विषयसूची भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है निबंध का सारांश?इसे सुनेंरोकेंउनका यह निबंध हरिश्चंद्र चंद्रिका के दिसंबर 1884 के अंक में प्रकाशित हुआ था। इस निबंध (nibandh) में लेखक ने कुरीतियों और अंधविश्वासों को त्यागकर शिक्षित होने, सहयोग एवं एकता पर बल देने तथा सभी क्षेत्रों में आत्मनिर्भर होने की प्रेरणा दिया है। भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है की शैली? इसे सुनेंरोकेंवैष्णवता और भारतवर्ष, भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? आदि निबन्धों में भारतेन्दु जी की विचारात्मक शैली का परिचय मिलता है । भारतेन्दु जी द्वारा रचित जीवनी साहित्य व कई नाटकों में भावात्मक शैली का भी प्रयोग किया गया है । भारत-दुर्दशा, सूरदास की जीवनी, जयदेव की जीवनी आदि भावात्मक शैली में लिखी गई रचनाएँ हैं । उन्नति के वर्तमान साधनों और भारतीयों की दुर्भाग्य हीनता के संबंध में लेखक के क्या विचार हैं?इसे सुनेंरोकेंAnswer: लेखक मानते हैं कि हिदुस्तानी लोग आलस के कारण बेकार हो गए हैं। उनकी जो योग्यताएँ और क्षमताएँ हैं, वे आलसपने के कारण समाप्त हो गई हैं। अब उनमें नेतृत्व का गुण नहीं रहा है। भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है पाठ के प्रश्न उत्तर 2021? UP Board Solutions for Class 11 Sahityik Hindi गद्य गरिमा Chapter 1 भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है?
लेखक ने अंग्रेजों की उन्नति का क्या कारण बताया है?इसे सुनेंरोकेंदेखो अंगरेजों की धर्मनीति राजनीति परस्पर मिली हैं इससे उनकी दिन दिन कैसी उन्नति है। उनको जाने दो, अपने ही यहाँ देखो। तुम्हारे यहाँ धर्म की आड़ में नाना प्रकार की नीति समाज-गठन, वैद्यक आदि भरे हुए हैं। संस्था की उन्नति कैसे हो सकती है? इसे सुनेंरोकेंअनुशासन ही सफलता की चाबी है। घर, परिवार, समाज, गाँव, शहर, राज्य और राष्ट्र में हर जगह सभी कार्यों में अनुशासन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। अनुशासन 2 शब्दों के मेल से बना है। देश, समाज, संस्था आदि के नियमों के अनुसार चलना अनुशासन कहलाता है। अंग्रेजों की उन्नति का क्या कारण है?इसे सुनेंरोकें(iv) अंग्रेजों की धर्मनीति और राजनीति परस्पर मिली होना उनकी उन्नति का कारण है। (v) भारतवासियों को सबसे पहले धर्म की उन्नति करनी उचित है। आधुनिक समय में अपनी उन्नति के लिए कौन प्रयासरत हैं? इसे सुनेंरोकें(v) आधुनिक समय में अपनी उन्नति के लिए कौन प्रयासरत है? सब उन्नतियों का मल है। भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है के लेखक का नाम लिखो?इसे सुनेंरोकेंइसके लेखक हिन्दी साहित्य के जनक भारतेन्दु हरिश्चन्द्र हैं। पाठ का नाम – भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है? लेखक का नाम – भारतेन्दु हरिश्चन्द्र। उन्नति कैसे हो सकती है? इसे सुनेंरोकेंभाइयो, अब तो नींद से चौंको, अपने देश की सब प्रकार से उन्नति करो. जिसमें तुम्हारी भलाई हो वैसी ही किताबें पढ़ो, वैसे ही खेल खेलो, वैसी ही बातचीत करो. परदेशी वस्तु और परदेशी भाषा का का भरोसा मत रखो. अपने देश में अपनी भाषा में उन्नति करो. प्रस्तुत पाठ और उसके लेखक का नाम इनमें से कौन सा है?इसे सुनेंरोकेंगद्यांश के पाठ और लेखक का नाम लिखिए। Answer: पाठ का नाम – अक्षरों का महत्त्व। लेखक का नाम – गुणाकर मुले। 313 Views भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है ?लेखक – भारतेन्दु हरिश्चंद्रविधा – निबंध (1884) (ददरी मेले में दिए गए भाषण का अंश)निबंध सार :-
COMMENT SUBSCRIBE SHARE भारत देश की उन्नति कैसे हो सकती है?धर्म में, घर के काम में, बाहर के काम में, रोजगार में, शिष्टाचार में, चाल चलन में, शरीर में, बल में, समाज में, युवा में, वृद्ध में, स्त्री में, पुरुष में, अमीर में, गरीब में, भारतवर्ष की सब आस्था, सब जाति,सब देश में उन्नति करो। सब ऐसी बातों को छोड़ो जो तुम्हारे इस पथ के कंटक हों।
निबंध के अनुसार भारतवर्ष की उन्नति कैसे हो सकती है?धर्म में, घर के काम में, बाहर के काम में, रोजगार में, शिष्टाचार में, चालचलन में, शरीर में, बल में, समाज में, युवा में, वृद्ध में, स्त्री में, पुरुष में, अमीर में, गरीब में, भारतवर्ष की सब अवस्था, सब जाति, सब देश में उन्नति करो। सब ऐसी बातों को छोड़ो जो तुम्हारे इस पथ के कंटक हों।
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