IPC धारा 325 स्वेच्छया घोर उपहति कारित करने के लिए दंड- Show
IPC 325 दूसरे शब्दों में –जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति को इस प्रकार की क्षति पहुंचाता है ,की वह उस व्यक्ति का शारिरिक नुकसान (शरीर के किसी अंग की हड्डी टूट जाए) कर देगा । तब इस प्रकार की धारा लागू होती है । अमूमन किसी मनुष्य की हड्डी के टूट जाने पर (IPC )भरतीय दण्ड संहिता की धारा 325 लागू की जाती हैं । भारतीय दंड संहिता 325 में प्रावधान किया गया है । कि जो कोई किसी दूसरे व्यक्ति के साथ घोर उपहति करेगा वह दंड का भागी होगा। IPC 325 में सजा –भारतीय दंड संहिता में इस प्रकार के अपराध के लिए दंड का प्रावधान है , कि कठोर कारावास जिसकी अवधि 7 वर्ष तक की तथा जुर्माने से दंडित किया जाएगा न्यायालय अगर उचित समझे तो दोनों ही प्रकार के दंड से दंडित किया जाएगा अर्थात जुर्माने व कारावास दोनों ही प्रकार के दण्ड से दंडित किया जा सकता है कहने का तात्पर्य स्पष्ट है कि जो कोई किसी व्यक्ति की शारीरिक क्षति करेगा तो वह इस धारा के दायरे में आएगा | IPC धारा 325 में जमानत कैसे मिलेगी – आईये इन्हें भी जानें –I P C 498 (क) महिला (पत्नी) के साथ क्रूरता या अत्याचार (मार ,पीट) http://Quara कुछ मूल अधिकारों का प्रभाव अनुच्छेद 35 I P C 498 (क) महिला (पत्नी) के साथ क्रूरता या अत्याचार (मार ,पीट) https://www.facebook.com/109880357374440/posts/304649404564200/ अनुच्छेद-32: “संवैधानिक उपचारों का अधिकार” धन्यवाद –भारतीय दंड संहिता के विषय में यह जानकारी आपको कैसी लगी। यह कमेंट में जरूर बताएं और किसी भी प्रकार की सहायता के लिए कमेंट बॉक्स में जा सकते हैं । आपको भारतीय कानूनों के प्रति जागरूक करना ही इस ब्लॉक का एकमात्र उद्देश्य है। जितना हो सके उतना लोगों को जागरूक करने के लिए इस ब्लॉग से जोड़ने का काम भी करें।
पड़ोसी ने डंडे से पीटा, महिला के गले की हड्डी टूटी, पुलिस ने लगाई मामूली धारामारपीट के मामले में महिला के गले और पसली की हड्डी टूट गई है, डाक्टरों ने भी इसकी पुष्टि की है। बावजूद उसके तमनार पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर सिर्फ मामूली धाराओं का ही इस्तेमाल किया है। इस संबंध मिली जानकारी के अनुसार तमनार क्षेत्र के रेगांव में अंबिका वैष्णव पिता पूरन दास उम्र 38 वर्ष अपने बुजुर्ग माता पिता के साथ रहती है। महीने भर पहले कचरा फेंकने के विवाद को लेकर पड़ोसी के साथ उसका विवाद हुआ था। इस मामले में हरिहर दास, लक्ष्मी और उसके बेटों ने घर घुसकर लाठी डंडों से महिला से मारपीट की थी। खास बात तो यह थी आरोपियों ने उसके बुजुर्ग माता पिता को भी पीटा था। महिला घटना में गंभीर रूप से घायल हो गई थी। उसके गले के हड्डी और पसली टूट गई थी। नाजुक हालत में उसे तमनार चिकित्सालय में भर्ती कराया गया,जहां हालत में सुधार नहीं होने पर उसे मेकाहारा रिफर किया गया था। चिकित्सकों के इलाज के बाद भी महिला की हालत में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं
एमएलआर में डॉ. गांधी की नाक में फ्रैक्चर, विर्क के खिलाफ बढ़ी धारा
भास्कर न्यूज - पटियाला हार पहनाने के बाद साथ में अकाली नेता। जेल से बाहर निकलते राजिंदर सिंह विर्क जेल से विर्क की रिहाई की सूचना के बाद जेल परिसर में मौजूद अकाली प्रत्याशी दीपइंदर ढिल्लों। पटियाला - अकाली कौंसलर राजिंदर विर्क को डॉ. गांधी पर हमले के मामले में जमानत मिलने के बाद सेंट्रल जेल से रिहाई के वक्त दीपइंदर सिंह ढिल्लो, पूर्व मंत्री हरमेल टोहड़ा, गुरप्रीत सिंह राजू खन्ना व अन्य अकाली कौंसलर व लीडर जेल परिसर पहुंचे। कौंसलर विर्क को शनिवार करीब डेढ़ बजे जेल प्रबंधकों ने औपचारिकताएं पूरी करने के बाद रिहा कर दिया। मौजूद अकाली लीडरों ने कहा कि उनके कार्यकर्ता पर ज्यादती हुई है और इंसाफ के लिए वह अब संघर्ष करेंगे। फिलहाल विर्क को जमानत पर रिहा करवाने के बाद पुलिस अधिकारियों से जांच के लिए मांगपत्र सौंपे जाएंगे। विर्क की रिहाई के दस्तावेजी काम पूरे होने के बाद दीपइंदर सिंह ढिल्लो अपनी गाड़ी में बैठकर निकल गए जबकि अन्य लीडर मौके पर मौजूद रहे। कौंसलर विर्क के बाहर आते ही सभी लोग आम आदमी पार्टी के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस मौके पर नरदेव सिंह आकड़ी , कौंसलर हरविंदर बब्बू, जसपाल सिंह बिट्टू चट्ठा, मालविंदर सिंह माली व अन्य लीडर मौजूद रहे। विर्क की रिहाई के मौके दीपइंदर ढिल्लों, टोहड़ा व अन्य अकाली लीडर जेल पहुंचे सिर फूटने पर कौन सी धारा लगती है?"जैसा कि यहां देखा गया है कि सिर पर चोट लगने से शरीर के महत्वपूर्ण हिस्से पर चोट लग सकती है और इसलिए धारा 302 आईपीसी का एक स्पष्ट मामला स्थापित और साबित हो गया है। अत: विद्वान ट्रायल कोर्ट ने अभियुक्त को क्रमश: धारा 302 आईपीसी और धारा 302/34 आईपीसी के तहत अपराध के लिए सही दोषी ठहराया।"
हड्डी टूटने me कौन सी धारा लगती है?अमूमन किसी मनुष्य की हड्डी के टूट जाने पर (IPC )भरतीय दण्ड संहिता की धारा 325 लागू की जाती हैं ।
धारा 325 में क्या सजा है?आईपीसी की धारा 325 के तहत स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाने की सजा: यह धारा सजा देती है यदि कोई व्यक्ति, धारा 335 के तहत प्रदान किए गए मामले को छोड़कर, स्वेच्छा से किसी अन्य व्यक्ति को गंभीर चोट पहुँचाता है, तो उसे या तो विवरण के कारावास की सजा दी जाएगी।
हाथ की उंगली टूटने पर कौन सी धारा लगती है?उस समय पुलिस ने आरोपियों के विरुद्ध धारा 294, 323, 506 में प्रकरण दर्ज किया था। बाद में एक्स रे रिपोर्ट में मीनाबाई के हाथ की हड्डी टूटी पाई गई। फिर भी पुलिस ने प्रकरण में धारा नहीं बढ़ाई।
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