गर्भावस्था के दौरान गले में जलन क्यों होती है? - garbhaavastha ke dauraan gale mein jalan kyon hotee hai?

महिलाओं के लिए गर्भावस्था सुखद अनुभूति के साथ ही कई सारी परेशानियां भी लेकर आती है, जिसमें सीने में जलन और एसिडिटी की समस्या भी शामिल है। मॉमजंक्शन के इस लेख में हम आपको सीने में जलन और एसिडिटी से जुड़े कई अनसुलझी बातों के जवाब देंगे। अगर आपको भी गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन या एसिडिटी का अनुभव होता है, तो आप इस लेख से जान सकती हैं कि ये परेशानी क्यों होती है और इससे राहत पाने के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं।

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सबसे पहले बात करते हैं एसिडिटी और छाती की जलन के फर्क के बारे में।

एसिडिटी और छाती की जलन (हार्टबर्न) में क्या अंतर है?

अक्सर गर्भवती महिलाएं दोनों को एक ही समझ लेती हैं, लेकिन चिकित्सीय रूप से एसिडिटी और सीने में जलन होना दोनों एक-दूसरे से अलग है(1) (2)।

एसिडिटी:

  • एसिडिटी की वजह कुछ और नहीं बल्कि खाना पचाने के लिए जरूरत से ज्यादा एसिड बनना है।
  • इस स्थिति में सीने के निचले हिस्से में दर्द होता है, जिसे जलन के रूप में जाना जाता है।
  • इस दौरान पेट या भोजन नली में जलन का अनुभव हो सकता है।

  • यह दर्द व जलन कभी हल्की, तो कभी ज्यादा हो सकती है।
  • एसिडिटी को गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स (Gastroesophageal reflux disease) रोग के रूप में जाना जाता है।
  • गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स रोग एक लंबे समय तक चलने वाली बीमारी है।
  • गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स के दौरान पेट में मौजूद खाना व एसिड आपके अन्नप्रणाली (फूड पाइप) में वापस आता है, जिससे सीने में जलन होती है। इसे एसिड रिफ्लक्स भी कहा जाता है।

हार्टबर्न:

  • सीने या गले में एक दर्दनाक जलन हार्टबर्न कहलाता है।
  • इस दौरान आपके पेट का एसिड आपके फूड पाइप में वापस आता है।
  • यह जलन ऊपरी पेट से या स्तन के पीछे के क्षेत्र से गले तक फैल सकती है।
  • अधिकतर हार्टबर्न अपच की वजह से होता है।
  • कभी-कभी होने वाली जलन कुछ घंटों बाद खुद ही ठीक हो जाती है।

  • अगर आपको हफ्ते में दो बार से ज्यादा हार्टबर्न होता है, तो आपको जीईआरडी हो सकता है।

एसिडिटी और हार्टबर्न के बीच का अंतर जानने के बाद अब समझते हैं कि क्या जलन से गर्भावस्था का पता लगा सकते हैं।

क्या सीने में जलन गर्भावस्था का प्रारंभिक संकेत है?

पाचन तंत्र की कार्यप्रणाली में परिवर्तन आना गर्भावस्था के सबसे आम शुरुआती लक्षणों में से एक है। एक अध्ययन में पाया गया है कि गर्भवतियों में एसिडिटी व सीने में जलन की समस्या या दोनों, प्रग्नेंसी के शुरुआती दौर में होना शुरू हो जाता है। सीने में जलन के साथ ही अगर आपको जी-मिचलाना और उल्टी जैसी समस्या भी हो रही है, तो आप गर्भवती से हो सकती हैं। गर्भावस्था के दौरान 17 से 45 प्रतिशत महिलाओं को सीने में जलन की परेशानी होती है (3) (4)।

हालांकि, सीने में जलन गर्भावस्था की ओर तभी इशारा करती है, जब इससे जुड़े कुछ और लक्षण भी आपको नजर आएं, क्योंकि सीने में जलन की समस्या मसालेदार भोजन या एसिड रिफ्लक्स के कारण भी हो सकती है (2)।

आर्टिकल में आगे पढ़ें कि गर्भावस्था में एसिडिटी और सीने में जलन के लक्षण क्या हैं।

