हिंदी में अलोन का मतलब क्या होता है? - hindee mein alon ka matalab kya hota hai?

ALONE MEANING IN HINDI - EXACT MATCHES

alone     अलोन / अलोने / अलोणे

ALONE = तन्हा [pr.{tanha} ](Adverb)

Usage : he was alone when we met him
उदाहरण : तन्हा

ALONE = अकेला [pr.{akela} ](Adverb)

उदाहरण : एकाकी, अलग-थलग, अकेला

ALONE = असंग [pr.{asanag} ](Adverb)

उदाहरण : असंग साहेब ने बताया कि संसार में तीन स्वभाव के मनुष्य होते है। विनोदी जो सब को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। विवेकी जो हर बात हर कार्य विवेक पूर्ण ढंग से कहते और करते है। तीसरे प्रकार का स्वभाव विवादी होता है !

ALONE = केवल [pr.{keval} ](Adverb)

उदाहरण : एवोल्यूशन में प्रोफ़ाइल आँकड़ा कार्यक्रम (केवल डेवलेपर के लिए).

ALONENESS = अकेलापन [pr.{akelapan} ](noun)

Usage : people affected from ocd, suffers from aloneness.
उदाहरण : ओ.सी.डी. से पीड़ित व्यक्ति अकेलेपन से घिर जाते हैं।

alone

हिंदी में अलोन का मतलब क्या होता है? - hindee mein alon ka matalab kya hota hai?
  /adjective/ अकेला; केवल; एकमात्र; एकाकी; वंशहीन;
/adverb/अकेले में;
/pronoun/एक;

Synonym lonely; only; sole; lonesome; in loneliness; one;

English Dictionary:

1. Alone

हिंदी में अलोन का मतलब क्या होता है? - hindee mein alon ka matalab kya hota hai?
  [a.]

- Quite by one's self; apart from, or exclusive of, others; single; solitary; -- applied to a person or thing.
- Of or by itself; by themselves; without any thing more or any one else; without a sharer; only.
- Sole; only; exclusive.
- Hence; Unique; rare; matchless.

2. Alone

हिंदी में अलोन का मतलब क्या होता है? - hindee mein alon ka matalab kya hota hai?
  [adv.]

- Solely; simply; exclusively.

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अर्थ और पर्यायवाची

अकेला: अकेला संस्कृत [विशेषण] 1. एकाकी ; जो किसी के साथ न हो ; जिसके साथ कोई न हो 2. केवल एक ; एकमात्र ; जिसकी तरह का कोई दूसरा न हो ; अद्वितीय 3. अविवाहित 4. विधुर 5. जिसे किसी का सहयोग प्राप्त न हो 6. परित्यक्त 7. पृथक 8. बेजोड़ ; अनोखा। [संज्ञा पुल्लिंग] एकांत या निर्जन स्थान।

अकेला: विशेषण - बिना साथी का।

अकेला: अकेला 2- संज्ञा पुलिंग निराला । एकांत । शून्य स्थान । निर्जन स्थान ; जैसे-'वह तुम्हैं अकेले में पावेग तो जरूर मारेगा' (शब्द०) ।

अकेला: अकेला 1- विशेषण [संस्कृत एकल ; प्रा० अक्केल्लय, एकल्लप] [स्त्रीलिंग अकेली] जिसके साथ कोई न हो बिना साथी का । दुकेले का उलटा । एकाकी । तनहा ; जैसे-'वह अकेला आदमी इतनी चीजैं कैसे ले जायेगा' (शब्द०) । उदाहरण-मै अकेला, देखता हूँ आ रही मेरे दिवस की साध्य वेला ।-अणिमा, देखें पृष्ठ संख्या 2० । मुहावरा- अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता = एकाकी या अकेले व्यक्ति द्वारा बड़ा काम न होना । अकेला हँसता भला न रोता = एकाकी या त्नहा किसी प्रकार बात न बन पड़ना । 2. अद्वितीय । यक्ताँ । निराला ; जैसे-'वह इस हुनर में अकेला है' ।-(शब्द) । । यौगिक शब्द - अकेला दम = एक ही प्राणी । बिलकुल एकाकी । जैसे- 'हमारा तो अकेला व्म है, जब तक जाते है खर्च करते है ।'- (शब्द०) । अकेला दुकेला = (1) एक या दो । इक्का दुक्का । (2) एकाकी ।

अकेला : विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - अकाकिन्, गु० एकल एकलु, रा० एकला० पं० इकल्ला) 1. जिसके साथ और कोई न हो। 2. जिसे किसी का सहयोग या सहायता न प्राप्त होती हो। 3. जो ढंग-गुण, विशेषता आदि के विचार से सब से भिन्न हो। 4. जो वर्ग विशेष में सब से उत्तम हो। सर्वश्रेष्ठ। 5. बे जोड़। 6. खाली (मकान)। पुल्लिंग एकान्त या निर्जन स्थान। यौगिक शब्द अकेला-दम- एक ही प्राणी। अकेला-दुकेला जो या तो अकेला हो या जिसके साथ एकाध कोई और हो।

