलिए जानते हैं –

भारत के पर्यावरण मंत्री का नाम | Bharat ke Paryavaran mantri ka naam

 

भारत का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कौन है? - bhaarat ka kendreey paryaavaran mantree kaun hai?

श्री प्रकाश जावड़ेकर


भारत के पर्यावरण मंत्री भारत सरकार के कैबिनेट मंत्रि पद में से एक हैं। वर्तमान भारत के पर्यावरण मंत्री श्री प्रकाश जावड़ेकर हेैं।

  • पूरा नाम: प्रकाश जावड़ेकर
  • जन्म: 30 January 1951

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‘हमने देश में लंबे समय तक के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण किया है और अब हम देश के गरीबों के लिए संसाधनों के पुनर्वितरण पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं’ - भूपेंद्र यादव

By DTE Staff

On: Tuesday 01 March 2022

 

भारत का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कौन है? - bhaarat ka kendreey paryaavaran mantree kaun hai?

 

भारत का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कौन है? - bhaarat ka kendreey paryaavaran mantree kaun hai?

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भारत का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कौन है? - bhaarat ka kendreey paryaavaran mantree kaun hai?

भारत का केंद्रीय पर्यावरण मंत्री कौन है? - bhaarat ka kendreey paryaavaran mantree kaun hai?
केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने डाउन टू अर्थ की सालाना रिपोर्ट स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरमेंट 2022 जारी की। फोटो: विकास चौधरी

‘उपभोग को कम करना और एक आत्म-नियंत्रण वाला समाज बनाना ही वह अकेला रास्ता है, जिससे हम प्रकृति के साथ मिलजुलकर रह सकते है।’ यह बात केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरमेंट (सीएसई) द्वारा आयोजित पत्रकारों के वार्षिक कान्क्लेव के मौके पर कही। इस मौके पर यादव ने डाउन टू अर्थ की एनुअल स्टेट ऑफ इंडियाज एनवायरनमेंट 2022 रिपोर्ट जारी की।

महामारी और लॉकडाउन के चलते अंतराल की वजह से लगभग दो साल के बाद चार दिवसीय कान्क्लेव, अनिल अग्रवाल डायलॉग (एएडी) अपने भौतिक रूप में लौटा है। इस कार्यक्रम में पूरे देश भर से आए साठ से ज्यादा पत्रकार हिस्सा ले रहे हैं। कार्यक्रम का आयोजन राजस्थान के अलवर जिले के निमली में स्थित सीएसई के पर्यावरण के मुख्य प्रशिक्षण केंद्र, अनिल अग्रवाल पर्यावरण प्रशिक्षण संस्थान (एएईटीआई) में किया जा रहा है।

कान्क्लेव में बोलते हुए सीएसई की महानिदेशक सुनीता नारायण ने कहा, ‘ पिछले दो सालों में हमने सामान्य जीवन में जिस स्तर का व्यवधान देखा है, उतना इससे पहले कभी नहीं देखा। कोविड-19 और जलवायु परिवर्तन दोनों प्रकृति के साथ हमारे ‘मनहूस’ संबंधों का नतीजा हैं, जिसे प्रकृति का बदला कहा जाना चाहिए। कोविड-19 इसलिए क्योंकि हम जंगली जानवरों और इंसान के बीच की दरार को तोड़ रहे हैं और अपने खाने के उत्पादन की तरीका भी बर्बाद कर रहे हैं। जबकि जलवायु परिवर्तन, उस उत्सर्जन का परिणाम है, जो हमारी आर्थिक वृद्धि के लिए जरूरी है - जीवाश्म ईंधन टिकाऊ नहीं हैं और हमारी जीवन शैली अब एक समस्या है।’

उन्होंने आगे कहा, ‘ये दोनों आपस में जुड़े हुए हैं और हमारे स्वास्थ्य-तंत्र और पर्यावरण के कुप्रबंधन के कारण बढ़ रहे हैं। ’

