घर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें? - ghar mein shivaling kee praan pratishtha kaise karen?

पारद शिवलिंग चांदी और पारा धातु से निर्मित होता है जिसे हमारे शास्त्रों में बहुत पवित्र शिवलिंग का दर्जा दिया गया है। ऐसा कहा जाता है कि जिस घर में भी पारद शिवलिंग स्थापित हो वहां साक्षात भोलेनाथ निवास करते हैं और केवल भगवान शिव ही नहीं माता लक्ष्मी और कुबेर देवता का भी उस स्थान पर वास होता है।

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पारद शिवलिंग कैसा होता है? ( Parad Shivling kaisa hota hai? )

पारद शिवलिंग चांदी और पारा धातु ( Mercury ) से निर्मित होने के कारण ठोस व चांदी यानी सिल्वर रंग का दिखाई देता है जिसमें चमक भी होती है।

पारद शिवलिंग की पहचान क्या है? ( How to identify Original Parad Shivling? )

असली पारद शिवलिंग की पहचान ( Original Parad Shivling ki pehchan ) यह है कि जब भी किसी पारद से निर्मित शिवलिंग को पानी में डालकर सूर्य की किरणों में रखा जाता है तो कुछ वक़्त के बाद वह शिवलिंग स्वर्ण के जैसे दिखने लगता है। 

वैज्ञानिक उपकरणों से यदि Parad Shivling ki pehchan का पता लगाया जाए और उसमें जस्ता, कलई और सिक्का जैसी धातुएं सम्मिलित हों तो वह शिवलिंग नकली है। इसके पीछे की वजह यह है कि पारद शिवलिंग को बनाते समय उसमें से इन धातुओं को निकाला जाता है। ये सभी धातु पारद के दोष माने जाते है और पारद निर्मित करते समय इसका पांचवा संस्कार होता है उसे इन धातुओं से मुक्त करना।  

पारद शिवलिंग के फायदे ( Parad Shivling benefits in hindi )

1. यह घर के वातावरण को सुखमय और समृद्ध बनाता है।

2. पारद शिवलिंग से सिर्फ भगवान शिव का ही आशीर्वाद प्राप्त नहीं होता बल्कि माता लक्ष्मी की कृपा भी बरसती है।

3. इसकी पूजा से कुंडली में मौजूद सभी तरह के गृह दोष समाप्त हो जाते हैं।

4. मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोलता है पारद शिवलिंग।

5. चरक सहिंता समेत कई पुराणों में उल्लेख मिलता है कि real shivling पारद तंत्र-मंत्र और बुरी शक्तियों के प्रभावों को समाप्त कर देता है।

6. उच्च रक्तचाप और अस्थमा की बीमारी से लड़ने में बहुत सहायक है क्योंकि इसमें शामिल पारा रोगों से लड़ने की क्षमता रखता है।

7. जिस घर में पारद होता है वहां भगवान शिव, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता तीनों का वास माना जाता है।

8. पारद शिवलिंग ( Parad Shivling real ) को प्राण प्रतिष्ठा की आवश्यकता नहीं होती है।

क्या घर में पारद शिवलिंग रखना चाहिए? ( Kya ghar me Parad Shivling rakhna chahiye? )

घर के सभी वास्तु दोषों की समाप्ति के लिए और वातावरण को पवित्र करने के पारद शिवलिंग को घर में रखा जाता है। यदि आप अपने घर में मौजूद दरिद्रता और बुरी शक्तियों का नाश करना चाहते हैं इसे घर में स्थापित कर सकते हैं।

पारद शिवलिंग की कीमत क्या है? ( Parad Shivling ki keemat kya hai? )

हमारे पास जो पारद शिवलिंग उपलब्ध है उसमें छोटे असली पारद शिवलिंग की कीमत मात्र ₹ 529 और बड़े असली पारद शिवलिंग की कीमत ₹ 990 है।

पारद शिवलिंग कहाँ से खरीदें? ( Parad Shivling kaha se kharide? )

यदि आप यह खरीदने के इच्छुक हैं तो हमारे पास original parad shivling उपलब्ध है इसे हमारी वेबसाइट prabhubhakti.in पर जाकर parad shivling online buy कर सकते हैं।

क्या शाम को शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते हैं? ( Kya Sham ko Shivling par jal chadha sakte hai? )

शिवलिंग पर संध्या के समय जल चढ़ाया जा सकता है। शाम के समय जल चढ़ाने के लिए किसी तरह का कोई प्रतिबंध नहीं है व्यक्ति अपनी श्रद्धा से शिवलिंग पर सुबह और शाम दोनों ही समय पर शिवलिंग पर जल चढ़ा सकते है।

शिव जी पर कितने बेलपत्र अर्पित करने चाहिए? ( Shiv ji par kitne Belpatra arpit karne chahiye? )

शिव को बेलपत्र अत्यधिक प्रिय है। शिव जी को बेलपत्र अर्पित करते समय यह बात ध्यान रखनी चाहिए कि हर एक बेलपत्र में तीन पत्तियां हों और वह पत्तियां कहीं से कटी हुई न हो।

शिवलिंग पर चावल चढ़ाने से क्या होता है? ( Shivling par chawal chadhane se kya hota hai? )

शिवलिंग पर चावल चढ़ाने का अपना विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि शिवलिंग पर चावल अर्पित करने से धन की प्राप्ति होती है। फिर चाहे वह धन किसी भी माध्यम से प्राप्त हुआ हो। उधार दिया गया पैसा वापिस पाने के लिए शिवलिंग पर चावल को अर्पित करना चाहिए।

