के विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम जहाँ पहिया है क्यों रखा होगा? - ke vichaar se lekhak ne is paath ka naam jahaan pahiya hai kyon rakha hoga?

Students can prepare for their exams by studying NCERT Solutions for Class 8 Hindi Vasant Chapter 13 जहाँ पहिया हैं was designed by our team of subject expert teachers.

प्रश्न-अभ्यास

जजीरें

प्रश्न 1.
“…………… उन जंजीरों को तोड़ने का जिनमें वे जकड़े हुए हैं, कोई-न-कोई तरीका लोग निकाल ही लेते हैं ……………” आपके विचार से लेखक ‘जंजीरों’ द्वारा किन समस्याओं की ओर इशारा कर रहा है?
उत्तर:
लेखक ने ‘जंजीरों द्वारा उन समस्याओं की ओर इशारा किया है, जिसमें महिलाएँ पुरुषों द्वारा थोपे गए दायरे के अंतर्गत रोजमर्रा की घिसी-पिटी जिंदगी जीने को विवश हैं। महिलाएं, इस पुरुष प्रधान समाज में न तो स्वतंत्र निर्णय ले पाती हैं और न ही अपनी व्यक्तिगत स्वतंत्रता महसूस कर पाती हैं। अपनी जिंदगी में वे कदम-कदम पर पुरुषों का सहारा लेने को बाध्य हैं।

प्रश्न 2.
क्या आप लेखक की इस बात से सहमत हैं? अपने उत्तर का कारण भी बताइए।
उत्तर:
हाँ, मैं लेखक की इस बात से पूर्णतया सहमत हूँ। इसका कारण यह है कि तमिलनाडु का पुडुकोट्टई जो अत्यंत पिछड़ा जिला है, वहाँ की महिलाओं ने पुरुषों की थोपी गई रोजमर्रा की जिंदगी से बाहर निकलने का प्रयास किया। उनमें से अधिकाँश ने साइकिल चलाना सीखकर एक ओर अपनी खुशहाली और व्यक्तिगत स्वतंत्रता में वृद्धि की वहीं दूसरी ओर उन्होंने अपनी आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ की।

पहिया

प्रश्न 1.
‘साइकिल आंदोलन’ से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में कौन-कौन से बदलाव आए हैं?
उत्तर:
साइकिल आंदोलन से पुडुकोट्टई की महिलाओं के जीवन में निम्नलिखित बदलाव आए –

  • पुडुकोट्टई की महिलाओं की खुशहाली और व्यक्तिगत स्वतंत्रता में वृद्धि हुई।
  • कृषि-उपज की उपज को आस-पास के अधिक गाँवों में बेचने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति सुधरी।
  • बस स्टॉप तक पहुँचने के लिए पति, बेटे, भाई, पिता आदि पर निर्भरता में कमी आई।
  • समय तथा श्रम में बचत हुई।
  • साइकिल पर अपना सामान या पीने के पानी को वे दूर-दूर से स्वयं लाने लगीं।

प्रश्न 2.
शुरुआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया परंतु आर, साइकिल्स के मालिक ने इसका समर्थन किया, क्यों?
उत्तर:
शुरुआत में पुरुषों ने इस आंदोलन का विरोध किया, परंतु आर. साइकिल्स के मालिक ने उसका समर्थन इसलिए किया, क्योंकि वे ही उस पिछड़े जिले में एकमात्र साइकिल के डीलर थे। इस आंदोलन से साइकिलों की बिक्री बढ़ गई थी। उनका लाभ बढ़ गया था।

प्रश्न 3.
प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में कौन-कौन सी बाधा आई?
उत्तर:
प्रारंभ में इस आंदोलन को चलाने में निम्नलिखित बाधाएँ आई –

  • लोग महिलाओं पर तरह-तरह की फ़ब्तियाँ कसते थे।
  • शुरू-शुरू में लोगों ने इन महिलाओं पर गंदी-गंदी -टिप्पणियाँ कीं। यह सब इन्हें झेलना पड़ा।

शीर्षक की बात

प्रश्न 1.
आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’ क्यों रखा होगा?
उत्तर:
मेरे विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम ‘जहाँ पहिया है’, इसलिए रखा होगा क्योंकि साइकिल दो पहियों से युक्त साधन है जो अनेक तरह से लाभदायी तो है ही, साथ-साथ इस साइकिल आंदोलन के कारण महिलाओं की जिंदगी में खुशियों को भी पहिए लग गए। ये खुशियाँ व्यक्तिगत तथा आर्थिक दोनों ही तरह की थीं।

