हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

Know health benefits of parijat or Harsingar: आयुर्वेद के अनुसार पारिजात या हरसिंगार एक औषधीय पौधा है. इसके पत्ते में कई गुण मौजूद होते हैं. भारत में इस पौधे को पवित्र माना जाता है. मान्यता के अनुसार पारिजात पौधे को देवराज इंद्र ने स्वर्ग में लगाया था. पारिजात का दूसरा नाम हरसिंगार है. हरसिंगार के फूल बेहद सुगन्धित, छोटे पखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं. फूल के बीच में चमकीला नारंगी रंग इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है. यह फूल सिर्फ रात को ही खिलता है, इसलिए इसे नाइट ब्लूमिंग जैस्मीन ( night-blooming jasmine) भी कहते हैं. इसे रात की रानी भी बोला जाता है. इस पौधे के पत्ते, फूल और छाल में कई गुण पाए जाते हैं. इससे साइटिका और ऑर्थराइटिस के दर्द को ठीक किया जा सकता है. इसके अलावा इसके पत्ते में पेट के कीड़ों की मारने की क्षमता होती है. साथ ही इसके पत्ते सर्दी-खांसी में बेहद फायदेमंद होते हैं. एचटी की खबर के मुताबिक पारिजात में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो कई बीमारियों से लड़ने में मददगार होते हैं. तो आइए जानते हैं पारिजात से किस-किस चीज का इलाज किया जा सकता है.

पारिजात के फायदे

इसे भी पढ़ेंः जीभ में जलन हो रही हो, तो इन घरेलू तरीकों से करें इसका इलाज

आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)

साइटिका के दर्द का इलाज
पारिजात के पत्ते को पीसकर इसे गर्म पानी के साथ उबालें. इसके बाद इसे छानकर पी लें. दिन में दो बार खाली पेट इसे पीने से साइटिका का दर्द खत्म हो सकता है.

सर्दी-खांसी में राहत
पारिजात के पत्ते को पीस लें और इसमें शहद मिलाकर इसे खाएं. आप चाहें तो पारिजात के पत्ते को पीसकर इसे छान लें और शहद में मिलाकर जूस की तरह बना लें. दिन में दो बार इसका सेवन करें. सूखी खांसी खत्म हो जाएगी. सर्दी-खांसी के लिए आप इसे चाय की तरह बनाकर पी सकते हैं. पारिजात के पत्ते को पानी के साथ उबालें. इसमें कुछ तुलसी के पत्ते भी दे दें. इसे रोजाना पीएं, सर्दी-खांसी दूर हो जाएगी.

इसे भी पढ़ेंः रात में अच्छी नींद के लिए अपनी डाइट में जरूर शामिल करें ये चीजें

ऑर्थराइटिस के दर्द में कारगर
पारिजात के पत्ते, छाल और फूल तीनों को एक साथ लें. 5 ग्राम इन सामग्रियों में 200 ग्राम पानी मिलाएं. इसका काढ़ा बनाएं. इसे आग पर तब तक रखें, जब तक कि पानी का दो तिहाई भाग सूख न जाए. सिर्फ एक चौथाई पानी ही बचना चाहिए. अब इसका सेवन करें.

सूजन और दर्द में राहत
पारिजात के पत्ते को पानी में उबाल कर काढ़ा बनाएं, इसका दो बार सेवन करें. सूजन खत्म हो जाएगी और इससे हो रहे दर्द से भी राहत मिलेगी.

पेट के कीड़ों से निजात दिलाते हैं इसके पत्ते
पेट में किसी भी तरह के कीड़े को मारने में पारिजात के पत्ते बेहद कारगर होते हैं. इसके लिए ताजे पत्ते को पीसकर इससे रस निकाल लें और इसमें चीनी मिलाकर इसे पीए. इससे पेट और आंतों में रहने वाले हानिकारक कीड़े खत्म हो जाते हैं.

