सड़कों पर आते-जाते अक्सर हम कई पेड़ देखते हैं। ये पेड़ हमें ऑक्सीजन और छांव देते हैं। इन्हीं पेड़ों में से एक है बरगद का पेड़। इसका वैज्ञानिक नाम फाइकस बेंगालेंसिस (Ficus Benghalensis) है। वैसे तो हर पेड़ का अपना एक अलग महत्त्व है, लेकिन यह पेड़ कुछ अलग है। वजह यह है कि यह पेड़ लंबे समय तक टिका रहता है। सूखा और पतझड़ आने पर भी यह हरा-भरा बना रहता है और सदैव बढ़ता रहता है। यही कारण है कि इसे राष्ट्रीय वृक्ष का दर्जा प्राप्त है। धार्मिक तौर पर तो यह पूजनीय है ही, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि अपने औषधीय गुणों के कारण यह कई शारीरिक समस्याओं को दूर करने में भी कारगर साबित होता है। यहीं कारण है कि सालों से इसका इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवा में किया जा रहा है। दवा के रूप में इसका इस्तेमाल करने से पहले आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम आपको बरगद के पेड़ के ऐसे ही कई चमत्कारिक गुणों और फायदों के बारे में बता रहे हैं। Show
बरगद के पेड़ की जानकारी हासिल करने से पहले हम बरगद के पेड़ के फायदे जान लेते हैं। विषय सूची
1. दांत और मसूड़ों को रखे स्वस्थबरगद के पेड़ के सभी भागों (जड़, तना, पत्तियां, फल और छाल) को औषधीय उपयोग में लाया जाता है। इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट (सूजन घटाने वाला) और एंटी-माइक्रोबियल (बैक्टीरिया को नष्ट करने वाला) प्रभाव के कारण इसे दांतों में सड़न और मसूड़ों में सूजन की समस्या को कम करने में सहायक माना गया है (1)। इसकी जड़ को चबाकर नरम करने के बाद मंजन की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रक्रिया के माध्यम से दांतों से संबंधित कई परेशानियां दूर की जा सकती हैं। 2. प्रतिरोधक क्षमता में सुधारबरगद के पेड़ के फायदे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी काम आ सकते हैं। विशेषज्ञों के मुताबिक इसकी पत्तियों में कुछ खास तत्व जैसे :- हेक्सेन, ब्यूटेनॉल, क्लोरोफॉर्म और पानी मौजूद होता है। ये सभी तत्व संयुक्त रूप से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होते हैं। इस कारण हम कह सकते हैं कि बरगद के पेड़ की पत्तियों का सेवन करने से शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है (2)। 3. बवासीर में दिलाए राहतबरगद के पेड़ से बवासीर जैसी समस्या को भी दूर किया जा सकता है। बताया जाता है कि बरगद के पेड़ से निकलने वाले दूध में रेजिन, एल्ब्यूमिन, सेरिन, शुगर और मैलिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये तत्व संयुक्त रूप से दस्त, डिसेंट्री (दस्त के साथ खून आना) और बवासीर की समस्या में राहत पहुंचाने का काम करते हैं (2)। इस कारण हम कह सकते हैं कि बरगद के दूध के फायदे में बवासीर की समस्या से छुटकारा भी शामिल है। 4. डायबिटीज को दूर करने में मददगार
Shutterstock डायबिटीज की समस्या में भी बरगद के पेड़ के फायदे मददगार साबित हो सकते हैं। वजह यह है कि इस पेड़ की जड़ में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है (3)। इसलिए, डायबिटीज की समस्या से राहत पाने के लिए बरगद के पेड़ की जड़ का अर्क पीने की सलाह दी जाती है। 5. डिप्रेशन में सहायकडिप्रेशन की समस्या में भी बरगद के पेड़ को लाभकारी माना गया है। दरअसल, बरगद पर किए गए एक शोध में इस बात का जिक्र मिलता है कि बरगद के संपूर्ण पेड़ में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो मानसिक क्षमता को बढ़ाने के साथ चिंता और तनाव की समस्या को दूर करने में सक्षम हैं। वहीं, यह दिमाग की नसों को भी आराम पहुंचाते हैं (4)। अवसाद की समस्या एक मानसिक विकार है, जो चिंता और तनाव के कारण ही जन्म लेती है (5)। इस कारण हम कह सकते हैं कि बरगद की जड़ के फायदे में डिप्रेशन से छुटकारा भी शामिल है। 6. डायरिया में लाभदायकजैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि बरगद के पेड़ से निकलने वाले दूध में रेजिन, एल्ब्यूमिन, सेरिन, शुगर और मैलिक एसिड जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये तत्व संयुक्त रूप से डायरिया, डिसेंट्री और बवासीर की समस्या में लाभदायक माने जाते हैं (2)। ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि डायरिया की समस्या में भी बरगद के दूध के फायदे सकारात्मक परिणाम प्रदर्शित कर सकते हैं। 7. बांझपन और नपुंसकता में लाभदायकबांझपन और नपुंसकता की समस्या को दूर करने में भी बरगद का पेड़ लाभदायक साबित हो सकता है। बताया जाता है कि इससे निकलने वाले दूध का सेवन पुरुषों में शुक्राणुओं की मात्रा को बढ़ाने और महिलाओं में कई यौन संबंधी समस्याओं को दूर करने में सहायक है (6)। हालांकि, बरगद के दूध के फायदे यौन समस्याओं के लिए फायदेमंद हैं, इस संबंध में अभी और शोध की आवश्यकता है। 8. जोड़ों के दर्द में मददगार
