क्या साइनस में नाक से खून आता है? - kya sainas mein naak se khoon aata hai?

जब भी आपकी नाक से खून निकले तो घबराने की जरूरत नहीं है। अगर आपकी नाक से तेजी से खून निकल रहा है और 20 मिनट से ज्यादा का समय हो गया है तो बेहतर रहेगा तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। फिर डॉक्टर के पूछे गए सभी सवालों का जवाब दें। डॉक्टर के लिए नाक से खून निकलने का सही रीजन पता होना बहुत जरूरी होता है। इसके बाद डॉक्टर कुछ टेस्ट करता है और फिर उसके बाद ट्रीटमेंट।

  • कंम्प्लीट ब्लड काउंट (CBC), ये टेस्ट ब्लड डिसऑर्डर चेक करने के लिए किया जाता है।
  • पार्सियल थ्रोम्बोप्लास्टिन टाइम (PTT), जो कि एक ब्लड टेस्ट है। इस टेस्ट के माध्यम से ये जांचने की कोशिश की जाती है कि ब्लड क्लॉट बनने में कितना समय लगता है।
  • नाक की एंडोस्कोपी
  • नाक का सीटी स्कैन
  • चेहरे और नाक का एक्स-रे

नाक से खून निकले तो क्या ट्रीटमेंट दिया जाता है ?

अगर डॉक्टर नाक से खून निकलने की जांच करता है सबसे पहले चेक करता है कि कहीं मरीज को हाइपरटेंशन यानी हाई ब्लड प्रेशर की समस्या तो नहीं है। साथ ही एनीमिया, नासल फैक्चर और साथ ही अन्य टेस्ट भी कर सकता है। ब्लड प्रेशर, पल्स रेट और एक्स-रे के बाद डॉक्टर सुटेबल ट्रीटमेंट ऑप्शन देता है। फिजिशियन अन्य ट्रीटमेंट भी दे सकता है जैसे,

नेजल पैकिंग

स्टफिंग रिबन गॉज या स्पेशल नेजल स्पॉन्ज का यूज नाक पर किया जा सकता है। नाक में जिस जगह से खून निकल रहा है, वहां पर प्रेशर दिया जा सकता है।

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कॉट्री

कॉट्री माइनर प्रोसीजर होता है। नाक में जिस स्थान से खून निकल रहा होता है, उसे एरिया को बर्न किया जाता है। ब्लीडिंग एरिया को सील करने के लिए ऐसा किया जाता है। पहले स्पेसिफिक ब्लड वैसल की पहचान की जाती है।

सेप्टल सर्जरी

सेप्टल सर्जरी की सहायता से नाक को जोड़ने वाली दीवार को सीधा करने के लिए सर्जरी की जाती है। सेप्टल सर्जरी का यूज चोट को सही करने के लिए किया जाता है। ऐसा करने से ब्लीडिंग की समस्या बंद हो जाती है।

लिगेशन (Ligation)

लिगेशन यानी बांधना। जब किन्हीं कारणों से नाक में चोट लग जाती है चो डैमेज रक्त वैसेल की पहचान की जाती है और फिर रक्त वाहिकाओं को बांधने का काम किया जाता है। अगर डैमेज नाक के पीछे की ओर हुआ है तो मेजर सर्जरी की जरूरत पड़ सकती है।

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इन बातों का रखें ध्यान

नाक से खून न निकले, इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

  • नोज पिकिंग की आदत को छोड़ दें। कुछ लोगों की आदत होती है कि हर समय नोज पिकिंग करते रहते हैं। अगर ऐसा बच्चे कर रहे हैं तो उन्हें इसके लिए मना करें।
  • अगर नाक में सूखापन महसूस हो रहा है तो बेहतर होगा कि नोज लुब्रिकेंट की सहायता ली जाए।
  • अगर ऊचांई में जा रहे हैं तो ह्यूमिडिफायर का यूज किया जा सकता है। अगर आपको नोजब्लीड हुआ है तो कुछ हफ्तों तक अधिक शारीरिक मेहनत वाली एक्टिविटी न करें। ऐसा करने से फिर से नोजब्लीड की संभावना बढ़ सकती है।

गंभीर समस्या दिखने पर डॉक्टर की सहायता लेना उपयुक्त रहेगा। कई बार नाक से खून निकलना गंभीर मामला हो सकता है। ऐसी स्थित में तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और ट्रटीमेंट लें।

