Know health benefits of parijat or Harsingar: आयुर्वेद के अनुसार पारिजात या हरसिंगार एक औषधीय पौधा है. इसके पत्ते में कई गुण मौजूद होते हैं. भारत में इस पौधे को पवित्र माना जाता है. मान्यता के अनुसार पारिजात पौधे को देवराज इंद्र ने स्वर्ग में लगाया था. पारिजात का दूसरा नाम हरसिंगार है. हरसिंगार के फूल बेहद सुगन्धित, छोटे पखुड़ियों वाले और सफेद रंग के होते हैं. फूल के बीच में चमकीला नारंगी रंग इसकी खूबसूरती को और बढ़ा देता है. यह फूल सिर्फ रात को ही खिलता है, इसलिए इसे नाइट ब्लूमिंग जैस्मीन ( night-blooming jasmine) भी कहते हैं. इसे रात की रानी भी बोला जाता है. इस पौधे के पत्ते, फूल और छाल में कई गुण पाए जाते हैं. इससे साइटिका और ऑर्थराइटिस के दर्द को ठीक किया जा सकता है. इसके अलावा इसके पत्ते में पेट के कीड़ों की मारने की क्षमता होती है. साथ ही इसके पत्ते सर्दी-खांसी में बेहद फायदेमंद होते हैं. एचटी की खबर के मुताबिक पारिजात में एंटीऑक्सीडेंट्स, एंटी-इंफ्लामेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण मौजूद होते हैं, जो कई बीमारियों से लड़ने में मददगार होते हैं. तो आइए जानते हैं पारिजात से किस-किस चीज का इलाज किया जा सकता है. Show
पारिजात के फायदे इसे भी पढ़ेंः जीभ में जलन हो रही हो, तो इन घरेलू तरीकों से करें इसका इलाज आपके शहर से (दिल्ली-एनसीआर)साइटिका के दर्द का इलाज सर्दी-खांसी में राहत इसे भी पढ़ेंः रात में अच्छी नींद के लिए अपनी डाइट में जरूर शामिल करें ये चीजें ऑर्थराइटिस के दर्द में कारगर सूजन और दर्द में राहत पेट के कीड़ों से निजात दिलाते हैं इसके पत्ते घाव को भरता है पारिजात का पौधा Tags: Health, Lifestyle हेल्थ इज वेल्थ यानी हर मनुष्य के लिए सेहत ही सबसे अहम है। वहीं, कुछ लोग इसे गलत अर्थ में लेकर रोग मुक्त होने के लिए दवाओं का सहारा लेते हैं, जो सही नहीं है। इसकी जगह आप अच्छे खान-पान और आयुर्वेदिक औषधियों पर भरोसा कर सकते हैं, जिससे कई रोग चुटकियों में दूर हो सकते हैं। इन्हीं जड़ी-बूटियों में से एक है हरसिंगार, जिसकी खुशबू से अक्सर आपका घर-आंगन महक उठता होगा। गुणों से भरपूर हरसिंगार का अगर आप सेवन सही तरीके से करेंगे, तो आपका शरीर रोग मुक्त होने के साथ ही कई तरह की समस्याओं से बचा रहेगा। स्टाइलक्रेज के इस लेख में हम हरसिंगार के फायदे, उपयोग और अन्य जरूरी बातों को जानेंगे। विषय सूची
हरसिंगार क्या है? – What is Harsingar in Hindiहरसिंगार का पौधा आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी है। इसके फल, पत्ते, बीज, फूल और यहां तक कि इसकी छाल तक का इस्तेमाल विभिन्न रोगों के उपचार में किया जाता है। हरसिंगार को नाइट जैस्मीन और पारिजात के नाम से भी जाना जाता है। इसके फूलों का इस्तेमाल अक्सर भगवान को पुष्पांजलि अर्पित करने के लिए किया जाता है। इसका सामान्य नाम निक्टेन्थिस आर्बोर्ट्रिस्टिस लिनन (Nyctanthes Arbortristis linn) है। इस फूल की खुशबू काफी तेज और मनमुग्ध करने वाली होती है। हरसिंगार के फूलों की खुशबू रात भर आती है और सुबह होते-होते धीमी हो जाती है (1)। चलिए, अब बात करते हैं हरसिंगार के फायदे के बारे में। हरसिंगार पाउडर के फायदे – Benefits of Harsingar in Hindi1. अस्थमाShutterstock औषधीय अध्ययनों के मुताबिक हरसिंगार के पत्ते एंटी-अस्थमाटिक और एंटी-एलर्जीक गुणों से समृद्ध होते हैं। इसके पीछे का कारण इसमें मौजूद β-साइटोस्टेरॉल (β-sitosterol) नामक केमिकल कंपाउंड को