घाव को भरता है पारिजात का पौधा
पारिजात में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण पाया जाता है, इसलिए यह किसी भी तरह के घावों को भरने में सक्षम है. इसके लिए पारिजात के बीज का पेस्ट बनाएं. इसे फोड़े-फुन्सी या अन्य सामान्य घाव पर लगाएं. इससे घाव ठीक हो जाता है.

Tags: Health, Lifestyle

हेल्थ इज वेल्थ यानी हर मनुष्य के लिए सेहत ही सबसे अहम है। वहीं, कुछ लोग इसे गलत अर्थ में लेकर रोग मुक्त होने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, जो सही नहीं है। इसकी जगह आप अच्छे खान-पान और आयुर्वेदिक औषधियों पर भरोसा कर सकते हैं, जिससे कई रोग चुटकियों में दूर हो सकते हैं। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है हरसिंगार, जिसकी खुशबू से अक्सर आपका घर-आंगन महक उठता होगा। गुणों से भरपूर हरसिंगार का अगर आप सेवन सही तरीके से करेंगे, तो आपका शरीर रोग मुक्त होने के साथ ही कई तरह की समस्याओं से बचा रहेगा। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हरसिंगार के फायदे, उपयोग और अन्य जरूरी बातों को जानेंगे।

विषय सूची

  • हरसिंगार क्या है? – What is Harsingar in Hindi
  • हरसिंगार पाउडर के फायदे – Benefits of Harsingar in Hindi
  • हरसिंगार का उपयोग – How to Use Harsingar in Hindi
  • हरसिंगार के नुकसान – Side Effects of Harsingar in Hindi

हरसिंगार क्या है? – What is Harsingar in Hindi

हरसिंगार का पौधा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। इसके फल, पत्ते, बीज, फूल और यहां तक कि इसकी छाल तक का इस्तेमाल विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। हरसिंगार को नाइट जैस्मीन और पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूलों का इस्तेमाल अक्सर भगवान को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए किया जाता है। इसका सामान्य नाम निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस लिनन (Nyctanthes Arbortristis linn) है। इस फूल की खुशबू काफी तेज और मनमुग्ध करने वाली होती है। हरसिंगार के फूलों की खुशबू रात भर आती है और सुबह होते-होते धीमी हो जाती है (1)।

चलिए, अब बात करते हैं हरसिंगार के फायदे के बारे में।

हरसिंगार पाउडर के फायदे – Benefits of Harsingar in Hindi

1. अस्थमा

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

Shutterstock

औषधीय अध्ययनों के मुताबिक हरसिंगार के पत्ते एंटी-अस्थमाटिक और एंटी-एलर्जीक गुणों से समृद्ध होते हैं। इसके पीछे का कारण इसमें मौजूद β-साइटोस्टेरॉल (β-sitosterol) नामक केमिकल कंपाउंड को माना जाता है। इसके अलावा, इसकी पत्तियों का अर्क नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन बढ़ाकर नाक की नली को आराम पहुंचाने में मदद कर सकता है (2)। दरअसल, अस्थमा में नाक की नली सूज जाती है और उसके आसपास की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं (3)।

देखा जाए तो प्राचीन काल से ही हरसिंगार का इस्तेमाल अस्थमा को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। आप अस्थमा का इलाज करने के लिए इसके फूलों और पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं (4)। फूलों को सूखाकर पाउडर बनाने के बाद इसे उपयोग में लाया जा सकता है।

2. पाचन

आयुर्वेद के मुताबिक हरसिंगार का इस्तेमाल पाचन प्रक्रिया के लिए किया जा सकता है (5)। पत्तियों के रस के उपयोग से पेट में मौजूद भोजन को पचाने में मदद मिलती है (6)। दरअसल, हरसिंगार में एंटी स्पस्मोडिक (Anti-Spasmodic) गुण पाए जाते हैं, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (7)।

3. अर्थराइटिस (गठिया)

