सोमनाथ कौन से राज्य में स्थित है? - somanaath kaun se raajy mein sthit hai?

अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में यहां सोमनाथ मंदिर के पीछे समुद्र तट पर एक किलोमीटर लंबे समुद्र दर्शन पैदल-पथ का निर्माण, प्रसाद (Pilgrimage Rejuvenation and Spiritual, Heritage Augmentation Drive) योजना के तहत किया गया जा रहा है. इसे 47 करोड़ रुपये से अधिक की कुल लागत से विकसित किया गया है. पर्यटक सुविधा केंद्र' के परिसर में विकसित सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र, पुराने सोमनाथ मंदिर के खंडित हिस्सों और पुराने सोमनाथ की नागर शैली के मंदिर वास्तुकला वाली मूर्तियों को प्रदर्शित करता है. पुराने (जूना) सोमनाथ के पुनर्निर्मित मंदिर परिसर को श्री सोमनाथ ट्रस्ट द्वारा 3.5 करोड़ रुपये के खर्च के साथ दुरुस्त किया गया है. साथ ही श्री पार्वती मंदिर का निर्माण 30 करोड़ रुपये के लागत से किया जाना प्रस्तावित है.

सोमनाथ मंदिर हिंदुओं के लिए एक पावन स्थल है क्योंकि मिथकों के अनुसार इसे शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से पहला माना जाता है. कहते हैं कि इसका निर्माण स्वयं चंद्रदेव सोमराज ने किया था. इसका उल्लेख ऋग्वेद में मिलता है.

गुजरात के वेरावल बंदरगाह में स्थित इस मंदिर की महिमा और कीर्ति दूर-दूर तक फैली थी. अरब यात्री अल बरूनी ने अपने यात्रा वृतान्त में इसका विवरण लिखा जिससे प्रभावित हो महमूद ग़ज़नवी ने सन 1025 में सोमनाथ मंदिर पर हमला किया, उसकी सम्पत्ति लूटी और उसे नष्ट कर दिया.

इसके बाद गुजरात के राजा भीम और मालवा के राजा भोज ने इसका पुनर्निर्माण कराया. सन 1297 में जब दिल्ली सल्तनत ने गुजरात पर क़ब्ज़ा किया तो इसे फिर गिराया गया. सोमनाथ मंदिर के पुनर्निर्माण और विनाश का सिलसिला जारी रहा.

इस समय जो मंदिर खड़ा है उसे भारत के गृह मंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने बनवाया और पहली दिसंबर 1995 को भारत के राष्ट्रपति शंकर दयाल शर्मा ने इसे राष्ट्र को समर्पित किया.

भारत में कौन सी दवाएँ जीवन रक्षक दवाओं की श्रेणी में आती हैं. बीबीसी हिंदी डॉट कॉंम के ज़रिए यह सवाल किया है गोलपहाड़ी जमशेदपुर से जंगबहादुर सिंह और उमा सिंह ने.

घातक बीमारियों से बचने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं को जीवन रक्षक दवाएँ कहते हैं. जैसे मधुमेह, दमा, दिल के रोग, कैंसर, एड्स आदि से बचने वाली दवाएँ इस श्रेणी में आती हैं. भारत में इनकी संख्या कोई 160 है जिनमें कई काफ़ी पुरानी हैं और कुछ नई हैं.

हलवारा, लुधियाना पंजाब से राकेश रंजन ये जानना चाहते हैं कि यूरोपीय आयोग और यूरोपीय संघ में क्या अंतर है.

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यूरोपीय संघ में बुल्गारिया और रोमानिया भी शामिल हो गए हैं

राकेश जी यूरोपीय संघ 27 यूरोपीय देशों का एक संगठन है जिसकी स्थापना मास्ट्रिख़्ट संधि के अधीन 1992 में हुई थी. वैसे इसकी नींव पड़ी थी द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, जब कुछ यूरोपीय देशों ने यूरोप के पुनर्निर्माण और युद्ध की संभावना को टालने के उद्देश्य से अप्रैल 1951 में पेरिस संधि की.

यूरोपीय संघ की गतिविधियों में स्वास्थ्य, कृषि, पर्यावरण, आर्थिक नीति, विदेश और प्रतिरक्षा नीति सब कुछ शामिल है. यूरोपीय संघ की चार प्रमुख संस्थाएँ हैं. यूरोपीय संघ परिषद, यूरोपीय आयोग, यूरोपीय संसद और यूरोपीय न्यायालय. यूरोपीय आयोग के प्रमुख काम हैं क़ानून प्रस्तावित और लागू करना, संधियों की रक्षा करना और अंतरराष्ट्रीय व्यापार समझौते करना.