माना जाता है। इसके अलावा, इसकी पत्तियों का अर्क नाइट्रिक ऑक्साइड का उत्पादन बढ़ाकर नाक की नली को आराम पहुंचाने में मदद कर सकता है (2)। दरअसल, अस्थमा में नाक की नली सूज जाती है और उसके आसपास की मांसपेशियां सख्त हो जाती हैं (3)। देखा जाए तो प्राचीन काल से ही हरसिंगार का इस्तेमाल अस्थमा को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है। आप अस्थमा का इलाज करने के लिए इसके फूलों और पत्तियों का उपयोग कर सकते हैं (4)। फूलों को सूखाकर पाउडर बनाने के बाद इसे उपयोग में लाया जा सकता है। 2. पाचनआयुर्वेद के मुताबिक हरसिंगार का इस्तेमाल पाचन प्रक्रिया के लिए किया जा सकता है (5)। पत्तियों के रस के उपयोग से पेट में मौजूद भोजन को पचाने में मदद मिलती है (6)। दरअसल, हरसिंगार में एंटी स्पस्मोडिक (Anti-Spasmodic) गुण पाए जाते हैं, जो आपके पाचन तंत्र को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकते हैं (7)। 3. अर्थराइटिस (गठिया)हरसिंगार में एंटीइंफ्लेमेटरी गुण भी पाए जाते हैं, इसलिए यह गठिया के मरीजों के लिए उपयोगी साबित हो सकता है। एक शोध के मुताबिक, हरसिंगार का अर्क गठिया को बढ़ने से रोक सकता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि इसमें एंटी अर्थराइटिस गुण भी मौजूद हैं (8)। 4. तनावहरसिंगार का पौधा एंटीडिप्रेसेंट गुण से समृद्ध होता है। ऐसे में इसके सेवन से आप तनाव और अवसाद से खुद को बचा सकते हैं। इसके लिए आपको हरसिंगार की चाय का सेवन करना होगा, जो आपको रिलैक्स रखने में मदद कर सकती है। वहीं, इसकी मदद से आप अपना मूड भी ठीक कर सकते हैं (9)। 5. एंटीबैक्टीरियलहरसिंगार के फूल का इस्तेमाल कई तरह के बैक्टीरियल रोगों से लड़ने के लिए किया जाता है, जैसे जुखाम, बुखार और खांसी। दरअसल, हरसिंगार में भरपूर एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं, जो हमारे शरीर को कीटाणुओं से बचाकर स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। हरसिंगार ग्राम पॉजिटिव और ग्राम नेगेटिव दोनों तरह के रोगाणुओं से हमारे शरीर को बचाते हैं, जैसे साल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया, जिसकी वजह से टाइफाइड होता है (1) (10)। 6. हृदयShutterstock उच्च रक्तचाप, कोलेस्ट्रॉल, डायबिटीज और मोटापे के कारण हृदय का स्वास्थ्य बिगाड़ जाता है। इस कारण आपको हृदय संबंधी कई बीमारियों का सामना करना पड़ सकता है (11)। हरसिंगार (पारिजात) की जड़ की छाल के इस्तेमाल से डायबिटीज के दौरान बढ़ने वाले लिपिड सिरम और ट्राइग्लिसराइड्स (एक तरह का फैट) को कम किया जा सकता है। इनकी मात्रा शरीर में ज्यादा होने से हृदय रोग का खतरा बढ़ता है (10) (6)। 7. पाइल्सबिगड़ते खान-पान की वजह से पाइल्स की समस्या आम हो गई है। आप हरसिंगार के इस्तेमाल से पाइल्स के जोखिम को दूर कर सकते हैं। दरअसल, इस दौरान मल द्वार में सूजन आ जाती है, जिससे मल निकासी में परेशानी होती है (12)। हरसिंगार में लैक्सेटिव और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं, जिससे मल निकासी में मदद मिलेगी और सूजन को भी आराम मिलता है (1) (13)। पाइल्स की समस्या कब्ज की वजह से भी हो सकती है। ऐसे में आप हरसिंगार के फूलों और बीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कब्ज और पाइल्स दोनों को ठीक करने में प्रभावी भूमिका निभा सकते हैं (14) (12)। 