Show India Railway History: 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई गई थी और यह ट्रेन 35 किलोमीटर की दूरी पर चलाई गई.भारतीय रेलवे में लगातार बदलवा हो रहा है. इनमें हाईस्पीड ट्रेन से लेकर, टिकट बुकिंग की एडवांस सुविधा जैसे कई चीज़े शुरू हो चुकी है. रेल यात्रियों को कोई परेशानी न हो. वो आसानी से अपने गंतव्य पर पहुंच जाए. इसको लेकर काम कर रहा है. क्या आपको रेलवे के इतिहास के बारे में कोई जानकारी है? नहीं तो…आपको बता दें कि 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई गई थी और यह ट्रेन 35 किलोमीटर की दूरी पर चलाई गई. आइए जानें रेलवे से जुड़ी कुछ रोचक बातें…(1) भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के टॉप-5 नेटवर्क में से एक है और करीब 15 लाख कर्मचारियों को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा विभाग है. (2) आज ही के दिन साल 1853 में भारत में पहली ट्रेन पटरी पर दौड़ी थी. यह ट्रेन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी. (3) भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए. इसके बाद धीरे-धीरे रेल की पटरियां बिछाई गईं. पहले नैरोगेज पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज लाइनें बिछाई गई.इस पैसेंजर ट्रेन की रफ्तार बहुत धीमी थी. इस ट्रेन को 33.7 किलोमीटर की दूरी तय करने में सवा घंटे का वक्त लगा था. (4) बोरीबंदर स्टेशन से थाणे तक चलने वाली भारत की पहली पैसेंजर ट्रेन में 14 डिब्बे थे. भारत में 1848 तक कोई भी ट्रेन की लाइन नहीं थी. रेलवे लाइन बिछाने और भारत में रेल नेटवर्क स्थापित करने का पूरा कॉन्सेप्ट लंदन से लिया गया.
(5) 1853 में जब भारत में पहली पैसेंजर ट्रेन चली तो इसका देखरेख का जिम्मा ग्रेट इंडियन पेनिनसुला रेलवे के हाथों में था। जिसका हैडक्वार्टर मुंबई के बोरीबंदर में था. (6) इस रेलगाड़ी को ब्रिटेन से मंगवाए गए तीन भाप इंजन सुल्तान, सिंधु और साहिब ने खींचा था.20 डिब्बों की इस ट्रेन में 400 यात्रियों ने सफर किया था. (7) यह ट्रेन दोपहर 3.30 बजे बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से प्रारंभ हुई और शाम 4.45 बजे ठाणे पहुंची. इस रेलगाड़ी ने 34 किलोमीटर का सफर तय किया था. (8) भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए. इसके बाद धीरे-धीरे रेल की पटरियां बिछाई गईं. पहले नैरोगेज पर रेल चली, उसके बाद मीटरगेज और ब्रॉडगेज लाइन बिछाई गई. 1 मार्च 1969 को देश की पहली सुपरफास्ट ट्रेन ब्रॉडगेज लाइन पर दिल्ली से हावड़ा के बीच चलाई गई. (9) जॉर्ज स्टीफेंसन ने 1814 में भाप का इंजन बनाया, जो शक्तिशाली तो था ही, साथ ही अपने से भारी वस्तुओं को खींचने में भी सक्षम था. 27 सितंबर 1825 को भाप इंजन की सहायता से 38 रेल डिब्बों को खींचा गया जिनमें 600 यात्री सवार थे. इस पहली रेलगाड़ी ने लंदन के डार्लिंगटन से स्टॉकटोन तक का 37 मील का सफर 14 मील प्रति घंटे की रफ्तार से तय किया. इस घटना के बाद अनेक देश रेल के इंजन और डिब्बे बनाने में जुट गए. ये भी पढ़ें-कैसे बनते हैं क्रिकेट अंपायर? एक मैच की फीस जान आप भी रह जाएंगे हैरान भारत की पहली ट्रेन का नाम क्या था?(1) भारतीय रेलवे का नेटवर्क दुनिया के टॉप-5 नेटवर्क में से एक है और करीब 15 लाख कर्मचारियों को रोजगार देने वाला सबसे बड़ा विभाग है. (2) आज ही के दिन साल 1853 में भारत में पहली ट्रेन पटरी पर दौड़ी थी. यह ट्रेन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी. (3) भारत में 1856 में भाप के इंजन बनना शुरू हुए.
1853 में भारत की पहली ट्रेन ने कितनी दूरी तय की थी?- बता दें कि 16 अप्रैल 1853 को पहली ट्रेन चलाई गई थी और यह ट्रेन 35 किलोमीटर की दूरी पर चलाई गई. जिस वक्त यह ट्रेन पटरी पर दौड़ी उस वक्त समय हो रहा था दोपहर के तीन बजकर 35 मिनट. - यह ट्रेन बोरीबंदर (छत्रपति शिवाजी टर्मिनल) से ठाणे के बीच चलाई गई थी.
ट्रेन का पुराना नाम क्या है?रेलगाड़ी शब्द दो शब्द रेल और गाड़ी से मिलकर बना है जिसका अर्थ होता है रेल (अब हिन्दी में इसे रेल की पटरी या सिर्फ पटरी कहते हैं) पर चलने वाली गाड़ी।
सबसे पहली ट्रेन कौन सी है?16 अप्रैल भारतीय इतिहास (के लिए बहुत अहम दिन माना जाता है. इस दिन भारत में पहली यात्री ट्रेन (Passenger Train) पटरियों पर दौड़ी थी. यह ट्रेन मुंबई से ठाणे (Bombay to Thane) के बीच चली थी. इसे भारतीय रेल (Indian Railways) के इतिहास की शुरुआत माना जाता है.
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