Show बरगद के विशाल वृक्ष का नीचे वाला भाग (कली) बरगद बहुवर्षीय विशाल वृक्ष है। इसे 'वट' और 'बड़' भी कहते हैं। यह एक स्थलीय द्विबीजपत्री एंव सपुष्पक वृक्ष है। इसका तना सीधा एंव कठोर होता है। इसकी शाखाओं से जड़े निकलकर हवा में लटकती हैं तथा बढ़ते हुए धरती के भीतर घुस जाती हैं एंव स्तंभ बन जाती हैं। इन जड़ों को बरोह या प्राप जड़ कहते हैं। इसका फल छोटा गोलाकार एंव लाल रंग का होता है। इसके अन्दर बीज पाया जाता है। इसका बीज बहुत छोटा होता है किन्तु इसका पेड़ बहुत विशाल होता है। इसकी पत्ती चौड़ी, एंव लगभग अण्डाकार होती है। इसकी पत्ती, शाखाओं एंव कलिकाओं को तोड़ने से दूध जैसा रस निकलता है जिसे लेटेक्स अम्ल कहा जाता है। अनुक्रम
धार्मिक महत्व[संपादित करें]बरगद के पके हुए फल हिंदू धर्म में वट वृक्ष की बहुत महत्ता है। ब्रह्मा, विष्णु, महेश की त्रिमूर्ति की तरह ही वट,पीपल व बेलपत्र को माना जाता है, अतएव बरगद को शिव समान माना जाता है। अनेक व्रत व त्यौहारों में वटवृक्ष की पूजा की जाती है। यह आस्था के ऊपर निर्भर करता है।
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सन्दर्भ[संपादित करें]बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
बड़ के पेड़ को हिंदी में क्या कहते हैं?बरगद के पेड़ को वट वृक्ष या बड़ के पेड़ भी कहा जाता है।
बरगद के पेड़ का दूसरा नाम क्या है?बरगद बहुवर्षीय विशाल वृक्ष है। इसे 'वट' और 'बड़' भी कहते हैं।
बड़ के पेड़ को इंग्लिश में क्या बोलते हैं?बरगद MEANING IN ENGLISH - EXACT MATCHES
Usage : banyan is a holly tree.
बड़ के पेड़ में किसका वास होता है?बरगद के पेड़ में ब्रह्मा जी, श्रीहरि और शिव निवास करते हैं.
Banyan Tree Worship: हिंदू धर्म में बरगद यानी वटवृक्ष को देव वृक्ष माना जाता है. मान्यता के अनुसार, बरगद के पेड़ में भगवान ब्रह्मा जी, श्रीहरि और शिव निवास करते हैं. बरगद के पेड़ों की उम्र सबसे ज्यादा होती है, इसलिए इसे 'अक्षयवट' भी कहा जाता है.
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