एमपी की सबसे छोटी जनजाति कौन सी है? - emapee kee sabase chhotee janajaati kaun see hai?

Show

   

 Mppsc। मध्यप्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ और बोलियाँ |

 मध्य प्रदेश की प्रमुख जनजातियाँ और बोलियाँ |

• विश्व में अधिकांश जनजातियाँ अफ्रीका में पाई जाती हैं। उसके बाद भारत में भारत के मध्य प्रदेश में। 

 • भारत में संवैधानिक स्थिति - संविधान में अनुसूचित जाति का विस्तार है  (अनुच्छेद 341) मैं और परिभाषा (अनुच्छेद 366) (खंड 24) मैं दी गई है -

अनुसूचित जनजाति का विस्तार पूर्वक वर्णन (अनुच्छेद 342) और उसे (अनुच्छेद 366) (खंड 25) मैं परिभाषित किया गया है। 

• अनुसूचित जाति SC - वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार, मध्य प्रदेश में अनुसूचित जातियों की कुल जनसंख्या 1.13 करोड़ है जो राज की कुल जनसंख्या का 15.6% है। अनुसूचित जातियों की कुल जनसंख्या मैं मध्य प्रदेश का देश में 8 वां स्थान है और प्रतिशत की दृष्टि से 17 वा स्थान है।

• मध्य प्रदेश का सर्वाधिक अनुसूचित जाति वाला जिला इंदौर (SC जनसंख्या 5, 45, 239) सबसे कम अनुसूचित जाति वाला जिला झाबुआ ( जनसंख्या 17, 427) है। 

• सर्वाधिक SC प्रतिशत वाला जिला उज्जैन (26. 37%) तथा सबसे कम प्रतिशत वाला जिला झाबुआ (1. 7%) है। 

• मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 2011-

• अनुसूचित जाति की जनसंख्या 1.13 करोड़

• राज्य की कुल जनसंख्या का 15.6 प्रतिशत

• ग्रामीण क्षेत्र में अनुसूचित जाति 82.68 लाख

• शहरी क्षेत्र में अनुसूचित जाति 30.74 लाख

• कुल अनुसूचित जाति में ग्रामीण जनसंख्या का प्रतिशत 73

• कुल अनुसूचित जाति में शहरी जनसंख्या का प्रतिशत 27

• अनुसूचित जाति जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर 37

• कुल अनुसूचित जातियों की संख्या 48

• कुल अनुसूचित जाति में साक्षरता का प्रतिशत 66.16

अनुसूचित जनजातियाँ ST - वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मध्य प्रदेश की जनसंख्या 1, 53, 16, 784 है। यह प्रदेश की कुल जनसंख्या का 21.09 प्रतिशत है। मध्य प्रदेश में कुल 43 अनुसूचित जनजातियों समूह है। 

• मध्यप्रदेश की 3 जनजातियों में विशेष पिछड़ी जनजाति ( बैगा,  भारिया और सहरिया) है। 

• मध्य प्रदेश की 3 सबसे बड़ी जनजातियां क्र. भील,  गोंड, और कोल है जबकि मध्य प्रदेश की सबसे छोटी जनजाति कमार है। 

• जनसंख्या के आधार पर भारत की सबसे बड़ी जनजातियां भील, गोंड, तथा संथाल है। 

भील जनजाति  - यह मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी जनजाति है (ज. 59.93 लाख) है, जो प्रदेश के धार, झाबुआ, अलीराजपुर, बड़वानी, खंडवा, गुना आदि जिलों में निवास करती है। यह मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात में पाए जाते हैं। 

• भीलो की उपजातियां - भीली, भिलावा, बरेला, पटालिया, वेगास आदि है। 

• भाषा - (भिल्ल, भीली)। 

• कृषि - (चिमाता, दजिया)। 

• चित्र - ( पिथौरा)। 

• देवता - ( राजापंथा)। 

• विवाह - ( गंधर्व विवाह, अपहरण विवाह, गोल गधेड़ो विवाह, वधू मूल्य चुकाना विवाह )

