बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए? - budhavaar ke kitane vrat rakhane chaahie?

* कैसे करें बुधवार व्रत, जानिए पूजा विधि...

पौराणिक मान्यता के अनुसार बुधवार के व्रत का आरंभ विशाखा नक्षत्रयुक्त बुधवार को करना चाहिए और इसके बाद लगातार सात बुधवार तक व्रत करना चाहिए।

इस व्रत को अगर विधि-विधान से किया जाएं तो व्रती की सभी मनोकामनाएं माता लक्ष्मी पूर्ण करती हैं। व्रती के जीवन में सुख-शांति रहती है और घर धन-धान्य से भरे रहते हैं।

* प्रात:काल उठें व नित्यक्रियाओं से निपटने के पश्चात स्नानादि से स्वच्छ होकर भगवान बुध की पूजा करनी चाहिए।

* व्रती हरे रंग की माला या वस्त्रों का प्रयोग करे तो उत्तम रहता है।

* कैसे करें बुधवार व्रत, जानिए पूजा विधि...

पौराणिक मान्यता के अनुसार बुधवार के व्रत का आरंभ विशाखा नक्षत्रयुक्त बुधवार को करना चाहिए और इसके बाद लगातार सात बुधवार तक व्रत करना चाहिए।

इस व्रत को अगर विधि-विधान से किया जाएं तो व्रती की सभी मनोकामनाएं माता लक्ष्मी पूर्ण करती हैं। व्रती के जीवन में सुख-शांति रहती है और घर धन-धान्य से भरे रहते हैं।

* प्रात:काल उठें व नित्यक्रियाओं से निपटने के पश्चात स्नानादि से स्वच्छ होकर भगवान बुध की पूजा करनी चाहिए।

* व्रती हरे रंग की माला या वस्त्रों का प्रयोग करे तो उत्तम रहता है।

बुधवार व्रत विधि (Budhvar Vrat Vidhi)

बुधवार व्रत विधि के अनुसार किया जाना चाहिए तभी फलदायी सिद्ध होता हैं। बुध ग्रह को शांत करने के लिए बुधवार व्रत किया जाता है। शिक्षा, त्वचा रोग, बुद्धि और व्यापार आदि में प्रगति के लिए बुधवार व्रत को अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है। बुधवार व्रत में बुद्ध देव के साथ भगवान गणेश की पूजा का विधान है। इस स्टोरी में जानें बुधवार व्रत विधि-

बुधवार व्रत विधि (Budhvar Vrat Vidhi in Hindi)

अग्नि पुराण में बताया गया हैं कि बुध-संबंधी व्रत विशाखा नक्षत्र युक्त बुधवार को आरंभ करना चाहिए। और लगातार सात बुधवार तक यह व्रत किया जाना चाहिए। बुधवार का व्रत शुरू करने से पहले भगवान गणेश के साथ नवग्रहों की भी पूजा करनी चाहिए।

ध्यान दें कि बुधवार व्रत के दौरान भागवत महापुराण का पाठ अवश्य करना चाहिए। बुधवार व्रत को शुक्ल पक्ष आने वाले पहले बुधवार से शुरू करना शुभ माना जाता है। बुधवार व्रत करने से व्यक्ति का जीवन में सुख-शांति से और घर धन-धान्य से भरा रहता है।

  • बुधवार को प्रात: सभी कार्यों से निवृत्त हो, स्नानादि कर पवित्र हो जाएं।
  • भगवान बुध की पूजा करें।
  • व्रत करने वाले जातक को हरे रंग की माला या वस्त्रों का अवश्य धारण करने चाहिए।
  • भगवान बुध की प्रतिमा न होने पर भगवान शंकर की मूर्ति या भगवान गणेश की पूजा भी की जा सकती हैं।
  • पूरे दिन फलाहार से ही व्रत करना चाहिए।
  • शाम के समय संध्या आरती कर एक समय भोजन करना चाहिए।
  • बुधवार व्रत में हरे रंग के वस्त्रों, फूलों और सब्जियों का दान जरूर देना चाहिए।
  • बुधवार व्रत में एक समय दही, मूंग दाल का हलवा या हरी वस्तु से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए।

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बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए? - budhavaar ke kitane vrat rakhane chaahie?

