ग्राफीय विधि से गति के लिए सूत्र : Show
कोई वस्तु सीधी रेखा में एकसमान त्वरण से चलती है तो एक निश्चित समयांतराल में समीकरणों के द्वारा उसके वेग, गति के दौरान त्वरण व उसके द्वारा तय की गई दूरी में जो संबंध स्थापित होता है, उस समीकरण को गति का समीकरण कहा जाता है | ये समीकरण तीन हैं - (i) v = u + at (ii) s = ut + ½ at2 (iii) 2 as = v2 - u2 गति के समीकरण को प्राप्त करने के लिए वेग-समय ग्राफ -
(i) v = u + at के लिए हल : अब, BC = BD + DC = BD + OA ............. (i) यहाँ आरंभिक वेग (u) = OA है और अंतिम वेग (v) = BC है | इसलिए, BC = v तथा OA = u रखने पर BC = BD + OA समी० (i) से या v = BD + u या BD = v - u अत: वेग में परिवर्तन BD = v - u ............ (ii) लिया गया कुल समय (t) = OC
BD = at ............ (iii) समीकरण (ii) तथा (iii) से v - u = at या v = u + at (ii) s = ut + ½ at2 के लिए हल : अब, माना वस्तु ने एकसमान त्वरण a से t समय लगाकर s दुरी तय की | वस्तु द्वारा तय की गई दुरी = वेग-समय ग्राफ में AB के नीचे घिरे क्षेत्र OABC का क्षेत्रफल अत : s = समलंब OABC का क्षेत्रफल या = आयात OADC का क्षेत्रफल + त्रिभुज ABD का क्षेत्रफल = OA × OC + ½ (AD × BD) = u × t + ½ × (t × at) [चूँकि BD = at] समी० (iii) से = ut + ½ at2 अत: s = ut + ½ at2 (iii) 2 as = v2 - u2 के लिए हल : अब, उसी प्रकार वेग समय ग्राफ से - v - u = at या s = समलंब OABC का क्षेत्रफल = ½ (समांतर भुजाओं का योग') × ऊँचाई = ½ (OA + BC) × OC = ½ (u + v) × t समी० (1) से
या 2 a s = v2 - u2 ATP Education ATP Education गति का समीकरणEquations of Motionकिसी वस्तु के वेग, त्वरण, समय तथा दूरी के बीच स्थापित संबंधों को गति का समीकरण (EQUATIONS OF MOTION) कहा जाता है। गति के समीकरण मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं। `v=u+at` ------------(i) `s= ut + 1/2\ at^2` --------- (ii) `2as = v^2-u^2` -------------- (iii) जहाँ `u` = प्रारंभिक वेग `v`= अंतिम वेग `s` = दूरी `a` = त्वरण तथा `t` = समय समीकरण (i) वेग–समय के संबध को दिखालाता है। समीकरण (ii) स्थिति तथा समय के संबंध को दिखलाता है। तथा समीकरण (iii) स्थिति तथा वेग के बीच संबंध को दिखलाता है। इन समीकरणों को ग्राफीय विधि द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। ग्राफीय विधि द्वारा गति के समीकरण (Equations of Motion by Graphical Method)मान लिया कि एकसमान त्वरित गति से चल रहे एक वस्तु का ग्राफ निम्नांकित है। इस ग्राफ में, प्रारंभिक वेग =`u (u!