Shutterstock विशेषज्ञों के मुताबिक बरगद की पत्तियों में कुछ खास तत्व जैसे :- हेक्सेन, ब्यूटेनॉल, क्लोरोफॉर्म और पानी मौजूद होते हैं। ये सभी तत्व संयुक्त रूप से प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में सहायक साबित होते हैं। वहीं, इस संबंध में किए गए शोध में इस बात का भी जिक्र मिलता है कि प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने के कारण जोड़ों में दर्द (अर्थराइटिस) की समस्या पैदा हो सकती है। वहीं, इसमें मौजूद एंटी इंफ्लेमेटरी गुण सूजन को रोकने में मदद करते हैं (2)। इस कारण हम कह सकते हैं कि जोड़ों के दर्द की समस्या में इसकी पत्तियों का सेवन लाभकारी सिद्ध हो सकता है। 9. यूरिनेशन को करे नियंत्रितबरगद के पेड़ के औषधीय गुणों में यूरिनरी समस्या को दूर करना भी शामिल है। बताया जाता है कि इस पेड़ के विभिन्न भागों के अर्क का उपयोग इस समस्या को दूर करने के लिए किया जाता है (2)। दरअसल, उम्र के साथ कई लोगों को यूरिनेशन में तकलीफ होने लगती है। वहीं कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिनमें मूत्राशय की नसें इतनी कमजोर हो जाती हैं कि वे मूत्र को नियंत्रित नहीं कर पाते। ऐसे में बरगद के पत्ते का उपयोग काफी असरदार सिद्ध हो सकता है। 10. फोड़े/ फुंसी की समस्या को करे दूरफोड़े-फुंसी की समस्या त्वचा से संबंधित एक विकार है (7)। वहीं, बरगद के पेड़ के विभिन्न भागों में कुछ ऐसे तत्व पाए जाते हैं, जो त्वचा से संबंधी कई विकारों को दूर करने में सहायक माने जाते हैं (2)। इस कारण हम कह सकते हैं कि फोड़े-फुंसी की समस्या में भी बरगद की जड़ के फायदे पाए जा सकते हैं, लेकिन इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है। 11. कोलेस्ट्रॉल को करे नियंत्रितबरगद के पेड़ से संबंधित औषधीय गुणों पर किए गए एक शोध में पाया गया कि इस पेड़ के जलीय अर्क (Water Extract) का सेवन कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को नियंत्रित कर सकता है (8)। इस कारण यह कहना गलत नहीं होगा कि फल, पत्तियों और छाल के साथ-साथ बरगद के पत्ते का उपयोग बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल को सामान्य स्तर पर ला सकता है। 12. खुजली की समस्या को करे दूर
Shutterstock आमतौर पर त्वचा पर बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण आपको खुजली जैसी समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में बरगद में मौजूद एंटी-माइक्रोबियल प्रभाव इस समस्या से राहत दिलाने में सहायक साबित हो सकते हैं (8)। इसके लिए आप बरगद के पत्ते का उपयोग लेप बनाकर कर सकते हैं। इसके अलावा, आप इसकी छाल का लेप भी प्रभावित स्थान पर लगा सकते हैं। 13. त्वचा के लिए लाभकारीजैसा कि आपको लेख में पहले भी बताया जा चुका है कि बरगद के औषधीय गुण के कारण इसके पेड़ के विभिन्न भागों में एंटी इंफ्लेमेटरी और एंटी माइक्रोबियल प्रभाव पाए जाते हैं। इन प्रभावों की मौजूदगी के कारण ही यह त्वचा संबधी कई विकारों को दूर करने में सहायक साबित होता है (1)। 14. बालों के लिए उपयोगीबालों का झड़ना एक गंभीर समस्या है, जिसका एक मुख्य कारण बैक्टीरियल इन्फेक्शन भी हो सकता है (9)। वहीं, हम लेखे में पहले भी बता चुके हैं कि बरगद में एंटी-माइक्रोबियल गुण पाया जाता है, जो बैक्टीरियल इन्फेक्शन को दूर करने में मदद करता है (1)। इस कारण हम कह सकते हैं कि बरगद के पेड़ की छाल और पत्तियों से बना लेप आपके बालों को स्वस्थ बनाए रखने में भी मदद कर सकता है, हालांकि इस विषय पर अभी और शोध की आवश्यकता है। बरगद के पेड़ के फायदे जानने के बाद अब आती है इसके पोषक तत्वों की बारी। बरगद के पेड़ के पौष्टिक तत्व – Banyan Tree Nutritional Value in Hindiपौष्टिक तत्वों की बात करें, तो बरगद के पेड़ में कई ऐसे रसायन मौजूद होते हैं, जिनके कारण इसे औषधीय गुणों से भरपूर माना गया है। आइए, कुछ बिंदुओं के माध्यम से उन पर डालते हैं एक नजर (10)।