हरसिंगार में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, इसलिए यह गठिया के मरीजों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। एक शोध के मुताबिक, हरसिंगार का अर्क गठिया को बढ़ने से रोक सकता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि इसमें एंटी अर्थराइटिस गुण भी मौजूद हैं (8)।

4. तनाव

हरसिंगार का पौधा एंटीडिप्रेसेंट गुण से समृद्ध होता है। ऐसे में इसके सेवन से आप तनाव और अवसाद से खुद को बचा सकते हैं। इसके लिए आपको हरसिंगार की चाय का सेवन करना होगा, जो आपको रिलैक्स रखने में मदद कर सकती है। वहीं, इसकी मदद से आप अपना मूड भी ठीक कर सकते हैं (9)।

5. एंटीबैक्टीरियल

हरसिंगार के फूल का इस्तेमाल कई तरह के बैक्टीरियल रोगों से लड़ने के लिए किया जाता है, जैसे जुखाम, बुखार और खांसी। दरअसल, हरसिंगार में भरपूर एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो हमारे शरीर को कीटाणुओं से बचाकर स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। हरसिंगार ग्राम पॉजिटिव और ग्राम नेगेटिव दोनों तरह के रोगाणुओं से हमारे शरीर को बचाते हैं, जैसे साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया, जिसकी वजह से टाइफाइड होता है (1) (10)।

6. हृदय

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

Shutterstock

उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और मोटापे के कारण हृदय का स्वास्थ्य बिगाड़ जाता है। इस कारण आपको हृदय संबंधी कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है (11)। हरसिंगार (पारिजात) की जड़ की छाल के इस्तेमाल से डायबिटीज के दौरान बढ़ने वाले लिपिड सिरम और ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का फैट) को कम किया जा सकता है। इनकी मात्रा शरीर में ज्यादा होने से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है (10) (6)।

7. पाइल्स

बिगड़ते खान-पान की वजह से पाइल्स की समस्या आम हो गई है। आप हरसिंगार के इस्तेमाल से पाइल्स के जोखिम को दूर कर सकते हैं। दरअसल, इस दौरान मल द्वार में सूजन आ जाती है, जिससे मल निकासी में परेशानी होती है (12)। हरसिंगार में लैक्सेटिव और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जिससे मल निकासी में मदद मिलेगी और सूजन को भी आराम मिलता है (1) (13)। पाइल्स की समस्या कब्ज की वजह से भी हो सकती है। ऐसे में आप हरसिंगार के फूलों और बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कब्ज और पाइल्स दोनों को ठीक करने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं (14) (12)।

8. ब्लड डिटॉक्सीफिकेशन

परंपरागत रूप से हरसिंगार के विभिन्न भागों का इस्तेमाल हर्बल उपचार के लिए किया जाता रहा है, जिसमें ब्लड प्यूरिफिकेशन भी शामिल है (15)। दरअसल, हरसिंगार में हेपाटो प्रोटेक्टिव गतिविधि (Hepato-protective activity) पाई जाती है, जो लीवर को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करती है (16)। वहीं, लीवर का काम रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निकालना होता है (17)। इसलिए, हरसिंगार को ब्लड डिटॉक्सीफिकेशन में सहायक माना जा सकता है।

9. गैस

हरसिंगर लैक्सेटिव गुणों से समृद्ध होता है। यह पाचन प्रक्रिया में मदद करता है और गैस की समस्या को दूर करने का काम कर सकता है (5)।

10. डेंगू और चिकनगुनिया

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

Shutterstock

डेंगू और चिकनगुनिया से जूझने वालों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, लेकिन आप हरसिंगार के सेवन से इसके कुछ लक्षणों और इससे संबंधित परेशानियों को कम कर सकते हैं। इसमें एंटीवायरल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं (18), जो आपको डेंगू और चिकनगुनिया मच्छरों के कारण होने वाले बुखार से बचाते हैं। साथ ही जोड़ों में होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, हरसिंगार डेंगू में घटने वाले प्लेटलेट काउंट को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है (19) (1)।

