हाइड्रोजन पेरोक्साइड कान को कैसे साफ करता है? - haidrojan peroksaid kaan ko kaise saaph karata hai?

कान में मैल जमना एक सामान्य प्रक्रिया है, यह कानों में संक्रमण से सुरक्षा प्रदान करता है। कान के पर्दे और आंतरिक अंग बहुत ही नाजुक होते हैं बाहर की धूल और मिट्टी के कारण इनमें संक्रमण हो सकता है। कानों की मैल संक्रमण को भीतर जाने से रोकता है और कानों की सुरक्षा करता है। लेकिन जब कान का मैल अधिक हो जाता है तो सुनने में भी परेशानी हो सकती है और इसलिए इसे निकाल देना ही उचित है। आमतौर पर लोग कान की मैल निकालने के लिए किसी भी पतली और नुकीली चीज का इस्तेमाल करते हैं जिससे कान के पर्दे फट सकते हैं। परेशान न हों हम आपको कुछ ऐसे घरेलू नुस्खे के बारे में बताएंगे जिससे आप कानों की मैल आसानी से निकाल सकते हैं।

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Table of Contents

  • कान से मैल निकालने के लिए बेकिंग सोडा
  • कान की खोंट निकालने के लिए बेबी ऑयल
  • बादाम का तेल है कान से खोंट निकालने की दवा
  • सेब के सिरके से निकाले कान की जमी मैल
  • सेलाइन वाटर
  • जैतून का तेल
  • लहसुन का तेल
  • नार‍ियल का तेल और लहसुन
  • ग्लिसरीन
  • हाइड्रोजन पेरोक्साइड

कान से मैल निकालने के लिए बेकिंग सोडा

कान की खोंट निकालने के लिए बेकिंग सोडा सबसे आसान घरेलू नुस्खा है। आधा चम्मच बेकिंग सोडा  60 मिली ग्राम पानी में मिलाकर अच्छी तरह से मिला लें और उसकी तीन से चार बूंद अपने कानों में डाल ले। आधा घंटा बाद मैल ऊपर आ जाएगी और आप इसे आसानी से किसी सूती कपड़े की मदद से निकाल सकते हैं।

कान की खोंट निकालने के लिए बेबी ऑयल

बेबी ऑयल बहुत हल्का होता है जिसे कानों में डालने से कोई नुकसान नहीं होता है और कानों की सफाई भी हो जाती है। ड्रापर की मदद से तेल की तीन से चार बूंदें कानों में डाल लें। अब एक घंटे का इंतजार करें। एक घंटे बाद यदि खोंट बाहर आ जाती है तो उसे सूती कपड़े की मदद से साफ कर लें। ध्‍यान रखें कि इसे निकालने के लिए किसी नुकीली वस्तु का इस्तेमाल बिल्कुल भी न करें।

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बादाम का तेल है कान से खोंट निकालने की दवा

एक चम्मच बादाम का तेल गुनगुना कर लें और दोनों कानों में आधा-आधा चम्मच तेल डाल लें। अब कानों को रूई से बंद कर दें। तकरीबन आधा घंटा बाद कानों की मैल बाहर आ जाएगी जिसे आप उँगलियों की मदद से आसानी से निकाल सकते हैं।

सेब के सिरके से निकाले कान की जमी मैल

विनेगर में एस्‍ट्रिजेंट प्रॉपर्टी होती है जो कान के मैल और इंफेक्‍शन से लड़ता है और कान की मैल को फुलाकर आसानी से बाहर निकालने में आपकी मदद करता है। एक चम्मच सेब का सिरका एक चम्मच पानी के साथ मिलाकर तीन से चार बूंद पानी अपने कानों में डालें। अगर एक दिन में कान का कचरा बाहर नहीं निकलता है तो आप दूसरे दिन भी यह उपाय आजमा सकते हैं।

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सेलाइन वाटर

एक चम्मच नमक में आधा कप गरम पानी डालकर अच्छी तरह से मिला लें और उस पानी में एक सूती कपड़ा भिगो लें। अब कपड़े की मदद से तीन से चार बूंद पानी अपने कानों में डालें। यह घरेलू नुस्खा कानों में जमी मैल को आसानी से निकाल देगा।

जैतून का तेल

जैतून का तेल मैल को कोमल बनाता है और निकालने में मदद करता है। आप इसे गरम करके कानों में तीन से चार बूंद डाल सकते है। एक घंटे में यह कानों की मैल को निकाल देगा। कानों को पूरी तरह से साफ करने के लिए आप इस तेल को दूसरे दिन भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