=0)` [ A बिन्दु पर] अंतिम वेग `=v` [ B बिन्दु पर] मान लिया कि समय `t` में वस्तु का प्रारंभिक वेग `u` से बद्लकर `v` हो जाता है। अर्थात समय `=t` अब बिन्दु B से दो लम्ब BC तथा BE क्रमश: समय तथा वेग अक्ष पर डाला गया। अत: OA द्वारा प्रारम्भिक वेग तथा BC द्वारा अंतिम वेग दर्शाया गया है। तथा समयांतराल `t` को OC द्वारा दर्शाया गया है। Equations of Motionकिसी वस्तु के वेग, त्वरण, समय तथा दूरी के बीच स्थापित संबंधों को गति का समीकरण (EQUATIONS OF MOTION) कहा जाता है। गति के समीकरण मुख्य रूप से तीन तरह के होते हैं। `v=u+at` ------------(i) `s= ut + 1/2\ at^2` --------- (ii) `2as = v^2-u^2` -------------- (iii) जहाँ `u` = प्रारंभिक वेग `v`= अंतिम वेग `s` = दूरी `a` = त्वरण तथा `t` = समय समीकरण (i) वेग–समय के संबध को दिखालाता है। समीकरण (ii) स्थिति तथा समय के संबंध को दिखलाता है। तथा समीकरण (iii) स्थिति तथा वेग के बीच संबंध को दिखलाता है। इन समीकरणों को ग्राफीय विधि द्वारा भी प्राप्त किया जा सकता है। ग्राफीय विधि द्वारा गति के समीकरण (Equations of Motion by Graphical Method)मान लिया कि एकसमान त्वरित गति से चल रहे एक वस्तु का ग्राफ निम्नांकित है। इस ग्राफ में, प्रारंभिक वेग =`u (u!=0)` [ A बिन्दु पर] अंतिम वेग `=v` [ B बिन्दु पर] मान लिया कि समय `t` में वस्तु का प्रारंभिक वेग `u` से बद्लकर `v` हो जाता है। अर्थात समय `=t` अब बिन्दु B से दो लम्ब BC तथा BE क्रमश: समय तथा वेग अक्ष पर डाला गया। अत: OA द्वारा प्रारम्भिक वेग तथा BC द्वारा अंतिम वेग दर्शाया गया है। तथा समयांतराल `t` को OC द्वारा दर्शाया गया है। ग्राफीय विधि द्वारा वेग तथा समय के संबंध का समीकरणBD = BC – CD यह समयांतराल `t` में वेग में परिवर्तन दर्शाता है। अब AD को OC समांनांतर खींचा गया अत: ग्राफ के द्वारा BC = BD + DC `=>BC = BD + OA` अब BC `=v` तथा OA `=u` का मान रखने पर `v = BD + u` `=>BD = v-u` -----------(iv) अब हम जानते हैं कि इकाई समय में वेग में परिवर्तन त्वरण (`a`) होता है। अत: `=>a = (BD)/(AD)` [जहाँ `a` = त्वरण] `=>a = (BD)/(OC)` अब OC = `t` रखने पर हम पाते हैं कि `=>a = (BD)/t` `=>BD = at` ------------(v) अब समीकरण (iv) में BD का मान रखने पर `v= u+at` ------------- (vi) जहाँ `u`= प्रारम्भिक वेग, `v`=अंतिम वेग, `a` = त्वरण तथा `t`= समय यह समीकरण (vi) वेग–समय संबंध के लिये समीकरण कहा जाता है। अत: `u, v, a` तथा `t` में से किसी तीन का मान ज्ञात होने पर चौथे राशि के मान की गणना की जा सकती है। ग्राफीय विधि से समय–स्थिति संबंध के लिये समीकरणमान लिया कि एक वस्तु ने एकसमान त्वरण `a` से `t` समय में `s` दूरी तय करती है। अत: दिये गये ग्राफ में वस्तु द्वारा तय की गई दूरी, वेग–समय ग्राफ AB के नीचे घिरे क्षेत्र OABC द्वारा प्राप्त की जाती है। ∴ `s` = OABC