बरगद की पत्तियों में पाए जाने वाले पोषक तत्व :
लेख के आगे के भाग में हम आपको बरगद के पेड़ के उपयोग के तरीकों के बारे में बताएंगे। बरगद के पेड़ का उपयोग – How to Use Banyan Tree (Bargad) in Hindiबरगद के औषधीय गुण को ध्यान में रखते हुए इसे निम्न प्रकार से उपयोग में लाया जा सकता है।
कब इस्तेमाल करें- लेप के रूप में इसे दिन में दो से तीन बार और सेवन के लिए इसे एक से दो बार इस्तेमाल किया जा सकता है। मात्रा :
नोट – बताई गई शारीरिक समस्याओं के लिए बरगद के किसी भी भाग का इस्तेमाल करने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें। लेख के अगले भाग में अब हम बरगद के पेड़ के नुकसान के बारे में बात करेंगे। बरगद के पेड़ के नुकसान – Side Effects of Banyan Tree in Hindiवैसे तो बरगद के पेड़ के नुकसान अभी तक पता नहीं चले हैं और न ही इसका कोई वैज्ञानिक प्रमाण उपलब्ध है। फिर भी इसकी संतुलित मात्रा ली जाने की सलाह दी जाती। ऐसे में आपको इन बातों पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
बरगद के औषधीय गुण तो अब आप अच्छे से जान ही गए होंगे। साथ ही आपको यह भी मालूम हो गया होगा कि किन-किन समस्याओं में आप इसको उपयोग में ला सकते हैं। लेख के माध्यम से हमने आपको बरगद के उपयोग के तरीके और सेवन के लिए इसकी ली जाने वाली मात्रा के बारे में भी आवश्यक जानकारी दी है। ऐसे में अगर आप भी बरगद के गुणों से प्रभावित हुए हैं और इसके इस्तेमाल के बारे में
सोच रहे हैं, तो हमारी आपको यही राय है कि पहले आप लेख में दी गई सभी जानकारियों को अच्छे से पढ़ें, उसके बाद ही इसे इस्तेमाल में लाएं। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके काम आएगी। इस लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करना न भूलें। SourcesArticles on StyleCraze are backed by verified information from peer-reviewed and academic research papers, reputed organizations, research institutions, and medical associations to ensure accuracy and relevance. Check out our editorial policy for further details.
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पुजा कुमारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। इन्होंने वर्ष 2015 में अपने... more Neha Srivastava - Nutritionist M.Sc -Life Science PG Diploma in Dietetics & Hospital Food Services. I am a focused health... more बरगद का दूध कैसे पीना चाहिए?बरगद के दूध का सेवन आपको हमेशा आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह पर ही करना चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति को इसका सेवन करने से बचना चाहिए। साथ ही रोगी व्यक्ति को सीमित मात्रा में ही इसका सेवन करना चाहिए, साथ ही ठीक होते ही इसका सेवन बंद कर देना चाहिए। आपको बरगद का दूध का सेवन किसी चीज के साथ मिलाकर करना चाहिए।
बरगद का दूध कितना पीना चाहिए?नाइट फॉल की समस्या ऐसे करें ठीक आयुर्वेद के अनुसार जिन लोगों का शरीर कमजोर है और नाइट फॉल की समस्या है, उन्हें बरगद के दूध का सेवन सुबह खाली पेट करना चाहिये। इसको ठीक इसी विधि से प्रयोग करें, जैसा यहां लिखा गया है। बताशे पर 5-6 बूंद बरगद के दूध को टपकाएं और दिन में 5-7 बार खाएं।
बड़ का दूध पीने से क्या होता है?बरगद का दूध प्रकृति में ठंडा है। यह शरीर से अनावश्यक गर्मी को हटा देता है। इसका दूध शरीर के तीनों दोषों को नष्ट कर देता है, अर्थात् वाता, पित्त और कफ। इसलिए, अपने दूध का सेवन करके, वात, पित्त और कफ से उत्पन्न होने वाली कोई भी समस्या आपके शरीर में नहीं रह सकती है।
बरगद की जड़ पीने से क्या होता है?डायबिटीज को दूर करने में मददगार
डायबिटीज की समस्या में भी बरगद के पेड़ के फायदे मददगार साबित हो सकते हैं। वजह यह है कि इस पेड़ की जड़ में हाइपोग्लाइसेमिक (ब्लड शुगर को कम करने वाला) प्रभाव पाया जाता है (3)। इसलिए, डायबिटीज की समस्या से राहत पाने के लिए बरगद के पेड़ की जड़ का अर्क पीने की सलाह दी जाती है।
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