पाठ में भोलानाथ के चूहे के बिल में पानी डालने से लगता है कि वो शरारती प्रवृत्ति का है। बिल में पानी डालना किसी भी प्रकार से उचित नहीं है। प्रकृत्ति के लिए पशु-पक्षी का होना बहुत जरूरी है। इसी से प्रकृत्ति संतुलित रहती है। इस पूरे प्राणी वर्ग में किसी एक के भी ना रहने पर प्रकृत्ति असंतुलित हो जाएगी। स्कूल में बच्चों को पशु-पक्षियों का संरक्षण करने के बारे में आवश्यक रूप से शिक्षित किया जाना चाहिए क्योंकि ये भविष्य के नागरिक हैं और ये प्रकृति को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। अथवा समाज में घट रही छोटी-बड़ी घटनाओं को जानने के लिए समाचार पत्र बहुत जरूरी है। इससे लोगों को समाज की समस्याओं के बारे में पता चलता है। इसके अलावा अब खान-पान और पहनावे से संबंधित खबरें भी छपती हैं। समाचार पत्रों का मुख्य काम है समाज को जाग्रत करना, वर्तमान सन्दर्भ से परिचित कराना, उन तक खबर पहुँचाना और समाज के लोगों को सही दिशा दिखाना। |