मात्र: मात्र संस्कृत [क्रिया विशेषण] 1. केवल ; सिर्फ़ ; अकेला 2. इकलौता।

मात्र: मात्र - अव्य० [संस्कृत] केवल । भर । सिर्फ । जैसे, नाममात्र, तिल मात्र । उदाहरण - (क) रहे तुम सल्य कहावत मात्र । अवै सह सल्य करौं सब गात्र । - गोपाल (शब्द०) । (ख) केवल भक्त चारि युग केरे । तिनके जे हैं चरित घनेरे । सोई मात्र कथौं यहि माहीं । कछुक कथा उपयोगिन काहीं । - रघुराज (शब्द०) ।

मांत्र: मांत्र - विशेषण [संस्कृत मान्त्र] 1. वेदमंत्र संबंधी । वेदमंत्र का । 2. तंत्र संबंधी । तांत्रिक [को कहते हैं] ।

बस: बस1 फ़ारसी [क्रिया विशेषण] और नहीं ; और अधिक नहीं ; इतना बहुत है।

बस: बस2 इंग्लिश [संज्ञा स्त्रीलिंग] सड़क यातायात के लिए बड़े आकार का सार्वजनिक यात्री वाहन।

बस: बस 4 - संज्ञा पुलिंग [हिंदी बास] सुवासित । उदाहरण - मधुर मालती के सिंगार सजि पहिरि बिसद बस बास । - घनानंद, देखें पृष्ठ संख्या 482 ।

बस: बस 3 - संज्ञा पुलिंग [संस्कृत वश] देशज शब्द देखें 'वश' । क्रिया प्र० - करना । - कर लेना = वश में कर लेना । उदाहरण - हजूर, बिल्कुल बस में कर लिया । - फिसाना०, भाग 3, देखें पृष्ठ संख्या 4 ।

बंस: बंस - संज्ञा पुलिंग [संस्कृत वंश] 1. कुल । खानदान । उदाहरण - (क) सोइ सुनो स्रवण तिहिं बंस जाँम । - ह० रासो, देखें पृष्ठ संख्या 66 । (ख) मालूम होता है, छत्तरी बंस है । - मान०, भाग 5, देखें पृष्ठ संख्या 6 । मुहावरा - बंस के बजाना = वंश या कुल, खानदान की मर्यादा का निर्वाह करना । उदाहरण - दारुन तेज दिलीस के बीरनि काहू न वंस के बाने बजाए । छोड़ि हथ्यारनि हाथनि जोरि तहाँ सब ही मिलि मूँड़ मुड़ाए । - मति० ग्रन्थ, देखें पृष्ठ संख्या 4०5 । 2. बाँस । उदाहरण - मिश्री माँहैं मेल करि मोल बिकाना बंस । यौं दादू महिंगा भया पारब्रह्म मिलि हंस । - दादू०, देखें पृष्ठ संख्या 119 । देशज शब्द देखें 'वंश' ।

बस: बस 2 - अव्य० 1. पर्याप्त । काफी । अलम् । 2. सिर्फ । केवल । इतना मात्र । जैसे, - बस, हमें और कुछ न चाहिए । उदाहरण - रचिए गुणगौरव पूर्ण ग्रंथ गण सारा । बस यही आपसे विनय विनीत हमारा । - द्विवेदी (शब्द०) ।

बस: बस 5 - संज्ञा स्त्रीलिंग [अंग्रेजी] यात्रियों की सवारी गाड़ी । लारी । वह लंबी मोटर जिसपर लोग आवागमन करते हैं ।

बस: बस 1 - विशेषण [फ़ारसी] पर्याप्त । भरपूर । प्रयोजन के लिये पूरा । बहुत काफी । उदाहरण - मेरे सदृश विद्वान् की परीक्षा बस होगी । - सरस्वती (शव्द०) । मुहावरा - बस करो । या बस । ठहरो । रुको । इतना बहुत है, और अधिक नहीं । उदाहरण - बलराम जी, बस करो, वस करो, अधिक बड़ाई उग्रसेन की मत करो । - लल्लू (शब्द०) ।

बंस : पुल्लिंग वंश।

बंस : पुल्लिंग वंश।

केवल: केवल [अव्यय] सिर्फ़ ; मात्र ; अकेला ; बस ; कुल ; खाली ; निपट ; फ़क़त। [संज्ञा पुल्लिंग] आध्यात्मिक ज्ञान, विशुद्ध ज्ञान।

केवल: विशेषण - जिसका या जितने का उल्लेख किया जाए वही या उतना ही।

केवल: क्रिया विशेषण - मात्र, सिर्फ

केवल: केवल 1- विशेषण [संस्कृत] 1. एकमात्र । अकेला । 2. शुद्ध । पवित्र । 3. अमिश्रित । उत्कृष्ट । उत्तम श्रेष्ठ । 4. पूर्ण । समस्त । पूरा (को कहते हैं) । 5. नग्न । आनावृत (भूमि) (को कहते हैं) ।

केवल: केवल 2- क्रिया वि सिर्फ । उदाहरण केवल हूँमा की हुँकारी की झांई पर्वत के कंदरों में बोलती है । - श्यामा० , देखें पृष्ठ संख्या 89 ।

