भारत में सबसे पहले अंग्रेज कौन आया था - bhaarat mein sabase pahale angrej kaun aaya tha

भारत आने वाला पहला ब्रिटिश व्यक्ति कौन था? Bharat aane wala pehla british vyakti kon tha? आइए जानते है

भारत में अंग्रेजों का आगमन – यह मुगल राजा अकबर (1556-1605) और उनके पुत्र, जहाँगीर (1605-1627) के शासनकाल के दौरान अंग्रेजों ने भारत में पहुँचना शुरू किया और एक पदयात्रा की। माना जाता है कि भारत पहुंचने वाला पहला ब्रिटिश व्यक्ति थॉमस स्टीफंस नाम का एक अंग्रेजी जेसुइट पुजारी और मिशनरी था, जो अक्टूबर, 1579 में गोवा पहुंचा था। भारत आने वाला पहला ब्रिटिश व्यक्ति कौन था? Bharat aane wala pehla british vyakti kon tha?

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Independence Day 2022 : 15 अगस्त भारत की स्वतंत्रता से सम्बंधित वह सुनहरा दिन है जब वर्षों से गुलामी झेल रहे भारतीयों को स्वतंत्रता प्राप्त हुए थी. भारतीय इतिहास में ये दिन अत्यंत महत्वपूर्ण है. आज हम यहाँ आपके लिए भारतीय इतिहास से सम्बंधित महत्वपूर्ण जानकारी ले कर आयें हैं , जिससे आपको पता चलेगा कि, अंग्रेज पहली बार कब और क्यों भारत आए थे?

भारत में सबसे पहले अंग्रेज कौन आया था - bhaarat mein sabase pahale angrej kaun aaya tha

जानें अंग्रेज कब और क्यों आये भारत

Independence Day 2022 :  हर साल की तरह, इस वर्ष भी  भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  15 अगस्त को दिल्ली स्थित लाल किले  पर  तिरंगा फहराएंगेI इस वर्ष भारत अपनी स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूर्ण कर रहा है जिसके उपलक्ष्य में हम आजादी का अमृत महोत्सव पर्व मना रहें हैं I स्वतंत्रता दिवस के दिन, हम उन सभी महान नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों को सम्मान देते हैं  और याद करते हैं जिन्होंने भारत की स्वतंत्रता में महत्वपूर्ण योगदान दिया और जिनकी वजह से आज हम स्वतंत्र हैं I स्वतंत्रता दिवस एक राष्ट्रीय पर्व है और इस दिन देश के सभी प्रमुख प्रतिष्ठान,  सरकारी कार्यालय, डाकघर, बैंक और स्टोर इत्यादि बंद रहते हैं I

आजादी से पहले भारत एक ब्रिटिश उपनिवेश था और अंग्रेजों  ने भारत पर लगभग 200 वर्षों तक शासन किया, इस अवधि के दौरान भारतीयों ने बहुत कष्ट और गुलामी सहन की  और स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए अपने प्राणों की आहुति दी I आइये जाने भारतीय इतिहास के उन महत्वपूर्ण तथ्यों  को जिनके कारण  पहली बार अंग्रेज भारत आए I

सर्वप्रथम अंग्रेज मुग़ल काल में भारत आये  थे, परन्तु  31 दिसंबर 1600 को,  ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी को ईस्ट इंडीज के साथ व्यापार करने के लिए ब्रिटिश सम्राज्ञी एलिजाबेथ प्रथम से एक रॉयल चार्टर प्राप्त हुआ थाI जिसके बाद भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना हुई थी,  कंपनी की स्थापना के साथ ही भारत में अंग्रेजों ने अपने पैर फैलाने शुरू कर दिए थे और इसी के साथ भारत यूरोपीय देशों के लिए महत्वपूर्ण व्यापारिक केंद्र बन गया I यूरोपीय देशों के मध्य भारत में मसालों के व्यापार पर एकाधिकार स्थापित करने की होड़ सी लग गई , जिसके परिणामस्वरूप कई युद्ध भी हुए I

ब्रिटिश ईस्ट कंपनी का गठन कैसे हुआ?

दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशियाई राष्ट्रों के साथ व्यापार करने के लिए 1600 ई. में जॉन वाट्स और जॉर्ज व्हाईट द्वारा ब्रिटिश जॉइंट स्टॉक कंपनी, जिसे ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से जाना जाता है, की स्थापना की गयी थी.

यह आर्टिकल प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वालों के लिए काफी जरूरी है। इस आर्टिकल में अंग्रेज पहली बार भारत कब और क्यों आए के बारे में बताया गया है। अगर आप यूपीएससी, एसएससी, बैंक की तैयारी कर रहे हैं तो यह टॉपिक आपके लिए काफी लाभदायक होने वाला है। आइए हम आपको बताते हैं अंग्रेज पहली बार भारत कब और क्यों आए? (When and Why British first landed on Indian Territory in Hindi) पूर्वी एशिया के एक समुद्री मार्ग से 20 मई 1498 को वास्कोडिगामा का आगमन हुआ। यहीं से भारत और यूरोप के बीच एक समुद्री मार्ग खोजा गया था, इस यात्रा में वास्कोडिगामा का सहयोग अब्दुल मजीद ने किया था, इसके बाद से ही भारत में यूरोप का व्यापार शुरू हो गया।

भारत आने वाले विदेशी यात्रियों की सूची

Table of Contents

  • अंग्रेज पहली बार भारत कब और क्यों आए ? | When and Why British first landed on Indian Territory in Hindi?
  • ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में आगमन | East India Company Arrival in India in Hindi
  • 1857 का विद्रोह के बाद शासन का अंत | End of rule after the revolt of 1857 in Hindi

अंग्रेज पहली बार भारत कब और क्यों आए ? | When and Why British first landed on Indian Territory in Hindi?

अंग्रेजों का सबसे पहले आगमन भारत के सूरत बंदरगाह पर 24 अगस्त 1608 को हुआ। अंग्रेजों का उद्देश्य भारत में अधिक से अधिक व्यापार करके यहां से पैसा हड़पना था।

1615 ईसवी में जहांगीर के शासनकाल में “सर टॉमस रो” को अंग्रेजों ने अपना राजदूत बनाकर जहांगीर के दरबार में भेजा। सर टॉमस रो जहांगीर से कुछ व्यापारिक छूट पाने में सफल हो गए।

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ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में आगमन | East India Company Arrival in India in Hindi

  • 31 दिसंबर 1600 ईस्वी में इंग्लैंड की रानी एलिजाबेथ प्रथम के द्वारा ईस्ट इंडिया कंपनी को अधिकार पत्र दिया गया।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी के प्रथम गवर्नर टॉमस स्मिथ थे।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना जॉर्ज वाइट ने 1600 ई में की थी। ईस्ट इंडिया कंपनी का मुख्य उद्देश्य दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के साथ व्यापार संबंध स्थापित करना था।
  • सबसे पहले अंग्रेजों ने मुगलों के दरबार में “कैप्टन हॉकिंस” को भेजा।
  • इसके बाद 1611 ईस्वी में अंग्रेजों ने अपनी एक व्यापारिक कोठी स्थापित कर दी, जिसका प्रमुख केंद्र मसूलीपट्टनम था।
  • इसके बाद 1615 ईसवी में अंग्रेजों ने अपना दूसरा राजदूत सर टॉमस रो को जहांगीर के शासनकाल में भेजा।
  • अंग्रेजों को एक सुनहरा फरमान दिया गया, जिसके तहत अंग्रेज को 500 पैगोडा जमीन पर गोलकुंडा राज्य के बंदरगाह अपना व्यापार स्थापित करने की स्वतंत्रता मिल गई।
  • अंग्रेजों ने कोलकाता, बॉम्बे, मद्रास के आसपास अपना व्यापार करना शुरू कर दिया।

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अंग्रेजों ने कई व्यापार किए जिनमें नील, कपास, रेशम प्रमुख व्यापार थे। अंग्रेजों ने भारत के लोगों में काफी मतभेद डालना शुरू कर दिया है, इसी तरीके से अंग्रेज भारत से अधिक से अधिक पैसा हड़पने के बारे में सोचने लगे और जगह-जगह अपनी व्यापारिक कोठियां स्थापित कर दी।