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी और सीने में जलन के लक्षण

सामान्य व्यक्ति और गर्भवती महिला में एसिडिटी व सीने में जलन के लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं, जो निम्न प्रकार से हैं (1) :

  • छाती के ठीक पीछे की हड्डी में खाना खाने के बाद जलन शुरू होती है और कुछ मिनटों से लेकर कई घंटों तक रहती है, तो यह एसिडिटी हो सकती है।

  • झुकने, लेटने या खाने के बाद सीने में जलन हो सकती है।
  • बार-बार डकार आना।
  • गला खराब होना और आवाज बैठना।
  • गले में जलन होना।
  • गले में घरघराहट या अस्थमा जैसे लक्षणों का महसूस होना।

इस विषय के संबंध में अन्य जानकारी के लिए पढ़ते रहें यह आर्टिकल।

गर्भावस्था में एसिडिटी और सीने में जलन के क्या कारण हैं?

गर्भावस्था के दौरान सीने में होने वाली जलन और एसिडिटी शरीर में हो रहे हार्मोनल और अन्य शारीरिक बदलाव हैं। गर्भावस्था के दौरान प्रोजेस्टेरोन हार्मोन के कारण एसिड फूड पाइप में आता है और सीने में जलन पैदा होती है (5)। प्रेगनेंसी के दौरान अपच भी एसिडिटी और सीने की जलन का मुख्य कारण है। इसके अलावा, गर्भावस्था के दौरान बढ़ते गर्भाशय की वजह से अंगों में पड़ने वाले दवाब की वजह से भी एसिडिटी होती है (6)।

चलिए, अब बात करते हैं गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी और सीने में जलन पैदा करने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में।

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी और सीने में जलन करने वाले खाद्य पदार्थ

यूं तो प्रेगनेंसी की अवस्था में एसिडिटी और हार्टबर्न को आम माना जाता है, लेकिन ये आपकी गर्भावस्था को दुखदायी बना सकते हैं। ऐसे में आप कुछ खाद्य पदार्थों से दूरी बनाकर इस परेशानी को थोड़ा कम कर सकती हैं।

  1. मसालेदार भोजन: मसालेदार भोजन पेट में ज्यादा एसिड बनाते हैं। इसके परिणामस्वरूप सीने में जलन और एसिडिटी होने लगती है। ऐसे में मसालों के सेवन को कम करने से आप एसिडिटी और सीने में जलन को कम कर सकती हैं (7)।
  1. शराब: अल्कोहल युक्त पेय जैसे वाइन, बीयर और शराब पेट में एसिड के उत्पादन को बढ़ावा देते हैं। इसलिए, इनके सेवन से बचना चाहिए (1)।

  1. वसायुक्त खाद्य पदार्थ: उच्च वसा वाले खाद्य पदार्थ जैसे पनीर, नट्स और रेड मीट भी हार्टबर्न का कारण हो सकते हैं, क्योंकि ये आपकी पाचन प्रक्रिया को धीमा करते हैं। जब पेट पाचन को पूरा करने के लिए अधिक एसिड उत्पन्न करता है, तो एसिडिटी और सीने में जलन होने लगती है (8)।

  1. कार्बोनेटेड पेय: कार्बोनेटेड पेय में मौजूद गैस आपके पेट में काफी दबाव बनाती है। इस कारण पेट में मौजूद एसिड फूड पाइप की ओर वापस जाने का कारण बन सकता है (3)।
  1. खट्टे फल: खट्टे व सिट्रीक फूड में एसिड होता है, जिन्हें खासतौर पर खाली पेट लेने से हार्टबर्न की समस्या बढ़ सकती है। खट्टे फलों में शामिल अंगूर, टमाटर और संतरे से परहेज करने से आप एसिडिटी और सीने में हो रही जलन को रोक सकती हैं (3)।

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  1. कैफीन: शराब की तरह, कैफीन की उच्च मात्रा भी स्फिंक्टर (भोजन नली और पेट के बीच की मांसपेशी) को कमजोर करती है। इस वजह से स्फिंक्टर से खाद्य पदार्थ और एसिड का विपरीत प्रवाह शुरू हो जाता है और एसिडिटी व सीने में जलन हो सकती है। इसलिए, कॉफी, चाय और अन्य कैफीन युक्त पेय का सेवन कम करना चाहिए (9)।

