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Question छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई?Open in App Solution छोटे भाई को खेलना बहुत पसंद था। वह हर समय खेलता रहता था। बड़े भाई साहब इस बात पर उसे बहुत डांटते रहते थे। उनके डर के कारण वह थोड़ा बहुत पढ़ लेता था। परन्तु जब बहुत खेलने के बाद भी उसने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया, तो उसे स्वयं पर अभिमान हो गया। अब उसके मन से बड़े भाई का डर भी जाता रहा। वह बेखौफ होकर खेलने लगा। एक दिन पतंग उड़ाते समय बड़े भाई साहब ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने उसे समझाया और अगली कक्षा की पढ़ाई की कठिनाइयों का अहसास भी दिलाया। उन्होंने बताया कि वह कैसे उसके भविष्य के कारण अपने बचपन का गला घोंट रहे हैं। उनकी बातें सुनकर छोटे भाई की आँखें खुल गई। उसे समझ में आ गया कि उसके अव्वल आने के पीछे बड़े भाई की ही प्रेरणा रही है। इससे उसके मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई।Solve Textbooks Question Papers Install app निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए - छोटे भाई को खेलना बहुत पसंद था। वह हर समय खेलता रहता था। बड़े भाई साहब इस बात पर उसे बहुत डांटते रहते थे। उनके डर के कारण वह थोड़ा बहुत पढ़ लेता था। परन्तु जब बहुत खेलने के बाद भी उसने अपनी कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त किया, तो उसे स्वयं पर अभिमान हो गया। अब उसके मन से बड़े भाई का डर भी जाता रहा। वह बेखौफ होकर खेलने लगा। एक दिन पतंग उड़ाते समय बड़े भाई साहब ने उसे पकड़ लिया। उन्होंने उसे समझाया और अगली कक्षा की पढ़ाई की कठिनाइयों का अहसास भी दिलाया। उन्होंने बताया कि वह कैसे उसके भविष्य के कारण अपने बचपन का गला घोंट रहे हैं। उनकी बातें सुनकर छोटे भाई की आँखें खुल गई। उसे समझ में आ गया कि उसके अव्वल आने के पीछे बड़े भाई की ही प्रेरणा रही है। इससे उसके मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई। 196 Views निम्नलिखित प्रश्नों के
उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए - मेरे अनुसार बड़े भाई की डाँट फटकार का ही अप्रत्यक्ष परिणाम था कि छोटा भाई कक्षा में अव्वल आया। क्योंकि छोटे भाई को वैसे ही पढ़ने लिखने की अपेक्षा खेल-कूद कुछ ज्यादा ही पसंद था। उससे अपने भले बुरे की समझ नही थी। ये तो बड़े भाई के उस पर अंकुश रखने के कारण वह घंटा दो घंटा पढाई कर लेता था जिसके कारण वह परीक्षा में अव्वल आ जाता था। 327 Views निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर (50-60 शब्दों में) लिखिए - मैं लेखक के शिक्षा पर किए व्यंग पर पूरी तरह सहमत हूँ। पाठ में बच्चों की व्यावहारिक शिक्षा को पूरी तरह नजर अंदाज किया है। पाठ में बच्चों के ज्ञान कौशल को बढ़ाने की बजाए उसे रट्टू तोता बनाने पर जोर दिया गया है जो कि सर्वाधिक अनुचित है। परीक्षा प्रणाली में आंकड़ों को महत्त्व दिया गया है। बच्चों के सर्वांगीण विकास की ओर शिक्षा प्रणाली कोई ध्यान नहीं देती है। 217 Views कथा नायक की रुचि किन कार्यों में थी? कथा नायक की रूचि खेल कूद, कँकरियाँ उछालने, मैदानों की सुखद हरियाली, कनकौए उड़ाने, गप्पबाजी करने, कागज़ की तितलियाँ बनाने, उछलकूद करने, चार दीवारी पर चढ़कर ऊपर-नीचे कूदने, फाटक पर सवार होकर उसे मोटर कार बना कर मस्ती करने में थी। 963 Views निम्मलिखित तत्सम, तद्भव, देशी, आगत शब्दों को दिए गए उदाहरणों के आधार पर छाँटकर लिखिए।
860 Views प्रेमचंद की भाषा बहुत पैनी और मुहावरेदार है। इसीलिए इनकी कहानियाँ रोचक और प्रभावपूर्ण होती हैं। इस कहानी में आप देखेंगे कि हर अनुच्छेद में दो-तीन मुहावरों का प्रयोग किया गया है। उदाहरणत: इन वाक्यों को देखिए और ध्यान से पढ़िए -
777 Views छोटे भाई के मन में बड़े भाई साहब के प्रति श्रद्धा क्यों उत्पन्न हुई उत्तर?उन्होंने बताया कि वह कैसे उसके भविष्य के कारण अपने बचपन का गला घोंट रहे हैं। उनकी बातें सुनकर छोटे भाई की आँखें खुल गई। उसे समझ में आ गया कि उसके अव्वल आने के पीछे बड़े भाई की ही प्रेरणा रही है। इससे उसके मन में बड़े भाई के प्रति श्रद्धा उत्पन्न हो गई।
छोटा भाई बड़े भाई के सम्मुख नतमस्तक क्यों हुआ?अभी तुम छोटे हो इसलिए इस काम में हाथ मत डालो । यह सुनते ही कई बार बच्चों के मन में आता है काश, हम बड़े होते तो कोई हमें यों न टोकता। लेकिन इस भुलावे में न रहिएगा, क्योंकि बड़े होने से कुछ भी करने का अधिकार नहीं मिल जाता।
प्रश्न 5 छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया?प्रश्न 5. छोटे भाई ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का क्या फ़ायदा उठाया? उत्तर- छोटे भाई (लेखक) ने बड़े भाई साहब के नरम व्यवहार का अनुचित फ़ायदा उठाया, जिससे उसकी स्वच्छंदता बढ़ गई और उसने पढ़ना-लिखना बंद कर दिया। उसके मन में यह भावना बलवती हो गई कि वह पढ़े या न पढ़े परीक्षा में पास अवश्य हो जाएगा।
3 बड़े भाई साहब को अपने मन की इच्छाएँ क्यों दवानी पड़ती थीं?बड़े भाई की उम्र छोटे भाई से पाँच वर्ष अधिक थी। वे होस्टल में छोटे भाई के अभिभावक के रूप में थे। उन्हें भी खेलने पंतग उड़ाने तमाशे देखने का शौक था परन्तु अगर वे ठीक रास्ते पर न चलते तो भाई के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी नही निभापाते। अपने नैतिक कर्त्तव्य का बोध होने के कारण उन्हें अपने मन की इच्छाएँ दबानी पड़ती थीं।
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