बजट निर्माण का प्रमुख सिद्धान्त है: - bajat nirmaan ka pramukh siddhaant hai:

बजट से हमारा आशय सरकार या लोकसत्ताओं द्वारा वित्तीय संसाधनों को जुटाने एवं उनको व्यय करने सम्बन्धी कार्यक्रमों की रूपरेखा से लगाया जाता है। बजट एक सरकारी प्रपत्र होता है जिसमें सार्वजनिक कार्यक्रमों को संचालित करने के लिये आवश्यक कार्यों की पूर्ति करने के स्रोत एवं मात्रा के साथ सम्बन्धित मदों का पूर्ण विवरण होता है। जिसका सम्बन्ध किसी एक निश्चित समयावधि से होता है। इस प्रकार बजट सरकार के अर्थपूर्ण प्रशासन एवं कुशलता का प्रतीक माना गया है। 


बजट सरकारी कार्यों का एक प्रस्तावित विवरण एवं आवश्यक धनराशि के संग्रहण के लिए प्रस्तावित एवं अनुमानित व्यवस्था होती है। बजट की मुख्य विशेषताओं एवं मुख्य आयामों से आप बजट के आशय को भली-भांति समझ सकेंगे।

बजट का अर्थ

बजट का अर्थ ‘बजट’ शब्द फ्रांसीसी भाषा के शब्द ‘बूजट’ (Bougette) से लिया गया है, जिसका अर्थ है चमड़े का बैग या थैला। आधुनिक अर्थ में इस शब्द का प्रयोग सबसे पहले इंग्लैण्ड में 1733 ई0 में किया गया जबकि वित्तमंत्री ने अपनी वित्तीय योजना को लोकसभा के सम्मुख प्रस्तुत किया तो पहली बार व्यंग के रूप में यह कहा गया कि वित्तमंत्री ने अपना ‘बजट खोला’ तभी से सरकार की वार्षिक आय तथा व्यय के वित्तीय विवरण (Financial Statement) के लिये इस शब्द का प्रयोग होने लगा।

बजट की परिभाषा

कुछ लेखकों ने बजट की परिभाषा अनुमानित आमदनियों तथा खर्चों के केवल एक विवरण के रूप में की है। अन्य लेखकों ने बजट शब्द को राजस्व तथा विनियोजन अधिनियम (Revenue and Appropriation Act) का पर्यायवाची कहा है। 


Lerory Beaulieu ने लिखा है कि “बजट एक निश्चित अवधि के अन्तर्गत होने वाली अनुमानित प्राप्तियों तथा खर्चों का एक विवरण है, यह एक तुलनात्मक तालिका है जिसमें उगाही जाने वाली आमदनियों तथा किये जाने वाले खर्चों की धनराशियाँ दी हुई होती है; इसके भी अतिरिक्त, यह आय का संग्रह करने तथा खर्च करने के लिये उपयुक्त प्राधिकारियों द्वारा दिया गया एक आदेश अथवा अधिकार हैं” Rene Stourm ने बजट की परिभाषा इस प्रकार की है कि “यह एक लेख-पत्र है जिसमें सरकारी आय तथा व्यय की एक प्रारम्भिक अनुमोदित योजना दी हुई होती है।” जबकि G.Jeze ने बजट का वर्णन इस प्रकार किया है “यह सम्पूर्ण सरकारी प्राप्तियों (Receipts) तथा खर्चों का एक पूर्वानुमान (Forecast) तथा (Estimate) है, और कुछ प्राप्तियों का संग्रह करने तथा कुछ खर्चों को करने का एक आदेश है। 


उपरोक्त परिभाषायें कम से कम दो प्रकार से दोषपूर्ण हैं। सर्वप्रथम इनमें यह नहीं कहा गया है कि बजट में विगत संक्रियाओं (Operations), वर्तमान दशाओं तथा साथ ही साथ भविष्य के प्रस्तावों से संबंधित तथ्यों का उल्लेख होना चाहियें। दूसरे, इन परिभाषाओं में बजट तथा ‘राजस्व व विनियोजन अधिनियमों’ के बीच कोई भेद नहीं किया गया है। इन दोनों में भेद किया जाना चाहियें। बजट तो प्रशासन के कार्य का प्रतिनिधित्व करता है और राजस्व व नियोजन अधिनियम व्यवस्थापिका अथवा विधान-मण्डल में कार्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

बजट में, एकीकृत तथा व्यापक रूप में, उन सभी तथ्यों का समावेश किया जाना चाहिये, जोकि सरकार के विगत तथा भावी व्यय और राजकोष (Treasury) की आय तथा वित्तीय स्थिति से संबंध रखते हों। 