• उत्सव - ( गोल गधेड़ो, भगोरिया उत्सव)

• भीलो के मकानों को (कू ) कहते हैं। 

• नृत्य - ( कहरवा, टोडा, पड़वा, दागला आदि)। 

गोंड जनजाति - यह भारत का सबसे बड़ा जनजाति समूह है। जो मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है। यह जनजाति मध्यप्रदेश के मंडला, डिंडोरी, बालाघाट, सिवनी, छिंदवाड़ा आदि जिलों में निवास करती है। 

• 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश में गोंड जनजाति की जनसंख्या 50.93 लाख है, जो कुल जनजाति जनसंख्या का 33.25 प्रतिशत है। 

• गोंड जनजाति की सर्वाधिक जनसंख्या छिंदवाड़ा जिले में 6.2 लाख है, जिनकी साक्षरता दर 60.1 प्रतिशत है। 

• विवाह - दूध लौटाआना, चढ़ विवाह, लमसेना विवाह, पठौनी। ( इन के देवता - दूल्हा देव, बूढ़ादेव आदि) 

• त्योहार - बकपंथी, जबरा, मडई, बिंदकी, नवा खानी आदि प्रमुख त्योहार।  ( नृत्य - करमा, सेला, भडोनी, बिरहा, कहरवा सुआ प्रमुख नृत्य ) करमा- यह विश्व का प्रथम लोक नृत्य है, जिसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया। 

• इनके द्वारा की जाने वाली खेती - ( बारी ) है।

कोल जनजाति - कोल जनजाति एक प्राचीनतम जनजाति है। 

• जनसंख्या की दृष्टि से कोल  मध्य प्रदेश की तीसरी सबसे बड़ी जनजाति है इसकी 22 शाखाएं हैं। 

• मध्यप्रदेश में यह जनजाति मुख्य रूप से रीवा, सतना, सीधी तथा शहडोल में पाई जाती है। 

• वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश में कोल जनजाति की कुल (जनसंख्या 11.67 लाख )है जो कुल जनजाति जनसंख्या का (7.6 प्रतिशत) है। 

• उपजातियां - रौतिया, रौतेले, भड़तीया, दशोरा प्रमुख है। 

• नृत्य - यह जनजाति कोल तथा दहका नृत्य करती हैं। 

कोरकू जनजाती  - यह जनजाति सतपुड़ा पर्वत क्षेत्रों में निवास करती है,  यह मध्यप्रदेश के होशंगाबाद, बैतूल, छिंदवाड़ा,  सिवनी जिले के गांवों में निवास करती है। 

• उपजातियां - बोवाई, पठारीया, दुलारया, मिताशी प्रमुख हैं। 

• विवाह - चिथोडा विवाह,  विधवा विवाह, हट                विवाह, राजा- बाजी विवाह आदि। 

• भाषा - कोरकू,  निहाली प्रमुख। 

• त्योहार - चैत्र वैशाख में गुड़ी पड़वा,  आखा तीज, और देव दशहरा श्रावण में जीतोरी, आदि प्रमुख। 

• नृत्य - चटकोरा, खंब स्वांग प्रमुख है। 

भारिया जनजाति - यह मध्य प्रदेश की सर्वाधिक पिछड़ी जनजाति है जो छिंदवाड़ा, सिवनी और मंडला जिले में निवास करती है। 

• भाषा - यह भरनोती बोली बोलते हैं। 

• भारिया जनजाति का एक छोटा सा समूह छिंदवाड़ा जिले के पातालकोट नामक स्थान पर रहता है। 

• विवाह - मंगनी विवाह, लामसेना विवाह, राजी- बाजी विवाह, विधवा विवाह प्रमुख हैं।  ( इनके घरों को ढाना कहा जाता है। ) - ( जातियां - भूमिया एवं भुईधर )

