स्ट्रोक की बीमारी क्यों होती है? - strok kee beemaaree kyon hotee hai?

ब्रेन स्ट्रोक के कारण : आज कल की खराब होती लाइफस्टाइल और स्ट्रेस ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा रहा है। डॉक्टर से जानें कारण, लक्षण और उपाय।

ब्रेन स्ट्रोक (brain stroke in hindi) एक तरह का ब्रेन के अंदर अचानक से होने वाला अटैक है , जो मस्तिष्क को खून की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिका के फटने से या दिमाग की नसों में खून का बहना रुकने (ब्लॉकेज) के कारण होता है। दरअसल, किसी भी कारण से जब ब्रेन का ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो जाता है स्ट्रोक आ जाता है। ऐसा होने पर दिमाग की कोशिकाएं मरने लगती हैं क्योंकि उन्हें काम करने के लिए जो ऑक्सिजन और पोषण मिलना चाहिए, वो नहीं मिल पाता। स्ट्रोक की अवस्था में इंसान कई बार मुंह तिरछा होने लगता है, हाथ-पैर या शरीर के किसी हिस्से का बेजान हो जाता है, जुबान लड़खड़ाने लगता है और ठीक से ना बोल पाने जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं। लेकिन सोचने वाली बात ये है किन इस स्थिति से बचा कैसे जा सकता है। तो, इसके लिए हमें ब्रेन स्ट्रोक के कारणों (brain stroke reasons) के बारे में जानना होगा और फिर इन्हीं चीजों से बचना होगा। इसी बारे में हमने सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर कुणाल बहरानी (Dr. Kunal Bahrani), फॉर्टिस हॉस्पिटल से बात की, जिन्होंने ब्रेन स्ट्रोक के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके के बारे में बताया।

ब्रेन स्ट्रोक के कारण- Causes of Brain Stroke in Hindi

1.  डायबिटीज के कारण

अगर किसी को डायबिटीज है तो, इसे कंट्रोल करना बेहद जरूरी है। ऐसा इसलिए क्योंकि डायबिटीज कंट्रोल मेंरहने का मतलब है हाई ब्लड शुगर जो कि ब्लड वेसेल्स और दूसरे अंगों को भी प्रभावित करती है और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती है।

2. हाई बीपी

हाई बीपी के मरीजों को सबसे ज्यादा स्ट्रोक का खतरा होता है। दरअसल, हाई बीपी में धमनियों का नुकसान होता है और कई बार ब्लड वेसेल्स फट सकते हैं या इनसे लीकेज हो सकता है जो कि ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए अपनी बीपी को हमेशा 140/90 से नीचे ही रखें।

3. हाई कोलेस्ट्रॉल

हाई कोलेस्ट्रॉल और लिपिड का बढ़ा हुआ स्तर ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करने का काम करता है। इनके कारण ब्लड वेसेल्स में प्लॉक जमा हो जाते हैं और इस वजह से धमनियों में एथेरोस्क्लेरोसिस का खतरा बढ़ता है। इससे ब्लड वेसेल्स मोटे या सख्त हो जाते हैं और ब्रेन में ब्लड सर्कुलेशन को प्रभावित करते हैं। ऐसे में ये स्थिति ज्यादा बढ़ने पर भी ब्रेन स्ट्रोक होता है।

4. दिल के रोगियों में

ब्रेन स्ट्रोक का खतरादिल के रोगियों में ज्यादा होता है। दरअसल, दिल के रोगियों में दवाओं की कमी या फिर दूसरी लापरवाहियों से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। क्योंकि दिन आपके ब्लड सर्कुलेशन से जुड़ा हुआ है और इसका किसी भी कारण से प्रभावित होना पूरे शरीर को प्रभावित करता है।

5. मोटापा

मोटापा सीधे तौर पर तो नहीं पर दूसरे तरीकों से ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है। ये शरीर में डायबिटीज और दिल की बीमारियों का कारण बनता है जो कि आगे चल कर ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकता है। इसलिए मोटापा कंट्रोल करना बेहद जरूरी है।

6. स्मोकिंग

स्मोकिंग आपके शरीर को कई तरह से नुकसान पहुंचाता है। ये पहले तो बीपी बढ़ाता है और फिर इस्केमिक स्ट्रोक के जोखिम को लगभग दोगुना कर देता है।

7.  गर्भनिरोधक गोलियां या गैरकानूनी दवाइयां

इस्केमिक स्ट्रोक के पीछे एक बड़ा कारण गर्भनिरोधक गोलियां और गैरकानूनी दवाइयां हो सकती हैं। खास कर कि नए उम्र के लोगों में। दरअसल, ये दवाइयां अंदर ही अंदर शरीर को नुकसान पहुंचा रही होती हैं, जिससे दिल की बीमारियां, ब्लड वेलेस्ल के नुकसान और अंत में ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।