कई बार ऐसा होता है कि अचानक आपकी नाक से खून बहने लगता है और आप इसे लेकर बहुत घबरा जाते हैं। नाक से खून निकलना जिसे डॉक्टर्स नकसीर फूटना या नोज़ ब्लीडिंग कहते हैं, हमेशा खतरनाक नहीं होता, लेकिन कभी-कभी यह एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या का भी सूचक होता है। इसलिए इसे किसी भी सूरत में नजरअंदाज करना सही नहीं है। नाक का काम शरीर के अंदर जाने वाली हवा को फिल्टर करना होता है। नाक में खून का प्रवाह भी अधिक मात्रा में होता है। ऐसे में गर्मियों के दिनों में जब हवा रुखी होती है तब नाक की अंदरुनी पर्त के पास की रक्तवाहिनी फट जाती है जिससे नाक से खून निकलने लगता है। चिकित्सा शास्त्र इसे एपिसटैक्सिस कहता है।

इसके अलावा साइनस संक्रमण या फिर सर्दी जुकाम की दवाइयों को लेने के कारण भी नाक में खुश्की हो जाती है जिसकी वजह से खून निकलने लगता है। सिर में अगर चोट आ जाए तो यह भी नाक से खून निकलने का एक कारण है। ये ऐसी समस्याएं हैं जिनसे कोई गंभीर खतरा नहीं होता, लेकिन नाक से खून निकलना रक्त दाब, ब्लड कैंसर और नाक के ट्यूमर की भी वजह हो सकती है। इसलिए इस मामले में हमेशा लपरवाही बरतने की बजाय डॉक्टर से संपर्क जरुर करना चाहिए। नोज़ ब्लीड दो तरह का होता है। पहला एंटीरियर नोज़ ब्लीड, जिसमें नाक की अंदरुनी सतह की रक्त वाहिनियां फट जाने से खून निकलने लगता है। दूसरा, पोस्टीरियर नोज ब्लीड, जो कि ट्यूमर जैसी घातक बीमारी का संकेत भी हो सकती है।

नाक से खून निकलने पर घबराने की बजाय इन उपायों का इस्तेमाल करना चाहिए। जब भी नाक से खून आए तो पहले बैठ जाएं और अपना सिर ऊंचा रखें ताकि खून नाक में न चला जाए। इसके बाद दोनों नथुनों को कम से कम 10 मिनट कर हाथों से दबाकर रखें। रुमाल या टिशू पेपर भी रख सकते हैं ताकि वह खून को आसानी से सोख ले। नाक पर, गालों पर और माथे पर बर्फ मलें और यदि इन सभी तरीकों के 20-25 मिनट बाद भी अगर खून बहना बंद न हो तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। याद रहे नाक सेखून निकलने पर लेटे नहीं और न ही नाक को रगड़ें।

क्या साइनस में नाक से खून आता है? - kya sainas mein naak se khoon aata hai?

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क्या साइनस से खून आ सकता है?

साइनसाइटिस, साइनस की सूजन है, जो नाक की झिल्ली में सूखापन लाकर नकसीर पैदा कर देती है। यह समस्या वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के कारण होती है। साइनसाइटिस की समस्या ऐलर्जी या पर्यावरण में मौजूद धूल-मिट्टी से और बढ़ जाती है। नाक से खून आने के कई कारणों में से सर्दी जुकाम भी एक आम कारण है।

नाक से खून गिरने से कौन सी बीमारी होती है?

इसे एपिसटैक्सिस कहते हैं। नोज ब्लीड्स (नकसीर फूटना) एक सामान्य समस्या है जो श्वास मार्ग संबंधी किसी बीमारी या सूखेपन के कारण हो सकती है। यह कई कारणों से हो सकती है जिसमें अनियंत्रित रक्त दाब, ब्लड कैंसर या नाक में टयूमर की समस्या भी हो सकती है। यह तब होता है जब नाक की अंदरूनी सतह के पास की रक्त वाहिनियां फट जाती हैं।

एक नथुने में नाक से खून आने का क्या कारण है?

बहुत ज्‍यादा छींक आने या नाक को रगड़ने, चोट लगने, एलर्जी, साइनोसाइटिस या संक्रमण (Infection) जैसे कि स्‍कारलेट फीवर, मलेरिया या टायफाइड जैसी स्थितियों के कारण नाक से खून आ सकता है।

सर्दी होने पर नाक से खून क्यों आता है?

इस मौसम में ठंडी और शुष्क हवा आपकी नाक की रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचा सकती है क्योंकि आपकी नाक में पर्याप्त नमी नहीं होती है. सूखेपन भी ब्लड वेसल्स और भी क्षतिग्रस्त हो सकते हैं और नाक से खून आ सकता है. नाक बंद होने या श्वसन संक्रमण के कारण नाक बहने पर आपको ब्लीडिंग हो सकती है.