मां काली शक्ति सम्प्रदाय की सबसे प्रमुख देवी हैं, जिस तरह संहार के अधिपति शिव जी हैं उसी प्रकार संहार की अधिष्ठात्री देवी मां काली हैं. शक्ति के कई स्वरूप हैं. शुम्भ-निशुम्भ के वध के समय मां के शरीर से एक तेज पुंज बाहर निकल गया था. फलस्वरूप उनका रंग काला पड़ गया और तभी से उनको काली कहा जाने लगा. Show इनकी पूजा उपासना से भय नाश ,आरोग्य की प्राप्ति, स्वयं की रक्षा और शत्रुओं का नियंत्रण होता है. इनकी उपासना से तंत्र मंत्र के सारे असर समाप्त हो जाते हैं. मां काली की पूजा का उपयुक्त समय रात्रि काल होता है. पाप ग्रहों, विशेषकर राहु और केतु शनि की शांति के लिए मां काली की उपासना अचूक होती है. मां काली की पूजा की विशेषता और सावधानियां क्या हैं- - मां काली की उपासना दो प्रकार से होती हैं- सामान्य पूजा और तंत्र पूजा. - सामान्य पूजा कोई भी कर सकता है, लेकिन तंत्र पूजा बिना गुरु के संरक्षण और निर्देश के नहीं की जा सकती है. मां काली की उपासना का सबसे उपयुक्त समय मध्य रात्रि का होता है. - शुक्रवार के दिन पवित्र होकर हल्के लाल या गुलाबी वस्त्र पहनकर माता के मंदिर में जाकर गुग्गल की धूप जलाने के बाद गुलाब के फूल चढ़ाएं और माता की मूर्ति के समक्ष बैठकर अपनी समस्याओं के खत्म करने की प्रार्थना करें. - मां काली की उपासना में लाल और काली वस्तुओं का विशेष महत्व होता है, जो सामान्यतः इन्हें अर्पित की जाती हैं. - मां काली की उपासना शत्रु और विरोधी को शांत करने के लिए करनी चाहिए. किसी के नाश अथवा मृत्यु के लिए मां की उपासना नहीं करनी चाहिए. शत्रु और मुक़दमे की समस्या से ऐसे पाएं मां काली की कृपा से मुक्ती- - लाल वस्त्र धारण करके लाल आसन पर बैठें. - मां काली के समक्ष दीपक और गुग्गल की धूप जलाएं. - मां को प्रसाद में पेड़े और लौंग अर्पित करें. - इसके बाद "ॐ क्रीं कालिकायै नमः" का 13 माला जाप करें. - शत्रु और मुक़दमे से मुक्ति की प्रार्थना करें. - मंत्र जाप के बाद 10 मिनट तक जल का स्पर्श न करें. - ये प्रयोग लगातार 27 रातों तक करें. माता काली के समक्ष जलाएं दिव्य धूप- - मुकदमे या कर्जे की समस्या हो तो नौ दिन देवी के समक्ष गुग्गुल की सुगंध की धूप पान के पत्ते पर रखकर जलाएं. - अपने मन की इच्छा पूरी करने के लिए माता काली के सामने बैठकर दुर्गा सप्तशती का पाठ भी उच्च स्वर में करें ऐसा लगातार 7 दिन करें. नौकरी-व्यापार और धन की समस्या को खत्म करने के लिए करें दिव्य प्रयोग- - 11 या 21 शुक्रवार मां कालिका के मंदिर जाएं. - लाल आसन पर बैठकर ॐ क्रीं नमः 108 बार जपें. - क्षमा मांगते हुए अपनी क्षमता अनुसार उन्हें चुनरी, नारियल, हार-फूल चढ़ाकर प्रसाद छोटी कन्याओं में बांटें. - माता कालिका की पूजा में लाल कुमकुम, अक्षत, गुड़हल के लाल फूल और भोग में हलवे या दूध से बनी मिठाई भी अर्पण करें. - पूरी श्रद्धा से मां की उपासना करें आपकी सारी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. मां के प्रसन्न होते ही मां के आशीर्वाद से आपका जीवन बहुत ही सुखद होगा और नौकरी व्यापार और धन की समस्या तुरंत ही खत्म होगी. महाकाल की काली। 