केवल: केवल 3- संज्ञा पुलिंग [विशेषण केवली] 1. वह ज्ञान जो भ्राँतिशून्य और विशुद्ध हो । विशेष - सांख्य के अनुसार इस प्रकार का ज्ञन तत्वाभ्यास से प्राप्त होता है । यह ज्ञान मोक्ष का साधक होता है । इससे ज्ञानी को यह साक्षात हो जाता है किन में कर्ता हूँ, न मेरा किसी से कुछ संबंध है और न मैं स्वयँ पृथक कुछ हुँ । इस प्रकार के ज्ञान से वह पुरुष को साक्षी मात्र के रूप में देखतां है । 2. जैन शास्त्रानुसार सम्यक् ज्ञान । 3. वास्तु विद्या में स्तंभ के आधार अर्थात् कुंभी के ऊपर का ढाँचा ।

केवल : विशेषण शब्द - [संस्कृत शब्द - केव् (सेवन)+कल] 1. जिसका या जितने का उल्लेख किया जाय वही या उतना ही। जैसे—(क) वहाँ केवल साहित्यिक आये थे। (ख) वह केवल धोती पहने था। 2. जिसमें उल्लिखित या कथित के सिवा और किसी का मेल या सहयोग न हो। निरा। जैसे—यह तो केवल पानी है। 3. वास्तविक और विशुद्ध। जैसे— केवल ज्ञान। अव्य० मात्र। सिर्फ। जैसे—यहाँ केवल सबेरे दूध मिलता है। पुल्लिंग [संज्ञा शब्द - केवली] 1. ऐसा विशुद्ध आध्यात्मिक ज्ञान जिसमें कुछ भी भ्रम या भ्रांति न हो। 2. प्राणायाम का वह प्रकार या भेद (‘सहित’ से भिन्न) जिसमें पूरक और रोचक क्रियाएँ बिलकुल की ही नहीं जातीं। 3. सम्यक ज्ञान। (जन) 4. वास्तुकला में, स्तंभ के आधार अर्थात् कुंभी के ऊपर का ढाँचा।

खाली: खाली अरबी [विशेषण] 1. जिसके अंदर कोई चीज़ न हो ; जिसमें अंदर की जगह रिक्त हो ; रीता 2. जिसमें कुछ भरा न हो 3. जिसपर कुछ स्थित न हो 4. जिसमें आवश्यक पदार्थ न हो 5. विहीन ; रहित 6. जो इस समय उपयोग में न आ रहा हो 7. जो निष्फल या व्यर्थ सिद्ध हुआ हो।

खाली: विशेषण - जिसके अंदर कोई चीज न हो, रीता ;

खाली: विशेषण - रोजगार रहित ;

खाली: विशेषण - जो उपयोग में न आ रहा हो।

खाली: खाली 2- क्रिया विशेषण केवल । सिर्फ । अकेले । जैसे- खाली रटने से काम न चलेगा ; समझो ।

खाली: खाली 3- संज्ञा पुलिंग तबला, मृदंग आदि बजाने में वह ताल जो खाली छोड़ दिया जाता है और जिसमें बाएँ पर अधात नहीं लगाया जाता । इसका व्यवहार ताल की गिनती ठीक रखने के लिये किया जाता है ।