8. ब्लड डिटॉक्सीफिकेशनपरंपरागत रूप से हरसिंगार के विभिन्न भागों का इस्तेमाल हर्बल उपचार के लिए किया जाता रहा है, जिसमें ब्लड प्यूरिफिकेशन भी शामिल है (15)। दरअसल, हरसिंगार में हेपाटो प्रोटेक्टिव गतिविधि (Hepato-protective activity) पाई जाती है, जो लीवर को होने वाले नुकसान को रोकने में मदद करती है (16)। वहीं, लीवर का काम रक्त में मौजूद विषाक्त पदार्थों को निकालना होता है (17)। इसलिए, हरसिंगार को ब्लड डिटॉक्सीफिकेशन में सहायक माना जा सकता है। 9. गैसहरसिंगर लैक्सेटिव गुणों से समृद्ध होता है। यह पाचन प्रक्रिया में मदद करता है और गैस की समस्या को दूर करने का काम कर सकता है (5)। 10. डेंगू और चिकनगुनियाShutterstock डेंगू और चिकनगुनिया से जूझने वालों को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया जाता है, लेकिन आप हरसिंगार के सेवन से इसके कुछ लक्षणों और इससे संबंधित परेशानियों को कम कर सकते हैं। इसमें एंटीवायरल, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं (18), जो आपको डेंगू और चिकनगुनिया मच्छरों के कारण होने वाले बुखार से बचाते हैं। साथ ही जोड़ों में होने वाले दर्द को कम कर सकते हैं। इसके अलावा, हरसिंगार डेंगू में घटने वाले प्लेटलेट काउंट को भी बढ़ाने में मदद कर सकता है (19) (1)। [ पढ़े: डेंगू के कारण, लक्षण और घरेलू उपाय ] 11. खांसीऔषधीय हरसिंगार बतौर एक्सपेक्टोरेन्ट (Expectorant) हमारे शरीर में काम कर सकता है। दरअसल, एक्सपेक्टोरेंट बलगम को गले से निकालने और खांसी ठीक करने में मदद करता है। साथ ही इसमें एंटीबैक्टीरियल गुण भी पाए जाते हैं, जो खांसी से संबंधित बैक्टीरिया को शरीर से नष्ट करने का काम करते हैं। आप खांसी के लिए हरसिंगार के कुछ पत्तों को पीसकर इसका जूस निकाल लें और शहद के साथ पी लें (4)। 12. घावहरसिंगार का इस्तेमाल घाव को भरने के लिए भी किया जाता है। माना जाता है कि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण घाव को भर सकते हैं। हरसिंगार के अर्क में एंटीऑक्सीडेंट गतिविधि पाई जाती है (20), जिसे आप पेस्ट बनाकर अपने घाव पर लगा सकते हैं (21)। 13. डायबिटीजहरसिंगार में लिनोलिक एसिड पाया जाता है, जो डायबिटीज से आपको बचाने में मदद कर सकता है (22)। एक अध्ययन के मुताबिक, हरसिंगार की जड़ की छाल में महत्वपूर्ण एंटी-डायबिटिक गतिविधि पाई गई है। इसके अर्क में रक्त शर्करा के स्तर को कम करने के गुण भी पाए गए हैं (23)। 14. दाद-खुजलीShutterstock दाद एक त्वचा संक्रमण है, जो फंगस के कारण शरीर पर होता है। आमतौर पर दाद होने पर त्वचा पर एक गोल लाल रंग का घेरा बन जाता है, जिसमें काफी खुजली होती है (24)। इसका उपचार आप हरसिंगार की मदद से कर सकते हैं। हरसिंगार के बीज, पत्तियां व फूल सभी में एंटीफंगल और एंटीबैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं, जो दाद को ठीक करने में मदद कर सकते हैं (25) (26)। आपको इसके उपचार के लिए दाद से प्रभावित जगह में हरसिंगार के बीज, पत्तियों और फूल का पेस्ट लगाना होगा। Subscribe 15. मलेरियामलेरिया एक गंभीर बीमारी है, जो घातक भी सिद्ध हो सकती है। यह बीमारी पैरासाइट से संक्रमित मच्छरों के काटने की वजह से होती है (27)। प्राण घातक बनने वाले मलेरिया से बचाने में हरसिंगार आपकी मदद कर सकता है। प्राचीन काल से इसका इस्तेमाल मलेरिया से लड़ने के लिए किया जाता रहा है। दरअसल, हरसिंगार में पैरासाइट को खत्म करने की ताकत होती है। एक अध्ययन में देखा गया है कि जिन मलेरिया के मरीजों ने करीब तीन हफ्ते तक रोजाना हरसिंगार के पांच पत्तों का पेस्ट का सेवन किया, उनका बुखार और पैरासाइट संक्रमण पूरी तरह से खत्म हो गया था (1)। इसके उपयोग से कई तरह के मच्छरों से छुटकारा पाने में मदद मिल सकती है, जो मलेरिया की वजह बन सकते हैं (23)। 