सिर दर्द का कारण क्या हो सकता है? - sir dard ka kaaran kya ho sakata hai?

Published on: 22 January 2022, 19:00 pm IST

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वैसे तो सिरदर्द एक आम समस्या है और ज्यादातर लोग इससे परेशान रहते हैं। कई मामलों में सिरदर्द की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है, लेकिन कई बार यह एक गंभीर रूप ले लेती है। ऐसी स्थिति में डॉक्टर को दिखाना पड़ता है। कई बार लोग यह नहीं जान पाते है कि यह सामान्य है या फिर गंभीर मामला है। नतीजतन, सिरदर्द की समस्या लगातार बनी रहती है। तो आइए जानते हैं कि आखिर कब सिरदर्द को नज़रअंदाज करने से बचना चाहिए और उचित ट्रीटमेंट लेना चाहिए।

गर्दन में अकड़न या बुखार के साथ सिरदर्द

कई लोगों को गर्दन में अकड़न या बुखार के साथ सिरदर्द होता है। असल में यह इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। इंसेफेलाइटिस को दिमागी बुखार या मस्तिष्क ज्वर कहा जाता है। वहीं, मेनिन्जाइटिस एक संक्रामक रोग जिसमें मेनिन्जेस में सूजन आ जाती है। इस तरह का सिरदर्द खतरनाक हो सकता है। जिन लोगों को मधुमेह या कमजोर इम्यून की समस्या है, उनके लिए यह जानलेवा हो सकता है। इंसेफेलाइटिस या मेनिन्जाइटिस के उपचार के लिए रोगप्रतिरोधक दवाइयां दी जाती है।

माइग्रेन या क्लस्टर हेडेक

जो लोग किसी बात से परेशान है या किसी बात का स्ट्रेस ले रहे हैं, उन्हें पूरे सिर में दर्द होता है। लेकिन क्लस्टर हेडेक या माइग्रेन का सिरदर्द अलग होता है। माइग्रेन के कारण सिर के किसी एक हिस्से में तेज दर्द होता है। इससे पीड़ित लोगों को तेज दर्द के साथ उल्टी और मिचली आती है। कई बार दर्द इतना तेज होता है कि या तो नींद नहीं आती या तेज दर्द के कारण अचानक नींद खुल जाती है। यह एक तरह से क्लस्टर हेडेक का दर्द हो सकता है। यह समस्या 20 से 50 साल के लोगों ज्यादा देखी जाती है। कई बार लोगों को ब्रेन ट्यूमर, स्लीप एपनिया तथा हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के कारण भी सिरदर्द होता है।

तनाव के कारण सिरदर्द

आमतौर पर व्यस्क और किशोर पढ़ाई या दूसरी बातों का स्ट्रेस ले लेते हैं, जिसके कारण सिरदर्द होता है। इसमें कई बार अपने आप सिरदर्द शुरू हो जाता है और अपने आप बंद हो जाता है। हालांकि, तनाव के कारण होने वाले सिरदर्द के कोई दूसरे लक्षण नज़र नहीं आते हैं।

थंडरक्लैप सिरदर्द

थंडरक्लैप सिरदर्द एक गंभीर बीमारी है। इसमें महज कुछ सेकंड्स में तेज दर्द शुरू हो जाता है। कई बार स्ट्रोक, धमनियों के डैमेज हो जाने या सिर में किसी तरह की चोट की वजह से दिमाग से खून बहने लगता है। सिर के किसी भी हिस्से में यह दर्द हो सकता है। लेकिन बाद में दर्द सिर से पीठ की तरफ बढ़ जाता है। घंटों तक यह दर्द बना रहता है। थंडरक्लैप सिरदर्द के कारण कई बार मिचली, बेहोशी और चक्कर आने की समस्या आती है। जिन लोगों को उच्च रक्तचाप
की समस्या है उन्हें तेज सिरदर्द होता है।

अत्यधिक तनाव भी सिरदर्द का एक कारण है।
चित्र: शटरस्टॉक

साइनस सिरदर्द

इसमें सिर में पाई जाने वाली साइनस या कैविटी में सूजन आने के कारण तेज सिरदर्द होता है। साइनस का दर्द बहुत तेज और लगातार होता है। यह दर्द सिर के अलावा नाक की ऊपरी हिस्से या गाल की हड्डी पर भी हो सकता है। इस दर्द के कारण चेहरे पर सूजन, कान बंद होना, बुखार और नाक बहना जैसी समस्याएं आती है। कई बार साइनस के दर्द के कारण नाक से हरे और पीले रंग का कफ जैसा पदार्थ निकलता है।

