अनचाहे गर्भ से बचने के लिए गर्भनिरोधक गोलियां सबसे आसान उपाय होता है. लेकिन जो महिलाएं इसका सेवन लंबे समय तक करती रहती हैं, उन्हें सेहत से जुड़ी कई शारीरिक और मानसिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. हाल ही में हुई एक स्टडी में ऐसा ही कुछ बताया गया है. स्टडी में कहा गया है कि लंबे समय तक इन गोलियों का सेवन करने वाली महिलाएं भावनाशून्य हो सकती हैं. जिसका सीधा नकारात्मक प्रभाव उनके निजी संबधों पर पड़ सकता है. आइए आज हम आपको बताते हैं गर्भनिरोधक गोलियों के कुछ ऐसे साइड इफेक्ट्स जिनके बारे में शायद ही आपको पता हो- Show
सिर दर्द गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने से महिलाओं को सिर दर्द और माइग्रेन की शिकायत हो सकती है. अगर आपको भी ये गोलियां खाकर माइग्रेन की समस्या होती है, तो एक बार इस दवाई की डोज कम करके देखें, क्या पता आपको दर्द में आराम मिल जाए. याद रखें, दवाई की डोज अपने डॉक्टर के परामर्श के बाद ही कम या बंद करें, अपने मन से दवाई की डोज कम-ज्यादा करने से आप परेशानी में फंस सकते हैं. जी मिचलाना जो महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियां का सेवन करती हैं, उन्हें मतली या जी मिचलाना की समस्या आम होती है. अगर आपको भी लगता है कि आपको मतली की समस्या गर्भनिरोधक गोलियां खाने की वजह से हो रही है, तो इस दवाई को खाने के साथ या फिर सोने से पहले खाना शुरू कर दें. ब्रेस्ट में सूजन कई महिलाओं को इस दवाई का सेवन करने से ब्रेस्ट में सूजन की शिकायत होने लगती है. दवाई लेने के कुछ हफ्ते बाद ही अगर आपको सूजन महसूस होने लगे तो अपनी डाइट में नमक की मात्रा कम करें, ऐसा करने से आपको इस समस्या से निजात मिल सकती है. वजन बढ़ना जी हां, गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन लंबे समय तक करने से आप मोटापे का भी शिकार हो सकती हैं. इन गोलियों के चलते शरीर के अलग-अलग भाग में फ्लूइड रिटेंशन बढ़ जाता है. अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं तो आप अपनी गर्भनिरोधक गोलियों को बदल सकती हैं. ऐसा करने से पहले लेकिन अपने डॉक्टर से राय जरूर लें. सेक्स लाइफ प्रभावित होना कुछ स्टडी ने ऐसे दावें भी किए हैं कि जो महिलाएं इन गोलियों का सेवन लंबे समय तक करती हैं, उनकी सेक्स लाइफ प्रभावित होना शुरू हो जाती है. वैसे अगर आप लंबी अवधि तक लो सेक्स ड्राइव अनुभव करती हैं तो तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाएं. बर्थ कंट्रोल या गर्भनिरोधक गोली लेने से आपके शरीर के अंदर ऑव्यूलेशन बंद हो जाता है। जब ऑव्यूलेशन ही नहीं होगा तो एग्स का भी उत्पादन नहीं होगा और जब एग्स बनेंगे ही नहीं तो स्पर्म से मिलकर फर्टिलाइज होने का खतरा भी नहीं होगा। तो कुल मिलाकर प्रेग्नेंसी का रिस्क भी नहीं रहेगा। इसे आमतौर पर ओरल कॉन्ट्रसेप्टिव पिल भी कहते हैं और यह प्रेग्नेंसी को रोकने का हॉर्मोन बेस्ड तरीका है। सिर्फ प्रेग्नेंसी रोकने के लिए ही नहीं बल्कि अनियमित माहवारी को सही करने के लिए, पीरियड्स के दौरान होने वाले बहुत ज्यादा दर्द की समस्या से निपटने के लिए और प्रीमेन्स्ट्रुअल सिंड्रोम पीएमएस की दिक्कत से निपटने में भी इन गोलियों का इस्तेमाल किया जाता है।गोली लेने के हैं कई साइड इफेक्ट्सअगर इन गोलियों का सही तरीके से इस्तेमाल किया जाए तो ये बेहद असरदार होती हैं। लेकिन गर्भनिरोधक गोलियां सिर्फ प्रेग्नेंसी को रोक सकती हैं सेक्शुएली ट्रांसमिटेड डिजीज यानी एसटीडी को नहीं। उसके लिए आपको कॉन्डम का भी इस्तेमाल करना होगा। हालांकि अनचाही प्रेग्नेंसी से बचने के लिए नियमित रूप से गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने के कुछ साइड इफेक्ट्स भी हैं। लिहाजा गोली खाने से पहले गोली की वजह से शरीर में होने वाले नुकसान के बारे में जानना जरूरी है। मेन्स्ट्रुअल स्पॉटिंगजब आप गोली लेना शुरू करती हैं तो 2 पीरियड्स