बिना दर्द की डिलीवरी कैसे होती है? - bina dard kee dileevaree kaise hotee hai?

अगर आपको पता हो कि प्रसव के दौरान अपनी मदद के लिए आप क्या कर सकती हैं, तो यह आपके प्रसव अनुभव को सकारात्मक बनाने में मददगार हो सकता है। नीचे दी गईं हमारी तकनीकें भी आपको प्रसव पीड़ा का सामना करने में मदद करेंगी। देखें हमारे सुझावों को!

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    प्रसव का अनुभव दर्दभरा होता है। मगर, इस अनुभव को थोड़ा आसान बनाने के लिए आप काफी कुछ कर सकती हैं। देखें कि आप इस स्थिति में खुद को यथासंभव सहज कैसे रख सकती हैं, ताकि आप हर संकुचन का पूरा फायदा उठा सकें और अपने प्रसव को और आगे बढ़ा सकें।

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    प्रसव के साथी

    प्रसव के दौरान अपने साथ ऐसे व्यक्ति को रखें जिन पर आप स्नेह और विश्वास रखती हैं। यह व्यक्ति आपके पति, माँ या सास हो सकती हैं। ये आपकी हिम्मत को बढ़ा सकते हैं और आपको सहयोग कर सकते हैं। ये आपकी बात को डॉक्टर या नर्स तक पहुंचाने का काम भी कर सकते हैं।

    प्रसव में सहयोगी की भूमिका के बारे में और अधिक पढ़ें और जानें कि दर्द से निपटने में आपकी किस तरह मदद कर सकते हैं।

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    सही मुद्रा चुनें

    आप प्रसव के दौरान किस मुद्रा में हैं, इससे आपको होने वाले दर्द और प्रसव की अवधि पर काफी असर पड़ता है। माना जाता है कि सीधे खड़े रहने से प्रसव में तेजी आती है और गुरुत्वाकर्षण बल आपके शिशु के जन्म को और आसान बनाता है। पीठ के बल लेटे रहने से आपका रक्त प्रवाह सीमित हो जाता है और आपके शिशु का जन्म हो पाना मुश्किल बना देता है। यह आपके पीठ के दर्द को भी और बढ़ा सकता है।

    इसलिए, अगर आप बिस्तर पर हैं, तो अपनी पीठ के पीछे तकिये लगा लें, ताकि आप बैठी हुई स्थिति में आ जाएं। अगर, आपकी डॉक्टर अनुमति दें, तो आप खड़े होने या पलंग या दीवार को पकड़कर आगे की तुरफ झुकने का प्रयास कर सकती हैं।

    प्रसव के लिए बेहतर अवस्थाओं के बारे में और अधिक जानें।

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    संकुचनों के बीच चहलकदमी

    यह साबित हो चुका है कि संकुचनों के बीच चहलकदमी करना, आपके प्रसव की समयावधि घटा देता है। अपने पति या माँ को अपने साथ चलने के लिए कहें, ताकि आप संकुचन के दौरान उनका सहारा ले सकें।

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    प्रसव के दौरान श्वसन व्यायाम

    लयबद्ध तरीके से सांस लेने से आपको ऊर्जा संरक्षण में मदद कर सकता है। यह ऊर्जा आपको प्रसव से बेहतर तरीके से निपटने में मदद कर सकती हैं। इससे आपके शिशु को भी पर्याप्त ऑक्सीजन मिलती है, ताकि वह भी जन्म के तनाव का सामना बेहतर ढंग से कर सके।

    प्रसव के दौरान श्वसन तकनीकों के बारे में पढ़ें।

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    प्रसव के दौरान मालिश

    प्रसव के दौरान मालिश आपको आराम दे सकती है, क्योंकि इससे आपके शरीर में अच्छा महसूस करने वाले हॉर्मोन पैदा होते हैं। ये हॉर्मोन आपको आराम करने में मदद करेंगे। हालांकि, सभी महिलाओं को प्रसव के दौरान मालिश करना पसंद नहीं आता है। अपने प्रसव के सहयोगी को बताएं कि आप क्या चाहती हैं।

    प्रसव के दौरान मालिश की तकनीकों के बारे में और अधिक जानें।

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    प्रसव के दौरान आराम

    प्रसव के दौरान आराम करना वास्तव में आसान नहीं है, मगर ऐसी कई तकनीक हैं जो आपकी इस काम में मदद कर सकती हैं। आराम करने से आप अपनी ऊर्जा का संरक्षण कर सकती हैं, ताकि आपको अपने संकुचन मजबूत करने या शिशु को जन्म देने में व्यवधान की जरुरत न पड़े।

    जानें कि प्रसव के दौरान कैसे आराम करें!