'काली' का अर्थ है समय और काल। काल, जो सभी को अपने में निगल जाता है। भयानक अंधकार और श्मशान की देवी। वेद अनुसार 'समय ही आत्मा है, आत्मा ही समय है'। मां कालिका की उत्पत्ति धर्म की रक्षा और पापियों-राक्षसों का विनाश करने के लिए हुई है। काली को माता जगदम्बा की महामाया कहा गया है। मां ने सती और पार्वती के रूप में जन्म लिया था। सती रूप में ही उन्होंने 10 महाविद्याओं के माध्यम से अपने 10 जन्मों की शिव को
झांकी दिखा दी थी।> > नाम : माता कालिका शस्त्र : त्रिशूल और तलवार माता कालिका के प्रसिद्ध तीन मंदिर हिन्दू धर्म में सबसे जागृत देवी हैं मां कालिका। मां कालिका को खासतौर पर बंगाल और असम में पूजा जाता है। 'काली' शब्द का अर्थ काल और काले रंग से है। 'काल' का अर्थ समय। मां काली को देवी दुर्गा की 10 महाविद्याओं में से एक माना जाता है। विशेष : कालिका के दरबार में जो एक बार चला जाता है उसका नाम-पता दर्ज हो जाता है। यहां यदि दान मिलता है तो दंड भी। आशीर्वाद मिलता है तो शाप भी। यदि आप कालिका के दरबार में जो भी वादा करने आएं, उसे पूरा जरूर करें। जो भी मन्नत के बदले को करने का वचन दें, उसे पूरा जरूर करें अन्यथा कालिका माता रुष्ट हो सकती हैं। जो एकनिष्ठ, सत्यवादी और वचन का पक्का है समझो उसका काम भी तुरंत होगा। अगले पन्ने पर पहला रहस्य... काली मां को नींबू क्यों चढ़ाया जाता है?पूजा के साथ माता को इतने नींबूओं की माला पहनाने से सभी शत्रुओं का नाश हो जाता हैं ।
मां काली को खुश करने के लिए क्या करना चाहिए?ज्योतिष के अनुसार, किसी भी मंगलवार के दिन मां काली को प्रसन्न करने के लिए काली माता के मंदिर में जाकर सभी तरह की बाधाओं से मुक्ति पाने के लिए 3 माला माता के बीज मंत्र का जप करें। मंत्र- ।। ॐ क्रीं क्रीं क्रीं हलीं ह्रीं खं स्फोटय क्रीं क्रीं क्रीं फट ।।
मां काली की फोटो घर में क्यों नहीं रखनी चाहिए?वास्तु शास्त्र के अनुसार, पूजा घर में कभी भी मां काली की तस्वीर नहीं रखनी चाहिए। क्योंकि मां काली दुर्गा माता का विध्वंसक रूप है जो हमेशा क्रोध रूप में होती है। मां काली की पूजा तंत्र साधना में अधिक की जाती है। इसलिए इस तरह की तस्वीर पूजा घर में नहीं रखनी चाहिए।
मां काली से बात कैसे करें?मां काली को बुलाने से पहले अर्थात मां काली का आवाहन करने से पहले भक्तों को पूर्ण निष्ठा भक्ति भाव से मां काली की पूजा अर्चना करनी चाहिए। क्रीं हूं हूं ह्रीं हूं हूं क्रीं स्वाहा। क्रीं क्रीं क्रीं हूं हूं ह्रीं ह्रीं स्वाहा। ॐ श्री महाकालिकायै नमः।।
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