पैपरात्ज़ी शब्द क्या है इसका कहाँ और किसलिए प्रयोग किया जाता है. ये जानना चाहते हैं प्रयाग, इलाहबाद उत्तर प्रदेश से राज कुमार यादव.

पैपरात्ज़ी उन फ़ोटोग्राफ़रों को कहा जाता है जो नामी-गिरामी लोगों की तस्वीरें खींचते हैं. ये तस्वीरें इन लोगों के सार्वजनिक और निजी जीवन की होती हैं जो प्राय: इनका पीछा करके खींची जाती हैं. इसलिए पैपेरात्ज़ी शब्द अनादरपूर्ण माना जाता है.

चश्मे का ईजाद कैसे और कहाँ हुआ. इसका सर्वप्रथम प्रयोग किसने किया. ये सवाल पूछा है ग्राम हरलाखी, मधुबनी बिहार से इम्तियाज़ अहमद.

ये कहना बेहतर होगा कि चश्मे का आविष्कार नहीं बल्कि विकास हुआ. इसलिए इसकी सही तारीख़ या स्थान बता पाना संभव नहीं. कहा जाता है कि कोई दो हज़ार साल पहले चीनियों ने चश्मे का ईजाद किया था.

सन 1000 में वेनिस के भिक्षुओं ने एक ऐसे शीशे का विकास किया था जिससे लिखित शब्द बड़े दिखाई देते थे. लेकिन जिस रूप में हम चश्मे को आज जानते हैं उसका ज़िक्र 1289 की एक पांडुलिपि में मिलता है.

दो नाम इसके आविष्कारक के रूप में लिए जाते हैं, सैल्वीनो ड आर्मेट और ऐलेसान्द्रो स्पीना. कहते हैं कि ड आर्मेट ने चश्मे का आविष्कार किया लेकिन वो ये रहस्य खोलना नहीं चाहते थे और स्पीना ने उनका डिज़ाइन चुरा लिया.

टेनिस के युगल और मिश्रित युगल मुक़ाबलों में भाग लेने के लिए साथी का चुनाव कैसे किया जाता है. परस्पर सहमति के आधार पर या लॉटरी या किसी अन्य पद्धति से. पूछते हैं ग्राम नेगुरा बान सिंह, ज़िला मिर्ज़ापुर उत्तर प्रदेश से ब्रजेश कोटहा.

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लिएंडर पेस मार्टिना नवरातिलोवा के साथ भी खेल चुके हैं

इसमें कोई लॉटरी नहीं लगती बल्कि खिलाड़ी आपस में फ़ैसला करते हैं. जैसे लिएंडर पेस और महेश भूपति कई टूर्नामेंट साथ खेल चुके हैं. टेनिस में खिलाड़ियों को वरीयता अंक मिलते हैं.

मान लीजिए लिएंडर पेस को इस साल दो सौ अंक मिले और महेश भूपति को डेढ़ सौ तो दोनों के मिलाकर हो गए साढ़े तीन सौ. इन अंकों के आधार पर उनकी सीडिंग होती है. सीडिंग बढ़ेगी तो पुरस्कार धन भी बढ़ेगा और ग्रैंड स्लैम में सीधा प्रवेश भी मिल सकता है.

गुजरात का सोमनाथ मदिर देवों के देव भगवान शिव शंकर को समर्पित है। यह गुजरात के वेरावल बंदरगाह से कुछ ही दूरी पर प्रभास पाटन में स्थित है। शिव महापुराण में सभी ज्योतिर्लिंगों के बारे में बताया गया है। इस ज्योतिर्लिंग के संबंध में मान्यता है कि सोमनाथ के शिवलिंग की स्थापना खुद चंद्र देव ने की थी। चंद्र देव के द्वारा स्थापित करने की वजह से इस शिवलिंग का नाम सोमनाथ पड़ा है। आइए जानते हैं इस प्रचीन मंदिर से जुड़ी कुछ खास बातें...