Wednesday Vrat: बुधवार का दिन गणेश जी और बुध देव को समर्पित है. बुद्धि, विद्या, धन, ग्रहों की शुभता के लिए बुधवार का व्रत बहुत लाभकारी माना गया है. जानते हैं इस व्रत की विधि, नियम और कब से शुरु करें-

बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए? - budhavaar ke kitane vrat rakhane chaahie?

बुधवार व्रत कब से शुरू करें - धर्म ग्रंथों के अनुसार किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से इस व्रत की शुरुआत करना उचित माना गया है. मनोकामना पूर्ति के लिए इस व्रत की संख्या 7 या 21 होनी चाहिए. आखिरी व्रत वाले दिन विधि वत पूजा कर उद्यापन करें. मान्यता है कि पितृ पक्ष में इस व्रत को शुरु नहीं करना चाहिए.

बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए? - budhavaar ke kitane vrat rakhane chaahie?

बुधवार व्रत के नियम - व्रतधारी बुधवार व्रत वाले दिन नमक से युक्त भोजन ग्रहण न करें. फलाहार ले सकते हैं और पूजा के बाद शाम को प्रसाद खाकर ही व्रत का पारण करें.

बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए? - budhavaar ke kitane vrat rakhane chaahie?

बुधवार व्रत में हरे रंग का विशेष महत्व है. इस दिन पूजा में हरे वस्त्र पहने. साथ ही जरुरतमंदों को हरे मूंग की दाल, वस्त्र आदि दान करें.

बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए? - budhavaar ke kitane vrat rakhane chaahie?

बुधवार व्रत विधि - इस दिन सुबह प्रात: काल स्नानादि से निवृत्त होकर सामर्थ्य अनुसार व्रत का संकल्प लें. गणपति जी की षोडोपचार से पूजा करें. उन्हें रोली, मौली, अक्षत, जनेऊ, दूर्वा, दीपक, धूप, फूल, अर्पित करें. मोदक या मोतीचूर के लड्‌डू का भोग लगाएं. बुधवार व्रत की कथा पढ़ें.

बुधवार के कितने व्रत रखने चाहिए? - budhavaar ke kitane vrat rakhane chaahie?

बुधदेव का स्मरण करने बुध यंत्र की पूजा करें. जल में हरी इलायची और कपूर मिलाकर बुध देवता को अर्घ्य दें. ‘ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाये नम:’ मंत्र का 5 माला जाप करें. साथ ही गणेश चालीसा का पाठ करें और फिर आरती कर. गरीबों को दान दें

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बुधवार के कितने व्रत करना चाहिए?

मनोकामना पूर्ति के लिए इस व्रत की संख्या 7 या 21 होनी चाहिए. आखिरी व्रत वाले दिन विधि वत पूजा कर उद्यापन करें. मान्यता है कि पितृ पक्ष में इस व्रत को शुरु नहीं करना चाहिए. बुधवार व्रत के नियम - व्रतधारी बुधवार व्रत वाले दिन नमक से युक्त भोजन ग्रहण न करें.

बुधवार को क्या नहीं करना चाहिए?

बुधवार को भूलकर भी न करें ये कार्य पान नहीं खाना चाहिएबुधवार को दूध को जलाकर रबड़ी, खोया या फिर खीर नहीं बनानी चाहिए। इस दिन न ही नए जूते और कपड़े खरीदें और न ही नए पहनें। इस दिन भूलकर भी घर की या फिर बाहर की किसी कन्‍या को डांट नहीं लगानी चाहिए

बुध का व्रत कैसे किया जाता है?

बुधवार के व्रत की पूजा विधि पूजा के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करना शुभ होता है. यदि पूर्व दिशा में मुख करना संभव न हो तो आप उत्तर दिशा की ओर मुख करके भी पूजा की शुरुआत कर सकते हैं. आसन पर बैठकर भगवान गणेश जी की फूल, धूप, दीप, कपूर, चंदन से पूजा अर्चना करें. मान्यता है कि पूजा में दूब यानि दूर्वा अर्पित करना शुभ होता है.

बुधवार का उपवास करने से क्या होता है?

- बुधवार का व्रत करने से जीनव में धन की कमी से मुक्ति मिलती है, और सुखों की प्राप्ति होती है। - बुध को माल और व्यापारियों का स्वामी माना जाता है। इसीलिए अगर आप के व्यापार में परेशानियां आ रहीं हैं तो ये व्रत करने से परेशानियां दूर हो सकतीं हैं।