मत देने का अधिकार जीवन का अधिकार चुनाव लड़ने का अधिकार सरकार के अधिशासी निकायों के पास शिकायत करने का अधिकार Show Answer : B Solution : जीवन का अधिकार अनुच्छेद 21 (प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण) के तहत मौलिक अधिकार है। विकल्पों में दिए गए अन्य अधिकार राजनीतिक अधिकारों में सम्मिलित हैं। These Solutions are part of UP Board Solutions for Class 11 Political Science. Here we have given UP Board Solutions for Class 11 Political Science Political theory Chapter 5 Rights (अधिकार). पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर प्रश्न 1.
प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न
5. अधिकार केवल यह ही नहीं बताते कि राज्य को क्या करना है, वे यह भी बताते हैं कि राज्य को क्या कुछ नहीं करना है। उदाहरणार्थ, किसी व्यक्ति की स्वतन्त्रता का अधिकार कहता है कि राज्य केवल । अपनी मर्जी से उसे गिरफ्तार नहीं कर सकता। अगर वह गिरफ्तार करना चाहता है तो उसे इस । कार्यवाही को उचित ठहराना पड़ेगा, उसे किसी न्यायालय के समक्ष इस व्यक्ति की स्वतन्त्रता में कटौती करने का कारण स्पष्ट करना होगा। इसलिए किसी व्यक्ति को पकड़ने के लिए पहले गिरफ्तारी का वारण्ट दिखाना पुलिस के लिए आवश्यक होता है, इस प्रकार अधिकार राज्य की सत्ता पर कुछ सीमाएँ लगाते हैं। दूसरों शब्दों में, कहा जाए तो हमारे अधिकार यह सुनिश्चित करते हैं कि राज्य की सत्ता वैयक्तिक जीवन और स्वतन्त्रता की मर्यादा का उल्लंघन किए बिना काम करे। राज्य सम्पूर्ण प्रभुत्वसम्पन्न सत्ता हो सकता है, उसके द्वारा निर्मित कानून बलपूर्वक लागू किए जा सकते हैं, लेकिन सम्पूर्ण प्रभुत्वसम्पन्न राज्य का अस्तित्व अपने लिए नहीं बल्कि व्यक्ति के हित के लिए होता है। इसमें जनता का ही अधिक महत्त्व है औ सत्तात्मक सरकार को उसके ही कल्याण के लिए काम करना होता है। शासक अपनी कार्यवाहियों के लिए जबावदेह है और उसे यह नहीं भूलना चाहिए कि कानून लोगों की भलाई सुनिश्चित करने के लिए ही होते हैं। परीक्षोपयोगी प्रश्नोत्तर बहुविकल्पीय
प्रश्न प्रश्न 2. प्रश्न
3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. अतिलघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. प्रश्न 4. प्रश्न 5. प्रश्न 6. प्रश्न 7. प्रश्न 8. प्रश्न
9. प्रश्न 10. प्रश्न 11. प्रश्न 12. प्रश्न 13. प्रश्न 14. प्रश्न 15. लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2.
प्रश्न 3. प्रश्न 4. दीर्घ लघु उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1.
प्रश्न 2. मौलिक अधिकारों का महत्त्व
प्रश्न 3.
प्रश्न 4.
प्रश्न 5. दीर्घ उत्तरीय प्रश्न प्रश्न 1. उपर्युक्त परिभाषाओं के आधार पर हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि-
अधिकारों का वर्गीकरण (रूप अथवा प्रकार) साधारण रूप से अधिकारों को निम्नलिखित रूपों अथवा प्रकारों के अन्तर्गत वर्गीकृत किया गया है
कानूनी
अधिकार दो प्रकार के लेते हैं प्रश्न 2.
प्रश्न 3.
अधिकारों का कानूनी या वैधानिक सिद्धान्त इस सिद्धान्त के प्रवर्तक बेन्थम, हॉलैण्ड ऑस्टिन आदि विचारक हैं। इस सिद्धान्त के अनुसार अधिकार राज्य की इच्छा का परिणाम है और राज्य ही अधिकारों का जन्मदाता है। यह सिद्धान्त प्राकृतिक
सिद्धान्त के विपरीत है। व्यक्ति राज्य के सरंक्षण में रहकर ही अधिकारों का प्रयोग कर सकता है। राज्य ही कानून द्वारा ऐसी परिस्थितियों को उत्पन्न करता है, जहाँ कि व्यक्ति अपने अधिकारों का स्वतन्त्रतापूर्वक प्रयोग कर सके। राज्य ही अधिकारों को मान्यता प्रदान करता है। यह सिद्धान्त इस मान्यता पर आधारित है कि अधिकारों का अस्तित्व केवल राज्य के अन्तर्गत ही सम्भव है।
प्रश्न 4. अधिकारों का समाज-कल्याण सम्बन्धी
सिद्धान्त
प्रश्न 5.