[ पढ़े: डेंगू के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय ]

11. खांसी

औषधीय हरसिंगार बतौर एक्सपेक्टोरेन्ट (Expectorant) हमारे शरीर में काम कर सकता है। दरअसल, एक्सपेक्टोरेंट बलगम को गले से निकालने और खांसी ठीक करने में मदद करता है। साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो खांसी से संबंधित बैक्टीरिया को शरीर से नष्ट करने का काम करते हैं। आप खांसी के लिए हरसिंगार के कुछ पत्तों को पीसकर इसका जूस निकाल लें और शहद के साथ पी लें (4)।

12. घाव

हरसिंगार का इस्तेमाल घाव को भरने के लिए भी किया जाता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण घाव को भर सकते हैं। हरसिंगार के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि पाई जाती है (20), जिसे आप पेस्ट बनाकर अपने घाव पर लगा सकते हैं (21)।

13. डायबिटीज

हरसिंगार में लिनोलिक एसिड पाया जाता है, जो डायबिटीज से आपको बचाने में मदद कर सकता है (22)। एक अध्ययन के मुताबिक, हरसिंगार की जड़ की छाल में महत्वपूर्ण एंटी-डायबिटिक गतिविधि पाई गई है। इसके अर्क में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के गुण भी पाए गए हैं (23)।

14. दाद-खुजली

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

Shutterstock

दाद एक त्वचा संक्रमण है, जो फंगस के कारण शरीर पर होता है। आमतौर पर दाद होने पर त्वचा पर एक गोल लाल रंग का घेरा बन जाता है, जिसमें काफी खुजली होती है (24)। इसका उपचार आप हरसिंगार की मदद से कर सकते हैं। हरसिंगार के बीज, पत्तियां व फूल सभी में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो दाद को ठीक करने में मदद कर सकते हैं (25) (26)। आपको इसके उपचार के लिए दाद से प्रभावित जगह में हरसिंगार के बीज, पत्तियों और फूल का पेस्ट लगाना होगा।

Subscribe

15. मलेरिया

मलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो घातक भी सिद्ध हो सकती है। यह बीमारी पैरासाइट से संक्रमित मच्छरों के काटने की वजह से होती है (27)। प्राण घातक बनने वाले मलेरिया से बचाने में हरसिंगार आपकी मदद कर सकता है। प्राचीन काल से इसका इस्तेमाल मलेरिया से लड़ने के लिए किया जाता रहा है।

दरअसल, हरसिंगार में पैरासाइट को खत्म करने की ताकत होती है। एक अध्ययन में देखा गया है कि जिन मलेरिया के मरीजों ने करीब तीन हफ्ते तक रोजाना हरसिंगार के पांच पत्तों का पेस्ट का सेवन किया, उनका बुखार और पैरासाइट संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो गया था (1)। इसके उपयोग से कई तरह के मच्छरों से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है, जो मलेरिया की वजह बन सकते हैं (23)।

16. बुखार

हरसिंगार बुखार से छुटकारा दिलाने में भी आपकी मदद कर सकता है। इसकी जड़ और पत्तों में एंटीपाइरेटिक (Antipyretic) गुण पाए जाते हैं, जो आपको बुखार से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (1) (24)। हरसिंगार के पत्तों के रस को सीधे पीने से या इसमें अदरक मिलाकर पीने से आपको बुखार से राहत मिल सकती है (25)।

हरसिंगार के फायदे तो आप ऊपर लेख में जान ही चुके हैं, चलिए अब इसके उपयोग के बारे में बात कर लेते हैं।

हरसिंगार का उपयोग – How to Use Harsingar in Hindi

हरसिंगार इतना लाभदायक होता है कि इसके पत्ते बीज, फूल व जड़ की खाल सभी का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। आइए, अब जानते हैं कि कैसे इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है-