चोट के कारण सिरदर्द

सिर में गंभीर चोट लगने के कारण सिरदर्द होता है और दिमाग से खून बहने लगता है। इस तरह की चोट जानलेवा भी हो सकती है। ऐसे में तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। सिर पर चोट के कारण कई बार याददाश्त चली जाती है। इस तरह की चोट के कारण अत्यधिक थकान, एकाग्रता में कमी और चिड़चिड़ापन जैसी समस्याएं होती है।

आंखों की बीमारी के कारण सिरदर्द

कई लोगों को आंखों का धुंधलापन, रेटिना की दिक्कत या आंखों की दूसरी समस्याओं के कारण भी तेज सिर दर्द होता है। जिन लोगों की आंखों रोशनी कम होती है, उन्हें भी सिरदर्द होता है। इस तरह की समस्या से जूझने वाले लोगों को डॉक्टर को अवश्य दिखाना चाहिए।

सिरदर्द के कुछ असामान्य कारण

इसके अलावा भी सिरदर्द के दूसरे कारण हो सकते हैं। दरअसल, जिन लोगों की उम्र 50 साल या उससे अधिक है, ऐसे लोगों के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। वहीं शारीरिक कमजोरी भी बढ़ जाती है। इस कारण से सिरदर्द होता है। वहीं, कुछ महिलाओं को मेनोपॉज के दौरान सिरदर्द का अनुभव होता है।

सिरदर्द के सामान्य लक्षण

कई बार सिरदर्द शरीर में होने वाले परिवर्तन की ओर इशारा करता है। जैसे कि कई लोगों को चाय या कॉफी पीने आदत होती है। इससे कैफीन की लत पड़ जाती है और जब ये लोग इसका सेवन नहीं करते हैं तो सिरदर्द होने लगता है। कभी-कभी अत्यधिक शराब पीने या डिहाइड्रेशन के कारण सिरदर्द की समस्या आती है। कुछ लोगों को स्मोकिंग की आदत होती है। ऐसे लोगों के अचानक स्मोकिंग छोड़ने पर सिरदर्द होता है। आमतौर पर अत्यधिक काम का तनाव, नींद पूरी न होने के कारण भी सिरदर्द होता है। इससे निजात पाने के लिए पर्याप्त नींद लेना चाहिए

नजरअंदाज न करें

आमतौर पर सिरदर्द की समस्या पेन किलर दवाई लेने से ठीक हो जाती है। अगर, लगातार सिरदर्द हो रहा है या इनमें से सिरदर्द की कोई गंभीर बीमारी है। ऐसी स्थिति में सामान्य दर्द समझने की भूल न करें। इसके लिए तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और खुद को पर्याप्त आराम देना चाहिए।

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सिरदर्द या शिरपीड़ा (शिरपीड़ा (Headache) सिर, गर्दन या कभी-कभी पीठ के उपरी भाग के दर्द की अवस्था है। यह सबसे अधिक होने वाली तकलीफ है, जो कुछ व्यक्तियों में बार बार होता है। सिरदर्द की आमतौर पर कोई गंभीर वजह नहीं होती, इसलिए लाइफस्टाइल में बदलाव और रिलैक्सेशन के तरीके सीखकर इसे दूर किया जा सकता है। इसके अलावा कुछ घरेलू उपाय भी होते हैं, जिन्हें अपनाकर सिरदर्द से राहत मिल सकती है।

कारण[संपादित करें]

सिरदर्द केवल एक लक्षण है, कोई रोग नहीं। इसके अनेक कारण हो सकते हैं, जैसे साधारण चिंता से लेकर घातक मस्तिष्क अर्बुद तक। इसके सौ से भी अधिक कारणों का वर्णन यहाँ संभव नहीं है, पर उल्लेखनीय कारण निम्नांकित समूहों में वर्णित हैं :

1. शिर:पीड़ा के करोटि के भीतर के कारण -

  • मस्तिष्क के रोग - अर्बुद, फोड़ा, मस्तिष्कशोथ तथा मस्तिष्काघात;
  • तानिका के रोग - तानिकाशोथ, अर्बुद, सिस्ट (cyst) तथा रुधिरसमूह (हीमेटोमा);
  • रक्तनलिकाओं के रोग - रक्तस्राव, रक्तावरोध, थ्रॉम्बोसिस (thrombosis) तथा रक्तनलिका फैलाव (aneurism), धमनी काठिन्य आदि।