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लहसुन का तेल

लहसुन का वर्जिन तेल कान की कई समस्याओं से राहत दिलाने में आपकी मदद कर सकता है। कानों को संक्रमण से दूर रखने के अलावा यह कानों की खोंट को भी बाहर निकाल सकता है। बस एक चम्मच गुनगुना तेल को दोनों कानों में डाल लें और वैक्‍स बाहर आ जाने पर उसे निकाल लें।

नार‍ियल का तेल और लहसुन

नारियल के तेल और लहसुन का कांबिनेशन कानों को इंफेक्‍शन से सुरक्षित रखता है और खोंट या वैक्‍स को आसानी से फुलाकर बाहर निकाल देता है। तीन चम्मच नारियल के तेल में दो कली लहसुन डालकर अच्छी तरह से पकाएं और जब पक जाए तो ठंडा करके कानों में डाल लें। एक घंटे बाद आप किसी सूती कपड़े की मदद से खोंट को बाहर निकाल सकते हैं।

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ग्लिसरीन

कानों के खोंट को निकालने के लिए यह तरीका अक्सर इस्तेमाल होता है। ड्रापर की मदद से ३-४ बूँद ग्लिसरीन कानों के भीतर डालें और वैक्स के फूल जाने पर उसे निकाल लें।

हाइड्रोजन पेरोक्साइड

ज्यादातर डॉक्टर कानों की मैल निकालने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का उपयोग करते है। यह कानों की मैल को फुलाकर खुद-ब-खुद बाहर कर देता है।

3% हाइड्रोजन पेरोक्साइड और पानी की बराबर मात्रा को अच्छी तरह से मिला लें। अब इसकी तीन से चार बूंद कानों में डालें। कुछ ही देर में आपके कानों की सारी गंदगी बाहर निकल जाएगी। लेकिन इस नुस्खे का इस्तेमाल करने से पहले एक बार डॉक्टर की राय जरूर लें।

अंत में–

अगर ऊपर बताए गए नुस्खे को इस्तेमाल करने के बाद भी कान से कुछ नहीं निकलता है तो परेशान होने की कोई जरूरत नहीं है| लेकिन, यदि आपके कानों में कम सुनाई देता है तो  हो सकता है कि आपको कोई आंतरिक समस्या हो| ऐसी स्थिति में आप तुरंत ही किसी अच्छे ENT विशेषज्ञ से सलाह लें|

डिस्क्लेमर: यह ब्लॉग सामान्य जानकारी के लिए लिखा गया है| अगर आप किसी बीमारी से ग्रसित हैं तो कृपया डॉक्टर से परामर्श जरूर लें और डॉक्टर के सुझावों के आधार पर ही कोई निर्णय लें|

लेकिन सच तो ये है कि कान का मैल हमारे शरीर से निकलने वाला एक ऐसा प्राकृतिक रिसाव है जिसका एक महत्वपूर्ण काम होता है.

इसलिए इसे साफ रखना कोई ऐसी चीज नहीं है जिसे आपको हल्के में लेना चाहिए.

ब्रितानी ईएनटी सर्जन गैब्रियल वेस्टन ने कान को साफ रखने के सबसे अच्छे और सबसे खराब तरीकों की पड़ताल की है.

किसी नतीजे पर पहुंचने से पहले डॉक्टर गैब्रियल वेस्टन ये स्पष्ट करती हैं कि कान का मैल एक ऐसा पदार्थ है जो कान के भीतर मौजूद ग्रंथियों में पैदा होता है और इसके कई काम होते हैं.

  • ये हमारे कान को साफ और स्वस्थ रखने में मदद करता है.
  • ये कर्ण नलिकाओं के ऊपर जमी परत को सूखने या उनमें दरार पड़ने से रोकता है.
  • ये कान को धूलकणों और पानी से बचाता है जिससे संक्रमण को रोकने में मदद मिलती है.
  • ज्यादातर समय हमारी कर्ण नलिकाएं खुद ही अपनी सफाई कर लेती हैं.

इमेज स्रोत, Science Photo Library

'कान का मैल' कब समस्या बन जाता है

जब हम बोलते हैं, कुछ चबाते हैं, अपने जबड़ों को घुमाते हैं तो ये ईयरवैक्स और त्वचा की कोशिकाएं धीरे-धीरे कान के पर्दे से कान के छेद की ओर बढ़ता है. जहां ये सामान्य तौर पर सूखकर बाहर निकल जाता है.

