किट से कैसे पता चलता है कि प्रेग्नेंट है या नहीं? - kit se kaise pata chalata hai ki pregnent hai ya nahin?

किट से कैसे पता चलता है कि प्रेग्नेंट है या नहीं? - kit se kaise pata chalata hai ki pregnent hai ya nahin?
Pregnancy Test

Highlights

  • प्रेग्नेंसी होती है तो पीरियड मिस हो जाते हैं
  • प्रेग्नेंसी में महिला को अपना अतिरक्त ध्यान रखना चाहिए

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पीरियड्स मिस होने पर लोगों के मन में शंका आती है कि क्या वो प्रेग्नेंट हैं या नहीं? इसके लिए लोग प्रेग्नेंसी टेस्ट करते हैं, लेकिन क्या आप बिना टेस्ट किए भी जान सकते हैं कि आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं? और अगर आप घर पर टेस्ट कर रहे हैं सही तरीका क्या है, क्योंकि अगर गलत तरीके से आपने टेस्ट किया तो आपका रिजल्ट गलत आ सकता है।

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बिना टेस्ट के कैसे जानें प्रेग्नेंसी है?

सबसे पहला लक्षण तो यही है कि आपका पीरियड मिस होता है। लेकिन पीरियड मिस होने से पहले भी आप प्रेग्नेंट हैं या नहीं ये जान सकते हैं। कुछ लक्षण हैं जो आपको पहले ही होने लगते हैं। जिससे आप ये समझ सकते हैं। 

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इंप्लांटेशन पेन

जैसे हम पौधे लगाने के लिए पहले थोड़ा गड्ढा खोदते हैं वैसे ही जब बच्चा इंप्लांट होता है तो वो अभी अपनी जगह बनाता है। ऐसे में महिला को क्रैंप होते हैं, महिला को लगता है शायद पीरियड आने वाले हैं और वो पेन इसलिए हो रहा है, लेकिन ये वास्तव में इंप्लांटेशन पेन होता है। ये ज्यातर पेट के निचले हिस्से में होता है, और ये पीरियड्स जितना तेज नहीं होता है बहुत हल्का होता है और कम समय के लिए होता है। बहुत से लोगों को पेल्विक एरिया में सेंसेशन या प्रेशर भी फील होता है। इससे भी प्रेग्नेंसी का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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इम्प्लांटेशन ब्लीडिंग

प्रेग्नेंसी जब ठहरती है उस वक्त जब बच्चा इंप्लांट होता है तो थोड़ी बहुत ब्लीडिंग होना भी आम है। ये ब्लीडिंग बहुत हल्की होती है, आपको पिंक कलर की स्पॉटिंग हो सकती है। जिससे ये पता लगता है कि आप प्रेग्नेंट हैं।

नौजिया

आपका जी मचला सकता है। बहुत लोगों को उल्टी आती है बहुत लोगों को नहीं आती है। लेकिन जी घबराना, मुंह का टेस्ट खराब होना और नौजिया की फीलिंग होना इस दौरान आम है।

ब्रेस्ट में बदलाव

इस दौरान कुछ महिलाओं के ब्रेस्ट में बदलाव देखने को मिल सकते हैं। स्तन में हल्का दर्द या टेंडरनेस फील होना आम बात है।

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कमजोरी 

आपको कमजोरी महसूस होगी। आपको लगेगा कि आप तो ऐसा कोई काम नहीं कर रहे हैं फिर कमजोरी क्यों महसूस हो रही है। दरअसल आपका शरीर एक बच्चे को तैयार कर रहा होता है इसलिए कमजोरी होना आम है।

थकान

आप थकान महसूस कर सकती हैं। भरपूर आराम करने के बाद भी आपको अगर थकान रहे तो ये भी प्रेग्नेंसी का एक साइन हो सकता है। 

नींद आना

अगर आपको 7-9 घंटे की नींद लेने के बाद भी नींद आ रही है, ये भी प्रेग्नेंसी का एक लक्षण होता है। आपकी बॉडी आपको रिलैक्स करती है।