8. स्ट्रेस

स्ट्रेस बीपी बढ़ाता है, नींद की कमी से जुड़ा हुआ है, मोटापा बढ़ाता है और दिल की बीमारियों का भी कारण बनता है। ये तमाम चीजें ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।

9. खराब लाइफस्टाइल और आपकी उम्र

नौजवानों में आज कल खराब लाइफस्टाइल एक चलन बन गया है। लेकिन कम उम्र में तो ये आपको प्रभावित नहीं करती लेकिन 35 की उम्र के बाद ये दूसरी बीमारियों का कारण बनती है और फिर ब्रेन स्ट्रोक के खतरे को पैदा करती है।

10. नो एक्सरसाइज

एक्सराइज ना करना कई बीमारियों को बुलावा देती है। जी हां, एक्सरसाइज ना करने से आप मोटापा, बीपी और शुगर जैसी बीमारियों के शिकार हो सकते हैं। यही आगे चक कर ब्रेन स्ट्रोक का कारण बन सकती हैं।

खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।

खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?

खबर की भाषा और शीर्षक से आप संतुष्ट हैं?

खबर के प्रस्तुतिकरण से आप संतुष्ट हैं?

खबर में और अधिक सुधार की आवश्यकता है?

स्ट्रोक, जिसे कभी-कभी मस्तिष्क का दौरा भी कहा जाता है, तब होता है जब मस्तिष्क के हिस्से में रक्त की आपूर्ति ब्लॉक हो जाती है या जब मस्तिष्क में एक रक्त वाहिका फट जाती है। इससे मस्तिष्क के ऊतकों में ऑक्सीजन और पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और फिर कुछ मिनटों के भीतर, मस्तिष्क की कोशिकाएं मरना शुरू हो जाती हैं। इन दोनों मामलों में मस्तिष्क के कुछ हिस्से क्षतिग्रस्त हो जाते हैं या मर जाते हैं। स्ट्रोक से स्थायी मस्तिष्क क्षति, दीर्घकालिक विकलांगता, या यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।

स्ट्रोक एक चिकित्सीय आपातकालीन स्थिति है, जिसमे तत्काल उपचार महत्वपूर्ण है। तत्काल उपचार व प्रारंभिक कार्रवाई मस्तिष्क क्षति और संभावित जटिलताओं को कम कर सकती है।

स्ट्रोक का इलाज किया जा सकता है और इसे होने से रोका जा सकता है। चिकित्सा उन्नति की वजह से आज स्ट्रोक से पहले के मुकाबले बहुत कम मृत्यु होती हैं। 

भारत में स्ट्रोक के आंकड़े

स्ट्रोक भारत में मृत्यु और विकलांगता के प्रमुख कारणों में से एक है। जनसंख्या आधारित अध्ययनों के आधार पर शहरी इलाकों में स्ट्रोक का अनुमानित समायोजित प्रसार दर 84-262 / 100,000 है व ग्रामीण इलाकों में 334-424 / 100,000 है। अक्टूबर 29 को विश्व स्ट्रोक दिवस मनाया जाता है। 

शरीर में स्ट्रोक का कारण क्या है?

स्ट्रोक एक जानलेवा स्थिति है जो तब होती है जब आपके मस्तिष्क के हिस्से में पर्याप्त रक्त प्रवाह नहीं होता। यह आमतौर पर मस्तिष्क में अवरुद्ध धमनी के कारण बाधित हुए रक्त प्रवाह (blood flow) और ऑक्सीजन के कारण या मस्तिष्क में रक्त धमनी फटने (नस फटने) की वजह से हुए रक्तस्राव के कारण होता है।

स्ट्रोक के तीन मुख्य कारण क्या हैं?

संचार प्रणाली में, उच्च स्तर के कोलेस्ट्रॉल, रक्तचाप के कारण रक्त के थक्कों के बनने की संभावना अधिक होती है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर के विभिन्न हिस्सों में रक्त का प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। कब्ज, कमजोर मांसपेशियां, अनैच्छिक आंत्र और मूत्राशय की समस्याएं भी स्ट्रोक के प्रभाव में शामिल हैं

स्ट्रोक से कैसे बचा जा सकता है?

इस तरह से आप ब्रेन स्ट्रोक से बच सकते हैं.
सबसे पहले आप अपने लाइफ स्टाइल को बदले। ... .
कोई भी काम में तनाव नहीं लें। ... .
40 साल के बाद अपना मेडिकल जांच नियमित रूप से कराएं।.
अगर आप ब्रेन स्ट्रोक की दवा खाते हैं तो उसे नियमित समय पर ही खाएं। ... .
शराब और सिगरेट हमेशा के लिए छोड़ दें।.

स्टॉक कौन सी बीमारी होती है?

पक्षाघात तब लगता है जब अचानक मस्तिष्क के किसी हिस्से मे रक्त की आपूर्ति रुक जाती है या मस्तिष्क की कोई रक्त वाहिका फट जाती है और मस्तिष्क की कोशिकाओं के आस-पास की जगह में खून भर जाता है।