ऐसा है मंदिर का स्वरूप

सोमनाथ मंदिर की ऊंचाई लगभग 155 फीट है। मंदिर के शिखर पर रखे हुए कलश का वजन करीब 10 टन है और इसकी ध्वजा 27 फीट ऊंची और 1 फीट परिधि की है। मंदिर के चारों ओर विशाल आंगन है। मंदिर का प्रवेश द्वार कलात्मक है। मंदिर तीन भागों में विभाजित है। नाट्यमंडप, जगमोहन और गर्भगृह, मंदिर के बाहर वल्लभभाई पटेल, रानी अहिल्याबाई आदि की मूर्तियां भी लगी हैं। समुद्र किनारे स्थित ये मंदर बहुत ही सुंदर दिखाई देता है।

 

 

 

 

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ऐसे पड़ा मंदिर का नाम

शिवपुराण के अनुसार चंद्र देव ने यहां राजा दक्ष प्रजापति के श्राप से मुक्ति पाने के लिए भगवान शिव की तपस्या की थी और उन्हें यहीं ज्योतिर्लिंग के रूप में विराजमान रहने की प्रार्थना की थी। बता दें कि सोम, चंद्रमा का ही एक नाम है और शिव को चंद्रमा ने अपना नाथ स्वामी मानकर यहां तपस्या की थी। इसी के चलते ही इस ज्योतिर्लिंग को सोमनाथ कहा जाता है।

बाण स्तंभ का अनसुलझा रहस्य

मंदिर के दक्षिण में समुद्र के किनारे बाण स्तंभ है, जो बहुत प्राचीन है, लगभग 6वीं शताब्दी से बाण स्तंभ का उल्लेख इतिहास में मिलता है, लेकिन ये कोई नहीं जानता कि इसका निर्माण कब हुआ था, किसने कराया था और क्यों कराया था। जानकार बताते हैं कि बाण स्तंभ एक दिशादर्शक स्तंभ है, जिसके ऊपरी सिरे पर एक तीर (बाण) बनाया गया है। जिसका मुंह समुद्र की ओर है। इस बाण स्तंभ पर लिखा है, आसमुद्रांत दक्षिण ध्रुव, पर्यंत अबाधित ज्योतिमार्ग, इसका मतलब ये है कि समुद्र के इस बिंदु से दक्षिण ध्रुव तक सीधी रेखा में एक भी अवरोध या बाधा नहीं है। इस पंक्ति का सरल अर्थ यह है कि सोमनाथ मंदिर के उस बिंदु से लेकर दक्षिण ध्रुव तक अर्थात अंटार्टिका तक एक सीधी रेखा खिंची जाए तो बीच में एक भी पहाड़ या भूखंड का टुकड़ा नहीं आता है। अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या उस काल में भी लोगों को ये जानकारी थी कि दक्षिणी ध्रुव कहां है और धरती गोल है? कैसे उन लोगों ने इस बात का पता लगाया होगा कि बाण स्तंभ के सीध में कोई बाधा नहीं है? ये अब तक एक रहस्य ही बना हुआ है।

17 बार हुए थे मंदिर पर आक्रमण

सोमनाथ मंदिर का इतिहास बताता है कि समय-समय पर मंदिर पर कई आक्रमण हुए और तोड़-फोड़ की गई। मंदिर पर कुल 17 बार आक्रमण हुए और हर बार मंदिर का जीर्णोद्धार कराया गया। लेकिन मंदिर पर किसी भी कालखंड का कोई प्रभाव देखने को नहीं मिलता। मान्यता है कि सृष्टि की रचना के समय भी यह शिवलिंग मौजूद था ऋग्वेद में भी इसके महत्व का बखान किया गया है।

सोमनाथ कौन से राज्य में आता है?

शिव पुराण में सोमनाथ ज्योतिर्लिंग को पृथ्वी के सभी ज्योतिर्लिंगों में से प्रथम बताया गया है। यह मंदिर गुजरात राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में स्थित है

सोमनाथ मंदिर कौन से शहर में स्थित है?

गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र के वेरावल बन्दरगाह में स्थित इस मन्दिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण स्वयं चन्द्रदेव ने किया था, जिसका उल्लेख ऋग्वेद में स्पष्ट है।

सोमनाथ का असली नाम क्या है?

चन्द्रदेव का एक नाम सोम भी है। उन्होंने भगवान शिव को ही अपना नाथ-स्वामी मानकर यहां तपस्या की थी इसीलिए इसका नाम 'सोमनाथ' हो गया।

सोमनाथ में कौन सा समुद्र स्थित है?

सोमनाथ समुद्र तट के बारे में (About Somnath Beach) सोमनाथ समुद्र तट, भारत के गुजरात राज्य के गिर सोमनाथ जिले में सोमनाथ शहर में स्थित है. यह सोमनाथ मंदिर से 750 मीटर और सोमनाथ रेलवे स्टेशन से 1. किमी की दूर पर है। यह अरब सागर से तट से मिला हुआ है.