साइकल के बीच आपको वजाइनल ब्लीडिंग हो सकती है और यह बेहद कॉमन प्रॉब्लम है। हालांकि गोली लेने के 3 महीने तक ऐसा होता है। बाद में धीरे-धीरे यह समस्या ठीक हो जाती है। ये ब्लीडिंग इसलिए होती है क्योंकि आपका शरीर अलग-अलग लेवल्स के हॉर्मोन्स के साथ तालमेल बिठाना सीख रहा होता है। जी मिचलाना, उल्टी आनाबहुत सी महिलाएं जब पहली बार गर्भनिरोधक गोलियां लेना शुरू करती हैं तो उन्हें जी मिचलाने की दिक्कत भी होती है। हालांकि यह लक्षण भी कुछ समय बाद धीरे-धीरे ठीक हो जाता है। अगर गोली को खाली पेट लेने की बजाए खाने के साथ या सोने से पहले लिया जाए तो जी मिचलाने या उल्टी आने की दिक्कत नहीं होगी। अगर 3 महीने बाद भी जी मिचलाना जारी रहे तो डॉक्टर से संपर्क करें। सिरदर्द और माइग्रेनइस बात की आशंका ज्यादा होती है कि गर्भनिरोधक गोलियों में मौजूद हॉर्मोन्स सिरदर्द और माइग्रेन को बढ़ा दें। दरअसल, ये गर्भनिरोधक गोलियां अलग-अलग टाइप और डोज की होती हैं इसलिए अगर कम डोज वाली गोली ली जाए तो सिरदर्द कम हो सकता है। इसके भी लक्षण समय के साथ कम होने लगते हैं। लेकिन अगर गोली लेते ही आपको तेज सिरदर्द होने लगे तो डॉक्टर की मदद लें। वजन बढ़नाक्लीनिकल स्टडीज में गर्भनिरोधक गोली का सेवन करने और वजन बढ़ने के बीच लिंक पाया गया है। बहुत सी स्टडीज में यह बात सामने आयी है कि अगर 6 से 12 महीने तक सिर्फ प्रोजेस्टिन वाली गर्भनिरोधक गोली का सेवन किया जाए तो 2 किलो तक वजन बढ़ सकता है। पीरियड्स मिस हो जानानियमित रूप से गोली का सेवन करने के बावजूद कई बार ऐसा होता है कि आपका पीरियड्स नहीं आता और मिस हो जाता है। इसकी वजह स्ट्रेस, किसी तरह की बीमारी, हॉर्मोनल अनियमितता, थाइरॉयड आदि हो सकता है। हालांकि अगर दवा लेने के बाद भी पीरियड्स मिस हो जाएं तो एक बार प्रेग्नेंसी टेस्ट कर लेना चाहिए। सेक्स की इच्छा में कमीसबके साथ ऐसा हो जरूरी नहीं है लेकिन गर्भनिरोधक गोली में मौजूद हॉर्मोन्स की वजह से बहुत सी महिलाओं में सेक्स ड्राइव या लिबिडो में कमी देखने को मिलती है। अगर ये लक्षण भी लंबे समय तक जारी रहे और सेक्स की इच्छा में कमी आपको परेशान कर रही हो तो मेडिकल हेल्प लेना चाहिए। गर्भनिरोधक गोली खाने से क्या नुकसान है?Birth Control Pills: गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन से हो सकते हैं ये 6 नुकसान, एक्सपर्ट की सलाह पर करें इस्तेमाल. गर्मनिरोधक गोलियों के नुकसान. ब्लड क्लॉट का खतरा बढ़ाए ... . ब्रेस्ट में दूध का निर्माण हो सकता है कम ... . पीरियड्स के लक्षणों में आ सकता है बदलाव ... . मूड रहता है खराब ... . लिबिडो होता है कम ... . बढ़ सकता है अवसाद. गर्भ निरोधक गोलियां कब खानी चाहिए?सेक्स के बाद आप जितनी जल्दी गर्भनिरोधक गोलियां लेती हैं उतनी जल्दी इसका असर आपके शरीर पर होगा. अगर आप असुरक्षित यौन संबंध बनाने के तुरंत बाद या फिर 24 घंटे के अंदर यह गोली ले लेती हैं तो यह ज्यादा असरदार साबित हो सकती है. आप इसे लेने में यदि देर नहीं करती हैं तो आपको इसके सही रिजल्ट्स देखने को मिलेंगे.
गर्भनिरोधक गोली बंद करने के कितने दिन बाद पीरियड आता है?अगर कोई स्त्री पहली बार गर्भ निरोधक गोलियों का सेवन करने जा रही है तो पीरियड्स के दूसरे दिन से उसे रोज़ाना किसी निश्चित समय पर दवा खाना शुरू कर देना चाहिए। 21 गोलियों का एक पैकेट आता है, जिसे खत्म करने के बाद सात दिनों का गैप देना ज़रूरी है। उसी दौरान स्वाभाविक रूप से स्त्री को दोबारा पीरियड्स भी आ जाते हैं।
गर्भनिरोधक गोली लगातार लेने से क्या होता है?गर्भनिरोधक गोलियां लगातार लेने से महिलाओं के मोटापे की शिकायतें बहुत आती हैं. लैब में बने एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन से तैयार गोलियों का ये सब से बड़ा साइड इफेक्ट है. दवा कंपनियां इस साइड इफेक्ट को गर्भनिरोधक के पैकेट पर भी लिखती हैं.
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