आलोचना- इस सिद्धान्त के कतिपय दोष निम्नलिखित हैं
प्रश्न 6. सम्पूर्ण विश्व के उत्पीड़ित जन सार्वभौम मानवाधिकार की अवधारणा का प्रयोग उन कानूनों को चुनौती देने के लिए कर रहे हैं, जो उन्हें पृथक् करने वाले और समान अवसरों तथा अधिकारों से वंचित करते हैं। वे मानवता की अवधारणा की पुनर्व्याख्या के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जिससे वे स्वयं को इसमें सम्मिलित कर सकें। कुछ संघर्ष सफल भी हुए हैं, जैसे दास प्रथा का उन्मूलन हुआ। लेकिन कुछ अन्य संघर्षों में अभी तक सीमित सफलता ही प्राप्त हो सकी है। लेकिन आज भी अनेक ऐसे समुदाय हैं, जो मानवता को इस प्रकार परिभाषित करने के संघर्ष में लगे हैं जो उन्हें भी सम्मिलित करे। प्रश्न 7. अधिकार यह भी जिम्मेदारी डालते हैं कि हम अन्य लोगों के अधिकारों का भी सम्मान करें। टकराव की स्थिति में जनसाधारण को अधिकारों को सन्तुलित करना होता है। उदाहरणार्थ, अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार किसी को भी तस्वीर लेने की अनुमति देता है, लेकिन अगर कोई व्यक्ति अपने घर में नहाते हुए किसी व्यक्ति की उसकी अनुमति के बिना तस्वीर ले ले और उसे इण्टरनेट में डाल दे, तो यह गोपनीयता के अधिकार का उल्लंघन होगा। लेकिन किसी बिन्दु पर सुरक्षा के लिए आवश्यक मानकर थोपे गए प्रतिबन्ध अपने-आप में लोगों में अधिकारों के लिए खतरा बन जाएँ तो? क्या आतंकी बमबारी की धमकी का सामना करते राष्ट्र को अपने नागरिकों की आजादी छीन लेने की आज्ञा दी जा सकती है? क्या उसे केवल सन्देह के आधार पर किसी को गिरफ्तार करने की अनुमति मिलनी चाहिए? क्या उसे लोगों की चिट्ठियाँ देखने यो फोन टेप करने की छूट दी जा सकती है? क्या सच कबूल करवाने के लिए उसे यातना देने का सहारा लेने दिया जाना चाहिए? ऐसी स्थितियों में यह सवाल उत्पन्न होता है कि सम्बद्ध व्यक्ति समाज के लिए खतरा तो नहीं पैदा कर रहा? गिरफ्तार लोगों को भी कानूनी सलाह प्राप्त करने का आज्ञा और दण्डाधिकारी या न्यायालय के समक्ष अपना पक्ष रखने का अवसर मिलना चाहिए। नागरिक स्वतन्त्रता में कटौती करने के प्रश्न पर अत्यन्त सावधान होने की आवश्यकता है क्योंकि इनका आसानी से दुरुपयोग किया जा सकता है। सरकारें निरकुंश हो सकती हैं और वे उन उद्देश्यों की ही जड़ खोद सकती हैं जिनके लिए सरकारें बनती हैं—यानी लोगों के कल्याण की। इसलिए यह मानते हुए भी कि अधिकार कभी सम्पूर्ण-सर्वोच्च नहीं हो सकते, हमें अपने एवं दूसरों के अधिकारों की रक्षा करने में चौकस रहने की आवश्यकता है क्योकि ये लोकतान्त्रिक समाज की बुनियाद का निर्माण करते We hope the UP Board Solutions for Class 11 Political Science Political theory Chapter 5 Rights (अधिकार) help you. If you have any query regarding UP Board Solutions for Class 11 Political Science Political theory Chapter 5 Rights (अधिकार), drop a comment below and we will get back to you at the earliest. कौन सा राजनीतिक अधिकार नहीं है?भारत में सिविल सेवकों को राजकीय तथा राष्ट्रीय चुनाव में मतदान करने का राजनीतिक अधिकार उपलब्ध है, परंतु राजनीतिक विचार व्यक्त करने राजनीतिक आंदोलन को समर्थन देने तथा राजनीतिक दल को वित्तीय सहायता देने का अधिकार उपलब्ध नहीं है।
राजनीतिक अधिकार कौन कौन से हैं?निम्नलिखित में से कौन सा अधिकार एक राजनीतिक अधिकार है ? Solution : चुनाव लड़ने का अधिकार राजनीतिक अधिकार है जबकि अनुच्छेद-19 1(ग) के अंतर्गत "राजनीतिक दल गठित करने, किसी संस्था, संघ, संगठन, मजदूर संघों, ट्रेड यूनियनों आदि की स्थापना का अधिकार मूल अधिकारों के अंतर्गत आता है।
राजनीतिक अधिकार कितने प्रकार के होते हैं?अधिकार के कितने प्रकार है?. समता या समानता का अधिकार : अनुच्छेद 14 से 18.. स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 19 से 22.. शोषण के विरुद्ध अधिकार : अनुच्छेद 23 से 24.. धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार : अनुच्छेद 25 से 28.. संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार : अनुच्छेद 29 से 30.. संवैधानिक उपचारों का अधिकार : अनुच्छेद 32.. |