  • पारिजात के फूल और पत्तों को पीसकर आप जूस बना सकते हैं।
  • इसके पत्तों, फूलों, बीज और जड़ की खाल को आप सुखाकर पाउडर बनाने के बाद इस्तेमाल में ला सकते हैं।
  • हरसिंगार (पारिजात) के पत्तों का इस्तेमाल उबालकर काड़ा बनाने में भी किया जा सकता है।

कितना खाना चाहिए – सबसे पहले तो हरसिंगार की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि आप इसका सेवन किस रूप में कर रहे हैं। आमतौर पर हरसिंगार यानी पारिजात के फूल, पत्ते, जड़ और बीज का उपयोग विभिन्न बीमारियों और शारीरिक समस्याओं के लिए अलग-अलग तरह से किया जाता है, जैसे कि रस, पाउडर, काढ़ा। चलिए, इसके बारे में आपको नीचे बताते हैं (24) –

  • रस व जूस के रूप में : 10-20 मि.ली.
  • चूर्ण व पाउडर के रूप में : 1-3 ग्राम
  • काढ़े के रूप में : 50-100 मिली

नोट – यह एक औषधि है, इसलिए इसका उपयोग डॉक्टरी सलाह पर ही करें।

हरसिंगार के गुण अनेक हैं, यही वजह है कि प्राचीन काल से औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा, हरसिंगार के कुछ नुकसान भी हैं। आइए, एक नजर डालते हैं हरसिंगार के नुकसान पर।

हरसिंगार के नुकसान – Side Effects of Harsingar in Hindi

हरसिंगार के फायदे तो आप जान ही चुके हैं, लेकिन अगर आप इसका सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं, तो आपको हरसिंगार के नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करने की सलाह दी जाती है (4)।

  • आपने ऊपर पढ़ा ही होगा कि हरसिंगार खांसी ठीक करने में मदद कर सकता है, लेकिन इसका अधिक मात्रा में सेवन करने से दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। दरअसल, कुछ हरसिंगार की तासीर ठंडी तो कुछ की गर्म होती है, इसलिए इसका सेवन चिकित्सक की देखरेख में ही करना चाहिए।
  • गर्भवतियों को इसे न खाने की सलाह दी जाती है।
  • हरसिंगार एलर्जी का कारण भी बन सकता है।

घर की शोभा बढ़ाने वाला हरसिंगार आपके शरीर के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। हरसिंगार के पत्ते से लेकर जड़ की छाल तक में औषधीय गुण मौजूद हैं। वहीं, इस लेख के माध्यम से आप यह भी जान चुके हैं कि हरसिंगार का फायदा लेने के लिए इसका सेवन किस प्रकार से करना है। अब देर किस बात की, डॉक्टरी सलाह पर छोटी-बड़ी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आज से ही इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके काम आएगी। इस लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करना न भूलें।

Sources

Stylecraze has strict sourcing guidelines and relies on peer-reviewed studies, academic research institutions, and medical associations. We avoid using tertiary references. You can learn more about how we ensure our content is accurate and current by reading our editorial policy.