खाली: खाली 1- विशेषण [अरबी खाली] 1. जिसके अंदर कुछ न हो । जिसके अंदर का स्थान जो शून्य हो । भरा न हो । रीता । रिक्त । क्रिया प्र०-करना । देना ।-होना । मुहावरा- खाली करना = भीतर कुछ न रहने देना । भीतर की वस्तु या सार निकाल लेना । जैसे,-घड़ा खाली करना, संदूक खाली करना । 2. जिसपर कुछ न हो । जिसपर कोई वस्तु या व्यक्ति न हो । जैसे-कुरसी खाली करना, मेज खाली करना । 2. जिसमें कोई एक विशेष वस्तु न हो । किसी विशेष वस्तु से शून्य । जैसे, (क) जंगल जानवरों से खाली हो गया । (ख) हमारा मकान खाली कर दो । मुहावरा-हाथ खाली होना, खाली हाथ होना = (1) हाथ या मुट्ठी में रुपया पैसा न होना । अकिंचन या निर्धन होना । खुक्ख होना । जैसे-भाई आजकल हमारा हाथ खाली है ; हम कुछ नहीं दे सकते । (2) हाथ में कोई हथियार न होना । (3) हाथ में लिया हुआ काम कमाप्त होना । फुरसत मिलना । अवकाश मिलना । खाली पेट = बिना कुछ अन्न खाए हुए । निरन्ने पेट । बासी मुँह । जैसे,- खाली पेट पानी मत पीओ । खाली हाथ = (1) बिना मुट्ठी में कुछ दाम लिए । बिना कुछ रुपए पैसे के । पैसे,- खाली हाथ जाना ठीक नहीं । (ख) ब्राह्मण को खाली हाथ मत लौटाओ । (2) बिना हथियार के । जैसे,-रात को जंगल में खाली हाथ निकलना अच्छा नहीं । 4. रहित । बिहीन । जैसे,-(क) उनकी कोई बात मतलब से खाली नहीं होती । उदाहरण-शुभ आचार धर्म को ज्ञानी रह्यो तनय ते खाली ।-रघुराज (शब्द०) । 5. (व्यक्ति) जिसे कुछ काम न हो या जो किसी कार्य में न लगा हो । जैसे,-अब हम खाली है ; लाओ तुम्हारा काम देख लें । मुहावरा- खाली बैठना = (1) कोई काम धाम न करना । (2) बेरोजगार रहना । बिना जीविका के रहना । 5. (वस्तु) जो व्यवहार में न हो या जिसका काम न हो । जैसे,-(क) चाकू खाली हो गया तो इधर लाओ । (ख) इतने खेत खाली पड़े हैं । 8. व्यर्थ । निष्पल । जैसे,- तुम्हारा प्रयत्न खाली न जायगा । उदाहरण-पुनि लक्ष्मी हित उद्यम करै । अरु जब उद्यम खाली परै । तब वह रहै बहुत दुख पाई ।-सूर (शब्द०) । क्रिया प्र०-जाना । पड़ना । मुहावरा-निशान या वार खाली जाना = निशाना या वार ठीक न बैठना । अस्त्र का लक्ष्य पर न पहुँचना । आक्रमण व्यर्थ होना । बात खाली जाना या पड़ना = वचन निष्फल होना । कहने के अनुसार कोई बात न होना । वादा झूठा होना । जैसे, -(क) हमारी बात खाली न जायगी ; वह कल अवश्य आवेगा । (ख) अगर आज रुपया उनके यहाँ न पहुँचेंगा ; तो हमारी बात खाली जायगी । खाली दिन = वह दिन जिस दिन कोई नया या शुभ कार्य न किया जाय । जैसे,-कल तो बुध है, खाली दिन है ; कल आरंभ करना ठीक नहीं है । खाली देना = जिसपर वार या आघात किया जाय, उसके वार को बचा जाना । साफ निकल जाना । खाली महीना या खाली चाँद = मुसलमानों का ग्यारहवाँ महीना जो अशुभ माना जाता है ।

खाली : विशेषण शब्द - [अरबी शब्द - मि संज्ञा शब्द - खल्ल] 1. (पात्र) जिसके अन्दर कोई चीज न हो। रीता। जैसे– खाली लोटा। खाली बक्स। 2. जिस पर अथवा जिसके ऊपर कुछ या कोई स्थित न हो। जैसे– खाली कुरसी, खाली जगह, खाली मकान। 3.जिसमें आवश्यक या उपयुक्त पदार्थ या वस्तु न हो। जैसे– खाली पेट। जिसमें पचाने के लिए अन्न न पड़ा हो या न रह गया हो। खाली हाथ-जिसमें (क) गहना या जेवर। (ख) धन या संपत्ति (ग) हथियार न हो। पद- खाली दिन (क) ऐसा दिन जिसमें कोई विशिष्ट कार्य न हो अथवा न हुआ हो। जैसे– रविवार बहुत से लोगों के लिए खाली दिन होता हैं। (ख) ऐसादिन जिसमें कुछ भी आय अथवा कार्य न हुआ हो। जैसे–आज का सारा दिन खाली गया। 4. (व्यक्ति) जिसके हाथ में कोई रोजगार या काम धंधा न हो।जैसे– इधर महीनों से वह खाली बैठा हैं। 5. (व्यक्ति) जो प्रस्तुत समय में कोई कार्य न कर रहा हो या काम पूरा करके छुट्टी पा चुका हो। जैसे–कल सबेरे जब हम खाली रहें तब आना। 6. जो इस समय उपयोग में न आ रहा हो। जैसे–यदि चाकू खाली हो तो हमें देना। 7. निष्फल या व्यर्थ सिद्ध हुआ हो। जैसे– वार खाली जाना। मुहावरा– खाली देना ऐसा कौशल या क्रिया करना जिससे किसी का किया हुआ आघात, प्रहार या वार निष्फल हो जाए। साफ बच निकलना। जैसे–वह शत्रुओं के सब वार खाली कर देता गया। 8. जिसमें या जिससे किसी प्रकार के उद्देश्य या प्रायोजन की सिद्धि न होती हो। जैसे– खाली बातें करने से कुछ नहीं होता। 9. किसी चीज या बात से बिलकुल रहित या विहीन। जैसे– (क) अब तो यह जंगल हिंसक पशुओं से खाली हो गया है। (ख) उनकी कोई बात मतलब से खाली नहीं होती। अव्य-बिना किसी को साथ लिए हुए, अकेले। जैसे–(क) खाली तुम्हीं आना और किसी को अपने साथ मत लाना। (ख) यह काम खाली तुम्हीं कर सकते हों। पुल्लिंग ताल देनेवाले बाजों (ढोलक, तबला, मृदंग आदि) में बीच में पड़नेवाला वह ताल जो बिना बाएं हाथ का आघात किये इसलिए खाली छोड़ दिया जाता है कि उसके आगे और पीछे के तालों की गिनती ठीक रहे। जैसे–(क) रूद्र ताल १6. तालों का होता है जिसमें १1. आघात और 5. खाली होते हैं। (ख) लक्ष्मी ताल १8. तालों का होता है जिसमें १5. आघात और 3. खाली होते हैं।