का क्षेत्रफल = समलम्ब चतुर्भुज OADC का क्षेत्रफल + त्रिभुज ABD का क्षेत्रफल `=OAxxOC+1/2 (ADxxBD)` अब चूँकि OA = `u` तथा OC = AD =`t` तथा BD = `at` अत: OA, OC, AD तथा BD का मान रखने पर हम पाते हैं कि `s = uxxt+1/2(txxat)` `=>s=ut+1/2at^2` --------- (vii) यह समय–स्थिति के लिये समय कहलाता है। दिये गये समय–स्थिति में `s,u,t` तथा `a` में से किन्हीं तीन का मान ज्ञात रहने पर चौथे का मान ज्ञात किया जा सकता है। वेग –स्थिति संबंध के लिये समीकरण (Equation for Position Velocity Relation)वस्तु के द्वारा एकसमान त्वरण `a` से `t` समय में तय की गई दूरी को ग्राफ के नीचे समलम्ब चतुर्भुज OABC द्वारा घेरे गये क्षेत्रफल द्वारा प्रदर्शित किया गया है। अर्थात, दूरी, `s` = समलम्ब चतुर्भुज OABC का क्षेत्रफल = `1/2`(समानांतर भुजाओं का योग)× समानांतर भुजाओं के बीच की दूरी `= 1/2(OA+BC)xxOC` अब OA `=u`, BC `=v` तथा OC `=t`, का मान रखने पर हम पाते हैं कि `s=1/2(u+v)t` ----------- (viii) अब, वेग–समय संबंध से हम जानते हैं कि `v=u+at` `=>at = v-u` `=t = (v-u)/a` अत: उपरोक्त `t` का मान समीकरण (viii) में रखने पर हम पाते हैं कि `s= 1/2(u+v)xx (v-u)/a` `=>s = 1/(2a)(v^2-u^2)` [∵` (u+v)(u-v)=v^2-u^2`] `=2as = v^2-u^2` `=>v^2 = u^2+2as` ------------ (ix) इस समीकरण को वेग –स्थिति संबंध समीकरण कहा जाता है। उदारण प्रश्न (1): एक बस विरामावस्था से चलकर 5 मिनट में 54 km/h का वेग प्राप्त कर लेती है। इसके त्वरण को एकसमान मानते हुए त्वरण तथा इस वेग को प्राप्त करने के लिये तय की गई दूरी ज्ञात करें। हल: दिया गया है, प्रारम्भिक वेग `(u)` = 0 [चूँकि बस विराम अवस्था से चलना शुरू करती है] अंतिम वेग `(v)` = 50 km/h `=(54xx1000)/(60xx60)\ m//s` `=54000/3600 = 1.5\ m//s` तथा दिया गया है, समय = 5 मिनट `= 5xx60 = 300\ s` या, `t = 300\ s` अत: त्वरण `a` = ? तथा दूरी `s` =? त्वरण की गणनाहम जानते हैं कि, `v = u+at` `=> 1.5\ m// s = 0 + a xx 300\ s` `=> 1.5\ m// s = a xx 300\ s` `=> a = (1.5\ m// s)/(300\ s)` `=> a = 0.005\ m\ s^(-2)` दूरी की गणनाहम जानते हैं कि, `s = ut + 1/2 at^2` `=> s = 0 xx 300\ s + 1/2 xx 0.005\ m \ s^(-2) xx (300\ s)^2` `=> s = 1/2 xx 0.005\ m\ s^(-2) xx 90000\ s^2` `=> s = 0.005\ m\ s^(-2) xx 45000\ s^2` `=> s = 225\ m` अत: त्वरण (`a`) = 0.005 m s–2, तथा दूरी (`s`) = 225 m उत्तर. उदाहरण प्रश्न (2): एक रेलगाड़ी 2 मिनट में 36 km/h का वेग प्राप्त कर लेती है। तो इस रेलगाड़ी का त्वरण तथा दिये गये वेग को प्राप्त करने में तय की गई दूरी ज्ञात करें। हल: दिया गया है, चूँकि यहाँ प्रारम्भिक वेग नहीं दिया गया है, अत: मान