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    प्रसव के दौरान खान-पान

    कई महिलाओं को प्रसव के दौरान भूख व प्यास लगती है। ऐसा होना संभव है, क्योंकि अगर यह आपका पहला बच्चा है, तो आपका प्रसव लंबा चल सकता है। ऐसे भोजन खाएं, जो आपको लंबे समय के लिए ऊर्जा प्रदान करें, जैसे कि केले या एनर्जी बार। जितनी बार आपको प्यास लगे, आप पानी पीएं।

    प्रसव के दौरान खाने-पीने के बारे में और अधिक जानें।

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    स्थिति को समझें

    यह जानना कि आगे क्या होगा और समझना कि आपका शरीर क्या कर रहा है, प्रसव का काफी तनाव दूर कर देता है। यह आपको जन्म या दर्द निवारक संबधी निर्णय लेने में भी मदद कर सकता है। इसलिए प्रसव और शिशु के जन्म के बारे में पढ़ें और बेबीसेंटर की माँओं के जन्म के अनुभव जानें।

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    दर्द निवारक विकल्पों को जानें

    अपनी डॉक्टर के साथ चर्चा करें कि कौन से दर्द निवारक विकल्प उपलब्ध होंगे। साथ ही साथ यह भी जानें कि वह आपको कौन सा विकल्प चुनने की सलाह देती हैं।

    प्रसव के दौरान दर्द निवारकों के बारे में हमारा स्लाइडशो देखें और इसके विकल्पों के बारे में जानें।

    Click here to see the English version of this slideshow!

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बिना दर्द के नॉर्मल डिलीवरी कैसे करें?

आसान और सेफ है पेनलेस डिलीवरी : आनंदिता अस्पताल के निदेशक डा. रवि आनंद ने बताया कि नार्मल डिलीवरी की असहनीय वेदना से निजात दिलाने के लिए कमर के निचले भाग में स्थित रीढ़ की हड्डियों के बीच निश्चेतना की सूई दी जाती है। इससे लेबर-पेन बिल्कुल नहीं होता परंतु प्रसव की प्रक्रिया अपनी सामान्य गति से चलती रहती है।

नॉर्मल डिलीवरी के दौरान कितना दर्द होता है?

डॉक्टर्स और साइंटिस्ट के अनुसार एक बच्चे को जन्म देते समय महिला को बीस हड्डियों के एक साथ टूटने जितना दर्द होता है। महिलाओं को 57 डेल (दर्द नापने की इकाई) होने वाले इस दर्द की तुलना में पुरुषों की सिर्फ 45 डेल तक दर्द सहने की क्षमता है। इससे ज्यादा दर्द होने पर पुरुष की मौत संभव है।

कैसे पता चलेगा कि बच्चा होने वाला है?

डिलीवरी से कुछ दिनों या घंटे पहले मिलने वाले संकेत हर बार पेशाब करते समय म्‍यूकस प्‍लग का कुछ हिस्‍सा निकलना, ये गुलाबी और गाढ़ा हो सकता है। संकुचन बार-बार और तेज होना जो समय के साथ बढ़ जाए। पीठ के निचले हिस्‍से में ऐंठन और दर्द जो कि पेट और टांगों तक भी पहुंच जाए। एम्नियोटिक फ्लूइड की थैली फटने के कारण पानी छूटना।

जल्दी डिलीवरी होने के लिए क्या करना चाहिए?

उसे किसी प्राकार का कोई तनाव न हो. मां की मानसिक स्थिति का सीधा असर बच्चे के जन्म और डिलीवरी पर पड़ता है..
स्वस्थ रहें ... .
सही आहार लेना है बहुत जरूरी ... .
पानी पीते रहें ... .
टहलना ... .
व्यायाम करें और तनावमुक्त रहें.