प्रश्न 2.
अपने मन से इस पाठ का कोई दूसरा शीर्षक सुझाइए। अपने दिए हुए शीर्षक के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तर:
मेरे मन से पाठ का दूसरा शीर्षक ‘साइकिल एक-लाभ अनेक’ हो सकता है, क्योंकि –

  • इसका खर्च अमीर-गरीब हर कोई उठा सकता है।
  • साइकिल चलाना अच्छा व्यायाम का साधन है।
  • इससे समय तथा श्रम की बचत होती है।
  • पर्यावरण के लिए अत्यंत अनुकूल है, क्योंकि यह प्रदूषण रहित है।
  • इसकी मदद से खराब मार्गों पर भी सुगमता से जाया जा सकता है।

समझने की बात

प्रश्न 1.
“लोगों के लिए यह समझना बड़ा कठिन है कि ग्रामीण औरतों के लिए यह कितनी बड़ी चीज़ है। उनके लिए तो यह हवाई जहाज उड़ाने जैसी बड़ी उपलब्धि है।” साइकिल चलाना ग्रामीण महिलाओं के लिए इतना महत्त्वपूर्ण क्यों है? समूह बनाकर चर्चा कीजिए।
उत्तर:
इस विषय पर छात्र समूह बनाकर स्वयं चर्चा करें।

प्रश्न 2.
“पुडुकोट्टई पहुँचने से पहले मैंने इस विनम्र सवारी के बारे में इस तरह सोचा ही नहीं था।” साइकिल को विनम्न सवारी क्यों कहा गया है?
उत्तर:
साइकिल को विनम्र सवारी इसलिए कहा गया है कि –

  • इसको चलाना अत्यंत सरल है।
  • इसे कम पैसों में खरीदा जा सकता है तथा इसका मरम्मत खर्च अत्यंत अल्प है।
  • इससे प्रदूषण की कोई समस्या नहीं होती है।
  • ऐसा लगता है कि यह पुरुष अथवा स्त्री का भेदभाव जाने बिना विनम्रतापूर्वक सबका कहना मान लेती है।

साइकिल

प्रश्न 1.
फातिमा ने कहा, “…………… मैं किराए पर साइकिल लेती हूँ ताकि मैं आजादी और खुशहाली का अनुभव कर सकूँ।” साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को ‘आजादी’ का अनुभव क्यों होता होगा?
उत्तर:
साइकिल चलाने से फातिमा और पुडुकोट्टई की महिलाओं को आजादी का अनुभव इसलिए होता होगा क्योंकि –

  • अब वे घर की चहारदीवारी से बाहर आकर अपनी आजादी में विस्तार कर सकी हैं।
  • घर के पुरुषों पर अब उनकी निर्भरता कम हो गई है।
  • बस के किराए का खर्च और बस के इंतजार का समय बचने लगा है।
  • अपनी उपज बेचने के लिए वे अधिक दूरी तक जा सकती हैं और अपनी आय में वृद्धि कर सकती हैं।

कल्पना से

प्रश्न 1.
पुडुकोट्टई में कोई महिला अगर चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी-चिह्न क्या बनाती और क्यों?
उत्तर:
पुडुकोट्टई में कोई महिला यदि चुनाव लड़ती तो अपना पार्टी-चिह्न साइकिल बनाती। ऐसा वह इसलिए करती क्योंकि पुडुकोट्टई में महिलाओं ने साइकिल चलाना और सीखना एक आंदोलन के रूप में लिया है। दस साल से अधिक की एक-चौथाई से अधिक महिलाएँ साइकिल चलाना सीख चुकी हैं। संक्षेप में वहाँ महिलाओं के बीच साइकिल अत्यंत लोकप्रिय है।

प्रश्न 2.
अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें तो क्या होगा?
उत्तर:
अगर दुनिया के सभी पहिए हड़ताल कर दें तो दुनिया का जीवन ठहर जाएगा। वर्तमान में दुनिया में लोगों के जीवन के हर पहलू में पहिया किसी न किसी रूप में जुड़ा हुआ है।

प्रश्न 3.
“1992 में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के बाद अब यह ज़िला कभी भी पहले जैसा नहीं हो सकता।” इस कथन का अभिप्राय स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
“1992 में ………….. नहीं हो सकता,” का अभिप्राय यह है कि 1992 से पूर्व पुडुकोट्टई की महिलाएँ पुरुषों द्वारा रोजमर्रा की थोपी गई जिंदगी से बाहर निकलकर हैंडल पर झडियाँ लगाए, घटियाँ बजाती हुई साइकिल पर सवार 1500 महिलाओं ने तूफान ला दिया था। उनका आत्मबल, आत्मसम्मान बढ़ चुका था। वे आर्थिक रूप से अधिक स्वतंत्र हो गई हैं तथा पुरुषों पर आश्रितता से काफी सीमा तक कमी कर ली है। इस क्रांति और बदलाव के बाद वे अब पहले जैसी स्थिति में नहीं लौट सकेंगी। उन्हें अब घर की चारदीवारी में बाँधे रख पाना संभव नहीं होगा।

