ग्रह और तारे में क्या अंतर है उत्तर? - grah aur taare mein kya antar hai uttar?

इसे सुनेंरोकेंग्रह के पास अपना प्रकाश नही होता है। तारों के पास अपना प्रकाश होता है। ग्रह तारों का चक्कर लगाते है। तारे किसी खगोलिय पिंड का चक्कर लगाते है।

तारों का एक समूह जो विभिन्न प्रति रूपों का निर्माण करता है उसे क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकेंतारों का एक समूह जो विभिन्न प्रतिरूपों का निर्माण करता है, उसे तारामंडल कहते हैं।

ग्रह और तारा में अंतर क्या है?

इसे सुनेंरोकेंग्रह उन आकाशीय पिंडों को कहा जाता है जो किसी तारे की परिक्रमा करते हैं जबकि तारे आकाशगंगा के केंद्रीय भाग के गिर्द परिक्रमा करता है।

गृह और तारे में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंतारा- (i) यह विशाल आकार का होता है। (ii) इसका अपना प्रकाश होता है। (iii) तारे टिमटिमाते हैं। . ग्रह – (i) तारे की तुलना में यह छोटे आकार का होता है।

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तारों की एक बड़ी प्रणाली को क्या कहते हैं?

इसे सुनेंरोकें(ii) तारों की एक बहुत बड़ी प्रणाली को आकाशगंगा (galaxy) कहा जाता है। (iii) चंद्रमा (Moon) पृथ्वी के सबसे करीब है। (iv) पृथ्वी (earth) सूर्य से तीसरा सबसे नजदीक ग्रह है।

निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए I ग्रह और तारे में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकें(1) ये आकाशीय पिंड सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। (2) सूर्य परिवार के ग्रहों की संख्या 8 है। (3) ग्रहों का अपना ताप और प्रकाश नहीं होता। (4) ग्रह टिमटिमाते नहीं है।

इसे सुनेंरोकें(i) ग्रह और तारे में क्या अंतर है? उत्तर- ग्रह– ग्रह वे आकाशीय पिंड होते हैं जो एक निश्चित कक्षा में सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाते हैं। इनकी संख्या 8 ये सूर्य से ऊष्मा तथा प्रकाश प्राप्त करते हैं। तारे- वे खगोलीय पिंड जिनमें अपनी ऊष्मा तथा प्रकाश होता है तारे कहलाते हैं।

ब्रह्मांड क्या है क्लास 6?

इसे सुनेंरोकें(vi) ब्रह्मांड क्या है? उत्तर करोड़ों तारों, बादलों तथा गैसों की एक प्रणाली आकाशगंगा है। इस प्रकार की लाखों आकाशगंगाएँ मिलकर ब्रह्मांड का निर्माण करती हैं। ब्रह्मांड की विशालता की कल्पना करना अत्यधिक कठिन है।

इनमें से कौन सा खगोलीय पिंड हमारे सौर मंडल का हिस्सा है एंड्रोमेडा गैलेक्सी बौना ग्रह प्लूटो प्रॉक्सिमा सेन्टॉरी?

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इसे सुनेंरोकेंप्लूटो (बौना ग्रह) प्लूटो को कभी सौर मण्डल का सबसे बाहरी ग्रह माना जाता था, लेकिन अब इसे सौर मण्डल के बाहरी काइपर घेरे की सब से बड़ी खगोलीय वस्तु माना जाता है। काइपर घेरे की अन्य वस्तुओं की तरह प्लूटो का अकार और द्रव्यमान काफ़ी छोटा है – इसका आकार पृथ्वी के चन्द्रमा से सिर्फ़ एक-तिहाई है।

प्रश्न 2 सौरमंडल से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंAnswer. सौर मंडल में सूर्य और वह खगोलीय पिंड सम्मलित हैं, जो इस मंडल में एक दूसरे से गुरुत्वाकर्षण बल द्वारा बंधे हैं। किसी तारे के इर्द गिर्द परिक्रमा करते हुई उन खगोलीय वस्तुओं के समूह को ग्रहीय मण्डल कहा जाता है जो अन्य तारे न हों, जैसे की ग्रह, बौने ग्रह, प्राकृतिक उपग्रह, क्षुद्रग्रह, उल्का, धूमकेतु और खगोलीय धूल।

गृह और तारो में क्या अंतर है?

इसे सुनेंरोकेंतारे (Stars) स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करते हैं और यह प्रकाश उनमें होने वाली नाभिकीय संलयन (Nuclear Fission) अभिक्रिया से प्राप्त होता है। जबकि ग्रह(Planets) स्वयं प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते हैं बल्कि उन पर सूर्य का प्रकाश ( Sunlight) गिरता है जिसे वे परावर्तित करते हैं।

कुल ग्रह कितने हैं?