2. शिर:पीड़ा के करोटि के बाहर के कारण -

  • शिरोवल्क के अर्बुद, मांसपेशियों का गठिया तथा तृतीयक उपदश;
  • नेत्र गोलक के अर्बुद, फोड़ा, ग्लॉकोमा (glauscoma), नेत्र श्लेष्मला शोथ तथा दृष्टि की कमजोरी;
  • दाँतों के रोग - फोड़ा तथा अस्थिक्षय;
  • करोटि के वायुविवर के फोड़े, अर्बुद तथा शोथ;
  • कर्णरोग - फोड़ा तथा शोफ़;
  • नासिका रोग - नजला, पॉलिप (polyp) तथा नासिका पट का टेढ़ापन और
  • गले के रोग - नजला, टांन्सिल के रोग, ऐडिनाइड (adenoid) तथा पॉलिप।

3. विषजन्य शिर:पीड़ा के कारण -

  • बहिर्जनित विष - विषैली गैस, बंद कमरे का वातावरण, मोटर की गैस, कोल गैस, क्लोरोफॉर्म, ईथर और औषधियाँ, जैसे कुनैन, ऐस्पिरिन, अफीम, तंबाकू, शराब, अत्यधिक विटामिन डी, सीसा विष, खाद्य विष तथा ऐलर्जी (allergy);
  • अंतर्जनित विष - रक्तमूत्र विषाक्तता, रक्तपित्त विषाक्तता, मधुमेह, गठिया, कब्ज, अपच, यकृत के रोग, मलेरिया, टाइफॉइड, (typhoid), टाइफस (typhus) इंफ्ल्यूएंज़ा, फोड़ा, फुंसी तथा कारबंकल।

4. शिर:पीड़ा के क्रियागत कारण -

  • अति रुधिर तनाव - धमनी काठिन्य तथा गुर्दे के रोग;
  • अल्प तनाव - रक्ताल्पता तथा हृदय के रोग;
  • मानसिक तनाव - अंतद्वैद्व, चेतन एवं अचेतन मस्तिष्क का संघर्ष
  • शिर पर अत्यधिक दबाव;
  • अत्यधिक शोर;
  • विशाल चित्रपट से आँखों पपर तनाव;
  • लंबी यात्रा (मोटर, ट्रेन, हवाई यात्रा);
  • लू लगना;
  • हिस्टीरिया;
  • मिरगी;
  • तंत्रिका शूल;
  • रजोधर्म;
  • रजोनिवृत्ति;
  • सिर की चोट तथा
  • माइग्रेन (अर्ध शिर:पीड़ा)।

शिर:पीड़ा की उत्पत्ति के संबंध में बहुत सी धारणाएँ हैं। मस्तिष्क स्वयं चोट के लिए संवेदनशील नहीं है, किंतु इसके चारों ओर जो झिल्लियाँ या तानिकाएँ होती हैं, वे अत्यंत संवेदनशील होती हैं। ये किसी भी क्षोभ, जैसे शोथ, खिंचाव, तनाव, विकृति या फैलाव द्वारा शिर:पीड़ा उत्पन्न करती हैं। आँख तथा करोटि की मांसपेशियों के अत्यधिक तनाव से भी दर्द उत्पन्न होता है।

सामान्य करण[संपादित करें]

  • मसल्स में खिंचाव : आमतौर पर खोपड़ी की मसल्स में खिंचाव के कारण सिरदर्द होता है।
  • - फिजिकल स्ट्रेस : लंबे वक्त तक शारीरिक मेहनत और डेस्क या कंप्यूटर के सामने बैठकर घंटों काम करने से हेडेक हो सकता है।
  • - इमोशनल स्ट्रेस और जिनेटिक वजहें : किसी बात को लेकर मूड खराब होने या देर तक सोचते रहने से भी सिरदर्द हो सकता है। सिरदर्द के लिए जेनेटिक कारण भी 20 फीसदी तक जिम्मेदार होते हैं। मसलन, अगर किसी के खानदान में किसी को माइग्रेन है तो उसे भी हो सकता है।
  • - नींद पूरी न होना : नींद पूरी न होने से पूरा नर्वस सिस्टम प्रभावित होता है और ब्रेन की मसल्स में खिंचाव होता है, जिससे सिरदर्द हो जाता है। इसके अलावा वक्त पर खाना न खाने से कई बार शरीर में ग्लूकोज की कमी हो जाती है या पेट में गैस बन जाती है, जिससे सिरदर्द हो सकता है।
  • - अल्कोहल : ज्यादा अल्कोहल लेने से सिरदर्द हो सकता है।
  • - बीमारी : दूसरी बीमारियां जैसे कि आंख, कान, नाक और गले की दिक्कत भी सिरदर्द दे सकती है।
  • - एनवायनरमेंटल फैक्टर : ये फैक्टर भी तेज सिरदर्द के लिए जिम्मेदार होते हैं, उदाहरण के तौर पर गाड़ी के इंजन से निकलने वाली कार्बनमोनोऑक्साइड सिरदर्द की वजह बन सकती है।