  • Systemic Review on Anti-Sciatica Plant “Night Jasmine”
    https://www.ijcmas.com/6-6-2017/Ashwani%20Kumar,%20et%20al.pdf
  • Bronchodilatory effect of ethanolic extract of the leaves of Nyctanthes arbortristis
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3719257/
  • Asthma
    https://medlineplus.gov/ency/article/000141.htm
  • Night Jasmine (Nyctanthes arbortristis)
    http://rjpponline.org/HTMLPaper.aspx?Journal=Research%20Journal%20of%20Pharmacognosy%20and%20Phytochemistry;PID=2018-10-4-11
  • Nyctanthes arbor-tristis Linn. (night jasmine): A sacred ornamental plant with immense medicinal potential. Indian Journal of Traditional knowledge. . 3: 427-435
    https://www.researchgate.net/publication/261988496_Nyctanthes_arbor-tristis_Linn_night_jasmine_A_sacred_ornamental_plant_with_immense_medicinal_potential_Indian_Journal_of_Traditional_knowledge_3_427-435
  • Analgesic and Anti-Inflammatory Activities of the Methanolic Stem Bark Extract of Nyctanthes arbor-tristis Linn.
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3745914/#B18
  • Flower extract of Nyctanthes arbor-tristis modulates glutathione level in hydrogen peroxide treated lymphocytes
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3510877/
  • Nyctanthes arbor-tristis Ameliorated FCA-Induced Experimental Arthritis: A Comparative Study among Different Extracts
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC5476964/?tool=pmcentrez
  • Night Jasmine (Nyctanthes arbortristis)
    http://rjpponline.org/HTMLPaper.aspx?Journal=Research%20Journal%20of%20Pharmacognosy%20and%20Phytochemistry;PID=2018-10-4-11
  • NYCTANTHES ARBOR-TRISTIS A HERBAL PANACEA Pr
    https://ijpsr.com/bft-article/nyctanthes-arbor-tristis-a-herbal-panacea-pr/?view=fulltext
  • Know Your Risk for Heart Disease
    https://www.cdc.gov/heartdisease/risk_factors.htm?CDC_AA_refVal=https%3A%2F%2Fwww.cdc.gov%2Fheartdisease%2Fconditions.htm
  • Hemorrhoids
    https://medlineplus.gov/hemorrhoids.html
  • Tranquilizing, antihistaminic and purgative activity of Nyctanthes arbor tristis leaf extract
    https://pubmed.ncbi.nlm.nih.gov/12127232/
  • A review on: Nyctanthes arbortristis Linn. Rejuvinating herbs
    https://www.academia.edu/34966233/A_review_on_Nyctanthes_arbortristis_Linn_Rejuvinating_herbs
  • Flower extract of Nyctanthes arbor-tristis modulates glutathione level in hydrogen peroxide treated lymphocytes
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC3510877/
  • The wonder of Ayurvedic medicine -Nyctanthes arbortristis
    https://www.academia.edu/26788409/The_wonder_of_Ayurvedic_medicine_Nyctanthes_arbortristis
  • How does the liver work?
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/books/NBK279393/#targetText=Once%20they%20reach%20the%20liver,the%20bowel%20to%20be%20eliminated.&targetText=The%20liver%20plays%20a%20central,down%20fats%20and%20produce%20energy.
  • Nyctanthes arbor-tristis: A Wonder Indian Herbal Drug Needs Healthcare Attention
    https://biomedres.us/pdfs/BJSTR.MS.ID.001199.pdf
  • Exploration of anti-Malassezia potential of Nyctanthes arbor-tristis L. and their application to combat the infection caused by Mala s1 a novel allergen
    https://www.ncbi.nlm.nih.gov/pmc/articles/PMC4815214/
  • WOUND HEALING ACTIVITY OF LEAF OF NYCTANTHES ARBOR-TRISITIS (LINN.)
    https://ijpsr.com/bft-article/wound-healing-activity-of-leaf-of-nyctanthes-arbor-trisitis-linn/?view=fulltext
  • Literary Review of Parijata (Nyctanthus Arbor-Tristis Linn.) An Herbal Medicament with Special Reference to Ayurveda and Botanical Literatures
    https://biomedpharmajournal.org/vol9no3/literary-review-of-parijata-nyctanthus-arbor-tristis-linn-an-herbal-medicament-with-special-reference-to-ayurveda-and-botanical-literatures/
  • A comprehensive review on nyctanthes arbortristis
    https://www.ijddr.in/drug-development/a-comprehensive-review-on-nyctanthes-arbortristis.pdf
  • Ringworm
    https://www.cdc.gov/fungal/diseases/ringworm/index.html
  • The wonder of Ayurvedic medicine – Nyctanthes arbortristis
    https://www.florajournal.com/archives/2016/vol4issue4/PartA/4-5-2-720.pdf
  • Literary Review of Parijata (Nyctanthus Arbor-Tristis Linn.) An Herbal Medicament with Special Reference to Ayurveda and Botanical Literatures
    https://biomedpharmajournal.org/vol9no3/literary-review-of-parijata-nyctanthus-arbor-tristis-linn-an-herbal-medicament-with-special-reference-to-ayurveda-and-botanical-literatures/