ईयरवैक्स या कान का मैल सामान्य तौर पर कोई समस्या नहीं है. लेकिन अगर ये ज्यादा मात्रा में बनने लगे तो ये ऐसा अवरोधक बन सकता है जिससे कान में दर्द हो सकता है या फिर कुछ मामलों में सुनने की क्षमता कमजोर हो सकती है.

बाजार में ऐसी कई चीजें बिकती हैं जो ये वादा करती है कि इनके इस्तेमाल से कान का मैल साफ किया जा सकता है.

लेकिन सवाल ये उठता है कि इन उत्पादों से क्या वाकई मदद मिलती है?

इमेज स्रोत, Science Photo Library

जब हम अपने कान को उंगलियों से साफ करने की कोशिश करते हैं तो अक्सर ही समस्याएं पैदा हो जाती हैं. रुई के फाहों से साफ करना तो और जोखिम भरा है. हालांकि बहुत से लोग इसका इसी मकसद से इस्तेमाल करते हैं लेकिन रुई के फाहे बनाने वाली कंपनियां ये चेतावनी देती हैं कि इसका इस्तेमाल कर्ण नलिकाओं को साफ करने में न करें.

अगली बार जब इसे इस्तेमाल करने को लेकर आपका दिल मचले तो एक बार इसकी पैकिंग के लेबल पर लिखा संदेश जरूर पढ़ लें. हालांकि पहली नजर में ये ऐसी चीज लगती है जिससे किसी नुकसान का गुमान नहीं होता. मुमकिन है कि कॉटन के उस पैक पर आपको ये लिखा मिले कि "रुई के फाहों को कर्ण नलिकाओं में नहीं डालना चाहिए."

जब हम इसका इस्तेमाल करते हैं तो दरअसल होता ये है कि हम ईयरवैक्स को कान के और भीतर धकेल देते हैं. ये कान के उन हिस्सों से चिपक सकता है जो खुद की सफाई में सक्षम नहीं होते हैं. ईयरवैक्स में कान के बाहर की तरफ से ऐसे बैक्टीरिया हो सकते हैं जो संक्रमण की वजह बन सकते हैं.

रुई के फाहों से कान का मैल साफ करने का एक नतीजा ये भी हो सकता है कि ऐसा करने पर कान की अंदरूनी त्वचा में एक तरह की जलन पैदा हो सकती है जिससे बार-बार उस हिस्से को छूने का मन करे. ये एक दुष्चक्र में बदल सकता है.

कुछ मामलों में अगर रुई के ये फाहे ज्यादा गहराई में पहुंच जाएं तो इससे कान का पर्दा फट सकता है, अचानक दर्द बढ़ सकता है, खून निकल सकता है और अस्थाई तौर पर सुनने की क्षमता का ह्रास हो सकता है.

जो लोग कान के मैल से छुटकारा चाहते हैं, उनके लिए ईयर कैंडल जैसा एक प्रोडक्ट भी बाजार में मिलता है.

इस तकनीक में एक लंबी, पतली और जलती हुई मोमबत्ती को एक शंकु के आकार वाली चीज में रखा जाता है.

शंकु में एक तरफ छेद होता है और इसकी दिशा कान के भीतर होती है.

ये दावा किया जाता है कि इसके इस्तेमाल से कान का मैल और अन्य अशुद्धियां साफ हो जाती हैं.

लेकिन शोध से पता चला है कि ईयर कैंडल्स कान का मैल साफ करने में असरदार नहीं हैं और इनसे खतरा हो सकता है.

इससे कान और चेहरा जल सकता है. इससे मोमबत्ती का वैक्स कर्ण नलिकाओं तक पहुंच सकता है और कान के पर्दे को नुकसान पहुंच सकता है.

बहुत से लोग ईयर ड्रॉप्स का इस्तेमाल कान साफ करने के लिए पहले विकल्प के तौर पर करते हैं. ये ईयर ड्रॉप्स कान के मैल को इतना नम कर देते हैं कि ये खुद ही बाहर निकलने लगता है.

बाजार में कई तरह के ईयर ड्रॉप्स मिलते हैं. ये जिन चीजों को मिलाकर तैयार किया जाता है, उनमें हाइड्रोजन पेरोक्साइड, सोडियम बाइकार्बोनेट या सोडियम क्लोराइड जैसी चीजे होती हैं.

