भारत में स्थानीय स्वशासन क्यों महत्वपूर्ण है? - bhaarat mein sthaaneey svashaasan kyon mahatvapoorn hai?

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय स्वशासन के माध्यम से जनता शासकीय कार्यों में सक्रिय एवं सकारात्मक सहयोग प्रदान करती है। ब्राइस ने इसके महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा है कि “स्थानीय संस्थाएं लोगों को न केवल दूसरों के लिए कार्य करना सिखाती हैं, वरन् इसके साथ मिलकर कार्य करना भी सिखाती हैं।

स्थानीय सरकार का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय सरकार (local government) जन प्रशासन का एक रूप है जो अधिकांश जगहों पर किसी राज्य या राष्ट्र की सबसे निचली श्रेणी की प्रशासनिक ईकाई होती है। इसके ऊपर ज़िले, प्रान्त, राज्य या राष्ट्र का प्रशासन होता है जिसे राजकीय सरकार, राष्ट्रीय सरकार, संघीय सरकार, इत्यादि नामों से जाना जाता है।

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स्थानीय सरकार जन कल्याण के लिए क्यों आवश्यक है?

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय प्रशासन, शान्ति व्यवस्था औऱ विकास में ग्राम पंचायतों की भूमिका महत्वपूर्ण होती है इसलिए भारत में पंचायती राज व्यवस्था को लागू किया गया है तथा पंचायती राज व्यवस्था के सुचारु रूप से कार्यान्वयन एवं ग्रामीण विकास की आवश्यकता को देखते हुए भारत सरकार के अन्तर्गत पंचायती राज मनत्रालय के रूप में एक अलग मन्त्रालय का …

भारत में स्थानीय शासन का विकास कैसे हुआ समझाएं?

इसे सुनेंरोकेंभारतीय संसद द्वारा पंचायतों तथा नगरपालिकाओं के लिए ऐतिहासिक कदम उठाते हुए भारतीय संविधान में 73वां तथा 74वां संशोधन 1992 में किया गया। संविधान का 73वां संशोधन अधिनियम 25 अप्रैल, 1993 से तथा 74वां संशोधन अधिनियम 1 जून, 1993 से लागू हो गया है।

73 वाँ एवं 74 वाँ संविधान संशोधन विधेयक कब बनकर तैयार हुआ?

इसे सुनेंरोकेंके. थुंगन समिति ने स्थानीय सरकारी निकायों को संवैधानिक मान्यता देने की सिफारिश की। अंततः वर्ष 1992 में संसद द्वारा 73वें और 74वें संवैधानिक संशोधन पारित किये गए।

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भारत में स्थानीय स्वशासन की शुरुआत कब हुई?

इसे सुनेंरोकेंलॉर्ड रिपन ने 1882 में स्थानीय स्वशासन अधिनियम पारित किया। उन्हें भारत में स्थानीय स्वशासन के पिता के रूप में जाना जाता है।

लार्ड रिपन के स्थानीय स्वशासन का जनक क्यों कहा जाता है?

इसे सुनेंरोकें-इस प्रकार लॉर्ड रिपन के प्रयत्नों से भारत के प्रमुख नगरों में नगर पालिकाओं और स्थानीय निकायों एवं बोर्डों का जाल बिछ गया। स्थानीय स्वशासन के क्षेत्र में अपने सुधारों के कारण लॉर्ड रिपन को ‘भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक’ कहा जाता है।

स्थानीय सरकार का उदाहरण क्या है?

स्थानीय शासन से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय लोगों द्वारा मिल-जुल कर अपनी समस्याओं के निदान एवं विकास हेतु बनाई गई ऐसी व्यवस्था जो संविधान और राज्य सरकारों द्वारा बनाए गये नियमों एवं कानूनों के अनुरूप हो। स्थानीय शासन से हमारा अभिप्राय यह है कि स्थानीय क्षेत्रों का प्रशासन वहाँ के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा चलाया जाए।

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चक्रीय संसाधन कौन से हैं?

इसे सुनेंरोकेंचक्रीय संसाधन से तात्पर्य है, ऐसे संसाधन जिसका कुछ संसाधनों के माध्यम से हम उसका बार बार प्रयोग किया उपयोग किया जाता है। उदाहरण के लिए पानी। पानी हमारे लिए एक बहुत जरूरी है। पानी के बगैर हम जीवित रहना असंभव है।

इसे सुनेंरोकेंभारत जन कल्याण योजना का उद्देश्य भारत जन कल्याण योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के नागरिकों को कम दामों में ब्रांडेड सामान उपलब्ध करवाना तथा रोजगार सर्जन करना है।

स्थानीय सरकार के कौन कौन से विषय हैं?