1757 में प्लासी की लड़ाई में रॉबर्ट क्लाइव के नेतृत्व में ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल के नवाब को पराजित कर दिया था इसके साथ ही भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी का शासन स्थापित हो गया था। अंग्रेज इस प्रकार व्यापार करते थे, इसी व्यापार की वजह से वे काफी प्रसिद्ध हो गए थे।

अंग्रेज जब पहली बार भारत आए तो अंग्रेजो को लगा कि यहां काफी अधिक धन है, इसलिए अंग्रेजों ने अपनी व्यापारिक कोठियां जगह-जगह स्थापित कर ली और लंबे समय तक यहां व्यापार किया और और मुगल दरबार की शासकों में अपना वर्चस्व को बनाए रखा।

अंग्रेजों ने जगह-जगह पर ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना कर दी और इस तरह से ईस्ट इंडिया कंपनी कई देशों ने अपना अधिकार जमाने की कोशिश की लेकिन वह कामयाब नहीं हो पाए।

1857 का विद्रोह के बाद शासन का अंत | End of rule after the revolt of 1857 in Hindi

1857 की पहले स्वतंत्रता आंदोलन या 1857 के विद्रोह के बाद 1858 में भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन का अंत हो गया था और ईस्ट इंडिया कंपनी के जाने के बाद ब्रिटिश क्राउन का भारत पर पूर्णता सीधा नियंत्रण हो गया, जिसे ब्रिटिश राज के नाम से जाना जाता है।

भारत में व्यापार की स्थिति काफी अच्छी थी यहां काफी धन था इसलिए यहां कई देश व्यापार करने के लिए आने लगे।

इसके बाद डचों ने अपनी व्यापारिक कंपनी स्थापित कर दी, पुर्तगाली भी यहां व्यापार करने आने लगे, इन्होंने भी अपनी व्यापारिक कोठी कोच्चि में खोली। इसके बाद डेनिस, फ्रांसीसी भी भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से यहां आए और यहां पर अपनी-अपनी व्यापारिक कोठियां स्थापित कर दी। इस प्रकार कई सारे देशों के लोग यहां आकर अपनी व्यापारिक कोठियां स्थापित करने लगे और यहां से बहुत सारा धन अपने देशों में ले जाने लगे। भारत में कई सारे देश आए और भारत से बहुत सारा धन लूट कर ले गए और कुछ समय बाद भारत पर अपना अधिकार जमा लिया।

सर्वप्रथम भारत में अंग्रेज कब आए?

अंग्रेजो का भारतीय उपमहाद्वीप में आगमन 24 अगस्त, 1608 को व्यापार के उद्देश्य से भारत के सूरत बंदरगाह पर अंग्रेजो का आगमन हुआ था, लेकिन 7 वर्षों के बाद सर थॉमस रो (जेम्स प्रथम के राजदूत) की अगवाई में अंग्रेजों को सूरत में कारखाना स्थापित करने के लिए शाही फरमान प्राप्त हुआ।

भारत में अंग्रेजों के आने से पहले किसका राज था?

हिन्दूकुश से लेकर अरुणाचल तक और कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक युधिष्ठिर और उसके पूर्ववर्ती राजाओं के अलावा राजा विक्रमादित्य, चंद्रगुप्त मौर्य और मिहिरकुल ने ही संपूर्ण भारत पर शासन किया था। इसके बाद अंग्रेज काल में अफगानिस्तान को भारत से मुगल काल में ही अलग कर दिया गया था

भारत में अंग्रेज कौन से देश से आए थे?

अंग्रेज़ मूलतः इंग्लैंड के ही निवासी रहे हैं, बाकी उन्होंने गुलामी दुनिया भर के कई देशों में की।

अकबर के दरबार में आने वाला प्रथम अंग्रेज कौन था?

राल्फ फिच अकबर के दरबार में जाने वाले पहले अंग्रेज थे। उन्होंने 1585 ई. में अकबर के दरबार का दौरा किया। राल्फ फिच एक अंग्रेज व्यापारी और यात्री था