एक मिनट में कैसे चेक करें प्रेग्नेंसी

आप यूट्यूब पर चेक करेंगे तो आपको सैकड़ों तरीके बताए जाएंगे प्रेग्नेंसी चेक करने के। कहीं-कहीं तो इतनी गलत जानकारियां फैली हुई हैं, कि आपको उंगली से टेस्ट करने का तरीका भी बताया जाएगा। लेकिन डॉक्टर्स के मुताबिक ऐसा करना खतरनाक हो सकता है। आपके स्वास्थ्य को भी खतरा हो सकता है और बच्चे को भी इंफेक्शन हो सकता है। प्रेग्नेंसी टेस्ट करने का सबसे आसान तरीका है आप बाजार से कोई भी प्रेग्नेंसी किट लेकर आए और 3 बूंद यूरिन से प्रेग्नेंसी का पता लगा सकते हैं। इसके अलावा आप ब्लड टेस्ट से भी प्रेग्नेंसी का पता लगा सकते हैं। दरअसल प्रेग्नेंसी के दौरान आपके शरीर में हॉर्मोंस बढ़ते हैं वही हॉर्मोंस यूरिन में भी आते हैं और वही ब्लड में भी आते हैं।

प्रेग्नेंसी चेक करने का सही वक्त

होम प्रेग्नेंसी चेक करने का सबसे सही वक्त सुबह का होता है। रात को चूंकि महिला 7-8 घंटे से पानी नहीं पिए होती है इसलिए उस वक्त यूरिन में हॉर्मोन की अच्छी मात्रा आती है। सबसे गलत वक्त होता है रात को टेस्ट करना। रात के वक्त प्रेग्नेंसी टेस्ट करने से सही रिजल्ट नहीं आता है। ब्लड टेस्ट आप किसी भी वक्त करा सकती हैं।

पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद करें टेस्ट

अगर आपका पीरियड साइकल रेगुलर है तो आप पीरियड मिस होने के पहले दिन भी प्रेग्नेंसी टेस्ट कर सकते हैं। लेकिन अगर आपका पीरियड साइकल सही नहीं है तो आपको हफ्ते दस दिन रुकना चाहिए। वैसे सही रिजल्ट के लिए पीरियड मिस होने के 6-7 दिन बाद टेस्ट करने पर मिल जाता है। 

(Disclaimer: यह जानकारी सामान्य ज्ञान के लिए है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।)

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किट से कैसे पता चलता है कि प्रेग्नेंट है या नहीं? - kit se kaise pata chalata hai ki pregnent hai ya nahin?

कहीं मैं प्रेग्नेंट तो नहीं हो गई? किसी महीने पीरियड ना आने पर हर लड़की के दिमाग में सबसे पहले यही ख्याल आता है खासतौर पर तब जब उसने पिछले दिनों असुरक्षित सेक्स किया हो। वैसे पीरियड में देरी किसी और वजह से भी हो सकती है लेकिन एहतियात के तौर पर आपको प्रेगनेंसी टेस्ट करवा लेने चाहिए। अब तो गर्भावस्था की जांच के लिए क्लीनिक जाने की भी जरुरत नहीं है, घर बैठे प्रेगनेंसी किट की मदद से आप प्रेगनेंसी का पता लगा सकती हैं। इस लेख में हम आपको गर्भावस्था के प्रारंभिक लक्षण और प्रेगनेंसी किट से जुड़े तमाम महत्वपूर्ण पहलुओं पर विस्तार से बता रहे हैं।

गर्भावस्था के शुरुआती लक्षण :

गर्भवती होते ही आपका शरीर कई ऐसे संकेत देने लगता है जिससे आप खुद के गर्भवती होने के बारे में अंदाजा लगा सकती हैं। गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों की जानकारी हर महिला को होनी चाहिए। वैसे तो माहवारी का निर्धारित समय पर ना आना गर्भवती होने का सबसे मुख्य लक्षण माना जाता है लेकिन इसके अलावा भी कई लक्षण है।

जैसे कि अगर आप गर्भवती हैं तो शुरुआत में आपको उल्टी आना, जी मिचलाना, पीठ में हल्का दर्द जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इस दौरान शरीर में बहुत तेजी से हार्मोनल बदलाव होने लगते हैं जिसके कारण कुछ महिलाओं के स्वभाव में चिडचिडापन नजर आने लगता है। गर्भवती होने पर सुबह सोकर उठने पर बहुत थकान महसूस होती है और सुबह सुबह जी मिचलाने की समस्या ज्यादा रहती है। इस दौरान आपको बार बार पेशाब लगती है। अगर आपको ऊपर बताए ये लक्षण महसूस हो रहे हैं तो गर्भावस्था की जांच करें।

गर्भावस्था की जांच :