इसे सुनेंरोकेंइसे भारतीय संविधान की सातवीं अनुसूची में शामिल किया गया है। राज्य सूची में 61 मदें हैं, जैसेकि पुलिस, सार्वजनिक स्वास्थ्य और स्वच्छता; अस्पताल और औषधालय, तीर्थयात्रा आदि।

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय स्वशासन की सबसे महत्त्वपूर्ण विशेषता यह होती है कि यह देश के आम नागरिकों के सबसे करीब होती है और इसलिये यह लोकतंत्र में सबकी भागीदारी सुनिश्चित करने में सक्षम होती है। स्थानीय सरकार का क्षेत्राधिकार एक विशेष क्षेत्र तक सीमित होता है और यह उन्हीं लोगों के लिये कार्य करती है जो उस क्षेत्र विशेष के निवासी हैं।

सत्ता के विकेंद्रीकरण की आवश्यकता क्यों होती है स्थानीय स्वशासन की आवश्यकताओं पर चर्चा कीजिए?

इसे सुनेंरोकेंसभी स्थानों के आर्थिक-सामाजिक एवं सांस्कृतिक विकास का धरातल भी समान नहीं हैं। लोकतन्त्रीय सरकारों का दायित्व काफी बढ़ जाता है और वह जनता के प्रति जवाबदेह होती है। इसीलिए शासन को सुव्यवस्थित चलाने के लिए सत्ता का विकेन्द्रीकरण आवश्यक है क्योंकि व्यवहार में केन्द्र की सरकार सभी गांवों में पूर्णरूपेण नहीं पहुँच सकती है।

स्थानीय श्वसन क्या है?

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय स्वशासन का अर्थ स्थानीय संस्थाओं द्वारा संचालित वह शासन हे जिन्हें स्थानीय स्तर पर क्षेत्र की जनता द्वारा चुना जाता है। अत: यह सामान्यत: कहा जा सकता है कि राज्य सरकार ओर स्थानीय शासन अपने पारस्परिक सम्बन्धों में एक दूसरे के ऊपर निभ्रर प्राप्त अधिकारों के सीमा के अन्दर रहते हुए बहुत कुछ स्वतंत्र हे।

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स्थानीय शासन से आप क्या समझते हैं *?

इसे सुनेंरोकें(vi) स्थानीय शासन का अर्थ है स्थानीय लोगों द्वारा स्वयं अपना शासन चलाना। (vii) स्थानीय शासन के निर्वाचित निकाय सन् 1882 के बाद अस्तित्व मे आए। (viii) महात्मा गाँधी ने सत्ता के विकेंद्रीकरण के लिए ग्राम पंचायतो को मजबूत और स्वालम्बी बनानें पर जोर दिया था।

स्थानीय शासन में वित्त का क्या महत्व है?

इसे सुनेंरोकेंग्राम पंचायत के आय के साधन- राज्य व्यवस्थापिका पंचायतों को टैक्स लगाने एवं उनसे पा्र प्त धन को व्यय करने का अधिकार देती है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा अनुदान प्राप्त होता है। इस आय व्यय का जांच करने के लिए वित्त आयगे गठित है जो अपनी रिपार्ट प्रति 5 वर्ष में राज्यपाल को देगा।

स्थानीय स्वशासन निकायों में कम से कम कितने पद महिलाओं के लिए आरक्षित हैं?

इसे सुनेंरोकेंध्यातव्य है कि देश के राज्यों में महिलाओं को स्थानीय स्वशासन में 50 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान किया गया है, और ऐसे राज्यों में महिलाओं का प्रतिनिधित्त्व तकरीबन 67 प्रतिशत है।

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सत्ता विकेंद्रीकरण से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंविकेन्द्रीकरण अथवा विकेंद्रीकरण कार्यों, शक्तियों, लोगों को या चीजों को केंद्रीय स्थान या प्राधिकारी से हटाकर पुनः विभाजित करने की प्रक्रिया को कहते हैं। विकेन्द्रीकरण का अर्थ भिन्न क्षेत्रों में, इसको लागू करने के तरीकों के अनुसार भिन्न हो सकता है।

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय शासन को संवैधानिक दर्जा : स्थानीय शासन की संस्थाओं को सन् 1993 में संवैधनिक दर्जा प्रदान किया गया। स्थानीय शासन का लाभ: (i) सरकार का कार्यभार कम होता है उनके समय व शक्ति की बचत होती है। (ii) स्थानीय शासन मे लोगो को स्वय अपने कार्यो के प्रबध्ं न का अवसर मिलता है और उनमे जिम्मेदारी की भावना आती है।

भारत में स्थानीय शासन का विकास कैसे होगा समझाइए?

