कवि निराला ने बादलों से गरज कर बरसनेके लिए क्यों कहा है - kavi niraala ne baadalon se garaj kar barasaneke lie kyon kaha hai

Solution :  कवि निराला जी एक क्रांतिकारी कवि हैं। वे लोगों मे उत्साह बढ़ाकर क्रांति के द्वारा परिवर्तन लाने की बात कहते हैं। साथ ही प्यासे-शोषित-पीड़ित जन की आकाक्षाएँ पूरी करने की बात करते हैं। कवि का मानना है कि किसी भी प्रकार के परिवर्तन के लिए कोमलता नहीं कठोरता की आवश्यकता होती है। इसलिए कवि बादलों को बरसने के स्थान पर गरजने का आह्वान कर रहे हैं।

प्रश्न 5-1: कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर 'गरजने' के लिए कहता है, क्यों?

उत्तर 5-1: निराला क्रांतिकारी कवि थे। वे समाज में बदलाव लाना चाहते थे इसलिए जनता में चेतना जागृत करने के लिए और जोश जगाने के लिए कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए न कह 'गरजने' के लिए कहा है। गरजना शब्द क्रान्ति, बदलाव, विरोध दर्शाता है।

प्रश्न 5-2: कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया है?

उत्तर 5-2: कवि ने गीत में बादलों के माध्यम से लोगों में उत्साह का सृजन करने को कहा है। वह लोगों को क्रान्ति लाने के लिए उत्साहित करना चाहते हैं इसलिए कविता का शीर्षक उत्साह रखा गया है।

प्रश्न 5-3: कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता है ?

उत्तर 5-3: कविता में बादल निम्नलिखित अर्थों की ओर संकेत करता है -
• पानी बरसा कर सबकी प्यास बुझाता है और सुखी बनाता है।
• गर्जन कर क्रांतिकारी चेतना जागृत करता है।
• नवनिर्माण कर नवजीवन प्रदान करता है।

प्रश्न 5-4: शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता के किसी खास भाव या दृश्य में ध्वन्यात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है। उत्साह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है, छाँटकर लिखें।

उत्तर 5-4: कविता की इन पंक्तियों में नाद-सौंदर्य मौजूद है -
1: "घेर घेर घोर गगन, धाराधर ओ!
2: ललित ललित, काले घुँघराले,
बाल कल्पना के-से पाले
3: "विद्युत-छबि उर में"
4: विकल-विकल, उन्मन थे उन्मन

कवि बादलों से गरजकर बरसने का अनुरोध इसलिए कर रहा है क्योंकि गर्जना सुनकर जन-सामान्य में उत्साह का संचार हो जाए और कवि का जो मंतव्य है- क्रांति की अपेक्षा है वह पूरी हो। बादलों की फुहार या रिमझिम वर्षा से मन में कोमल भावों का जन्म होता है, क्रांति के लिए जिस ओज की जरूरत है वह उत्साह बरसने से नहीं अपितु गरजने से ही आ सकता है। अत: कवि बादलों से गर्जना करने का अनुरोध कर रहा है।

विषयसूची

  • 1 1 कभी बादल से फुहार रिमझिम या बरसने के स्थान पर गरजने के लिए कहता है क्यों?
  • 2 कवि बादलों को क्यों बुला रहा है?
  • 3 कवि निराला ने बादलों से गरज कर बरसनेके लिए क्यों कहा है?
  • 4 कवि बादल की गर्जन के द्वारा क्या करना चाहता है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर:- कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि ‘गरजने’ के लिए कहा है; क्योंकि कवि बादलों को क्रांति का सूत्रधार मानता है। ‘गरजना’ विद्रोह का प्रतीक है। कवि बादलों से पौरुष दिखाने की कामना करता है। कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आह्वान किया है।

उत्साह कविता में कवि बादल को गरजने के लिए क्यों कहता है बादल से कवि की अन्य अपेक्षाएँ क्या हैं?

इसे सुनेंरोकेंबादल से कवि की अन्य अपेक्षाएँ क्या हैं? उत्तर- ‘उत्साह’ कविता में कवि बादल को गरजने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि वह लोगों में उत्साह और क्रांति लाना चाहता है। उससे कवि अपेक्षा करता है कि गरमी से व्याकुल, पीड़ित और वेचैन लोगों को छुटकारा दिलाए।

बादल के लिए कविता में क्या विशेषण प्रयुक्त हुआ है?

इसे सुनेंरोकेंक्षत-विक्षत हत अचल शरीर- यह विशेषण क्रांति से घायल, भयभीत व सुन्न होकर बिखरे हुए शोषकों के लिए प्रयुक्त हुआ है। (ग) वज्रपात करने वाले भीषण बादलों का आहवान छोटे पौधे हिल-हिलकर, खिल-खिलकर तथा हाथ हिलाकर करते हैं क्योंकि क्रांति से ही उन्हें न्याय मिलने की आशा होती है।

कवि बादलों को क्यों बुला रहा है?

