कविता के बारे में अक्सर यह प्रश्न किया जाता है कि कविता क्या है? यद्यपि इस प्रश्न का उत्तर देना कठिन है, फिर भी हम कह सकते हैं कि कविता हमारे हृदय को आनन्द प्रदान करती है, हमें संवेदनशील बनाती है और हमारे मन को छू लेती है। अन्य शब्दों में हम कह सकते हैं, “कविता संवेदनशील तथा रागात्मक अनुभूतियों की अभिव्यक्ति है।” कविवर पंत ने इस प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा भी है-“कविता हमारे परिपूर्ण क्षणों की वाणी है। अपने उत्कृष्ट क्षणों में हमारा जीवन छंद ही में बहने लगता है।” Show प्रश्न 2. जिस प्रकार चित्रकला में रंग, कुची कैनवास की आवश्यकता होती है और संगीत में स्वर, ताल, लय आदि की उसी प्रकार कविता रचने के लिए बाह्य उपकरणों की आवश्यकता नहीं होती, लेकिन इतना निश्चित है कि कविता की रचना करने के लिए भाषागत उपकरणों की आवश्यकता अवश्य पड़ती है। भाषा तो सबके पास होती है और यही भाषा अन्य विषयों को पढ़ने का माध्यम होती है। लेकिन कवि अपनी इच्छानुसार शब्दों का प्रयोग करता है और उनके माध्यम से लय उत्पन्न करता है। संक्षेप में हम कह सकते हैं कि कविता की रचना करने के लिए भाषा पर समुचित अधिकार होना नितान्त आवश्यक है। एक सफल कवि अपनी आवश्यकतानुसार भाषा का प्रयोग करके अपने भावों को अभिव्यक्त करता है और कविता की रचना करता है। प्रश्न 3. प्रश्न 4. कविता की रचना करते समय आरंभ में दृश्य और श्रव्य बिंबों के निर्माण का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि ये बिंब सभी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं। यह कहना गलत न होगा कि कवि स्पर्श, स्वाद, दृश्य, घ्राण तथा श्रव्य रूपी पाँच अंगुलियों द्वारा कविता को पकड़ने का प्रयास करते हैं। इसी आधार पर साहित्य में पाँच बिंब-स्पर्श बिंब, गंध बिंब, ध्वनि बिंब, आस्वाद्य बिंब तथा दृश्य बिंब प्रसिद्ध हैं। यह कहना अनुचित न होगा कि छंद भी कविता के लिए अनिवार्य है। छंद को आंतरिक लय भी कहा जा सकता है। मुक्त छंद के लिए भी अर्थ की लय आवश्यक है। एक सफल कवि को भाषा के संगीत का ज्ञान होना चाहिए। जिन कवियों ने मुक्त छंद में कविता की रचना की है उनमें भले ही कोई विशेष छंद का प्रयोग न हो परंतु उसमें संगीतात्मकता तथा लयबद्धता तो होती ही है। यथा धूमिल द्वारा रचित कविता मोचीराम का उदाहरण देखिए- प्रश्न 5. प्रश्न 6.
संक्षेप में हम कह सकते हैं कि उपयुक्त शब्द चयन लय, तुक, वाक्य संरचना, बिंब विधान, छंद विधान तथा कम-से-कम शब्दों का प्रयोग ही कविता के प्रमुख घटक हैं। पाठ से संवाद प्रश्न 1. प्रश्न 2. प्रश्न 3. (2) कवि यह कहना चाहता है कि वर्तमान भारत में सारी जनता महंगाई, बेरोजगारी आदि के कारण अत्यधिक दुखी है। परंतु देश में अनेक राजनीतिक दल अपनी-अपनी पताकाएँ फहराते हुए गरीबी दूर करने का दावा करते हैं। ये सभी दल अपने-अपने घर भरने में लगे रहते हैं। (3) संपूर्ण कविता भले ही मुक्त छंद में रचित है परंतु इसमें लय और तुक का सुंदर निर्वाह हुआ है। (4) ‘एक-जनता का दुख एक’ तथा ‘हवा में उड़ती पताकाएँ अनेक’ वाक्य संरचना के सुंदर उदाहरण हैं जिनमें यति, गति तथा बिंब-विधान भी देखा जा सकता है। हवा में उड़ती पताकाओं का बिंब हमारे मन में अंकित हो जाता है। (5) संपूर्ण कविता में कवि ने संक्षिप्तता का निर्वाह करते हुए समसामयिक अर्थ की सुंदर अभिव्यक्ति की है। कविता क्या है और कैसे बनती है?तभी आंतरिक लय का निर्वाह संभव है | कविता छंद और मुक्त छंद दोनों में होती है। छंदोबद्ध कविता के लिए छंद के बारे में बुनियादी जानकारी आवश्यक है ही, मुक्त छंद में लिखने के लिए भी इसका ज्ञान ज़रूरी है। कविता समय विशेष की उपज होती है उसका स्वरूप समय के साथ-साथ बदलता रहता है।
कविता का अर्थ क्या होता है?कविता का शाब्दिक अर्थ है काव्यात्मक रचना या कवि की कृति, जो छन्दों की शृंखलाओं में विधिवत बांधी जाती है।
कविता कितने प्रकार के होते हैं?काव्य तीन प्रकार के कहे गए हैं, ध्वनि, गुणीभूत व्यंग्य और चित्र। ध्वनि वह है जिस, में शब्दों से निकले हुए अर्थ (वाच्य) की अपेक्षा छिपा हुआ अभिप्राय (व्यंग्य) प्रधान हो। गुणीभूत ब्यंग्य वह है जिसमें गौण हो। चित्र या अलंकार वह है जिसमें बिना ब्यंग्य के चमत्कार हो।
कविता क्या है कविता का सार?कविता ही मनुष्य के हृदय को स्वार्थ-संबंधों के संकुचित मंडल से ऊपर उठाकर लोक-सामान्य भाव-भूमि पर ले जाती है, जहाँ जगत् की नाना गतियों के मार्मिक स्वरूप का साक्षात्कार और शुद्ध अनुभूतियों का संचार होता है, इस भूमि पर पहुँचे हुए मनुष्य को कुछ काल के लिए अपना पता नहीं रहता। वह अपनी सत्ता को लोक-सत्ता में लीन किए रहता है।
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