लिया जाता है कि रेलगाड़ी विरामावस्था से चली थी। अर्थात प्रारम्भिक वेग, `u` = 0 अंतिम वेग, `v = 36\ km// h` चूकि, त्वरण का SI मात्रक m/s/s है, अत: इस अंतिम वेग को m/s में बदलना अधिक उपयुक्त होगा अत:, 36 km/h `=(36 xx1000\ m)/(60xx60\ s)` `=(36000\ m)/(3600\ s) = 1\ m\ s` अत:, अंतिम वेग, `v = 1\ m//s` दिया गया समय `t` = 2 मिनट = 2 × 60 = 120 s त्वरण की गणना (a)हम जानते हैं कि, `v = u+at` `=>1\ m//s = 0 + a xx 120\ s` `=>axx120\ s = 1\ m//s` `=>a = (1\ m//s)/(120\ s)` `=>a = 0.0083\ m\ s^(-2)` दिये गये अंतिम वेग को तय करने में तय की गई दूरी की गणनाहम जानते हैं कि, `s = ut + 1/2 at^2` `=>s = 0 xx 120\ s + 1/2 xx 1/120\ m\ s^(-2) xx (120\ s)^2` `=> s = 1/2 xx 1/120\ m\ s^(-2) xx 120\ s xx 120 s` `=>s = 1/2 xx 120 m = 60\ m` अत: त्वरण `= 1/120 \ m\ s^(-2)` or `0.0083\ m\ s^(-2)` तथा दूरी = 60 m उत्तर उदारण प्रश्न (3): एक रेलगाड़ी का वेग 10 सेकेंड में 36 km/h से बढ़कर 72 km/h हो जाता है, तो रेलगाड़ी का त्वरण तथा उक्त समय में तय की गई दूरी ज्ञात करें। हल: दिया गया है, प्रारम्भिक वेग, `u` = 36 km/h `=( 36xx1000\ m)/(60xx60\ s)` `=(36000\ m)/(3600\ s)` `=>u = 10\ m//s` तथा अंतिम वेग, `v = 72\ km//h` `=(72xx1000\ m)/(60xx60\ s)` `=(72000\ m)/(3600\ s)` `=>v= 20\ m//s` तथा समय `t` = 10 सेकेंड अत: त्वरण (a) तथा तय की गई दूरी (s)=? त्वरण की गणनाहम जानते हैं कि, `v = u +at` `=> 20\ m//s = 10\ m//s + a xx 10\ s` `=>axx 10\ s = 20\ m//s-10\ m//s` `=>axx10\ s = 10\ m//s` `=>a = (10\ m//s)/(10\ s)` `=>a = 1\ m\ s^(-2)` दूरी की गणनाहम जानते हैं कि `s=ut+1/2 at^2` `= 10\ m//s xx 10\ s+1/2 xx 1\ m\ s^(-2)xx(10\ s)^2` `=100 m + 1/2 xx1\ m\ s^(-2)xx100\ s^2` `=100\ m + 50\ m` `=>s = 150\ m` अत: त्वरण (a) = 1 m s–2 तथा दूरी (s) = 150 m उत्तर उदाहरण प्रश्न (4): एक बस जो कि 72 km/h की चाल से दौड़ रही है ब्रेक लगाने के बाद रूकने में 10 सेकेंड का समय लगता है। इस बस का त्वरण तथा बेक लगाने के बाद रूकने तक तय की गई दूरी ज्ञात करें। ह्ल : दिया गया है, प्रारम्भिक वेग, `u` = 72\ km/h `=(72xx1000\ m)/(60xx60\ s)` `=(72000\ m)/(3600\ s)` `=>u=20\ m//s` चूँकि ब्रेक लगाने के बाद बस रूक जाती है, अत: अंतिम वेग `u=0` समय, `t` = 10 सेकेंड त्वरण की गणनाहम जानते हैं कि, `v=u+at` `=>0 = 20\ m//s+axx10\ s` `=>axx10\ s= -20\ m//s` `=>a = (-20\ m//s)/(10\ s)` `=>a=-2\ m\ s^(-2)` दूरी की गणनाहम जानते हैं कि, `s = ut+1/2at^2` `=>s = 20\ m//sxx10\ s+1/2 xx (-2\ m\ s^(-2))xx(10\ s)^2` `=200\ m + 1/2 xx (-2\ m\ s^(-2))xx100\ s^2` `=200\ m-100\ m` `=>s = 100\ m` अत: त्वरण (a) = –2 m s–2 तथा दूरी (s) = 100 m उत्तर एकसमान वृतीय गति (Uniform Circular Motion)किसी वस्तु की वृत्ताकार पथ के अनुरूप गति को वृतीय गति कहते हैं। एक धावक की वृताकार पथ पर गति, घड़ी के सूइयों की गति, चन्द्रमा का पृथ्वी के चारों ओर परिकर्मा की गति, पंखे के ब्लेड की गति, लट्टू की गति, आति वृताकार गति के उदाहरण हैं। जब किसी वस्तु के वेग में परिवर्तन होता है, तो उस वस्तु की गति त्वरित गति कहलाती है। वेग में यह परिवर्तन वेग के परिमाण या गति की दिशा या दोनों के कारण हो सकता है। अर्थात यदि किसी वस्तु की चाल लगातार परिवर्तित हो रही है, या उसकी दिशा लगातार परिवर्तित हो रही है, या चाल और दिशा दोनों परिवर्तित हो रही है, तो वस्तु की गति त्वरित गति कहलाती है। अत: यदि कोई वस्तु वृत्ताकार पथ पर एकसमान चाल से चल रही है, तो भी उसकी दिशा लगातार बदल रही है। अत: एकसमान वृत्तीय गति एक त्वरित गति है। वृत्तीय गति में चल रही एक वस्तु का वेग (Velocity of an object moving in circular motion)मान लिया कि वृत्ताकार पथ जिसपर वस्तु चल रही है, की त्रिज्या `=r` अत: उस वृत्ताकार पथ की परिधि (Circumference) `=2pir` मान लिया वस्तु वृत्ताकार पथ का एक चक्कर `t` समय में पूरा करती है। हम जानते हैं कि वेग (v) = दूरी / समय यहाँ वृत्तीय गति की स्थिति में दूरी = वृत्ताकार पथ की परिधि `=2pir` तथा समय `=t` अत: वेग `(v) = (2pir)/t` `=>v=(2pir)/t` --------------- (x) जहाँ `v` = वेग, `r`= वृत्ताकार पथ की त्रिज्या, तथा `t` = एक चक्कर लगाने में लगा हुआ समय गति के तीनो समीकरण का सूत्र क्या है?v = s/t समीकरण एक समान गति वाली स्थितियों में ही प्रयोग होता है, यदि गति में त्वरण है और वस्तु की गति एक समान दर से बढ़ या घट रही हो तो गति के समीकरणों v = u +at, s= ut+ 1/2at2 और v2= u2 + 2as का प्रयोग होता है ।
गति का तीसरा समीकरण क्या है?गति का तीसरा समीकरण v2 = u2 + 2as के रूप में दिया गया है। यह समीकरण दूरी s की यात्रा में निकाय का वेग देता है।
गति का प्रथम नियम का सूत्र क्या है?न्यूटन के गति के प्रथम नियम के अनुसार, यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगी। वस्तु पर कोई बाह्य बल लगाकर ही वस्तु को विरामावस्था से गति की अवस्था में परिवर्तित किया जा सकता है। एवं यदि कोई वस्तु गतिशील अवस्था में है तो वह एक समान चाल से सरल रेखा में चलती ही रहेगी।
गति के द्वितीय समीकरण क्या है?द्वितीय नियम: किसी भी पिंड की संवेग परिवर्तन की दर लगाये गये बल के समानुपाती होती है और उसकी (संवेग परिवर्तन की) दिशा वही होती है जो बल की होती है।
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