इसे सुनेंरोकेंग्रह हमारे सौरमंडल में आठ ग्रह हैं। सूर्य से दूरी के अनुसार, वे हैं: बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, बृहस्पति, शनि, यूरेनस तथा नेप्च्यून।

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पृथ्वी के सबसे करीब कौन है?

इसे सुनेंरोकेंमंगल ग्रह पृथ्वी के सबसे नजदीक है।

सौरमंडल का निर्माण कैसे हुआ था लिखिए?

इसे सुनेंरोकेंसौर मंडल के उत्पत्ति के बारे में वैज्ञानिकों की अलग-अलग राय है। कहा जाता है कि सौर मंडल का गठन 4.6 अरब साल पहले शुरू हुआ। इससे पहले सौरमंडल की जगह पर कोई दूसरा ग्रह मौजूद नहीं था और हमें रोशनी से भरपूर करने वाला सूर्य भी मौजूद नहीं था। यहां पर केवल धूल ही धूल मौजूद थी जिसमें हाइड्रोजन व हीलियम की भी उपस्थिति थी।

सौरमंडल में पृथ्वी क्या है?

इसे सुनेंरोकेंपृथ्वी, जिस पर हम रहते हैं, एक ग्रह है। यह अपना संपूर्ण प्रकाश एवं ऊष्मा सूर्य से प्राप्त करती है, जो पृथ्वी सबसे नजदीक का तारा है। पृथ्वी को बहुत अधिक दूरी से, जैसे चंद्रमा से देखने पर, यह चंद्रमा की तरह चमकती हुई प्रतीत होगी।

ब्रह्मांड में कितने सौरमंडल हैं?

इसे सुनेंरोकेंब्रह्मांड में नौ ग्रहों का है हमारा सौर परिवार, बीच में है आग उलगता मुखिया सूरज सूर्य पृथ्वी से लगभग 13 लाख गुना बड़ा है और पृथ्वी को इसके ताप का 2 अरब वां भाग मिलता है। पृथ्वी से सूर्य की दूरी लगभग 149 लाख किमी है।

ग्रह और तारे किसे कहते हैं एवं ग्रह और तारे में क्या अंतर है: ग्रह किसे कहते हैं, ग्रह के प्रकार, तारे किसे कहते हैं, तारे किसे कहते हैं, तारे के प्रकार, ग्रह और तारे में क्या अंतर है आदि प्रश्नों के उत्तर दिए गए हैं। What are planets and stars and what is the difference between planets and stars in hindi.

Table of Contents

  • ग्रह किसे कहते हैं
    • ग्रह के प्रकार
      • आंतरिक ग्रह
      • बाह्य ग्रह
  • तारे किसे कहते हैं
    • तारे की श्रेणियां
      • O (ओ)
      • B (बी)
      • A (ए)
      • M (एम)
      • G (जी)
      • F (एफ)
      • K (के)
    • तारे के प्रकार
      • लाल तारा
      • न्यूट्रॉन तारा
  • ग्रह और तारे में अंतर

ग्रह किसे कहते हैं

ग्रह वह विशाल खगोलीय पिंड होते हैं जो अंतरिक्ष में पृथ्वी के साथ-साथ अपनी धुरी पर स्थिर रहकर गतिमान होते हैं। यह आकार में धरती के बराबर या उससे कई गुना बड़े भी हो सकते हैं। अंतरिक्ष में पृथ्वी के समान कई ग्रह मौजूद होते हैं परंतु उनका वातावरण पृथ्वी से भिन्न होता है। सभी ग्रह नियमित रूप से सूर्य के चारों और कक्षा में स्थित होते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार सौरमंडल में आठ ग्रह होते हैं बुध, शुक्र, पृथ्वी, मंगल, शनि, यूरेनस एवं नेप्चून। यह सभी ग्रह निरंतर सूर्य एवं तारों के चक्कर लगाते रहते हैं। अंतरिक्ष में मौजूद सभी ग्रहों की एक निश्चित कक्षा होती है तथा यह किसी अन्य ग्रह की कक्षा में प्रवेश नहीं करते हैं। पूरे ब्रह्मांड में पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है जिसे जीवन को आश्रय देने वाला ग्रह कहा जाता है। सभी ग्रह का आकार गोलाकार होता है तथा सभी में गुरुत्वाकर्षण बल होता है।

ग्रह के प्रकार

गृह मुख्य रूप से दो प्रकार के होते हैं:-

  • आंतरिक ग्रह
  • बाह्य ग्रह

आंतरिक ग्रह

जिन ग्रहों की बाहरी सतह ठोस होती है उन्हें आंतरिक ग्रह कहा जाता है। हमारे सौरमंडल में आंतरिक ग्रहों की संख्या 4 होती है; बुध, पृथ्वी, मंगल एवं शुक्र। आंतरिक ग्रहों को स्थलीय ग्रह या चट्टानी ग्रह के नाम से भी जाना जाता है। इन ग्रहों का निर्माण मुख्य रूप से चट्टानी पदार्थों जैसे कार्बन, सिलीकेट, पानी या चट्टान से होता है।