असल में आज से कई सालों पहले महिलाओं के पास यह पता लगाने का कोई तरीका नहीं होता था कि वे गर्भवती हैं या नहीं| सिर्फ माहवारी ना आने और गर्भावस्था के शुरूआती लक्षणों के आधार पर वो ये अंदाज़ा लगाती थीं कि शायद वे गर्भवती हैं| इसकी असलियत जांचने के लिए डॉक्टर के पास जाना ही पड़ता था लेकिन अब समय बदल चुका है। आज के समय में आप आसानी से घर बैठे ही प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती हैं और गर्भावस्था का पता लगा सकती हैं।

यह सब कुछ प्रेगनेंसी टेस्ट किट की मदद से संभव है। प्रेगनेंसी किट से अगर यह पता चलता है कि आप गर्भवती हैं तो तुरंत आगे की जांच करवाने के लिए गायनेकोलॉजिस्ट के पास जाएं।

प्रेगनेंसी टेस्ट किट क्या है ?

प्रेगनेंसी किट गर्भावस्था की जांच करने के लिए बनाई गयी एक ऐसी किट है जिसकी मदद से बिना डॉक्टर के यहां गये आप घर बैठे ही गर्भावस्था का पता लगा सकती हैं। इसमें एक स्टिक होती है जिसमें मूत्र की कुछ बूंदें डालकर गर्भावस्था का पता लगाया जाता है। आज कल बाज़ार में कई अलग अलग तरह के प्रेगनेंसी किट मिलने लगे हैं जिनके इस्तेमाल का तरीका अलग अलग होता है। कुछ में मूत्र को पहले कप में इकठ्ठा करके ड्राप से स्टिक पर बूंदें डालनी होती हैं वहीं कुछ स्टिक को मूत्र की धार के बीच में रखना होता है। इसके बाद स्टिक के साइड में लगे इंडिकेटर के रंग से आपको पता चलता है कि आपका रिजल्ट पॉजिटिव है या नेगेटिव।

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प्रेगनेंसी किट कैसे काम करती है ?:

यह किट मुख्य रुप से मूत्र में एचसीजी (ह्यूमन कोरियोनिक गोनाडोट्रोफिन) हार्मोन की मौजूदगी का पता करती है। असल में जब निषेचन की प्रक्रिया पूरी होती है और निषेचित अंडा गर्भाशय में स्थापित होता है उस दौरान शरीर में एचसीजी हार्मोन बनने लगते हैं। गर्भधारण होने के शुरूआती कुछ दिनों में शरीर में एचसीजी हार्मोन का लेवल तेजी से बढ़ता है जिससे यह हार्मोन महिला के पेशाब में भी मौजूद रहता है। महिला के पेशाब में एचसीजी हार्मोन की उपस्थिति यह दर्शाती है कि वो गर्भवती हैं।

आमतौर पर पीरियड वाले दिन से 4 से 5 दिन बाद इस किट की मदद से आप यह जांच कर सकती हैं कि आपके मूत्र में एचसीजी हार्मोन है या नहीं। कुछ महिलाओं में तो पीरियड ना आने के एक दिन बाद ही जांच करने पर रिजल्ट पॉजिटिव आ जाते हैं। यह बात काफी हद तक किट की गुणवत्ता और संवेदनशीलता पर निर्भर करती है।

प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए :

सबसे अहम सवाल यही है कि पीरियड मिस होने के कितने दिन बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करे? आमतौर पर पीरियड मिस होने के एक हफ्ते बाद आप प्रेगनेंसी किट से गर्भधारण का पता लगा सकती हैं। प्रेगनेंसी किट बनाने वाली कुछ कंपनियों का दावा है कि आप निर्धारित तारीख पर पीरियड ना आने के एक या दो दिन बाद भी उनकी किट से गर्भावस्था की जांच कर सकती हैं।  

घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट कैसे करें :

सबसे पहले प्रेगनेंसी किट के पैकेट पर दिए दिशा निर्देशों को ध्यान से पढ़ें और उसी के अनुसार किट का प्रयोग करें। आप जिस किट का इस्तेमाल कर रहीं हैं अगर उसमें ड्राप से मूत्र की बूंदें डालनी हैं या स्टिक को डुबोना है तो तो पहले एक साफ़ कप में थोड़ा सा मूत्र इकठ्ठा कर लें और उसके बाद ड्राप से बूंदें डालें या स्टिक को कप में डुबोएं। यह बात हमेशा ध्यान रखें कि जांच के लिए सुबह के पहले पेशाब का इस्तेमाल करें क्योंकि उसमें एचसीजी की मात्रा ज्यादा होती है।