सिर्फ़: सिर्फ़ अरबी [अव्यय] 1. निश्चित परिमाण या मात्रा में 2. मात्र 3. इतना भर ; केवल 4. अकेले ; कोई और नहीं।

सिर्फ: विशेषण - बस, इतना ही, केवल।

सिर्फ: सिर्फ 1 - क्रिया विशेषण [अरबी सिर्फ़] केवल । मात्र ।

सिर्फ: सिर्फ 2 - विशेषण 1. एक मात्र । अकेला । 2, शुद्ध । खालिस ।

एकांकी: एकांकी संस्कृत [विशेषण] एक ही अंक में पूरा होने वाला (दृश्य काव्य या नाटक)। [संज्ञा पुल्लिंग] 1. दस प्रकार के रूपकों- नाटक, प्रकरण, प्रहसन आदि में से एक 2. छोटा नाटक जिसमें एक ही अंक हो ; (वन ऐक्ट प्ले)।

एकाकी: एकाकी संस्कृत [विशेषण] अकेला ; जिसके साथ और कोई न हो।

एकाकी: विशेषण - अकेला।

एकांकी: एकांकी- विशेषण [संस्कृत एकाङि्कन्] एक अंकवाला (नाटक) आधुनिक नाटक की एक विशेष विधा ।

एकाकी: एकाकी- विशेषण [संस्कृत एकाकिन्] [स्त्रीलिंग एकाकिनी] अकेला । तनहा । उदाहरण-देवविग्रह एकाकी धर्मोंन्मत्त काला पहाड़ के अश्वारोंहियों से घिर गया । -इंद्र०, देखें पृष्ठ संख्या, 118 ।

एकांकी : विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - एकांक] (दृश्यकाव्य या नाटक) जो एक ही अंक में पूरा हो। जिसमें एक ही अंक हो। पुल्लिंग 1. दस प्रकार के रूपको में से एक। 2. आजकल वह छोटा नाटक जिसमें कई दृश्यों का एक ही अंक हो। (वन-एक्ट-प्ले)

निपट: निपट [क्रिया विशेषण] 1. केवल ; निरा ; विशुद्ध 2. बिलकुल ; सरासर ; नितांत 3. अलग ; बहुत।

निपट: निपट - अब्य० [हिंदी नि + पट] 1. निरा । विशुद्ध । खाली । औऱ कुछ नहीं । केवल । एकमात्र । उदाहरण - निपटाहिं द्विज करि जानेसि मोहीं । मै जस विप्र सुनावउँ तोहीं । - तुलसी (शब्द०) । 2. सरसरा । एकदम । बिल्कुल । नितांत । बहुत अधिक । उदाहरण - (क) आसे पासे जो फिरै निपट पिसावै सोय । कीला सों लगा रहै ताको विघ्न न होय । - कबीर (शब्द०) । (ख) भानुबंस राकेस कलंकू । निपट निरंकुप अबुध असंकु । - तुलसी (शब्द०) । (ग) बाम्हन हुत इक निपट भिखारी । सौ पुनि चला चलत व्यापारी । - जायसी (शब्द०) । (घ) मै तेहि बारहि बार मनायो । सिर सों खेल निपट जिउ लायो । - जायसी (श्बद०) ।

अकेले: अकेले- क्रिया विशेषण [हिंदी अकेला] 1. किसी साथी के बिना । एकाकी । आप ही आप । तनहा । उदाहरण-अदेखे अकेले । किते दिन ह्वै गए, चाह गई चित सो काढ़ि सोऊ ।-ठाकुर० देखें पृष्ठ संख्या8 । 2 मात्र । सिर्फ । केवल ; जैसे-' अकेले चिट्ठी लिखने से काम न चलेगा' (शब्द०) । यौगिक शब्द - अकेले अकेले = अलग अलग । उदाहरण- बिना समाजबद्ध हुए देश की दशा सुधारने का प्रयत्न अकेले अकेले व्यर्थ होगा' - प्रेमघन० भाग2, प० 281 । अकेले दम = देशज शब्द देखें 'अकेल दम' ; जैसे-'हम तो अकेले दम है, चाहे जहाँ रहैँ' (शब्द०) । अकेले दुकेले = देशज शब्द देखें अकेला दुकेला' । उदाहरण-किंतु जहाँ अकेले दुकेले या थोड़े आदमी कोई नया धंधा अख्तियार करते.....'- भाग इ० रूढ़ शब्द देखें पृष्ठ संख्या 1०21 ।

अकेले : क्रिया विशेषण शब्द - [हिंदी शब्द - अकेला] 1. बिना किसी साथी के। 2. केवल। सिर्फ।

इक्का: इक्का [संज्ञा पुल्लिंग] 1. घोड़े द्वारा खींची जाने वाली एक गाड़ी 2. अकेले लड़ने वाला योद्धा 3. अपने समूह से अलग रहने वाला पशु 4. ताश के खेल का एक बूटीदार पत्ता 5. एक तरह की बाली। [विशेषण] 1. अकेला 2. अनुपम ; बेजोड़।

