एरिन बेकर. पाकिस्तान का जकोबाबाद एशिया और संभवत: विश्व का सबसे गर्म शहर है। वहां गर्मी के मौसम में तापमान 53 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच जाता है। थर्मामीटर के पारे का 50 से 52 डिग्री के बीच रहना सामान्य होता जा रहा है। अगर धरती का इस गति से गर्म होना जारी रहा तो केवल जकोबाबाद ही नहीं बहुत जगह इतना तापमान रहेगा। वर्ष 2100 तक दुनिया की तीन चौथाई आबादी को साल में 20 दिन जानलेवा गर्मी से जूझना होगा। 1) इस साल 4 महाद्वीपों में पडे़गी भीषण गर्मी इस वर्ष गर्मी के मौसम में एशिया, यूरोप, अफ्रीका, उत्तर और दक्षिण अमेरिका (उत्तरी गोलार्द्ध) में गर्म हवाओं ने जबर्दस्त कहर ढाया है। क्लाइमेट साइंटिस्ट बताते हैं कि मौसम की गतिविधि से राहत न मिलने का कारण जलवायु परिवर्तन ही है। 19 में से 18 सबसे गर्म वर्ष 2001 के बाद रहे हैं। हवाई यूनिवर्सिटी में क्लाइमेट साइंटिस्ट केमिलो मोरा का कहना है, स्थिति इससे बहुत अधिक खराब होने वाली है। जकोबाबाद जैसी गर्मी पड़ने की ज्यादा आशंका है। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि 21 वीं सदी के अंत तक ग्लोबल औसत तापमान में कम से कम 3 डिग्री सेल्सियस बढ़ोतरी संभावित है। मोरा कहते हैं, इस कारण तूफान, जंगलों में आग और ग्रीष्म लहर तीन गुना अधिक बढ़ जाएगी। पाकिस्तान दावा करता है कि जकोबाबाद विश्व का सबसे गर्म शहर है। दरअसल, विभिन्न वैज्ञानिक संस्थाएं अलग-अलग मैट्रिक्स का उपयोग करती हैं। पिछले दो वर्षों में ईरान, पाकिस्तान और कुवैत ने रिकॉर्ड तापमान के दावे किए हैं। वैसे, विश्व मौसम विज्ञान संगठन की व्यापक रिसर्च के सामने आने के बाद तुरबत, पाकिस्तान इस खिताब के लिए दावा कर सकता है। वहां सबसे अधिक 53.7 डिग्री सेल्सियस तापमान 28 मई, 2017 को रिकॉर्ड किया गया था। जकोबाबाद फिर भी बाजी मार सकता है क्योंकि वहां गर्मी में लगातार 50 डिग्री से अधिक तापमान रहता है। हालांकि, सबसे ज्यादा तापमान डैथ वैली कैलिफोर्निया (56.7 डिग्री) में रिकॉर्ड किया जा चुका है। वहां मानव बसाहट नहीं है। मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मीडिया लैब में रिसर्च साइंटिस्ट निक ओबरादोविच ने मानसिक स्वास्थ्य पर जलवायु परिवर्तन के असर की स्टडी की है। निक की टीम ने जलवायु की अलग-अलग स्थितियों में रहने वाले लोगों की एक अरब से अधिक सोशल मीडिया पोस्ट के अध्ययन पर पाया कि सामान्य से ज्यादा तापमान का संबंध खराब मूड और मानसिक स्वास्थ्य से है। मानव शरीर मौसम के अनुरूप अपने आपको ढालता है लेकिन गर्मी बर्दाश्त करने की एक सीमा है। जब आसपास की हवा का तापमान शरीर के सामान्य तापमान 37 डिग्री से अधिक होता है तब पसीना निकलने से शरीर ठंडा होता है। लेकिन, नमी ज्यादा होने से पसीने का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है क्योंकि हवा में पहले ही अधिक नमी रहती है। नतीजतन सबसे पहले त्वचा में खून का प्रवाह बढ़ता है। दिल पर दबाव पड़ता है। थकान बढ़ती है। नर्व कोशिकाओं की गड़बड़ी से सिरदर्द, उल्टी होती है। अगर शरीर का तापमान 40,41 डिग्री से अधिक पहुंचता है तो अंग शिथिल पड़ते हैं। किडनी फेल होने और आंत की सतह फटने से खून विषाक्त होता है। इससे कुछ घंटों के भीतर मौत हो जाती है। हवाई यूनिवर्सिटी के क्लाइमेट साइंटिस्ट मोरा की टीम ने पिछले 35 वर्ष की 783 जानलेवा ग्रीष्म लहर के डेटा का विश्लेषण किया है। पता लगा कि गर्मी नहीं नमी से अधिक फर्क पड़ता है। नमी 50% से अधिक होने पर दिन के समय 38 से 39 डिग्री तापमान भी घातक साबित हो सकता है। हालांकि जकोबाबाद में ऐसा बहुत कम होता है। वर्ष 2100 तक विश्व की लगभग 74% आबादी को हर वर्ष कम से कम 20 दिन ऐसे हालात झेलना पड़ेंगे जब गर्मी और नमी घातक मोड़ पर पहुंच जाएगी। अमेरिका के राष्ट्रीय समुद्री और वातावरण विभाग का अनुमान है कि विश्व में गर्मी और नमी के कारण खुले स्थानों में लोगों के काम करने में 10% गिरावट आई है। यह आंकड़ा 2050 तक दोगुना हो जाएगा।
क्या है निपटने का उपाय : संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सुरक्षा एजेंसी के अनुसार कुछ पेड़ों के कारण आसपास का तापमान 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। सबसे ज्यादा गर्मी कौन से शहर में होती है?डेथ वैली, कैलिफोर्निया (Death Valley, California)
10 जुलाई 1913 में यहां का अधिकतम तापमान का रिकॉर्ड बना था। उस समय डेथ वैली के फरनेस क्रीक नाम के स्थान पर अधिकतम तापमान 56.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था। फिलहाल यहां पर 37 से 40 डिग्री के बीच तापमान दर्ज किया जा रहा है।
दुनिया का सबसे गर्म शहर कौन है?पहले नंबर पर पाकिस्तान का जैकोबाबाद इलाका दुनिया का सबसे गर्म इलाका है।
भारत के कौन से राज्य में सबसे ज्यादा गर्मी पड़ती है?राजस्थान राज्य में स्थित चुरु भारत का सबसे गर्म (hottest place in india) स्थान कहा जा सकता है. उत्तरी राजस्थान में स्थित है चुरू में गर्मियों के दिनों में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस तक चला जाता है.
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