बाह्य ग्रह

बाह्य ग्रह उन ग्रहों को कहा जाता है जिनकी सतह द्रवीय या गैसीय होती है। इन ग्रहों को गैसीय ग्रह के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि इनमें गैस की मात्रा अधिक होती है। बाह्य ग्रहों का निर्माण मुख्य रूप से हाइड्रोजन एवं हीलियम जैसे गैसीय पदार्थों से होता है। हमारे सौरमंडल में चार प्रकार के बाह्य ग्रह होते हैं शनि, बृहस्पति, वरुण एवं अरुण।

तारे किसे कहते हैं

तारे वह खगोलीय पिंड होते हैं जो स्वयं ही प्रकाश को उत्पन्न करते हैं। हमारे सौरमंडल में मौजूद सभी तारों में स्वयं की ऊष्मा एवं प्रकाश की शक्ति होती है। तारों में भारी मात्रा में हाइड्रोजन की उपस्थिति होती है जो तारों का ईंधन कहलाती है। एक तारे में मुख्य रूप से हाइड्रोजन के चार नाभिक आपस में मिलकर हीलियम के नाभिक का निर्माण करते हैं। इस क्रिया को वैज्ञानिक भाषा में नाभिकीय संलयन की क्रिया कहा जाता है। इस क्रिया में भारी मात्रा में ऊर्जा उत्सर्जित होती है जो मुख्य रूप से तारों के ऊष्मा एवं प्रकाश का स्रोत बनते हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार तारों का जीवन एक निश्चित अवधि तक होता है क्योंकि वैज्ञानिकों का मानना है कि तारों में होने वाली नाभिकीय संलयन की क्रिया हाइड्रोजन की समाप्ति के पश्चात रुक जाएगी एवं इससे तारे अपनी ऊष्मा एवं प्रकाश की शक्ति को खो देंगे।

सौरमंडल में मौजूद तारे का जीवन प्रारंभिक अवस्था में हाइड्रोजन से भरपूर रहता है जिसके कारण उसमें निरंतर नाभिकीय संलयन की क्रिया के माध्यम से ऊष्मा उत्सर्जित होते रहती है। परंतु इसके कारण तारे में हाइड्रोजन की मात्रा निरंतर कम भी होती रहती है जिससे तारे का तापमान धीरे-धीरे कम होता चला जाता है।

तारे की श्रेणियां

वैज्ञानिकों ने रंगो के आधार पर तारों को कई श्रेणियों में विभाजित किया है जो कुछ इस प्रकार हैं:-

  • O (ओ)
  • B (बी)
  • A (ए)
  • M (एम)
  • G (जी)
  • F (एफ)
  • K (के)

O (ओ)

इस प्रकार के तारे का रंग मुख्य रूप से नीला होता है। इसका तापमान ≥ 33,000 K होता है एवं इसके वर्णक्रम में हाइड्रोजन की लकीरें कमजोर होती हैं।

B (बी)

इस प्रकार के तारे का रंग नीला या सफेद होता है। इसका तापमान 10,000 – 33,000 K तक का होता है एवं इसके वर्णक्रम में हाइड्रोजन की लकीरें मध्यम होते हैं।

A (ए)

इस प्रकार के तारे का रंग सफेद या हल्का नीला होता है। इसका तापमान 7,500 – 10,000 K होता है एवं इसके वर्णक्रम में हाइड्रोजन की लकीरें अत्यधिक होती हैं।

M (एम)

इस प्रकार के तारे का रंग गहरा लाल होता है। इसका तापमान ≤ 3,700 K तक का होता है एवं इसके वर्णक्रम में हाइड्रोजन की लकीरें बेहद कमजोर होती हैं।

G (जी)

इसका रंग पीला या हल्का सफेद होता है। इसका तापमान 5,200 – 6,000 K तक का होता है एवं इसके वर्णक्रम में हाइड्रोजन की लकीरें कमजोर होती है।

F (एफ)

इस प्रकार के तारे का रंग पीला या सफेद होता है। इसका तापमान 6,000 – 7,500 K तक होता है एवं इसके वर्णक्रम में हाइड्रोजन की लकीरें मध्यम में होती हैं।

K (के)

इस प्रकार का तारा नारंगी या पीले रंग का होता है। इसका तापमान 3,700 – 5,200 K तक का होता है। इसके वर्णक्रम में हाइड्रोजन की लकीरें बेहद कमजोर होती हैं।

तारे के प्रकार

वैज्ञानिकों के अनुसार तारा मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है:-