• कृषि - इनमें दहिया खेती जुमा खेती का भी प्रचलन है। -( नृत्य - सैतम, भेतम, करमा, सैला, अहिराई, बिरहा नृत्य किए जाते हैं। ) / ( इनके देवता - दूल्हा देव, बूढ़ा देव, ठाकुर देव आदि हैं। 

बैगा जनजाति - यह एक पिछड़ी जनजाति है जो मध्यप्रदेश के मंडला,  डिंडोरी,  शहडोल, बालाघाट,  सिवनी आदि जिलों में निवास करती है। 

• वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार मध्यप्रदेश में बैगा जनजाति की जनसंख्या 4.15 लाख है जो राज्य की कुल अनुसूचित जनजाति जनसंख्या का 2.71 प्रतिशत है। 

• उपजातियां - नरोतिया, भरोतिया, बिझवार आदि प्रमुख।  / (  विवाह - मंगनी विवाह, चढ़ विवाह, उठाना विवाह, चोर विवाह, उदारियां विवाह प्रचलित है।  / ( नृत्य - रीना, करमा, परधौनी,   सुआ, सैला, ददरिया प्रमुख नृत्य है। / ( देवता - बूढ़ादेव, दूल्हा देव, ठाकुर देव) आदि। 

सहरिया जनजाति - जनसंख्या की दृष्टि से सहारिया जनजाति मध्यप्रदेश की पांचवीं सबसे बड़ी जनजाति है, जो मुख्य रूप से ग्वालियर, शिवपुरी,  मुरैना,  गुना आदि जिलों में निवास करती है। 

• नृत्य - लहकी, नृत्य रागिनी, दुलदुल घोड़ी, तेजाजी नृत्य करते हैं। 

बंजारा जनजाति - बंजारा एक संस्कृतिक संपन्न जनजाति है जिस का झुकाव संगीत व नृत्य की ओर है।  / ( नृत्य - तलवार नृत्य, झंडा नृत्य, बेली नृत्य, लहंगी नृत्य ) प्रमुख हैं। / ( विवाह- विधवा विवाह, चट विवाह, अपहरण विवाह, नतारा विवाह प्रमुख हैं। 

अगरिया जनजाति - माना जाता है कि अगरिया जनजाति के द्वारा ही लोहे की खोज की गई थी। 

• यह जनजाति मध्यप्रदेश में सिंगरौली,  अनूपपुर,  शहडोल,  सीधी,  उमरिया और डिंडोरी जिले में निवास करती है। | इनके देवता लोहासुर है। 

सबसे छोटी जनजाति कौन सी है?

राजी जनजाति भारत की सबसे छोटी जनजातियों में से एक है और उत्तराखंड के पिथौरागढ़ और चंपावत जिलों के मध्य हिमालयी क्षेत्र की शैक्षिक और आर्थिक रूप से पिछड़ी जनजाति है।

मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति कौन सी है?

गोण्ड— मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी जनजाति गोण्ड है। गोण्ड की उत्पत्ति तेलुगु के 'कोंड' शब्द से हुई है जिसका अर्थ पर्वत है अर्थात यह जनजाति पर्वतों पर निवास करती है।

एमपी में कौन सी जनजाति सबसे बड़ी है?

भारत की 2011 की जनगणना के अनुसार, भील ​​सबसे अधिक आबादी वाली जनजाति है, जिसकी कुल आबादी 4,618,068 है, जो कुल एसटी आबादी का 37.7 प्रतिशत है। गोंड दूसरी सबसे बड़ी जनजाति है, जिसकी जनसंख्या 4,357,918 है जो 35.6 प्रतिशत है।

मध्य प्रदेश में कुल कितनी जनजाति हैं?

मध्य प्रदेश में कुल 47 जनजातियों पाई जाती है। राज्य में सर्वाधिक जनजाति संख्या अलीराजपुर जिले में तथा सबसे कम भिंड जिले में पाई जाती है।