इक्का: पुलिंग - एक प्रकार की छोटी गाड़ी जिसमें केवल एक घोड़ा जोड़ा जाता हैं ;

इक्का: पुलिंग - ताश का एक बूटीवाला पत्ता।

इक्का: इक्का 2- संज्ञा पुलिंग 1. एक प्रकार की कान की बाली जिसमें एक मोती होता है । 2. वह योद्धा जो लडाई में अकेला लडे । उदाहरण- कूदि परे लंका बीच इक्का रघुबर के । -मानकवि (शब्द०) । 3. वह पशु जो अपना झुंड छोडकर अलग हो जाय । 4. एक प्रकार का दो पहिए घोडा गाडी जिसमें एक ही घोडा जोता जाता है । 5. तास का वह पत्ता जिसमें किसी रंग की एक ही बूटी हो । यह पत्ता और सब पत्तों को मार देता है । जैसे,- पान का इक्का । ईंट का इक्का ।

इक्का: इक्का 1- विशेषण[संस्कृत एक] 1. एकाकी । अकेला । 2. अनुपम । बेजोड ।

इक्का : विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - एक] 1. अकेला। पद—इक्का-दुक्का जो या तो अकेला हो या जिसके साथ कोई एक और हो। अकेला-दुकेला। 2. अनुपम। बेजोड़। पुल्लिंग 1. एक प्रकार की छोटी सवारी जिसमें केवल एक घोड़ा जोता जाता है। 2. ताश का वह पत्ता जिसमें केवल एक बूटी बनी होती है। 3. युद्ध में अकेला लड़नेवाला योद्धा। 4. ऐसा पशु जो अपने झुंड से छूटकर अलग हो गया या अकेला पड़ गया हो। 5. काम में पहनने की एक प्रकार की बाली।

अद्वैत: अद्वैत संस्कृत [विशेषण] 1. जिसमें द्वैत या भेद का अभाव हो 2. जीव-ब्रह्म या जड़ चेतन की एकता का सिद्धांत 3. अद्वैतवाद संबंधी।

अद्वैत: अद्वैत 1- विशेषण [संस्कृत] 1. द्धितीयरहित । एकाकी । अकेला । एक । 2. अनुपम । बेजाड़ ।

अद्वैत: अद्वैत 2- संज्ञा पुलिंग 1. ब्रह्म । ईशवर । 2. द्धैत या भेद का अभाव । जीव ब्रह्म का ऐक्य (को कहते हैं) ।

अद्वैत : विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - न० बहुव्रीहि] 1. जिसमें द्वैत या भेद का अभाव न हो। 2. जीव और ब्रह्वा या जड़ और चेतन की एकता का सिद्धांत। देशज शब्द देखें - पुल्लिंग 1. ब्रह्वा। 2. देशज शब्द देखें - ‘अद्वैतवाद’।

तनहा: तनहा (फ़ा.) [विशेषण] अकेला ; एकाकी ; जिसके साथ कोई न हो।

तनहा: तनहा 1 - विशेषण [फ़ारसी] 1. जिसके संग कोई न हो । बिना साथी का । अकेला । एकाकी । 2. रिक्त । खाली (को कहते हैं) ।

तनहा: तनहा 2- क्रिया विशेषण बिना किसी सँगी साथी का । अकेले ।

असंग: असंग 2- संज्ञा पुलिंग 1. पुरुष । आत्मा । 2. सपर्काभाव । निर्लिप्तता [को कहते हैं] ।

असंग: असंग- विशेषण [संस्कृत असङ्ग] 1. बिना साथ का । अकेला । एकाकी । 2. किसी से वास्ता न रखनेवाला । न्यारा निर्लिप्त । माया- रहित । उदाहरण-(क) मन मैं यह बात ठहराई । होइ असंग भोजौं जदुराई ।-सूरदास (शब्द०) । (ख) भस्म अंग मर्दन अनंग, संतत असंग हर । सीन गंग, गिरिजा अधंग, भूषन भुअंगवर ।-तुलसी (शब्द०) । 3. जुदा । अलग । पृथक् । उदाहरण-चंद्रकला च्चै परी, असंग गंग ह्वै परी, भुजंगी भाजि औ परी, बरंगी के बरत ही ।-देव (शब्द०) ।

असंग : विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - न० बहुव्रीहि] 1. जिसके संग या साथ कोई न हो। 2. जिसका कोई मित्र या संगी न हो। 3. जो किसी से मिला, लगा या सटा न हो। 4. माया रहित। पुल्लिंग 1. संग या साथ न होना। 2. मन की वह वृत्ति जिसमें मनुष्य सांसारिक भोग-विलास की ओर ध्यान नहीं देता। 3. पुरुष। 4. आत्मा। (सांख्य)

एकक: एकक संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] एकांश ; मात्रक ; इकाई ; (यूनिट)। [विशेषण] 1. एक से ही निर्मित या संबंधित 2. अकेला।