  • लाल तारा
  • न्यूट्रॉन तारा

लाल तारा

जब किसी तारे की ऊष्मा एवं प्रकाश की शक्ति समाप्त हो जाती है तो उसे लाल तारा या रेड जायंट (Red Giant Star) के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि जब तारे की शक्ति समाप्त हो जाती है तो वह लाल रंग का दिखाई देता है। लाल तारे की बाहरी सतह सदैव विस्तृत होते रहती है जिसके कारण एक निश्चित समय के बाद उसमें एक विस्फोट होता है जिसे सुपरनोवा विस्फोट (Supernova Explosion) के नाम से जाना जाता है। लाल तारा आमतौर पर एक बूढ़ा हो चुका तारा होता है जिसकी उम्र अन्य तारों से कहीं अधिक होती है। सुपरनोवा विस्फोट के बाद यदि लाल तारे के अवशेष का द्रव्यमान सूर्य से 1.44 गुणा कम होता है तो वह तारा श्वेतमान तारे (Dwarf Star) की भांति व्यवहार करता है। परंतु यदि उस तारे के अवशेष का द्रव्यमान सूर्य से 1.44 गुणा अधिक होता है तो वह न्यूट्रॉन तारा कहलाता है।

न्यूट्रॉन तारा

न्यूट्रॉन तारा वह तारा होता है जिसका निर्माण सुपरनोवा घटना के पश्चात गुरुत्वीय पतन के कारण होता है। न्यूट्रॉन तारे का आकार बेहद छोटा एवं द्रव्यमान बहुत अधिक होता है। इन तारों की विशेषता यह होती है कि यह केवल न्यूट्रॉन के द्वारा बने हुए होते हैं। न्यूट्रॉन तारे में नाभिकीय घनत्व होता है जिसके कारण इसमें पानी का घनत्व लगभग 14 गुना अधिक हो जाता है।

न्यूट्रॉन तारा समय के साथ-साथ सिकुड़ता रहता है जिसके कारण तारे का संपूर्ण द्रव्यमान एवं घनत्व एक ही बिंदु पर स्थिर हो जाता है। इसी वजह से न्यूट्रॉन तारे का घनत्व असीमित हो जाता है एवं गुरुत्वाकर्षण बल अत्यधिक बढ़ने लगता है जिसके कारण वह पूरा द्रव्यमान अपने अंदर समेट लेता है।न्यूट्रॉन तारे में गुरुत्वाकर्षण बल की शक्ति इतनी अधिक होती है कि वह प्रकाश को भी अपने अंदर खींच लेता है जिसके कारण इसका रंग काला प्रतीत होता है।

ग्रह और तारों में क्या अंतर है?

तारे (Stars) स्वयं प्रकाश उत्सर्जित करते हैं और यह प्रकाश उनमें होने वाली नाभिकीय संलयन (Nuclear Fission) अभिक्रिया से प्राप्त होता है। जबकि ग्रह(Planets) स्वयं प्रकाश उत्सर्जित नहीं करते हैं बल्कि उन पर सूर्य का प्रकाश ( Sunlight) गिरता है जिसे वे परावर्तित करते हैं।

ग्रह तारों से अलग क्यों होते हैं?

Solution : तारे टिमटिमाते हैं, जबकि ग्रह नहीं । इसका कारण है, ऊँचाई के साथ वायुमण्डलीय परतों के घनत्वों में परिवर्तन होना है। जैसाकि हम जानते हैं, तारे हमसे बहुत दूर हैं, एवं लगातार प्रकाश उत्सर्जित कर रहे हैं। इसलिए तारों से आने वाले प्रकाश की तीव्रता में लगातार परिवर्तन होता रहता है।

सूर्य और तारों में क्या अंतर है?

सूर्य और तारों में क्या अंतर है? कोई अन्तर नहीं है । सूर्य भी एक तारा ही है, इतना नजदीक है कि हमें पता नहीं लगता हैं कि सूर्य तारा है । सूर्य केवल 149.6 मिलियन किलोमीटर दूरी पर अवस्थित है और निरन्तर हमें सौरशक्ति प्रदान कर रहा है ।

ग्रह और उपग्रह में अंतर क्या है?

ग्रह - जो पिण्ड किसी तारे की परिक्रमा करते हैं, उन्हें ग्रह कहते हैं। जैसे हमारी पृथ्वी (पिण्ड) एक ग्रह है जो सूर्य (तारा) की परिक्रमा करती है। उपग्रह - जो पिण्ड किसी ग्रह की परिक्रमा करते हैं, उन्हें उपग्रह कहते हैं। जैसे चन्द्रमा हमारी पृथ्वी की परिक्रमा करता है, तो चन्द्रमा पृथ्वी का उपग्रह हुआ।