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय विकास के लिए शक्ति प्रदान करता है आवश्यकता और क्षेत्रानुसार आर्थिक सहायता भी देता है। जिससे स्थानीय समस्याओं का निराकरण हो सके। स्थानीय स्व-शासन की सत्ता में जनता के चुने प्रतिनिधि होते हैं जो जनता की विभिन्न समस्याओं से शासन को और स्व-शासन को अवगत कराते हैं। इनके निराकरण के लिए दबाव बनाते हैं।

स्थानीय शासन के कौन कौन से विषय हैं?

इसे सुनेंरोकेंगाँव और जिला स्तर के शासन को स्थानीय शासन कहते हैं। स्थानीय शासन आम आदमी के सबसे नजदीक का शासन है। स्थानीय शासन का विषय है आम नागरिक की समस्याएँ और उसकी रोजमर्रा की जिंदगी।

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स्थानीय शासन से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय लोगों द्वारा मिल-जुल कर अपनी समस्याओं के निदान एवं विकास हेतु बनाई गई ऐसी व्यवस्था जो संविधान और राज्य सरकारों द्वारा बनाए गये नियमों एवं कानूनों के अनुरूप हो। स्थानीय शासन से हमारा अभिप्राय यह है कि स्थानीय क्षेत्रों का प्रशासन वहाँ के निर्वाचित प्रतिनिधियों द्वारा चलाया जाए।

स्थानीय स्वशासन का क्या अर्थ है?

इसे सुनेंरोकेंस्थानीय स्वशासन का अर्थ है नागरिकों का अपने ऊपर स्वयं का शासन अर्थात लोगों की अपनी शासन व्यवस्था। प्राचीन काल में स्थानीय स्वशासन विद्यमान था तथा ग्रामीण शासन प्रबन्ध न के लिए लोगों के अपने, कायदे कानून होते थे। इन नियमों के पालन में प्रत्येक व्यक्ति स्वैच्छिक भूमिका निभाता था।

देश में स्थानीय सरकार का क्या महत्व है स्पष्ट कीजिए?

भारत में स्थानीय स्वशासन के जनक कौन थे?

इसे सुनेंरोकेंलॉर्ड रिपन को भारत में स्थानीय स्वशासन का जनक माना जाता है। माना जाता है कि उन्होंने 1882 में स्थानीय स्वशासन की स्थापना करके भारतीयों को स्वतंत्रता का पहला स्वाद दिया था।

स्थानीय स्वशासन का क्या महत्व है?

स्थानीय स्वशासन के माध्यम से जनता शासकीय कार्यों में सक्रिय एवं सकारात्मक सहयोग प्रदान करती है। ब्राइस ने इसके महत्व को स्पष्ट करते हुए कहा है कि “स्थानीय संस्थाएं लोगों को न केवल दूसरों के लिए कार्य करना सिखाती हैं, वरन् इसके साथ मिलकर कार्य करना भी सिखाती हैं।

भारत में स्थानीय स्वशासन का विकास कैसे हुआ?

1882 ई. में लॉर्ड रिपन द्वारा प्रस्तुत 'स्थानीय स्वशासन प्रस्ताव' को भारत में आधुनिक स्थानीय स्वशासन का प्रारंभ माना जाता है। जिसे 'स्थानीय स्वशासन' संस्थाओं का 'मैग्नाकार्टा' भी कहते हैं। लार्ड रिपन ने भारत में स्थानीय स्वशासन (local self government in india) में को एक नई दिशा दी।

भारत में स्थानीय स्वशासन कब लागू हुआ?

लॉर्ड रिपन ने 1880 से 1884 तक भारत के वायसराय के रूप में कार्य किया। उन्हें भारत में लोकप्रिय वायसराय के रूप में जाना जाता है। उन्होंने भारत में स्थानीय स्वशासन की प्रणाली की शुरुआत की। लॉर्ड रिपन ने 1882 में स्थानीय स्वशासन अधिनियम पारित किया।