Show १८० डिग्री देशान्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा
तिथी रेखा, तिथी और समय को दिखाने वाला चित्र। हर रंग अलग तिथी को ज़ाहिर करता है। अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीचों-बीच १८० डिग्री याम्योत्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है।[1] इस रेखा पर तिथि का परिवर्तन होता है। इस रेखा का निर्धारण १८८४ में वाशिंगटन में संपन्न एक सम्मेलन में किया गया। जब कोई जलयान पश्चिम दिशा में यात्रा करता है, तो उसकी तिथि में एक दिन जोड़ दिया जाता हैं और यदि वह पूर्व की ओर यात्रा करता हैं तो एक दिन घटा दिया जाता हैं। एक देश के विभिन्न भागों या द्वीपों का समय एक समान रखने के लिए इस रेखा को आर्कटिक महासागर में ७५ डिग्री उत्तरी अक्षांश पर महाद्वीप से बचने के लिए पूर्व की ओर मोड़ बेरिंग जल सन्धि से निकाली गई। बेरिंग सागर में यह पाश्चिम की ओर मोड़ी गई हैं। फिजी द्वीप समूह तथा न्यूजीलैण्ड को दूर रखनें के लिए यह दक्षिण प्रशान्त महासागर में यह पूर्व की ओर मुड़ती है। निर्देशांक: 0°N 180°W / 0°N 180°W सन्दर्भ[संपादित करें]
बाहरी कड़ियाँ[संपादित करें]
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा से पूर्व जाने पर क्या होता है?अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व व पश्चिम में एक दिन का अंतर पाया जाता है। अतः इसे पार करते समय एक दिन बढ़ाया या घटाया जाता है। जब कोई जलयान अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा को पार कर पश्चिम दिशा में यात्रा करता है तो एक दिन जोड़ दिया जाता है तथा जब पूर्व दिशा में यात्रा करता है तो एक दिन घटा दिया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा से क्या तात्पर्य है?अन्तर्राष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशान्त महासागर के बीचों-बीच १८० डिग्री याम्योत्तर पर उत्तर से दक्षिण की ओर खींची गई एक काल्पनिक रेखा है। इस रेखा पर तिथि का परिवर्तन होता है। इस रेखा का निर्धारण १८८४ में वाशिंगटन में संपन्न एक सम्मेलन में किया गया।
अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा कहाँ से गुजरती है?अन्तराष्ट्रीय तिथि रेखा प्रशांत और आर्कटिक महासागरों से होकर गुजरती है।
कौन सा देश अंतर्राष्ट्रीय तिथि रेखा के पूर्व में स्थित है?इस कारण से 180° पूर्व पश्चिमी देशान्तर पर दो अलग-अलग दिवस मिलने से होने वाली परेशानी को समाप्त करने के लिए वांशिंगटन में हुई 1884 की सभा में 180° देशान्तर को अंतरराष्ट्रीय तिथि रेखा निर्धारित किया गया है।
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