दूसरी तरह की जो किट आती है उसमें आपको स्टिक के ऊपर ही पेशाब करना होता है। इसे इस्तेमाल करना अपेक्षाकृत आसान है। इसे एक हाथ से पकड़ें और पेशाब की धार के बीच में इसे रखें और फिर इंडिकेटर पर रंगों को देखें। अधिकांश स्टिक में लाल या नीले रंग की लाइनें उभर कर आती हैं। सामान्य तौर पर परिणाम आने में 5-10 मिनट का समय लगता है। इससे जुड़ी अधिक जानकारी के लिए पैकेट पर लिखे दिशा निर्देशों को पढ़ें।

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प्रेगनेंसी टेस्ट किट के इस्तेमाल से जुड़ी ध्यान रखने वाली बातें :

1- कई बार प्रेगनेंसी किट भी गलत परिणाम दे सकते हैं। जैसे कि आप गर्भवती हों लेकिन आपके मूत्र में एचसीजी हार्मोन की मात्रा उतनी ना हो कि जांच में उसकी मौजूदगी का पता चल सके। एचसीजी की मात्रा कम होने पर गर्भवती होने के बावजूद भी रिजल्ट नेगेटिव आ सकते हैं। ऐसे में क्लिनिक पर जाकर गर्भावस्था की जांच करवाएं।

2- जांच में परिणाम नकारात्मक आने पर 4-5 दिन बाद फिर से जांच करें क्योंकि कुछ महिलाओं में धीरे धीरे एचसीजी हार्मोन का स्तर बढ़ता है।

3- जांच करने से पहले बहुत अधिक मात्रा में पानी ना पियें क्योंकि इससे मूत्र में एचसीजी हार्मोन की मात्रा प्रभावित हो सकती है।

आप प्रेगनेंसी किट को किसी भी नजदीकी मेडिकल स्टोर से खरीद सकती हैं। इसे खरीदने के लिए डॉक्टर की पर्ची जरुरी नहीं है। आप इसे घर बैठे ऑनलाइन आर्डर करके भी मंगवा सकती हैं।

(डॉ. शिल्पा चुग गर्चा, जनरल फिजिशियन ने इस लेख की समीक्षा की है।)

सन्दर्भ :

1- Pregnancy. (2017)

fda.gov/MedicalDevices/ProductsandMedicalProcedures/InVitroDiagnostics/HomeUseTests/ucm126067.htm

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प्रेग्नेंट होने पर कितनी लाइन आती है?

1 पिंक लाइन- अगर टेस्ट किट में सिर्फ 1 पिंक लाइन दिख रही है इसका मतलब है कि टेस्ट नेगेटिव है और आप प्रेग्नेंट नहीं हैं। 2 पिंक लाइन- अगर टेस्ट किट में 2 पिंक लाइन दिख रही है यानी आप टेस्ट पॉजिटिव है और प्रेग्नेंट हैं।

किट में प्रेगनेंसी कैसे पता चलती है?

किसी टेस्ट किट के स्ट्रिप पर पेशाब की एक से दो बूंदें रखनी होती है तो किसी स्ट्रिप पर पेशाब करना होता है। प्रेगनेंसी टेस्ट करने के बाद, रिजल्ट के तौर किसी डिजिटल टेस्ट किट पर प्रेगनेंट या नट प्रेगनेंट लिखा हुआ आता है तो किसी टेस्ट किट में गुलाबी या नीली लाइनें दिखाई देती हैं।

प्रेगनेंसी टेस्ट में पहली लाइन डार्क और दूसरी लाइन हल्की आने का मतलब क्या है?

गर्भावस्था की शुरुआत में एचसीजी की मात्रा कम होती है, इसलिए यह रेखा हल्की दिखाई देती है। अगर, घर पर प्रेगनेंसी टेस्ट में हल्की रेखा दिखाई दी है, तो हो सकता है कि आपकी जांच किट इतनी अधिक संवेदनशील न हो कि स्पष्ट परिणाम दे सके।

प्रेगनेंसी किट क्या सही बताता है?

ये प्रेग्‍नेंसी हार्मोंस का पता लगाकर आपको बताता है। कुछ महिलाएं सोचती हैं कि इन किट को दो बार प्रयोग कर सकते हैं और इस पर दो बार पेशाब डालने से रिजल्‍ट कंफर्म हो जाता है। लेकिन ऐसा नहीं हो सकता है। दोनों तरह की ही किट में एचसीजी का प्रयोग किया जाता है जिसे दोबारा इस्‍तेमाल नहीं कर सकते हैं।