Bihar Board Class 7 Hindi Book Solutions Kislay Bhag 2 Chapter 16 बूढ़ी पृथ्वी का दुख Text Book Questions and Answers and Summary. Show
BSEB Bihar Board Class 7 Hindi Solutions Chapter 16 बूढ़ी पृथ्वी का दुखBihar Board Class 7 Hindi बूढ़ी पृथ्वी का दुख Text Book Questions and Answersपाठ से – बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता का भावार्थ Bihar Board प्रश्न 1. Budhi Prithvi Ka Dukh Bihar Board प्रश्न 2. पाठ से आगे – Budhi Prithvi Ka Dukh Question Answer Bihar Board प्रश्न 1. बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता का अर्थ Bihar Board प्रश्न 2. बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता में Bihar Board प्रश्न 3. बूढ़ी पृथ्वी का दुख Summary in Hindiसरलार्थ – इस कविता में कवयित्री ने दिन-प्रतिदिन दूषित हो रहे पर्यावरण के प्रति संवेदना व्यक्त की है। क्या तुमने कभी सुना है, कुल्हाड़ियों के वार सहते क्या होती है, तुम्हारे भीतर धमस सुना है
कभी इस घाट पर अपने कपड़े और मवेशियाँ धोते कभी महसूस किया कि किस कदर दहलता है सुनाई पड़ी है कभी भरी दुपहरिया में खून की उल्टियाँ करते थोड़ा-सा वक्त चुराकर बतियाया है कभी अगर नहीं, तो क्षमा करना । अर्थात् मानव यदि हो तो मानव पर आने वाले खतरा का समझने की कोशिश करो और यावरण का बचाओ।
4 years ago बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता में मौन समाधि लिए कौन बैठा है?पहाड़ मौन समाधि लिए बैठा है अर्थात् विशाल पहाड़ की स्थिरता को देखकर लगता है, जैसे वह मौन समाधि में बैठा हो ।
बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता की कवयित्री कौन है?निर्मला पुतुल की करुण कविता 'बूढ़ी पृथ्वी का दुख'
बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता के अनुसार जल का उपयोग करते समय हमें किसका ध्यान रखना चाहिए?नदियों की सफाई पर ध्यान देना होगा।
बूढ़ी पृथ्वी का दुख कविता के अनुसार सन्नाटे में नदियाँ क्या करती हैं?देवताओं को उसी जल से अर्घ्य दिया जाता है। उस अमृत जैसे जल में लोग कूड़े-कचड़े, शहरों की नालियों के गंदे जल तथा मृत जीव-जन्तुओं को बहाकर दूषित कर रहे हैं। लोगों के इस अज्ञानतापूर्ण व्यवहार पर रात के सन्नाटे में कल-कल की आवाज करती नदियाँ रोती सुनाई पड़ती हैं ।
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