प्रश्न 4.
मान लीजिए आप एक संवाददाता हैं। आपको 8 मार्च 1992 के दिन पुजुकोट्टई में हुई घटना का समाचार तैयार करना है। पाठ में दी गई सूचनाओं और अपनी कल्पना के आधार पर एक समाचार तैयार कीजिए।
उत्तर:
8 मार्च 1992 के दिन पुडुकोट्टई में घटित घटना के आधार पर समाचार लेखन अबलाएँ अब नहीं रही अबला पुडुकोट्टई, 9 मार्च 1992, हमारे संवाददाता द्वारा प्राप्त समाचार के अनुसार कल अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पुडुकोट्टई के जिला मुख्यालय के समीप स्थित विशाल खेल के मैदान में एक अद्भुत दृश्य देखने को मिला।

कल तक अबला कहलाने वाली औरतों में से लगभग 1500 ने – अपने जीवन में आई क्रांति का प्रदर्शन किया। अपनी साइकिल के हैंडिल पर झंडियाँ लगाए, घंटियाँ बजाती इन महिलाओं ने मानो तूफान ही ला दिया था। साइकिल चलाने की इस तैयारी ने यहाँ के लोगों को आश्चर्य में डुबो दिया था। लोगों को अपनी आँखों पर सहसा विश्वास करना कठिन हो रहा था।

प्रश्न 5.
अगले पृष्ठ 82 (पाठ्यपुस्तक के) पर दी गयी _ ‘पिता के बाद’ कविता पढ़िए। क्या कविता में और फातिमा की बात में कोई संबंध हो सकता है? अपने विचार लिखिए।
उत्तर:
‘पिता के बाद’ कविता में और फातिमा की बात में संबंध हो सकता है। दोनों का ही मूल भाव यह है कि यदि लड़कियों को पर्याप्त अवसर मिले तो वे किसी भी क्षेत्र में लड़कों से पीछे न रहें। वे दूसरों पर आश्रितता छोड़कर अपने पैरों पर खड़ी हो सकती हैं। वे अपने लिए प्रयुक्त पर्याय अबला को झुठला सकती हैं।

भाषा की बात उपसर्गों और प्रत्ययों के बारे में आप जान चुके हैं। इस पाठ में आए उपसर्गयुक्त शब्दों को छाँटिए। उनके मूल शब्द भी लिखिए। आपकी सहायता के लिए इस पाठ में प्रयुक्त कुछ ‘उपसर्ग’ और ‘प्रत्यय’ इस प्रकार हैं-अभि, प्र, अनु, परि, वि (उपसर्ग), इक, वाला, ता, ना।।

के विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम जहाँ पहिया है क्यों रखा होगा? - ke vichaar se lekhak ne is paath ka naam jahaan pahiya hai kyon rakha hoga?

आपके विचार से लेखक ने इस पाठ का नाम जहाँ पहिया है क्यों?

Answer: ''जहाँ पहिया है'' लेखक ने तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के 'साइकिल आंदोलन' के कारण ही इसका नाम रखा है। यह नाम इस आंदोलन को अपना समर्थन देने हेतु ही रखा गया है। वहाँ की महिलाओं द्वारा अपने अधिकारों व स्वतंत्रता हेतु साइकिल आंदोलन का आरम्भ, पुडुकोट्ठई की औरतों को जागृत करने का प्रयास था।

जहाँ पहिया है पाठ के लेखक का नाम क्या है?

उत्तर – 'जहाँ पहिया है' के लेखक पी. साईनाथ जी हैं।

जहां पहिया है पाठ में पहिया किसका प्रतीक है?

उत्तर – पहिया गति का प्रतीक है। लेखक ने इस पाठ का नाम 'जहाँ पहिया है' तमिलनाडु के पुडुकोट्टई गाँव के साइकिल आंदोलन के कारण ही रखा होगा।

पाठ जहाँ पहिया है कौन सी विधा का है?

जहाँ पहिया है की साहित्यिक विधा रिपोर्ताज है। यह पाठ स्त्री विमर्श से संबंधित है। यह पाठ एक प्रेरणा स्त्रोत है। जिसमें लेखक ने पुडुकोट्टई (तमिलनाडु) की महिलाओं के जीवन संघर्ष का वर्णन किया है