एकक: एकक- विशेषण [संस्कृत] 1. अकेला । बिना किसी व्यक्ति के साथ । 2. वही ।

एकक : विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - एक+कन्] 1. अकेला। 2. एक से संबंध रखनेवाला। 3. जो एक से ही बना हो, अथवा एक ही हो। (सोल) पुल्लिंग देशज शब्द देखें - ‘इकाई’।

धँधार: धँधार [संज्ञा स्त्रीलिंग] आग की लपट ; आग की लौ।

धंधार: धंधार 3 - संज्ञा स्त्रीलिंग [संस्कृत धूमधार या देश०] ज्वाला । लपट ।

धंधार: धंधार- संज्ञा पुलिंग [देश०] लकड़ी का लंबा औजार जो भारी पत्थरों या लकड़ियों के उठाने के काम में आता है ।

धँधार: धँधार- संज्ञा पुलिंग [हिंदी] ज्वाला । लपट । उदाहरण-कंथा जरै आगि नभ लाई । बिरह धँधार जरत न बुझाई ।-जायसी (शब्द०) ।

धंधार: धंधार 2- विशेषण [देश०] एकाकी । अकेला ।

एक्का: एक्का 2- संज्ञा पुलिंग 1. वह पशु या पक्षी जो झुंड छोड़कर अकेला चरता या घूमता हो । विशेष-इसका व्यवहार उन पशुओं या पक्षियों के संबंध में आता है जो स्वभाव से झुंड बाँधकर रहते हैं । जैसे, एक्का सूअर, एक्का मुर्ग । 2. एक प्रकार की दोपहिया गाड़ी जिसमें एक बैल या घोड़ा जोता जाता है । 3. वह सिपाही जो अकेले बड़े वड़े काम कर सकता है और जो किसी कठिन समय में भेजा जाता है । 4. फौज में वह सिपाही जो प्रतिदिन अपने कमान अफसर के पास तमन (फौज) के लोगों की रिपोर्ट करे । 5. बड़ा भारी मुगदर जिसे पहलवान दोनों हाथों से उठाते हैं । 6. बाँह पर पिहनने का एक गहना जिसमें एक ही नग होता है । 8. वह बैठकी या शमादान जिसमें एक ही बत्ती जलाई जाती है । इक्का । 8. ताश या गंजीफे का वह पत्ता जिसमें एक ही बूटी या चिह्न हो । एक्की ।

एक्का: एक्का 1- विशेषण [संस्कृत एकक] 1. एकवाला । एक से संबंध रखनेवाला । 2. एकेला । यौगिक शब्द - एक्का दुक्का=अकेला । दुकेला ।

एक्का : विशेषण शब्द - [हिंदी शब्द - एक] 1. गणना आदि के विचार से जो एक हो या एक से संबंद्ध हो। 2. जिसके साथ और कोई न हो। अकेला। पद—एक्का-दुक्का-जो या तो अकेला हो या जिसके साथ कोई एक और हो। अकेला-दुकेला। पुल्लिंग 1. दो पहियों वाली एक प्रकार की छोटी सवारी गाड़ी जिसमें एक घोड़ा जोता जाता है। 2. ताश का वह पत्ता जिसमें एक ही बूटी होती है। 3. ऐसा पशु जो अकेले ही विचरता या रहता हो, झुंड में न रहता हो। 4. वह वीर या सैनिक जो अकेला ही कई विरोधियों के साथ लड़ता हो। 5. बाँह पर पहनने का एक गहना जिसमें एक ही नग जड़ा होता है। 6. ऐसा दीपाधार जिसमें एक ही बत्ती जलती हो। 7. ब्रह्म जो अकेला ही सारी सृष्टि का कर्ता माना गया है।

एक्का: (संज्ञा पुलिंग) एक घोड़े वाली गाड़ी, एक्का कस घोड़, बघेली मुहावरा, एक बिन्दी वाली तास की पत्ती। (बघेली शब्द)

इकल्ला : विशेषण शब्द - [हिंदी शब्द - एक+ला(प्रत्यय)] 1. अकेला। 2. इकहरा।

एकंग: एकंग- विशेषण [संस्कृत एक +अङ्ग =एकांग] अकेला । तनहा ।

एकंग : विशेषण शब्द - [संज्ञा शब्द - एकांग] जिसके साथ और कोई न हो। अकेला। विशेषण शब्द - पुल्लिंग एकांग।

महज़: महज़ अरबी [अव्यय] 1. केवल ; सिर्फ़ ; मात्र 2. निर्मल ; ख़ालिस ; निरा 3. जिसमें किसी वस्तु का मेल न हो ; शुद्ध 4. सरासर। [विशेषण] विशुद्ध ; खाँटी।

महज: महज - विशेषण [अरबी महज] 1. शुद्ध । खालिस । जैसे, - यह तो महज पानी है । 2. केवल । मात्र । सिर्फ । जैसे, - महज आपकी खातिर से मैं यहाँ आ गया । 3. सरासर । एकदम ।

निहंग: निहंग संस्कृत [विशेषण] 1. अकेला ; एकाकी 2. जिसने विवाह न किया हो ; अविवाहित 3. पारिवारिक दायित्वों एवं झंझटों से मुक्त 4. स्त्री से संबंध न रखने वाला 5. बेशरम। [संज्ञा पुल्लिंग] 1. वैष्णव साधुओं का एक वर्ग 2. वैरागी ; साधु 3. सिक्खों का एक संप्रदाय।