और पढ़े:

    • स्पिरुलिना के फायदे और नुकसान
    • गोखरू के फायदे, उपयोग और नुकसान
    • ब्राह्मी के 20 फायदे, उपयोग और नुकसान
    • शंखपुष्पी के फायदे और नुकसान

Was this article helpful?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?
हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

Related

The following two tabs change content below.

  • Reviewer
  • Author

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

Puja Kumari

पुजा कुमारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। इन्होंने वर्ष 2015 में अपने... more

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

Neelanjana Singh

(RD)

Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the... more

ताज़े आलेख

  • हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    मुंहासे से छुटकारा पाने के लिए शहद के फेस मास्‍क - Honey Face Mask For Acne in Hindi

  • हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    मुंहासे से छुटकारा पाने के लिए शहद के फेस मास्‍क - Honey Face Mask For Acne in Hindi

  • हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    मांसपेशियों का दर्द, कारण और घरेलू उपाय - Muscle Pain Treatment in Hindi

  • हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    मांसपेशियों का दर्द, कारण और घरेलू उपाय - Muscle Pain Treatment in Hindi

  • हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    हरसिंगार के पत्तों का सेवन कैसे करना चाहिए? - harasingaar ke patton ka sevan kaise karana chaahie?

    75+ नारी के सम्मान में शायरी - Best Respect Women Quotes In Hindi | नारी का सम्मान कोट्स | Respect Girl Shayari

    हरसिंगार के पत्ते कितने दिन पीना चाहिए?

    बुखार के लिए इसके लिए तुलसी की 2 से 3 पत्तियं, 3 ग्राम छाल और 2 ग्राम हरसिंगार के पत्ते मिलाकर पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। फिर इसे दिन में दो बार पिएं। आपको काफी आराम मिलेगा।

    हरसिंगार के पत्तों को उबालकर पीने से क्या होता है?

    मलेरिया बुखार हो या फिर सूखी खांसी हरसिंगार के पत्ते का काढ़ा बनाकर पीने से बुखार दूर हो जाता है। तनाव में रहते है तो इसके फूल की सुगंध एक माह तक लेते रहने से तनाव दूर हो जाता है। पाचन शक्ति बढ़ाने में भी इसके पत्ते और फूल का इस्तेमाल किया जाता है। गठिया रोग में इसके फूल का इस्तेमाल होता है।

    हरसिंगार के पत्ते कैसे खाएं?

    सर्दी-खांसी में राहत पारिजात के पत्ते को पीस लें और इसमें शहद मिलाकर इसे खाएं. आप चाहें तो पारिजात के पत्ते को पीसकर इसे छान लें और शहद में मिलाकर जूस की तरह बना लें. दिन में दो बार इसका सेवन करें. सूखी खांसी खत्म हो जाएगी.

    हरसिंगार कौन कौन सी बीमारी में काम आता है?

    इसका उपयोग विभिन्न विकारों और बीमारियों, जैसे — गठिया, साइटिका, हड्डी में फ्रैक्चर, त्वचा रोग, बवासीर, बुखार, डेंगू, मलेरिया, सूखी खांसी, डायबिटीज आदि का इलाज करने के लिए किया जाता है। हरसिंगार महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए बहुत फायदेमंद है। यह तनाव को खत्म करता है और एक स्वस्थ व सुखी जीवन जीने में मदद करता है।