16. बुखारहरसिंगार बुखार से छुटकारा दिलाने में भी आपकी मदद कर सकता है। इसकी जड़ और पत्तों में एंटीपाइरेटिक (Antipyretic) गुण पाए जाते हैं, जो आपको बुखार से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं (1) (24)। हरसिंगार के पत्तों के रस को सीधे पीने से या इसमें अदरक मिलाकर पीने से आपको बुखार से राहत मिल सकती है (25)। हरसिंगार के फायदे तो आप ऊपर लेख में जान ही चुके हैं, चलिए अब इसके उपयोग के बारे में बात कर लेते हैं। हरसिंगार का उपयोग – How to Use Harsingar in Hindiहरसिंगार इतना लाभदायक होता है कि इसके पत्ते बीज, फूल व जड़ की खाल सभी का इस्तेमाल औषधि के रूप में किया जाता है। आइए, अब जानते हैं कि कैसे इसे इस्तेमाल में लाया जा सकता है-
कितना खाना चाहिए – सबसे पहले तो हरसिंगार की मात्रा इस बात पर निर्भर करती है कि आप इसका सेवन किस रूप में कर रहे हैं। आमतौर पर हरसिंगार यानी पारिजात के फूल, पत्ते, जड़ और बीज का उपयोग विभिन्न बीमारियों और शारीरिक समस्याओं के लिए अलग-अलग तरह से किया जाता है, जैसे कि रस, पाउडर, काढ़ा। चलिए, इसके बारे में आपको नीचे बताते हैं (24) –
नोट – यह एक औषधि है, इसलिए इसका उपयोग डॉक्टरी सलाह पर ही करें। हरसिंगार के गुण अनेक हैं, यही वजह है कि प्राचीन काल से औषधि के रूप में इसका इस्तेमाल हो रहा है। इसके अलावा, हरसिंगार के कुछ नुकसान भी हैं। आइए, एक नजर डालते हैं हरसिंगार के नुकसान पर। हरसिंगार के नुकसान – Side Effects of Harsingar in Hindiहरसिंगार के फायदे तो आप जान ही चुके हैं, लेकिन अगर आप इसका सेवन ज्यादा मात्रा में करते हैं, तो आपको हरसिंगार के नुकसान का भी सामना करना पड़ सकता है। यही कारण है कि इसका उपयोग सीमित मात्रा में ही करने की सलाह दी जाती है (4)।
घर की शोभा बढ़ाने वाला हरसिंगार आपके शरीर के लिए संजीवनी साबित हो सकता है। हरसिंगार के पत्ते से लेकर जड़ की छाल तक में औषधीय गुण मौजूद हैं। वहीं, इस लेख के माध्यम से आप यह भी जान चुके हैं कि हरसिंगार का फायदा लेने के लिए इसका सेवन किस प्रकार से करना है। अब देर किस बात की, डॉक्टरी सलाह पर छोटी-बड़ी शारीरिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए आज से ही इसे अपनी दिनचर्या में शामिल करें। हम उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी आपके काम आएगी। इस लेख को अपने दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ शेयर करना न भूलें। SourcesStylecraze has strict sourcing guidelines and relies on peer-reviewed studies, academic research institutions, and medical associations. We avoid using tertiary references. You can learn more about how we ensure our content is accurate and current by reading our editorial policy.
और पढ़े:
Was this article helpful? RelatedThe following two tabs change content below.
Puja Kumariपुजा कुमारी ने बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी से जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन में एमए किया है। इन्होंने वर्ष 2015 में अपने... more Neelanjana Singh(RD)Neelanjana Singh has over 30 years of experience in the field of nutrition and dietetics. She created and headed the... more ताज़े आलेख
|