निहंग: निहंग 2- संज्ञा पुलिंग 1. एक प्रकार के वैष्णव साधु । 2. अकेले रहनेवाला साधु ।

निहंग: निहंग- विशेषण [संस्कृत नि:सङ्ग] 1. एकाकी । अकेला । विवाह आदि न करनेवाला वा स्त्री से संबंध न रखनेवाला (साधु) । 3. नंगा । 4. बेहया । बेशरम ।

निहंगम: निहंगम- विशेषण [हिंदी निहंग] देशज शब्द देखें 'निहंग' ।

एकमेव: एकमेव संस्कृत [क्रिया विशेषण] एक ही ; एकमात्र।

एकमेव: एकमेव- विशेषण [संस्कृत] एकमात्र । एक ही । उदाहरण-'अपना सुख त्यागना उनके दुख में साथी होना एकमेव कर्तव्य है ।'- प्रेमघन०, भाग 2, देखें पृष्ठ संख्या 281 ।

अयुग्म: अयुग्म संस्कृत [संज्ञा पुल्लिंग] 1. जिसका कोई युग्म या जोड़ा न हो ; अकेला 2. जो सम न हो ; विषम।

अयुग्म: अयुग्म- विशेषण [संस्कृत] 1. विषम । ताक । 2. अकेला । एकाकी । यौगिक शब्द .-अयुग्मच्छ़द ।अयुग्मनेत्र ।अयुग्मवाह ।अयुग्मशर ।

अयुग्म : पुल्लिंग [संज्ञा शब्द - न० त०] 1. जो युग्म या जोड़ा न हो। अकेला। 2. (संख्या) जो सम न हो। विषम। 3. जो किसी से जुड़ा या मिला न हो।

निस्संग: निस्संग संस्कृत [विशेषण] 1. जिसके साथ कोई न हो ; अकेला 2. जो किसी से कोई संबंध न रखता हो 3. सांसारिक विषय-वासनाओं से रहित ; उदासीन ; निष्काम ; निर्लिप्त।

निस्संग: निस्संग- विशेषण [संस्कृत निस्सङ्ग] 1. अकेला । एकाकी । जिसका कोई साथी न हो । 2. जिसका किसी से लगाव न हो । निर्लिप्त [को कहते हैं] ।

इकेला : विशेषण शब्द - अकेला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)

निःसंग: निःसंग संस्कृत [विशेषण] 1. जिसके साथ कोई न हो ; अकेला ; एकाकी 2. किसी से संबंध या लगाव न रखने वाला ; निर्लिप्त 3. किसी से संपर्क न रखने वाला ; निष्काम।

निसंग: निसंग संस्कृत [विशेषण] 1. बिना मेल या लगाव का ; जो मेल या लगाव न रखता हो 2. एकाकी ; अकेला 3. विषयानुराग से रहित ; निष्काम ; निर्लिप्त 4. एकांत ; निर्जन।

निःसंग: निःसंग- विशेषण [संस्कृत निःसङ्ग] 1. बिना मेल या लगाव का । जो मेल या लगाव न रखना हो । 2. निर्लिप्त । 3. जिसमें अपने मतलब का कुछ लगाव न हो ।

इकला : विशेषण शब्द - अकेला।

इकलंत : विशेषण शब्द - अकेला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)

इकसर : विशेषण शब्द - [हिंदी शब्द - एक+सर(प्रत्यय)] अकेला।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)

इकौसा : विशेषण शब्द - [हिंदी शब्द - एक+वास] [स्त्रीलिंग एकौंसी] 1. जहाँ कोई न हो। एकांत। 2. जिसके साथ कोई न हो। अकेला। 3. अलग। पृथक्। उदाहरण—ह्वे रहे इकौसे हौ न जानौ कौन हेत है।—सेनापति।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)

इकौसा : विशेषण शब्द - इकौसा।(यह शब्द केवल पद्य में प्रयुक्त हुआ है)

अलोन का हिंदी अर्थ क्या होता है?

Alone meaning in Hindi (हिन्दी मे मीनिंग ) is तन्हा.

अलोन का मतलब क्या होता है इंग्लिश में?

English Dictionary: 1. Alone [a.] - Quite by one's self; apart from, or exclusive of, others; single; solitary; -- applied to a person or thing. - Of or by itself; by themselves; without any thing more or any one else; without a sharer; only.

अलोन लाइफ क्या है?

खुद को समय देना सबसे ज्यादा जरूरी है। दरअसल सिर्फ खुद के साथ समय बिताने को Alone Time कहा जाता है। इस दौरान आप अकेले होते हो और सिर्फ अपने से जुड़ी चीजों के बारे में सोचते हैं या अपनी खुशी के लिए कुछ करते हैं। तो हमने अकेले समय बिताने का मतलब जान लिया है, अब जानते हैं कि इससे कौन-कौन से फायदे मिलते हैं।

डिफरेंट का स्पेलिंग क्या होता है?

The difference between things is the way in which they are different from each other.