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने इस मौके पर तीन महत्वूपर्ण बिंदुओं को रेखांकित किया, जिनका आज हमारा देश सामना कर रहा है - जलवायु परिवर्तन, मरुस्थलीकरण और संवहनीयता तथा चीजों के हमारी आर्थिक पहुंच में होने के बीच संपर्क। उन्होंने कहा, ‘संवहनीयता और चीजों के हमारी आर्थिक पहुंच में होने के बीच संपर्क जोड़कर हम लोगों की जिंदगी में बदलाव ला सकते है। हमें पारंपरिक ज्ञान को वैज्ञानिक स्वभाव से जोड़ना होगा। हमें कभी-कभी पारंपरिक ज्ञान पर इतना गर्व होता है कि हम तर्क भूल जाते हैं लेकिन इस दिशा में काम करने के लिए हमें परंपरा के साथ-साथ तर्क और सामर्थ्य के बारे में भी सोचना होगा।’

कान्क्लेव में शामिल प़त्रकारों के सवालों के जवाब में उन्हें संबोधित करते हुए यादव ने कहा कि उनका मंत्रालय पर्यावरण पर खुली बहस को तैयार है। उनके मुताबिक, ‘हमारे और आपके लक्ष्य समान है कि किस तरह से सभी के लिए एक बेहतर जीवन सुनिश्चित किया जाए। हमें एक-दूसरे से सीखना चाहिए। ’

2070 तक शून्य उत्सर्जन के देश के लक्ष्य के बारे में बात करते हुए यादव ने बताया कि चूंकि सबसे ज्यादा उत्सर्जन ऊर्जा के क्षेत्र में हैं इसलिए सरकार इस पर जोर डाल रही है। उन्होंने कहा, ‘हमारा लक्ष्य 2030 तक 500 जीगावाट नवकरणीय ऊर्जा हासिल करने पर है। 2030 तक रेलवे का विद्युतीकरण हो जाएगा, जिससे 80 बिलियन, यानी 80 अरब टन उत्सर्जन कम हो जाएगा। हम बड़े पैमाने पर एलईडी बल्ब लगवाने की योजना भी बना रहे हैं, इससे भी उत्सर्जन 40 अरब टन घट जाएगा। इसके अलावा हम हाइड्रोजन पर भी ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। अगर हम हाइड्रोजन को टिकाऊ और किफायती बना सके तो हम दुनिया में बड़े बदलाव ला सकते हैं। ’

वैश्विक जलवायु समझौता-वार्ताओं में भारत की स्थिति के बारे में बात करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पर्यावरण की समझौता-वार्ताएं लेन-देन की तरह नहीं होतीं बल्कि इनका संबंध मानवता को बचाने से है। विकसित देशों को ऐतिहासिक जिम्मेदारी लेनी चाहिए और सोचना चाहिए कि उनके पूर्वजों ने अतीत में क्या किया है।

जलवायु परिवर्तन की चुनौती पर बात करते हुए सुनीता नारायण ने कहा, ‘भारत को अपने हित में ही इस बारे में कार्रवाई की जरूरत है। जलवायु परिवर्तन पर हमारी रणनीति, दोनों ओर के लाभ पर आधारित होनी चाहिए - यानी हम जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए कुछ इसलिए करेंगे क्योंकि यह न सिर्फ दुनिया के लिए बल्कि खुद हमारे लिए भी बेहतर है। हमें हर क्षेत्र के लिए कम-कार्बन वाली रणनीति की जरूरत है। हमें विकसित देशों से भी इसका भुगतान करने और हमें उच्च-लागत वाले विकल्प देने के लिए कहना चाहिए जिससे हम जलवायु परिवर्तन से बचने में अपना योगदान दे सकें।’

वर्तमान में भारत के पर्यावरण मंत्री कौन है 2022?

मार्च 2022 में भारत के केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भारत की पर्यावरण स्थिति रिपोर्ट 2022 जारी की।

पर्यावरण मंत्री का नाम क्या है?

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने कहा, “भारतीय तटरेखा का देश के लिए खासा सामरिक, आर्थिक और सामाजिक महत्व है।

भारत के जलवायु मंत्री कौन है?

अभी तक केंद्रीय पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव के पास हैं।

जलवायु परिवर्तन मंत्री कौन है?

केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने सीओपी27 पर संयुक्‍त राष्‍ट्र कंट्री टीम (यूएनसीटी) की विशेष बैठक को संबोधित किया