  1. लहसुन और प्याज: ये भी गैस्ट्रिक एसिड को बढ़ाते हैं, जिस कारण एसिडिटी होने लगती है (10)।
  1. पुदीना: पुदीना पेट के लिए काफी लाभदायक होता है, लेकिन यह भी एसिडिटी को बढ़ा सकता है। खासकर खाने के बाद पुदीना लेने से बचना चाहिए (9)।
  1. चॉकलेट: चॉकलेट में कैफीन होता है, इसलिए यह सीने की जलन का कारण बन सकता है। इसमें थियोब्रोमाइन जैसे सीने की जलन को बढ़ावा देने वाले स्टिमुलैंट्स पाए जाते हैं (9)।
  1. ज्यादा खाना: प्रेगनेंसी के दौरान एसिडिटी का एक अन्य कारण अधिक मात्रा में भोजन करना भी होता है (9)। इसलिए, गर्भवती महिलाओं को हर थोड़ी-थोड़ी देर में कम मात्रा में खाना चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान एसिडिटी और सीने में जलन करने वाले खाद्य पदार्थों के बारे में तो आप जान ही चुके हैं। अब सीने में जलन के उपचार की बात करते हैं।

गर्भावस्था में सीने में जलन के उपचार

एंटासिड (Antacids): गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन होने पर उपचार के तौर पर एंटासिड का सेवन किया जा सकता है। यह सीने में जलन करने वाले एसिड को बेअसर करने में मदद करता है (3)।

एच2आरए: एच-2-रिसेप्टर एंटागोनिस्ट्स (H-2-receptor antagonists) भी सीने में होने वाली जलन से निजात पाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये पेट के एसिड को कम कर सकता है (5)।

पीपीआई : प्रोटॉन पंप इनहिबिटर्स (Proton Pump Inhibitors) भी पेट के एसिड को कम करके सीने में हो रही जलन से राहत दे सकता है (5)।

नोट : ध्यान रहे कि प्रेगनेंसी नाजुक दौर होता है। ऐसे समय में आपको डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी तरह की दवाई नहीं लेनी चाहिए।

आर्टिकल में आगे पढ़ें कि सीने में जलन को कैसे रोका या कम किया जा सकता है।

गर्भावस्था में सीने में जलन रोकने के तरीके

  • एक बार में ज्यादा खाने की जगह थोड़ा-थोड़ा और बार-बार खाएं, ताकि पेट में एसिड पैदा न हो।
  • सोने से ठीक पहले कुछ खाने या पीने से बचें। अपने खाने और सोने के बीच तीन घंटे का अंतर रखें।
  • खाना खाने के तुरंत बाद लेटने से बचें।
  • सीन में जलन महसूस हो रही है, तो आरामदायक और ढीले कपड़े पहनें (11), क्योंकि हार्ट बर्न के दौरान टाइट कपड़े पहनने से आपको चिड़चिड़ाहट और सांस लेने में दिक्कत महसूस होगी। वहीं, ढीले कपड़ों में आप रिलेक्स फील कर सकती हैं।
  • अगर आपको सीने में जलन का एहसास हो रहा है, तो इससे कुछ हद तक राहत पाने के लिए आप दही या दूध का सेवन कर सकती हैं, लेकिन डॉक्टर से पूछकर ही।
  • आप एक चम्मच शहद को एक गिलास गर्म पानी में घोलकर पी सकती हैं।
  • धूम्रपान भी आपके सीने की जलन को बढ़ा सकता है। इसलिए, प्रेगनेंसी के दौरान धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों से बचना चाहिए (1)।

अब जानते हैं कि हार्ट बर्न होने पर डॉक्टर की राय कब लेनी चाहिए।

गर्भावस्था के दौरान सीने में जलन को लेकर कब चिंतित होना चाहिए?

अगर आपको नीचे दिए गए लक्षण नजर आते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से परामर्श जरूर लें (6):

  • सीने की जलन का काफी ज्यादा बढ़ना।
  • खून की उल्टी होना या थूक में खून दिखना।
  • गहरे रंग का मल आना आदि।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

एसिडिटी और सीने में जलन कब बंद होगी?