सिरदर्द के प्रकार[संपादित करें]

शिर:पीड़ा निम्नलिखित कई प्रकार की हो सकती है :

(1) मंद - करोटि के विवर के शोथ के कारण मंद पीड़ा होती है। यह दर्द शिर हिलाने, झुकने, खाँसने, परिश्रम करने, यौन उत्तेजना, मदिरा, आशंका, रजोधर्म आदि से बढ़ जाता है।

(2) स्पंदी - अति रुधिरतनाव पेट की गड़बड़ी या करोटि के भीतर की धमनी के फैलाव के कारण स्पंदन पीड़ा होता है। यह दर्द लेटने से कम हो जाता है तथा चलने फिरने से बढ़ता है।

(3) आवेगी - तंत्रिकाशूल के कारण आवेगी पीड़ा होती है। यह दर्द झटके से आता है और चला जाता है।

(4) तालबद्ध - मस्तिष्क की धमनी का फैलाव, धमनीकाठिन्य तथा अतिरुधिर तनाव से इस प्रकार की पीड़ा होती है।

(5) वेधक - हिस्टीरिया में जान पड़ता है जैसे कोई करोटि में छेद कर रहा हो।

(6) लगातार - मस्तिश्क के फोड़े, अर्बुद, सिस्ट, रुधिरस्राव तथा तानिकाशोथ से लगातार पीड़ा होती है।

शिर:पीड़ा के स्थान, समय, प्रकार तथा शरीर के अन्य लक्षणों एवं चिन्हों के आधार पर शिर:पीड़ा के कारण का निर्णय या रोग का निदान होता है।

आमतौर पर सिरदर्द चार तरह के होते हैं :

  • माइग्रेन,
  • तनाव हेडेक (मसल्स में खिंचाव),
  • ट्यूमर हेडेक और
  • साइनस हेडेक।

बाहरी सूत्र[संपादित करें]

  • IHS - The International Headache Classification (ICHD-2)
  • Withdrawal related headache information
  • HealthyCase - Headache or Cephalalgia

सिर में दर्द होने से कौन सी बीमारी होती है?

टेंशन सिरदर्दों.
माइग्रेन.
गुच्छा सिरदर्द.
दर्द-निवारक सिरदर्द.
हारमोन सिरदर्द.
नींद अश्वसन.

बार बार सिर में दर्द होने का क्या कारण है?

कई बार यह एक-दो घंटे तक रह सकता है और कई दिनों तक भी सिरदर्द रह सकता है. तनाव के कारण अक्सर सिरदर्द होने लगता है. तनाव से जुड़ा सिरदर्द, कंधों, गर्दन, जबड़े, मांसपेशियों और खोपड़ी में तनाव के चलते होता है. बहुत ज्यादा काम करने, पर्याप्त नींद न लेने, समय पर खाना न खाने और शराब का सेवन करने की वजह से ऐसा सिरदर्द होता है.

सिर दर्द तुरंत ठीक कैसे करें?

एक्यूप्रेशर है सिर दर्द का रामबााण सर्दी (headache) में अकसर आपके सिर में दर्द हो जाता है, तो आप सिर दर्द से राहत के लिए एक्यूप्रेशर का प्रयोग कर सकते हैं. ... .
गर्म पानी नींबू का रस मिलाकर पीएं ... .
सेब पर नमक डाल कर खाएं ... .
लौंग भगाएगी सिर दर्द ... .
तुलसी और अदरक का रस पीएं ... .
लौंग के तेल से करें मालिश ... .
नींबू चाय पिएं.

मनुष्य का सिर दर्द क्यों होता है?

इस तरीके का headache दवाइयों के excessive उपयोग के कारण होता है। जब हमे बार बार सिर दर्द होता है तो हम painkillers लेने लगते है और इनकी आदत पड़ जाती है उसके वजहसे भी headache होता है। 4. सर्दी , साइनस का दर्द , चश्मा , इसके कारन भी सिर दर्द हो सकता है।