हालांकि ये ईयर ड्रॉप्स प्रभावशाली हो सकते हैं लेकिन कुछ मामलों में संवेदनशील त्वचा वाले लोगों में इसके इस्तेमाल से जलन की समस्या देखी गई है. इसके बदले जैतून और बादाम के तेल की बूंदें अन्य महंगे कमर्शल प्रोडक्ट्स की तरह ही असरदार मानी जाती हैं.

अगर आप जैतून या बादाम का तेल ईयरवैक्स को ढीला करने के लिए करना चाहते हैं तो हम आपसे गुजारिश करेंगे कि अपनी पसंद के तेल को आपको हल्का गर्म कर लेना चाहिए और एक बगल करवट करके लेट जाना चाहिए.

तेल का तापमान आपके शरीर के तापमान से ज्यादा नहीं होना चाहिए. इसके बाद ड्रॉपर की मदद से तेल की कुछ बूंदें कान में डालनी चाहिए और उसी करवट 5-10 मिनट लेटे रहना चाहिए. जैतून का तेल आपके कान में जलन नहीं पैदा करेगा लेकिन ये असर करने में लंबा वक्त लेता है.

अगर आपको लगता है कि आपका कान जाम हो गया है तो तेल की बूंदों के इस्तेमाल की प्रक्रिया तीन से पांच दिनों तक हर दिन दो-तीन बार दोहराई जानी चाहिए.

अगर आपको ईयरवैक्स की लगातार समस्या रहती है तो मुमकिन है कि आपका डॉक्टर आपको अपने कान की पानी से सफाई के लिए सुझाव दे.

मेडिकल साइंस में इस तरीके को सिरिंजिंग भी कहते हैं. इस तकनीक में कान का मैल साफ करने के लिए एक सिरिंज के जरिए कर्ण नलिकाओं पर पानी की फुहारें डाली जाती हैं.

हालांकि इस तरीके से ईयरवैक्स साफ तो हो सकता है लेकिन कुछ मामलों में ये तकलीफदेह साबित हो सकता है और यहां तक कि कान के पर्दे भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं.

ईयरवैक्स से परेशान मरीजों के लिए कुछ मेडिकल क्लिनिक्स माइक्रोसक्शन का रास्ता भी चुनते हैं.

इस प्रक्रिया में स्पेशलिस्ट डॉक्टर कान के भीतर का हाल देखने के लिए माइक्रोस्कोप का इस्तेमाल करता है और एक छोटे से औजार के जरिए उसे खींच लिया जाता ह.

ये तरीका काफी सुरक्षित माना जाता है और कान से नियमित रूप से होने वाले स्राव के मामलों में असरदार भी है.

कान में हाइड्रोजन डालने पर क्या होता है?

बहुत सारे लोग कान की गंदगी निकालने के लिए हाइड्रोजन पेरोक्साइड का प्रयोग करते हैं। ये एक तरह का लिक्विड केमिकल होता है, जिसे कान में डालने पर वैक्स या मैल खुद ब खुद बाहर आ जाती है। यह इयर वैक्स को सॉफ्ट करता है और वैक्स को ब्रेक करता है ताकि आसानी से वैक्स को रिमूव किया जा सके।

हाइड्रोजन से कान की सफाई कैसे करें?

यह कान की सफाई का सबसे आसान तरीका है। 2 हाइड्रोजन पराक्साइड - बेहद कम मात्रा में हाइड्रोजन पराक्साइड को पानी में घोलकर, थोड़ी मात्रा में कान में डालें। अब कान को उलटकर बचे हुए घोल को कान से बाहर निकाल दें। यह तरीका कान की सफाई के लिए काफी प्रयोग में लाया जाता है।

कान का मैल निकालने के लिए क्या करना चाहिए?

कान से मैल निकालने के लिए बेकिंग सोडा कान की खोंट निकालने के लिए बेकिंग सोडा सबसे आसान घरेलू नुस्खा है। आधा चम्मच बेकिंग सोडा 60 मिली ग्राम पानी में मिलाकर अच्छी तरह से मिला लें और उसकी तीन से चार बूंद अपने कानों में डाल ले। आधा घंटा बाद मैल ऊपर आ जाएगी और आप इसे आसानी से किसी सूती कपड़े की मदद से निकाल सकते हैं।