शिवलिंग कितना बड़ा रखना चाहिए? ( Shivling kitna bada rakhna chahiye? )

मंदिर में शिवलिंग रखने के लिए उसके आकार को ध्यान में रखना जरूरी नहीं है जबकि घर पर शिवलिंग को रखने के लिए यह ध्यान रखना बेहद ही आवश्यक यही कि वह शिवलिंग अंगूठे के आकर से बड़ा न हो। इसके पीछे की ख़ास वजह यह है कि शिवलिंग एक अग्नि स्तम्भ माना जाता है और इस कारण यदि बड़े आकार का शिवलिंग घर में रखा जाए तो उसमें समाहित वह ज्वलंत शक्ति विनाशकारी साबित हो सकती है।

घर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें? ( Ghar me Shivling ki Pran Pratishtha kaise kare? )

वैसे तो नर्मदेश्वर शिवलिगं श्रेणी के शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठा की जरूरी नहीं होती है और पारद शिवलिंग भी अपने आप में एक पवित्र लिंगम है पर फिर भी शिवलिंग को घर में स्थापित करने से पहले उसकी भली प्रकार पूजा अर्चना किया जाना बहुत आवश्यक है। आइये जानते है किसी भी शिवलिंग को प्राण प्रतिष्ठित करने की विधि के बारे में :

1. प्राण प्रतिष्ठा के लिए एक पात्र में दूध के अंदर तीन दिनों तक इसे रखें।  
2. इसके बाद उस पात्र से उठाकर शिवलिंग को 3 दिन तक गंगाजल में रखना होता है।
3. उसके बाद ही उसे स्थापित करना चाहिए।  
4. ध्यान रहे इस क्रिया के बाद उस शिवलिंग की नियमित तौर पर पूजा अर्चना किया जाना अत्यंत आवश्यक है।  

शिवलिंग की स्थापना कैसे करे? ( Shivling ki sthapna kaise kare? )

1. प्रातःकाल स्नान कर शिवलिंग को मंदिर में स्थापित करें।  
2. उसके बाद भगवान शिव की प्रतिमा के सामने दीपक और धुप जलाएं।  
3. फिर शिवलिंग पर जलाभिषेक करें और पंचामृत भी चढ़ाएं।  
4. पंचामृत से जलाभिषेक के बाद शिवलिंग पर बेलपत्र भी अर्पित करें।  
5. ध्यान रहे घर में स्थापित होने वाले शिवलिंग का आकार 6 इंच से बड़ा नहीं होना चाहिए।   
6. शिवलिंग को कहीं भी स्थापित किया जाये उसकी वेदी का मुख उत्तर दिशा की ओर ही होना चाहिए।  

शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद क्यों नहीं खाना चाहिए? ( Shivling par chadha hua prasad kyon nahi khana chahiye? )

क्या शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद खाना चाहिए? – शिवलिंग पर अर्पित किया गया हर प्रसाद चण्डेश्वर का एक भाग है और इस तरह से इस प्रसाद को ग्रहण का अर्थ है भूत प्रेतों के अंश को ग्रहण कर लेना। ध्यान रहे कि केवल पत्थर, मिट्टी और चीनी मिट्टी से बने शिवलिंग पर चढ़ा हुआ प्रसाद नहीं खाना चाहिए।  

शिवलिंग का आकार ऐसा क्यों है? ( Shivling ka akar aisa kyon hai? )

शिवलिंग अंडाकार है क्योंकि शिव ही वह बीज है जिसने सृष्टि का निर्माण किया। यही कारण है शिव से सम्बंधित वह बीज अंडाकार है। वहीँ वैज्ञानिकों की मानें तो इस सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड का निर्माण एक छोटे से अंडे से हुआ है।

घर में शिवलिंग की स्थापना कब और कैसे करें?

अगर आप घर में शिवलिंग स्थापित करने जा रहे हैं तो आप शिवलिंग की स्थापना इस प्रकार से करें कि पूजा करते समय आपका मुख दक्षिण दिशा में रखें। इसे ऐसी जगह पर स्थापित न करें जहां पर अंधेरा रहता हो, इसे खुली जगह पर स्थापित करने से लाभ होता है।

घर में शिवलिंग की स्थापना कैसे की जाती है?

शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग घर में अलग और मंदिर में अलग तरह से स्थापित करना चाहिए. शिवलिंग की वेदी का मुख उत्तर दिशा की तरफ ही होना चाहिए. घर में स्थापित शिवलिंग बहुत ज्यादा बड़ा ना हो. ये ज्यादा से ज्यादा 6 इंच का होना चाहिए.

मंदिर में शिवलिंग की प्राण प्रतिष्ठा कैसे करें?

शिवलिंग पर प्राण-प्रतिष्ठा करना हमेशा से ही वर्जित माना गया है। शिव स्थापना में नंदी जी की मूर्ति शिव की और मुख किये हुए स्थापित करना अत्यावश्यक है तथा शिव के दाहनी और त्रिशूल का स्थापित करें। उसके साथ साथ अन्य शिवप्रिय वस्तुओं का समावेश अवश्य करें

क्या घर में शिव परिवार की मूर्ति स्थापना?

भगवान शिव का निवास स्थान कैलाश पर्वत है जो उत्तर दिशा में स्थित है। इसीलिए जब भी घर में शिव जी की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें तो इसे उत्तर दिशा में रखें। घर में कभी भी शिव जी की ऐसी प्रतिमा या मूर्ति स्थापित ना करें जिसमें वह क्रोध मुद्रा में हों। क्योंकि इसे विनाश का प्रतीक माना गया है।