हर महिला को गर्भावस्था के दौरान अलग-अलग तरह के अनुभव होते हैं और हर किसी की प्रेगनेंसी भी एक जैसी नहीं होती। इसलिए, इस सवाल का कोई सटीक जवाब नहीं है। हां, अगर आपको पहले हार्टबर्न और एसिडिटी की समस्या नहीं रही है, तो यह परेशानी शिशु के जन्म तक आती-जाती रह सकती है। इसलिए, आपको खान-पान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

क्या सीने में जलन का मतलब है कि बच्चे के बाल बढ़ रहे हैं?

एक शोध के मुताबिक, गर्भावस्था के दौरान होने वाली सीने की जलन का एक कारण भ्रूण के बढ़ते बाल भी हो सकते हैं। दरअसल, इस प्रक्रिया के दौरान गर्भावस्था हार्मोन दोहरा काम करते हैं। एक तो वो भ्रूण के बालों का विकास कर रही होते हैं और दूसरा वो लोअर एसोफिजिअल स्फिन्कटर (lower esophageal sphincter) को रिलेक्स करते हैं, जिस वजह से पेट में मौजूद खाना व एसिड फूड पाइप में विपरीत दिशा की ओर आने लगता है (12)।

क्या प्रेगनेंसी में ईनो पी सकते हैं?

ईनो एक फ्रूट सॉल्ट है, जिसमें बेकिंग सोडा और साइट्रिक एसिड पाया जाता है। इसे पीना चाहिए या नहीं, यह पूरी तरह से आपके स्वास्थ्य पर निर्भर करता है (13)। इसलिए, बेहतर होगा कि आप इसे लेने से पहले डॉक्टर से संपर्क कर लें।

गर्भावस्था के दौरान हार्टबर्न और एसिडिटी होना आम है। ऐसा तनाव लेने के कारण भी हो सकता है। इससे घबराने की नहीं है, बल्कि अपना सही ख्याल रखने की जरूरत है। इससे राहत पाने के लिए कोई भी गर्भवती महिला डॉक्टर की सलाह पर दवा ले सकती है या फिर योग कर सकती है। इसके अलावा, सौंफ का सेवन किया जा सकता है या फिर इसे शरबत की तरह पिया जा सकता है। इस लेख में दिए गए टिप्स और अन्य सुझावों की मदद से भी एसिडिटी और हार्टबर्न को कम किया जा सकता है। गर्भावस्था के संबंध में और जानकारी के लिए आप मॉमजंक्शन के अन्य आर्टिकल जरूर पढ़ें।

References:

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गर्भवती महिला के गले में जलन क्यों होती है?

गले में दर्द या सूजन अधिकतर वाइरल के दौरान या बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण होती है। इस दौरान गले में दर्द और जलन की समस्या होती है। गर्भावस्था में महिलाओं को जी मितली की समस्या भी होती है, इस कारण भी उन्हें कई बार गले से संबंधित परेशानियों का सामना करना पड़ता है

प्रेगनेंसी में अगर गले में जलन हो तो क्या करें?

प्रेग्नेंसी में सीने में जलन दूर करने के उपाय कम अंतराल में थोड़ा-थोड़ा 4-5 बार खाएं, ताकि भोजन को सही से पचने का समय मिले. खाना को अच्छी तरह से चबाकर खाएं. खाना खाने के बीच-बीच में पानी ना पिएं. इससे भी सीन में जलन (Heartburn in pregnancy) हो सकता है.

गर्भ में लड़का होने की क्या पहचान है?

​बालों और त्‍वचा में बदलाव भ्रम : कहते हैं कि अगर पेट में लड़का हो तो स्किन पर दाने नहीं आते जबकि लड़की होने पर मां की स्किन खराब हो जाती है। वहीं लड़का होने पर बाल भी घने और सुंदर रहते हैं। तथ्‍य : हार्मोन के स्‍तर में बदलाव के कारण त्‍वचा और बालों में बदलाव आता है।

प्रेगनेंसी में रात में सीने में जलन क्यों होती है?

गर्भावस्‍था में इम्‍यूनिटी के साथ-साथ पाचन तंत्र भी कमजोर हो जाता है। इस समय पाचन ठीक ना हो पाने और गर्भाशय में शिशु को जगह देने की वजह से आसपास के अंगों पर दबाव पड़ता है जिससे पाचन से जुड़ी कई तरह की समस्‍याएं जैसे कि एसिडिटी, गैस, अपच और सीने में जलन हो सकती हैं।