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Published in JournalYear: May, 2018 Article Details
भारत के संबंध में गुटनिरपेक्षता की नीति से आप क्या समझते हैं?गुटनिरपेक्षता की नीति का मानना है कि सैनिक गठबन्धन साम्राज्यवाद, युद्ध तथा नव-उपनिवेशवाद को बढ़ावा देते हैं। ये शीत युद्ध या अन्य तनावों को जन्म देते हैं। इन्हीं से विश्व शान्ति भंग होती है। अत: इनसे दूर रहना तथा विरोध करना आवश्यक है।
भारत का गुटनिरपेक्ष आंदोलन में क्या योगदान रहा है स्पष्ट कीजिए?गुटनिरपेक्ष आंदोलन में शामिल देश अमेरिका या सोवियत संघ के समूह से दूर थे। भारत ने भी अपनी विदेश नीति में गुटनिरपेक्षता के तत्त्व को अपनाया और गुटनिरपेक्ष आंदोलन में शामिल हो गया, ताकि अमेरिका व सोवियत संघ के बीच के किसी भी तरह के संघर्ष से दूर रहकर देश के विकास पर ध्यान केन्द्रित कर सके।
भारत को गुटनिरपेक्ष नीति की आवश्यकता क्यों पड़ी?पं० नेहरू ने कहा था कि "भारत किसी देश अथवा राष्ट्र के समूह का पिछलग्गू बन कर नहीं रह सकता, उसकी स्वतन्त्रता तथा प्रगतिज एशिया के लिए महत्वपूर्ण अन्तर डालेगी तथा इस कारण विश्व पर भी ।" अतः गुटनिरपेक्षता की नीति विदेशी सम्बन्धों में कार्य Scanned with CamScanner Page 6 की स्वतन्त्रता को बनाये रखने के लिए एक सर्वश्रेष्ठ ...
भारत की गुटनिरपेक्ष नीति की उत्पत्ति और विकास पर चर्चा करें आज इसकी प्रासंगिकता क्या है?इस समूह में वर्ष 2018 तक कुल 120 विकासशील देश शामिल थे। इसके अतिरिक्त इस समूह में 17 देशों और 10 अंतर्राष्ट्रीय संगठनों को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। गुटनिरपेक्ष आंदोलन (NAM) ने सदैव एक स्वतंत्र राजनीतिक पथ बनाने का प्रयास किया है, ताकि सदस्य राष्ट्र को दो महाशक्तियों के वैचारिक युद्ध के बीच फँसने से बचाया जा सके।
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