जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छूते हैं तो वह अपना आवेश खो देती है, व्याख्या कीजिए। Show यदि हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छूते हैं तो उसका आवेश हमारे शरीरी से होकर पैरों की सहायता से पृथ्वी में चला जाता है और आवेशित वस्तु अनावेशित हो जाती है। इस प्रक्रिया को भूसम्पर्कण कहते हैं। 197 Views मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता है कि किसी निश्चित दिन तड़ित झंझा की संभावना है और मान लीजिए उस दिन आपको बाहर जाना है। क्या आप छतरी लेकर जाएँगे? व्याख्या कीजिए। यदि मौसम विभाग यह भविष्यवाणी करता है कि तड़ित झंझा की संभावना है तो उस दिन हम छतरी लेकर बाहर नहीं जाएँगे क्योंकि यह सुरक्षित नहीं है। चूँकि तड़ित झंझा एक प्रकार का विद्युत् वित्सर्जन है और छाते की डंडी धातु की बनी होती है, इसलिए तड़ित उसके पाइप पर आघात कर सकती है, जो कि खतरनाक है। 151 Views चित्र की सहायता से किसी ऐसे उपकरण का वर्णन कीजिए जिसका उपयोग किसी आवेशित वस्तु की पहचान में होता है। एक खाली बोतल को बड़े-से गत्ते से ढक दें। फिर गत्ते के बीच में छेद करें। फिर इसमें चित्रानुसार पेपर क्लिप खोलें। इसके बाद साइज़ की दो पत्तियों को पेपर क्लिप पर चित्रानुसार लटकाएँ। फिर उसे गत्ते के अंदर लम्बवत् डालें। इसके पश्चात आवेशित रिफिल को पेपर क्लिप के सिरे से स्पर्श करें। समान आवेश वाली पत्तियाँ एक दूसरे को प्रतिकर्षित करती हैं और फैल जाती हैं। इस प्रकार की युक्ति का उपयोग इस पीरक्षण के लिए किया जा सकता है कि कोई वस्तु आवेशित है या नहीं। इस
युक्ति को विद्युतदर्शी कहते हैं। 172 Views आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता है, जबकि अनावेशित गुब्बारा आवेशित गुब्बारे द्वारा आकर्षित किया जाता है। व्याख्या कीजिए। सजातीय आवेश एक-दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं, इसलिए आवेशित गुब्बारा दूसरे आवेशित गुब्बारे को प्रतिकर्षित करता
है। 93 Views भारत के उन तीन राज्यों (प्रदेशों) की सूची बनाइए जहाँ भूकम्पों के झटके अधिक संभावित हैं। राजस्थान, कश्मीर, कच्छ का रन (गुजरात)। 88 Views मान लीजिए आप घर से बाहर हैं तथा भूकम्प के झटके लगते हैं। आप अपने बचाव के लिए क्या सावधानियाँ बरतेंगे? यदि हम घर से बाहर हैं और भूकम्प के झटके लगते हैं तो हम निम्न सावधानियाँ बरतेंगे- 93 Views जब किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छुआ जाता है तो वह अपना आवेश को देती है क्यों?इस युक्ति को विद्युतदर्शी कहते हैं। इस प्रकार हमें यह ज्ञात हुआ कि विद्युत आवेश को किसी आवेशित वस्तु से अन्य वस्तु में धात्विक चालक द्वारा भेजा जा सकता है। जो विद्युत की हीन चालक है, आवेशों के प्रवाह को नहीं रोक पाती। ऋणात्मक तथा धनात्मक आवेश मिलते हैं और प्रकाश की चमकीली धारियाँ तथा ध्वनि उत्पन्न होती है।
समझाइए कि यदि हम चित्र की सहायता से इसे अपने हाथ से स्पर्श करते हैं तो आवेशित पिंड अपना आवेश क्यों खो देता है?जब हम किसी आवेशित वस्तु को हाथ से छूते हैं तो वह अपना आवेश खो देती हैं, क्योंकि मानव शरीर विद्युत का सुचालक है। जब हम अपने हाथ से एक आवेशित वस्तु को स्पर्श करते हैं तो आवेशित वस्तु का आवेश हमारे शरीर से पृथ्वी में चला जाता है। इस प्रकार, आवेशित वस्तु अपना आवेश खो देती है।
कौन सी आवेशित वस्तु किस आवेशित वस्तु को आकर्षित करती है धनावेशित धनावेशित को?हम जानते हैं कि सजातीय आवेशों में प्रतिकर्षण तथा विजातीय आवेशों में आकर्षण होता है। तथापि, बल का परिमाण आवेशों के बीच दूरी पर निर्भर करने के कारण आकर्षण बल प्रतिकर्षण बल की तुलना में अधिक होता है।
आवेशित वस्तु क्या होता है?Solution : वह वस्तु जो रगड़ के पश्चात् अन्य वस्तुओं को अपनी ओर आकर्षित करने का गुण प्राप्त कर लेती है, आवेशित वस्तु कहलाती है।
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