इसे सुनेंरोकेंइसका कारण यह है कि कवि ने बादलों को क्रांति के प्रतीक के रूप में चित्रित किया है। 2. बादलों को बुलाने में कृषक की अधीरता इसलिए है क्योंकि बादलों के अभाव में उसकी दशा बहुत खराब हो रही है। उनके आने पर ही उसकी दशा सुधर पाएगी।

उत्साह कविता में कवि ने किसका आह्वान किया है?

इसे सुनेंरोकें” उत्साह” कविता में कवि ने क्रांति लाने के लिए बादलों का आह्वान किया है। कवि कहते है कि बादल क्रांतिदूत है। कवि का कहना है कि बादलों में असीम शक्ति है , वे जोर से गर्जना करते है व गर्जना से क्रांति का संचार कर सकते है। वे कहते है कि बादल लोगों को जागरूक कर सकते है।

कवि बादल में किसका स्वर सुनता है?

इसे सुनेंरोकेंAnswer: क्रांति।।।।।।।।।।।।।

कवि निराला ने बादलों से गरज कर बरसनेके लिए क्यों कहा है?

इसे सुनेंरोकेंकवि बादलों से गरजने का आह्वान करता है। कवि का कहना है कि बादलों की रचना में एक नवीनता है। काले-काले घुंघराले बादलों का अनगढ़ रूप ऐसे लगता है जैसे उनमें किसी बालक की कल्पना समाई हुई हो।

कवि ने बादलों को आह्वान करते हुए उनसे क्या करने का आग्रह किया है *?

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कवि ने बादलों को क्या क्या कहा है?

इसे सुनेंरोकेंउत्तर कवि ने बादलों को ‘मानव मन को सुख से भर देने वाले ‘ इसलिए कहा है, क्योंकि जब बादल अपने हृदय में बिजली की चमक लिए हुए आते हैं और वर्षा करते हैं, तो भयंकर गर्मी से बेचैन और उदास धरती पर रहने वाला हर प्राणी स्वयं को प्रसन्न और सुखी महसूस करने लगता है।

कवि बादल की गर्जन के द्वारा क्या करना चाहता है?

कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने के लिए कहता है, क्यों?…उत्तर

  • बादल मानव-जीवन में क्रांति लाने की ओर संकेत करता है।
  • मानव-जीवन की पीड़ाओं को दूर करने की ओर संकेत करता है।
  • जीवन को उत्साह और संघर्ष के लिए प्रेरित करता है।
  • जीवन में नवीनता लाने, परिवर्तन लाने की ओर संकेत करता है।

कभी बादलों से क्या अनुरोध कर रहा है?

इसे सुनेंरोकेंउत्साह कविता में कवि बादल से अनुरोध करता है कि हे बादलो तुम गगन को चारों ओर से घेर लो, घोर अंधकार कर लो और क्रांति करो। अनंत दिशा से आकर घनघोर गर्जना करके बरसों और तपती हुई धरा को शीतल कर दो। क्रांति के द्वारा परिवर्तन ले आओ।

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने बादल को कवि संबोधन क्यों दिया है?

इसे सुनेंरोकेंकवि ने बादल का ही आह्वान क्यों किया है? कवि ने बादल का ही आह्वान किया है क्योंकि बादल क्रांति के प्रतीक हैं। बादलों की गर्जना क्रांति का आह्वान के समान लगती है क्रांति आम व्यक्ति को प्रभावित करती है। कविता को प्रभावी बनाने के लिए कवि विशेषणों का सायास प्रयोग करता है जैसे-अस्थिर सुख।

कवि निराला ने बादलों को गरज कर बरसने के लिए क्यों कहा है?

उत्तर:- कवि ने बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के लिए नहीं कहता बल्कि 'गरजने के लिए कहा है, क्योंकि कवि बादलों को क्रांति का सूत्रधार मानता है । 'गरजना' विद्रोह का प्रतीक है । कवि बादलों से पौरुष दिखाने की कामना करता है । कवि ने बादल के गरजने के माध्यम से कविता में नूतन विद्रोह का आहवान किया है।

कवि निराला जी बादलों से गरजने का आह्वान क्यों करतेहैं उत्साह कविता के आधार पर बताइए?

उत्तर- कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने, के स्थान पर 'गरजने के लिए इसलिए कहता है क्योंकि कवि को बादल क्राति दूत के रूप में नजर आते हैं। समाज में क्रांति लाने के लिए विनम्रता की नहीं उग्रता की आवश्यकता होती है। बादल की उग्रता उसके गर्जन में छिपी होती है, जिससे लोग सजग हो जाते हैं

कवि निराला ने बादल को क्या क्या कहा और क्यों?

कवि ने बादल का ही आह्वान किया है क्योंकि बादल क्रांति के प्रतीक हैं। बादलों की गर्जना क्रांति का आह्वान के समान लगती है क्रांति आम व्यक्ति को प्रभावित करती है। इस कविता में बादल के लिए ऐ विप्लव के वीर!, ऐ जीवन के पारावार! जैसे संबोधनों का इस्तेमाल किया गया है।