डब्ल्यू0 एफ0 विलोबी के अनुसार, “बजट सरकार की आमदनियों तथा खर्चों का केवल अनुमान मात्र ही नहीं है, बल्कि इससे कुछ अधिक हैं। वह (बजट) एक ही साथ रिपोर्ट, अनुमान तथा प्रस्ताव है अथवा उसे ऐसा होना चाहिये। यह एक ऐसा लेखपत्र (Document) है, अथवा होना चाहिए जिसके द्वारा मुख्य कार्यपालिका धन प्राप्त करने वाली तथा व्यय की स्वीकृति देने वाली सत्ता के समक्ष इस बात का प्रतिवेदन करती है कि उसने और उसके अधीनस्थ कर्मचारियों ने गत वर्ष प्रशासन का संचालन किस प्रकार किया; लोक कोषागार की वर्तमान स्थिति क्या है? और इन सूचनाओं के आधार पर वह आगामी वर्ष के लिए अपने कार्यक्रम की घोषणा संकेत करता है जिसके द्वारा कि एक सरकारी अभिकरण की वित्तीय नीति का निर्माण किया जाता है और यह बतलाती है कि उस कार्यक्रम के निष्पादन के लिए धन की व्यवस्था किस प्रकार की जाएगी।”

इस प्रकार, बजट वित्तीय कार्यों की एक योजना है। एक अन्य विद्वान ने बजट-पद्धति का वर्णन इस प्रकार किया है कि “बजट-पद्धति एक ऐसी व्यवस्थित रीति है जिसके द्वारा भूत (Past) तथा वर्तमान से सूचनायें एकत्र की जाती हैं और तदनन्तर यह प्रतिवेदन किया जाता है कि वे योजनायें किस प्रकार क्रियान्वित की गई।


शिराज के अनुसार, ‘‘बजट आय तथा व्यय का विवरण है। यह सरकार द्वारा अनुमानित व्यय को पूरा करने के लिए बनाया जाता है। इसमें सामान्यत: दो वित्तीय अवधियाँ होती हैं - समाप्त होने वाली अवधि तथा आगामी अवधि। संक्षेप में बजट में पिछले वर्ष के आय-व्यय का अनुमान तथा घाटों को पूरा करने और बचत को वितरित करने के लिए प्रस्ताव होते हैं।’’


किंग के अनुसार, ‘‘बजट एक प्रशुल्क योजना है, जिसके द्वारा व्यय को आय से सन्तुलित किया जाता है।’’


गैस्टन जेज के अनुसार, ‘‘एक आधुनिक राज्य में बजट एक पूर्व कल्पना तथा सार्वजनिक आय एवं व्यय का एक अनुमान है तथा कुछ विशिष्ट व्ययों को करने व आय को प्राप्त करने का अधिकार है।’’


पी0एफ0 टेलर के शब्दों में, ‘‘बजट सरकार की मास्टर वित्तीय योजना है। यह आगामी आय के अनुमान तथा बजट के प्रस्तावित व्ययों के अनुमान साथ-साथ प्रदान करता है।’’


डब्ल्यू0पी0 विलोबी के शब्दों में, ‘‘बजट एक साथ एक रिपोर्ट एक अनुमान तथा एक प्रस्ताव है। यह एक ऐसा साधन है जिसके द्वारा वित्तीय प्रशासन की सभी विधियों को सम्बन्धित किया जाता है। उसकी तुलना की जाती है और उसमें समन्वय स्थापित किया जाता है।’’ 


डॉल्टन के अनुसार, ‘‘सन्तुलित बजट की सामान्य विचारधारा यह है कि एक समयावधि में आय बढ़ती है या व्यय से कम नहीं रहती है।’’

बजट निर्माण का प्रमुख सिद्धांत क्या है?

बजट के सिद्धांत- बजट बनाने का तरीका सरल होना चाहिए। यह सटीक व सही होना आवश्यक है जिससे लक्ष्यों की अधिकतम प्राप्ति हो सके। बजट को इस प्रकार बनाना चाहिए जिससे की इसमें आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन कर सके। बजट वास्तविक आय पर आधारित होना चाहिए जिससे की यह अधिकाधिक तर्कसंगत हो सके।

बजट बनाने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

बजट बनाने के उद्देश्य संसाधनों का आवंटन - बजट के साथ, संसाधनों को अधिकतम दक्षता के साथ आवंटित किया जा सकता है। सभी जोखिमों को अग्रिम रूप से ध्यान में रखा जा सकता है, और नकारात्मक घटनाओं से निपटने के लिए धन को अलग रखा जा सकता है।

बजट का निर्माण कैसे होता है?

Budget भविष्य के लिये की गई वह योजना है जो, पूरे साल की राजस्व व अन्य आय तथा खर्चो का अनुमान लगा कर बनाई जाती है। बजट के द्वारा वित्त मंत्री सरकार के समक्ष अपनी व्यय का अनुमान लगा कर, आने वाले वर्ष के लिये कई योजनायें बना कर, जनता के सामने हर वित्तीय वर्ष के दौरान प्रस्तुत करती है।

बजट क्या है बजट कितने प्रकार का होता है?

भारत में बजट मुख्य तौर पर तीन श्रेणियों के अंतर्गत आता है, जिसमें संतुलित बजट, अधिशेष बजट और घाटा बजट शामिल हैं. बजट का वर्गीकरण इस बात पर निर्भर करता है कि सरकार द्वारा वर्ष भर में अनुमानित खर्च अनुमानित प्राप्तियों के बराबर है, उससे कम है या अधिक है.